मेटरनिख व्यवस्था क्या थी उसकी असफलता के कारण? - metaranikh vyavastha kya thee usakee asaphalata ke kaaran?

वियना कांग्रेस और उसके बाद की यूरोपीय व्यवस्था स्थापित करने में प्रमुख भूमिका आस्ट्रिया के चांसलर मेटरनिक की थी | वह घोर प्रतिक्रियावादी ,क्रांति के संदेशों का कट्टर विरोधी एवं पुरातन व्यवस्था बनाये रखने का समर्थक था | उसकी निति का मूलमंत्र था -शासन करो और कोई परिवर्तन नहीं होने दो | उसने यूरोप स्थापित  थी उसे मेटरनिक व्यवस्था कहा जाता है | इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रवादी एवं प्रजातंत्रात्मक व्यवस्था को कुचलना एवं पुरातन व्यवस्था को बनाए रखना था | 1815 -1845 के मध्य मेटरनिक ने यूरोप और संसदीय प्रणाली विकास को रोकने का यथासंभव प्रयास किया | उसने सभी राज्यों में निरंकुश राजतंत्रीय व्यवस्था को बनाए रखने का प्रयास किया | क्रांति के सिंद्धान्तों का प्रसार रोकने  प्रेस पर कठोर प्रतिबंध लगाया गया | सरकार -विरोधी विचारों को कुंड करने के उद्देश्य से वैसे अखबारों ,पुस्तकों ,नाटकों ,गीतों पर सेंसरशिप लागु कर दिया गया जिनमे स्वतंत्रता और मुक्ति का विचार प्रकट किया गया हो | आस्ट्रिया में जसुसुओं द्वारा नागरिकों की गतिविधियों पर निगरानी राखी गई | आस्ट्रिया के ही सामान जर्मनी और इटली में भी राष्ट्रवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाया गया | कार्ल्सवाद के आदेशों द्वारा मेटरनिक ने उदारवाद के प्रचार पर रोक लगा दी | इटली में भी निरंकुश शासन स्थापित किया गया | इस प्रकार ,यूरोप में प्रतिक्रियावादी शासन का दौर चला | 

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मेटरनिख व्यवस्था क्या थी इसके असफलता के कारण?

इस व्यवस्था का उद्देश्य यूरोप में संतुलन कायम करना था। वह संतुलन जिसे फ्रांस की क्रांति और नेपोलियन के युद्धों ने भंग कर दिया था। मेटरनिख ने क्रांतिकारी विचारों को आस्ट्रिया में पनपने न देने का दृढ़ संकल्प लिया हुआ था। इन्हीं क्रान्तिकारी भावनाओं के भड़कने पर वह पतन को प्राप्त हुआ।

मेटरनिख के पतन के क्या कारण थे?

मैटरनिख को जो भी सहयोग मिला, वह भय के कारण मिला, स्वेच्छा से नहीं। ऐसी स्थिति में उसका पतन अवश्यम्भावी था। . (3) यूरोप में समाजवाद की भावना का जन्म होने से श्रमिकों एवं पूँजीपतियों का विरोध बढ़ गया और उसका भी मैटरनिख के शासन पर व्यापक प्रभाव पड़ा।

मेटरनिख प्रणाली का क्या अर्थ है विस्तार से बताइये?

यूरोप में लंबे समय से एक ऐसे आधुनिक राज्य की गतिविधियाँ और विचार विकसित हो रहे थे जिसमें स्पष्ट रूप से परिभाषित क्षेत्र पर प्रभुसत्ता एक केंद्रीय शक्ति की थी। लेकिन राष्ट्र राज्य में न केवल उसके शासकों बल्कि उसके अधिकांश नागरिकों में एक साझा पहचान का भाव और साझा इतिहास या विरासत की भावना थी ।

मेटरनिख व्यवस्था का अंत कब हुआ था?

इसी कारण 1815 से 1848 का काल यूरोप मे " मेटरनिख युग " के नाम से जाना जाता है। आस्ट्रेलिया का सम्राट फ्रांसिस प्रथम किसी भी तरह के सुधार एवं परिवर्तन का विरोधी था। इस काल मे मेटरनिख जैसे प्रतिक्रियावादी व्यक्ति का महत्व होना स्वाभाविक था