जयपुर: राजस्थान क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा और जनसंख्या के मामले में सातवां सबसे बड़ा राज्य है। हर साल 30 मार्च को देश में राजस्थान की स्थापना को दर्शाने के लिए राजस्थान दिवस (Rajasthan Diwas 2022) मनाया जाता है। इस वर्ष राजस्थान अपना 73वां स्थापना दिवस मना रहा है। अगर इतिहास के पन्नों में देखा जाए तो राजस्थान ने अपना अस्तित्व 30 मार्च 1949 को खोजा यानी इसी दिन राजपूताना का विलय भारतीय संघ में हुआ था।
राजस्थान दिवस 2022 (Rajasthan Diwas 2022)
देश के नॉर्थ-ईस्ट हिस्से में बसा यह राज्य राजाओं की भूमि के नाम से भी जाना जाता है। 10.20 लाख करोड़ रुपये की जीडीपी के साथ राजस्थान देश की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। ब्रिटिश राज में राजस्थान को राजपूताना नाम दिया गया था। जयपूर इस राज्य की राजधानी होने के साथ-साथ राज्य का सबसे बड़ा शहर होने का भी गौरव रखता है। राजस्थान के अन्य प्रमुख शहरों में उदयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर, अजमेर और कोटा शामिल हैं।
राजस्थान की सीमा पांच भारतीय राज्यों से लगती है, उत्तर में पंजाब, उत्तर पूर्व में उत्तर प्रदेश और हरियाणा, दक्षिण-पश्चिम में गुजरात और दक्षिण-पूर्व में मध्य प्रदेश। यह उत्तर पश्चिम में पंजाब के पाकिस्तानी प्रांतों और पश्चिम में सिंध के साथ एक सीमा भी साझा करता है। अपने टेक्सटाइल और हैंडीक्राफ्ट के लिए मशहूर राजस्थान सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेषों का घर है जिसमें कालीबंगा और बालाथल के साथ-साथ दिलवाड़ा मंदिर भी है।
संक्षिप्त इतिहास
राजस्थान अधिकांश राजपुताना से मिलकर बना है जिसमें उन्नीस रियासतें, दो प्रमुख और अजमेर-मेरवाड़ा के ब्रिटिश जिले शामिल हैं। प्राचीन इतिहास में, राजस्थान के कुछ हिस्से सिंधु घाटी सभ्यता का हिस्सा थे जैसे कालीबंगन जो सिंधु घाटी सभ्यता की एक प्रमुख प्रांतीय राजधानी थी।
राजस्थान की रियासतों को 15 अगस्त 1947 को भारत के डोमिनियन में मिला दिया गया था। लेकिन उनका एकीकरण एक साल बाद ही हुआ था। राजस्थान पर लगभग 700 ईसवी में बड़े पैमाने पर राजपूत वंश का शासन था और उससे पहले, यह मौर्य साम्राज्य का एक हिस्सा था। 13वीं शताब्दी ईसवी की शुरुआत में मेवाड़ राजस्थान का शक्तिशाली राज्य था। मुगल बादशाह अकबर द्वारा राजस्थान पहली बार राजनीतिक रूप से एकजुट हुआ था।
इस राज्य को टूरिज्म के लिहाज से बेस्ट प्लेस माना जाता है। राजस्थान का उम्मैद भवन पैलेस विश्व का सबसे बड़ा प्राइवेट रेजीडेंस है। इस खूबसूरत राज्य के इतिहास में कुछ महानतम नेताओं के रूप में पृथ्वीराज चौहान, सम्राट हेम चंद्र विक्रमादित्य, महाराणा उदय सिंह, महाराणा प्रताप, मुगल सम्राट अकबर और राजा मान सिंह का नाम शामिल है।
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राजस्थान दिवस कब और क्यों मनाया जाता है
राजस्थान दिवस :- राजस्थान दिवस राजस्थान की स्थापना दिवस प्रत्येक वर्ष 30 मार्च को मनाया जाता है 30 मार्च 1949 में जोधपुर जयपुर जैसलमेर और बीकानेर रियासतों का विलय होकर वृहतर राजस्थान संघ बना था इस लिए राजस्थान की स्थापना दिवस का दिन माना जाता है |
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राजस्थान की स्थापना :- राजस्थान शब्द का अर्थ है राजाओं का स्थान क्योंकि यहां गुर्जर राजपूत मौर्य जाट आदि ने पहले राज क्या था ब्रिटिश शासकों द्वारा भारत को आजाद कराने की घोषणा करने के बाद जब सत्ता स्थान की कार्यवाही शुरू की तभी लग रहा था कि आजाद भारत का राजस्थान प्रांत बनाना और राजपूताना के तत्कालीन इससे का भारत में विलय एक दुर्लभ कार्य साबित हो सकता है आजादी की घोषणा के साथ ही राजपूताना के देसी रियासतों के मुख्य के स्वतंत्र राज्य में ही अपनी सत्ता बरकरार रखने की होड़ सी मच गई थी उसी समय वर्तमान राजस्थान की भौगोलिक स्थिति के नजरिए से देखें तो राजपूताना के किस भाग में कुल 22 देशी रियासतें बनाइ गई |
