अन्य प्रयोगों के लिए, संघर्ष (बहुविकल्पी) देखें। Show संघर्ष या द्वन्द्व (Conflict) से तात्पर्य दो या अधिक समूहों के बीच मतभेद, प्रतिरोध, विरोध आदि से है। एक ही समूह के अन्दर भी द्वन्द्व हो सकता है। इस स्थिति में अन्तःसमूह द्वन्द्व (intragroup conflict) कहते हैं। संघर्ष अपने स्वप्नों को प्राप्त करने का भी हो सकता है। यह संघर्ष परिस्थितियों से होता है। जिसमे व्यक्ति/जीव स्वयं को तपाता है।
संघर्ष की स्थिति तब निर्मित होती है जब अनेक व्यक्ति और समूह किसी सीमित लक्ष्य को प्राप्त करना चाहते है। संघर्ष के साधनों पर उनका ध्यान नही जाता, जतना लक्ष्य प्राप्ति अर्थात् साध्य पर। यहि कारण है कि संघर्षरत व्यक्ति अथवा समूह किसी भी सीमा तब बल प्रयोग हिंसा कर सकते हैं। आज के इस लेख मे हम संघर्ष का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं एवं प्रकार जानेगें। संघर्ष का अर्थ (sangharsh ka arth) संघर्ष किसी व्यक्ति या समूह द्वारा बल प्रयोग, हिंसा, प्रतिकार अथवा विरोधपूर्वक किया जाने वाला वह प्रयत्न है जो दो या दो से अधिक व्यक्तियों अथवा समूहों के कार्य मे बाधा डालता है। संघर्ष की परिभाषा (sangharsh ki paribhasha)जे. एस. फिचर के अनुसार " पारस्परिक अंत:क्रिया का वह
रूप है जिसमे दो या दो से अधिक व्यक्ति एक दूसरे को दूर करने का प्रयत्न करते है। ए.डब्ल्यू ग्रीन "दूसरो या दूसरो की इच्छा के विरोध, प्रतिकार या बलपूर्वक रोकने के विचारपूर्वक प्रयत्न को संघर्ष कहते है। संघर्ष की विशेषताएं (sangharsh ki visheshta) 1. संघर्ष किसी न किसी मात्रा मे सभी समाजों मे पाया जाता है। जहां भी सामाजिक संबंध होते है वहां संघर्ष भी प्रगट होता है। चाहे वह व्यक्तियों के बीच हो या समूहों के बीच। इस प्रकार संघर्ष एक सार्वभौमिक प्रक्रिया है। संघर्ष के प्रकार (sangharsh prakar)मैकाइवर और पेज ने संघर्ष के दो प्रकार बताएं है जो इस प्रकार है--- 2. अप्रत्यक्ष संघर्ष किंग्सले डेविस ने भी संघर्ष के दो प्रकार बताएं है--- 1. आंशिक संघर्ष 2. पूर्ण संघर्ष शायद यह जानकारी आपके के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगी संघर्ष का परिणाम क्या होता है?संघर्ष अपने स्वप्नों को प्राप्त करने का भी हो सकता है। यह संघर्ष परिस्थितियों से होता है। जिसमे व्यक्ति/जीव स्वयं को तपाता है। यह लेख एक आधार है।
जीवन में संघर्ष करने से क्या होता है?कठिन संघर्ष हमारे व्यक्तित्व में सोने सा निखार व चमक पैदा कर देता है। संघर्ष से ही हम वह बन पाते हैं जो हमारी नियति ने हमारे लिए तय किया होता है। जीवन में कठिन संघर्ष से ही सफलता का शंखनाद किया जा सकता है। यदि हम कार्य में होने वाले संघर्ष को देखकर अपने हाथ पीछे कर लें तो हम लक्ष्य तक कभी नहीं पहुंच सकते।
जीवन का संघर्ष कैसे करें?कहते हैं कि जैसा करेंगे कर्म, वैसा मिलेगा फल. यानी किसी लक्ष्य या काम के प्रति की गई मेहनत के अनुरूप ही हमें नतीजे प्राप्त होते हैं. लेकिन कभी-कभी कुछ लोगों के जीवन में हमें वैसा फल नहीं मिलता, जितना हम मेहनत करते हैं. ऐसे में क्या करना चाहिए.
संघर्ष की क्या विशेषताएं हैं?संघर्ष की विशेषताएं
वे अपने लक्ष्य की प्राप्ति के साथ-साथ विरोधी को मार्ग से हटाने का प्रयत्न भी करते हैं। संघर्ष एक वैयक्तिक प्रक्रिया है। इसका तात्पर्य यह है कि संघर्ष में ध्यान लक्ष्य पर केन्द्रित न होकर प्रतिद्विन्द्वयों पर केन्द्रित हो जाता है। संघर्ष एक अनिरन्तर प्रक्रिया है।
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