राम िक्ष्मण और सीता अयोध्या कैसे पहुंचे? - raam ikshman aur seeta ayodhya kaise pahunche?

Show

Ramayana Stories: आप ये तो जानते हैं कि रामायण में सीता को ढूंढने के लिए भगवान राम और लक्ष्मण किस तरह लंका तक पहुंचे थे, लेकिन क्या आपको पता है रावण को मारने के बाद भगवान अयोध्या कैसे आए थे?

राम िक्ष्मण और सीता अयोध्या कैसे पहुंचे? - raam ikshman aur seeta ayodhya kaise pahunche?

दशहरे के दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था और उसके बाद वो अयोध्या की तरह रवाना हो गए थे. (प्रतीकात्मक फोटो)

रामायण को लेकर कई कहानियां हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोगों को पता होता है. ऐसे ही एक कहानी है, जो बहुत कम लोगों को पता है. खास बात ये है कि कहानी दशहरे और दिवाली के बीच की ही है, जो वक्त अभी चल रहा है. दरअसल, जब भी दशहरा आता है तो उसके 20 दिन बाद दिवाली आती है. कहा जाता है कि दशहरे के दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था और उसके बाद वो अयोध्या की तरह रवाना हो गए थे.

उन्हें लंका से अयोध्या जाने में करीब 18 के आस पास दिन लगे थे और जब वे अयोध्या पहुंचे थे तो उस दिन दिवाली मनाई गई थी. इससे पता चलता है कि भगवान राम को लंका से अयोध्या जाने में करीब 18-20 दिन लगे थे. ऐसे में अब लोगों का सवाल है कि आखिर भगवान राम 20 दिन में ही लंका से अयोध्या कैसे पहुंच गए, क्योंकि उस वक्त कोई गाड़ियां भी नहीं होती थी. ऐसे में जानते हैं इसका जवाब और इससे जुड़ी रामायण की क्या कहानी है…

गूगल मैप का भी एंगल?

दरअसल, अब कई लोग गूगल मैप के आधार पर सवाल उठाते हैं कि आखिर भगवान राम लंका से अयोध्या इतने जल्दी कैसे पहुंच गए. जब गूगल मैप पर लंका और अयोध्या की दूरी देखी जाती है तो यह 3150 किलोमीटर बताता है और इसमें वॉकिंग डिस्टेंस भी 20 दिन आता है. ऐसे में लोगों का कहना है कि क्या भगवान राम बिना किसी रेस्ट के ही 20 दिन लगातार चलते रहे, क्योंकि उन्हें भी वहां से अयोध्या आने में 20 ही दिन लगे थे.

कैसे आए थे भगवान राम?

वैसे आपको बता दें कि रामायण की कहानियों के अनुसार, भगवान राम पैदल लंका से अयोध्या नहीं आए थे. कहा जाता है कि लंका में रावण को मारने के बाद भगवान राम और उनका परिवार पुष्पक विमान के जरिए अयोध्या आया था. उस वक्त रावण के भाई विभीषण ने राम परिवार को पुष्पक के जरिए अयोध्या भेजा था, इसलिए वो इतने जल्दी लंका से अयोध्या पहुंच गए.

किसके पास था पुष्पक?

कहा जाता है ये विमान ब्रह्माजी ने कुबेर को उपहार में दिया था लेकिन रावण ने पुष्पक को कुबेर से छीन लिया था. वाल्मीकि रामायण के अनुसार, रावण सीता का हरण करके इसी विमान में लेकर आया था और अंततः रावण का वध करके भगवान राम, लक्ष्मण और सीता मां समेत पुष्पक विमान से ही वापस अयोध्या लौटे थे.

बताया जाता है कि इस विमान की विशेषता थी कि इसमें कितने भी यात्री सवार हो जाएं लेकिन एक कुर्सी हमेशा खाली ही रहती थी. पुष्पक विमान यात्रियों की संख्या और वायु के घनत्व के अनुसार अपना आकार बड़ा अथवा छोटा कर सकता था. पुष्पक विमान केवल एक ग्रह नहीं बल्कि अन्य ग्रहों तक की भी यात्रा करने में सक्षम था. पुष्पक विमान के अनेक हिस्से सोने से बने हुआ था. ये विमान हर ऋतु के लिए बहुत ही आरामदायक और दिखने में बेहद आकर्षक था.