नोएडा, आनलाइन डेस्क। Rajasthan Day 2022: राजस्थान दिवस (Rajasthan Divas) या कहे राजस्थान स्थापना दिवस (Rajasthan Sthapana Divas) प्रतिवर्ष मार्च महीने के 30 तारिख को मनाया जाता है । राजस्थान क्षेत्रफल की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य एवं जनसंख्या के दृष्टि से सातवां सबसे बड़ा राज्य है। जानकारी के अनुसार राजस्थान का कुल क्षेत्रफल कुल 342,239 वर्ग किलोमीटर है। हर साल के तीसरे महीने में यानि कि मार्च में 30 तारीख को राजस्थान दिवस मनाया जाता है।
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यह भी पढ़ेंजानकारी हो कि राजस्थान का शाब्दिक अर्थ राजाओं का स्थान होता है। यानि कि राजाओं की भूमि। चूंकि देश आजाद होने से पहले यहां अनेक राजा-महाराजाओं ने राज किया था। इससे पहले राजस्थान को राजपूताना के नाम से जाना जाता था और कुल 19 रियासतों को मिलाकर यह राज्य बना था । 30 मार्च, 1949 में जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों का विलय होकर 'वृहत्तर राजस्थान संघ' बना। इस दिन को राजस्थान के लोगों की वीरता, दृढ़ इच्छाशक्ति और बलिदान को नमन किया जाता है। राजस्थान दिवस को ही राजस्थान स्थापना दिवस भी कहते हैं।
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यह भी पढ़ेंजानकारी हो कि इस साल राजस्थान दिवस की तैयारियां एक सप्ताह से पहले शुरू हो चुकी हैं। पिछले दो साल से कोरोना महामारी के चलते राजस्थान उत्सव के आयोजन को भव्य रूप में नहीं मनाया गया। प्रदेश के कई जिलों में भी कार्यक्रम के दौरान कलाकारों को अधिक से अधिक शामिल किया जाएगा, इसको लेकर प्रशासनिक तौर पर भी पूरा ध्यान रखा गया। राजस्थान दिवस का कार्यक्रम बड़े स्तर पर जयपुर में किया जाना है। राजस्थान दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम राज्य स्तरीय राजस्थान उत्सव समारोह को ग्राम पंचायत स्तर तक की आम जनता को वर्चुअल माध्यम से दिखाया जाएगा।
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यह भी पढ़ेंमालूम हो कि राजस्थान की खासियत भी यही है कि यहां पर हर थोड़ी दूरी पर भाषा का अंदाज बदल जाता है। इस भाषा में अधिक मात्रा में लोक गीत, संगीत, नृत्य, नाटक, कथा, कहानी आदि उपलब्ध है। हालांकि इस भाषा को संवैधानिक मान्यता प्राप्त नहीं है। इस कारण इसे स्कूलों में पढ़ाया भी नहीं जाता है। रंगीलो राजस्थान के कई तरह के लोक नृत्य, व्यंजन व अनेकों भाषाओं के मिश्रित समूह को राजस्थानी भाषा का नाम दिया गया है।
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जानकारी के अनुसार राजस्थान का अस्तित्व प्रागैतिहासिक काल से ही मिलता है। मेवाड़, मारवाड़, जयपुर, बुंदी, कोटा, भरतपुर और अलवर बड़ी रियासतें थीं। यहां चौहान, परमार, राठौड़, गहलोत वंशों का राज रहा है। मुगल और बाहरी आक्रमणों ने यहां के इतिहास को शौर्य गाथाओं से भर दिया। स्वाभिमान की जंग में पृथ्वी राज और महाराणा प्रताप से लेकर राणा सांगा, राणा कुंभा जैसे शूरवीर इस इतिहास को सहेजे रखा, वहीं तराइन, रणथंभौर, चित्तौड़, खानवा से लेकर हल्दी घाटी जैसे कई ऐतिहासिक युद्ध भी राजस्थान की धरती पर लड़े गए।
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यह भी पढ़ेंमालूम हो कि 30 मार्च को राजस्थान स्थापना दिवस के अवसर पर राजस्थान उत्सव के दौरान कानून व्यवस्था ट्रैफिक संचालन पार्टी कार्यक्रम स्थल पर साफ-सफाई, रंग रोगन, अग्निशमन व्यवस्था, पेय जल, शौचालय, शहर के प्रमुख द्वारों पर रोशनी की व्यवस्था आदि को लेकर संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
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यह भी पढ़ेंअधिकारियों के अनुसार राजस्थान उत्सव के रंगारंग प्रोग्राम को इतने भव्य स्तर पर आयोजित होने वाले आकर्षक कार्यक्रम को जयपुर की जनता के साथ सभी लोग देखें। जिसके लिए ग्राम पंचायत स्तर पर ई-मित्र राजीव गांधी सेवा केंद्र और शहरों में उचित पंचायत स्तर पर बड़े स्क्रीन पर दिखाया जाने की व्यवस्था की गई है।