राजघाट बांध का निर्माण कब हुआ? - raajaghaat baandh ka nirmaan kab hua?

ललितपुर। राजघाट बांध परियोजना को पूर्ण हुए करीब 23 वर्ष हो चुके हैं। इसके बाद भी यह बांध परियोजना राजनीतिक द्वंद व दो प्रदेशों की सीमा विवाद को लेकर लोकार्पण की बाट जोह रहा है। बांध का लोकार्पण न होने होने के कारण बांध के आसपास के क्षेत्रों में सौंदर्यीकरण प्रभावित हो रहा है। साथ ही इसकी सुरक्षा को भी खतरा बना हुआ है। सिंचाई विभाग के कई पत्राचार के बाद भी किसी पार्टी की सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है।

मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश में बहने वाली बेतवा नदी पर राजघाट बांध की कार्ययोजना 1972 में बनाई गई थी। जिसका निर्माण कार्य 1975 में शुरू किया गया। इस बांध को बनाने के लिए 375 करोड़ रुपये की लागत निर्धारित की गई थी। लेकिन बांध का निर्माण निर्धारित अवधि में पूरा न होने के चलते इसकी लागत भी करीब दो से तीन गुना तक बढ़ गई थी। वर्ष 1999 में राजघाट बांध बनकर तैयार हो गया था। यह बांध करीब 73 मीटर ऊंचा और करीब 1100 मीटर लंबाई का है, जिसमें छह सौ मीटर लंबी सीमेंट की दीवार है। बांध का कैचमेट एरिया करीब 17 हजार वर्ग किलोमीटर रखा गया। जल भराव के लिए मिट्टी की दीवारे करीब 11 किलोमीटर लंबी थी।

इस बांध के बनने से यूपी-एमपी के करीब 75 गांव प्रभावित हुए। बांध में सिंचाई के लिए कई किलोमीटर लंबी कैनाल बनाई गई। जिसके जरिए यूपी-एमपी के गांवों में फसलों की सिंचाई की जाती है। इसके साथ साथ इस बांध में 45 मेगावाट क्षमता का हाइड्रोलिक पावर जेनरेशन प्लांट लगा हुआ है। इस बांध का संचालन के लिए बेतवा रिबर बोर्ड की स्थापना की गई। जोकि अभी भी राजघाट बांध का संचालन कर रहा है। राजघाट बांध परियोजना को पूर्ण हुए करीब 23 वर्ष हो चुके हैं। यह बांध परियोजना राजनैतिक द्वंद व दो प्रदेशों की सीमा विवाद को लेकर लोकार्पण नहीं हो सका है। हालांकि लोकापर्ण के लिए सिंचाई विभाग ने कई बार सरकार को पत्राचार भी किया। लेकिन इसका लोकार्पण नहीं हो सका। बांध का लोकार्पण न होने होने के कारण बांध के आसपास के क्षेत्रों में सौंदर्यीकरण प्रभावित हो रहा है।
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बांध से यूपी-एमपी की होती सिंचाई
राजघाट बांध का जलस्तर 371.00 मीटर है। जबकि न्यूनतम जलस्तर 356.62 है। बांध में कुल 18 गेट लगाए गए है। जिनसे पानी छोड़ने की क्षमता 12 लाख क्यूसेक है। इस बांध से यूपी के लिए दो कैनाल और मध्य प्रदेश के लिए एक कैनाल बनाई गई हैं। इन कैनालों के माध्यम से ही सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाता है।

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45 मेगावाट बिजली का भी होता उत्पादन
राजघाट बांध परियोजना में बिजली उत्पादन भी किया जाता है। इसके लिए तीन टर्बाइन स्थापित है। जिनके माध्यम से कुल 45 मेेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाता है।
अभी राजघाट बांध का लोकार्पण नहीं हुआ है। इस संबंध में सरकारों को कई बार पत्राचार किए जा चुके हैं। लेकिन परियोजना पूर्ण हो जाने और इसका उपयोग होने लगने के चलते सरकार लोकार्पण के लिए जरुरी नहीं समझ रही है। - शीलचंद्र उपाध्याय, अधीक्षण अभियंता सिंचाई निर्माण मंडल झांसी

राजघाट बांध कब बना था?

राजघाट बांध का निर्माण 1975 में शुरू हुआ था और 2006 में इसका उद्घाटन किया गया. यह मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सरकार की एक साझा परियोजना के तहत बनाया गया था. बेतवा नदी के ऊपर बने इस बांध की ऊंचाई 43.8 वर्ग मीटर और लंबाई 11200 मीटर है. माताटीला बांध 1958 में शुरू हुआ था.

राजघाट परियोजना क्या है?

Detailed Solution. राजघाट बाँध बेतवा नदी पर स्थित है। बेतवा नदी (यमुना की एक सहायक नदी) पर राजघाट बांध परियोजना मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की एक अंतर-राज्य परियोजना है। बांध और बिजलीघर की लागत और लाभ उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्यों द्वारा समान रूप से साझा किए जाएंगे।

राजघाट बांध के गेट कितने हैं?

उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश की सीमा पर चंदेरी के राजघाट के पास बने लक्ष्मी सागर बांध के सभी 18 गेट खोले गये है। बेतवा नदी पर बने इस पुल के सभी गेट खोलकर हर सेकेण्ड चार लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। पानी की निकासी अधिक होने के कारण मप्र और उप्र को जोड़ने वाले सड़क मार्ग पर बने पुल के करीब 15 फीट ऊपर पानी जा रहा है।

राजघाट की लंबाई कितनी है?

सीमेंट बांध 600 मीटर लंबा और 73.5 मीटर ऊँचा है।

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