ये भी पढ़ें- टॉयलेट पेपर अक्सर सफेद, वाहनों के टायर काले और स्कूल बस पीले रंग के ही क्यों होते हैं? यहां मिलेगा हर सवाल का जवाब

श्रीरामचरितमानस और अनेकों रिसर्चर्स के अनुसार जब भगवान राम को वनवास हुआ तब उन्होंने अपनी यात्रा अयोध्या से शुरू करते हुए श्रीलंका में खत्म की थी। इस दौरान उनके साथ जिस जगह भी जो घटनाएं हुई, उन 200 स्थानों की पहचान की गई है। यहां आज हम आपको उनमें से 7 ऐसी प्रमुख जगहों के बारे में बताने वाले हैं, जहां 14 साल वनवास के दौरान प्रभु होकर गए थे या ठहरे थे। चलिए उन जगहों के बारे में जानते हैं -
(फोटो साभार : indiatimes.com)

अयोध्या, उत्तर प्रदेश - Ayodhya, Uttar Pradesh

राम िक्ष्मण और सीता अयोध्या कैसे पहुंचे? - raam ikshman aur seeta ayodhya kaise pahunche?

अगर आपको रामायण के बारे में अच्छे से जानना है, तो एक बार अयोध्या जरूर जाएं। अयोध्या, उत्तर प्रदेश में फैजाबाद के पास एक जगह है, जो भगवान राम के जन्मस्थान के रूप में जानी जाती है। यहां कई मंदिर और अन्य धार्मिक स्थल हैं, जो इन्हें रामायण से जोड़ते हैं। कनक भवन मंदिर, हनुमान गढ़ी मंदिर, सरयू नदी घाट यहां की कुछ देखने लायक जगहें, जहां घूमने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।

(फोटो साभार : Economic times)

चित्रकूट, मध्य प्रदेश - Chitrakoota, Madhya Pradesh

राम िक्ष्मण और सीता अयोध्या कैसे पहुंचे? - raam ikshman aur seeta ayodhya kaise pahunche?

माना जाता है कि यात्रा के सबसे महत्वपूर्ण पड़ावों में से एक, चित्रकूट में भगवान राम, और लक्ष्मण और देवी सीता 11 साल से यहां रुके थे। यहीं पर राम और सीता की मुलाकात सात अमर संतों में से एक अत्री और उनकी पत्नी अनुसूया देवी से हुई थी। वर्तमान चित्रकूट में सब कुछ राम से संबंधित है। रामघाट, हनुमान धारा, कामदगिरी, जानकी कुंड, स्फटिक शिला, गुप्त गोदावरी, सीता की रसोई, देवी अनुसूया मंदिर यहां की कुछ देखने लायक जगहों में आते हैं।

(फोटो साभार : indiatimes.com)

पंचवटी, नासिक - Panchavati, Nashik

राम िक्ष्मण और सीता अयोध्या कैसे पहुंचे? - raam ikshman aur seeta ayodhya kaise pahunche?

रामायण में नासिक का उल्लेख पंचवटी के रूप में मिलता है। नासिक का ये नाम इसलिए पड़ा, क्योंकि यहीं पर लक्ष्मण ने सुपर्ण्खा की नाक काटी थी। यह हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए भारत में सबसे प्रतिष्ठित धार्मिक स्थलों में से एक है। यहां कला राम मंदिर पंचवटी के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में जाना जाता है। अन्य स्थानों के अलावा, आप सीता गुफा (सीता की गुफा) और कपालेश्वर मंदिर भी जा सकते हैं। हर 12 साल में तीर्थयात्री यहां कुंभ मेला देखने आते हैं।

(फोटो साभार : wikipedia)

लेपाक्षी, आंध्र प्रदेश - Lepakshi, Andhra Pradesh

राम िक्ष्मण और सीता अयोध्या कैसे पहुंचे? - raam ikshman aur seeta ayodhya kaise pahunche?

लेपाक्षी आंध्र प्रदेश का एक प्रसिद्ध पुरातात्विक स्थल है। रामायण में, यहीं पर जटायु रावण से सीता को बचाने के लिए उससे लड़ने की कोशिश करता है। लेकिन आखिर में वो घायल होकर नीचे गिर जाता है। ऐसा कहा जाता है कि लेपाक्षी ही वही जगह है, जहां ये घटना हुई थी। यहां आप जब भी आएं, तो एक बार वीरभद्र मंदिर जरूर जाएं। यहां दुनिया की सबसे बड़ी नंदी मूर्ती स्थापित है।

तलाईमन्नार, श्रीलंका - Talaimannar, Sri Lanka

राम िक्ष्मण और सीता अयोध्या कैसे पहुंचे? - raam ikshman aur seeta ayodhya kaise pahunche?

