भोलानाथ के ललाट पर कौन सा तिलक? - bholaanaath ke lalaat par kaun sa tilak?

भोलानाथ के मस्तक पर किसका तिलक लगता है?...


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मुझे जितना तक पता है कि भोलेनाथ के मस्तक पर भस्म का तिलक लगाया जाता है

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भोलानाथ के ललाट पर कौन सा तिलक? - bholaanaath ke lalaat par kaun sa tilak?

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भोलानाथ के ललाट पर कौन सा तिलक? - bholaanaath ke lalaat par kaun sa tilak?

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भोलेनाथ के ललाट पर कौन सा तिलक होता है?

भोलेनाथ के मस्तक पर या फिर शिवलिंग पर लगाया जाने वाला त्रिपुंड यानी क‍ि आड़ी रेखाएं, इन्‍हें शैव परंपरा का तिलक कहा जाता है। भगवान के मस्तक पर सफेद चंदन या भस्म का त्रिपुंड लगाया जाता है जबकि शैव परंपरा के संन्‍यासी अपने माथे पर खास प्रकार से तैयार की गई भस्म या फिर पीले रंग के चंदन का त्रिपुंड लगाते हैं।

भोलानाथ पूजा के समय मस्तक पर किसका तिलक लगाते थे?

पूजन करने वाला भी अपने मस्तक पर चंदन का तिलक लगाता है।

पिताजी भोलानाथ के मस्तक पर किसका तिलक लगाते थे?

उत्तरः सबेरे बाबूजी रामायण का पाठ किया करते थे और उस समय भोलानाथ अपने पिता के साथ बैठते थेपिता ही उसे नहलाते थे, उसके माथे पर तिलक और भभूत लगाते थेमस्तक पर तीन आड़ी रेखाओं वाला त्रिपुंड लगाते तथा सिर पर लम्बी-लम्बी जटाओं को बाँधकर पूरे बमभोला बना देते थे

भोलेनाथ के पिता अपने शिशु के माथे पर कौन सा तिलक लगाते थे *?

तारकेश्वर के पिता स्वयं भोलेनाथ अर्थात् शिव के भक्त थेअपने समीप बैठा कर शिशु के माथे पर भभूत लगाकर और त्रिपुण्डाकार में तिलक लगाकर, लम्बी जटाओं के साथ शिशु से कहने लगते कि बन गया भोलानाथ