श्रीलंका में ये वही जगह है, जहां राम ने रावण का वध किया था। इसके बाद, राम के कहने पर, रावण के भाई विभीषण लंका के राजा घोषित किए गए थे। इसके तुरंत बाद, सीता, राम और लक्ष्मण अपने परिवार के साथ फिर से अयोध्या के लिए रवाना हो गए थे। वर्तमान में यह स्थान मन्नार द्वीप के उत्तर-पश्चिमी तट पर स्थित है। आप मन्नार से सड़क मार्ग से यहां पहुंच सकते हैं जो द्वीप को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है।

(फोटो साभार : wikimedia commons)

रामेश्वरम, तमिल नाडु - Rameshwaram, Tamil Nadu

राम िक्ष्मण और सीता अयोध्या कैसे पहुंचे? - raam ikshman aur seeta ayodhya kaise pahunche?

सभी स्थानों में सबसे प्रसिद्ध, रामेश्वरम वो जगह है, जहां राम की सेना द्वारा भारत और श्रीलंका के बीच पुल का निर्माण किया गया था। यह स्थान सुंदर विवेकानंद मंदिर और शिव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। ऐसा भी माना जाता है कि सीता ने श्रीलंका से लौटते समय यहां एक शिवलिंग की स्थापना भी की थी।

(फोटो साभार : wikimedia commons)

किष्किंधा, कर्नाटक - Kishkindha, Karnataka

राम िक्ष्मण और सीता अयोध्या कैसे पहुंचे? - raam ikshman aur seeta ayodhya kaise pahunche?

किष्किंधा जो अब हम्पी के नाम से जाना जाता है, उस समय ये जगह वानरों के राज्य के रूप में स्थापित थी। यह वह स्थान है जहां रामायण के दौरान सुग्रीव बाली का प्रसिद्ध युद्ध हुआ था। आज हम्पी यूनेस्को की साइटों में से एक है। यही राम और लक्ष्मण किष्किंधा में ही हनुमान और सुग्रीव से मिले थे। हम्पी घूमने के लिए आएं तो विरुपाक्ष मंदिर, विट्ठल मंदिर जरूर घूमने जाएं। तुंगभद्रा नदी के तट पर एक गुफा है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यही सुग्रीव ने सीता के गहने छिपाए थे। चट्टानों पर निशान और धारियां हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि ये सीता के आभूषणों से बनी हैं।

(फोटो साभार : wikimedia commons)

Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप

लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें

राम लक्ष्मण और सीता अयोध्या कैसे पहुंचे?

कहा जाता है ये विमान ब्रह्माजी ने कुबेर को उपहार में दिया था लेकिन रावण ने पुष्पक को कुबेर से छीन लिया था. वाल्मीकि रामायण के अनुसार, रावण सीता का हरण करके इसी विमान में लेकर आया था और अंततः रावण का वध करके भगवान राम, लक्ष्मण और सीता मां समेत पुष्पक विमान से ही वापस अयोध्या लौटे थे.

राम जी लंका से अयोध्या कैसे आए?

रावण का वध करने के बाद लंका से अयोध्या लौटते समय राम, लक्ष्मण, सीता एवं हनुमानजी पुष्पक विमान से अयोध्या के पास नंदीग्राम नामक स्थान पर उतरे थे, जहां पर राम की खड़ाऊं रखकर राजा भरत अपना राजपाट चलाते थे। कहते हैं कि नंदीग्राम में एक दिन रुकने के बाद वे दूसरे दिन अयोध्या पहुंचे थे।

राम अयोध्या में कब आए?

आईसर्व डायरेक्टर सरोज बाला ने dainikbhaskar.com से बातचीत में कहा, "आज से 7089 साल पहले 4 दिसंबर 5076 BC को राम ने रावण का वध किया था। अलग-अलग जगह रुकते हुए वे 29वें दिन 2 जनवरी 5075 BC को वापस अयोध्या पहुंचे थे।"

श्री राम ने अयोध्या जाने से पहले कहाँ विश्राम किया?

पंचवटी से। उस समय सीता ने वे स्थान ठीक से नहीं देखे थे।