राइबोसोम क्या है इसके कार्य को लिखे? - raibosom kya hai isake kaary ko likhe?

राइबोसोम : जीवन का आधार

राइबोसोम आरएनए और प्रोटीन में पाए जाने वाले कण होते हैं, जो रक्त की हरेक कोशिका में मिलते हैं। बैक्टीरिया आदि जीवों के राइबोसोम का ढांचा कुछ फर्क होता है। राइबोसोम उस प्रक्रिया का हिस्सा होते हैं जो...

लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 18 Oct 2009 10:38 PM

राइबोसोम आरएनए और प्रोटीन में पाए जाने वाले कण होते हैं, जो रक्त की हरेक कोशिका में मिलते हैं। बैक्टीरिया आदि जीवों के राइबोसोम का ढांचा कुछ फर्क होता है। राइबोसोम उस प्रक्रिया का हिस्सा होते हैं जो न्यूक्लिक एसिड के जेनेटिक को प्रोटीन चेन में बदलते हैं। राइबोसोम एक संदेशवाहक आरएनए के साथ नत्थी रहते हैं जिसे वह अमीनो एसिड को सही सूची में लगाते हैं। अमीनो एसिड संदेशवाहक आरएनए मॉलीक्यूल्स के साथ स्थापित रहते हैं।

हरेक प्राणी के सेल (कोशिका) में डीएनए मॉलीक्यूल्स होते हैं। इनसे मानव, पौधे या बैक्टीरिया का व्यवहार पता चलता है यानी यह इन प्राणियों का ब्लूप्रिंट होता है, लेकिन डीएनए मॉलीक्यूल अपने आप में निष्क्रिय होता है। राइबोसोम के कारण यह ब्लूप्रिंट सक्रिय होते हैं। डीएनए पर आधारित राइबोसोम प्रोटीन निर्माण करते हैं जो ऑक्सीजन ले जाने वाली हीमोग्लोबिन, इम्यून सिस्टम की एंटीबॉडीज, इंसुलिन जैसे हार्मोन, त्वचा की प्रोटीन कोलेगन या शुगर कम करने वाले एंजाइम्स होते हैं। शरीर में हजारों प्रोटीन होते हैं जिनके अलग-अलग कार्य होते हैं। वह रासायनिक स्तर पर जीवन निर्माण और उसका रख-रखाव करते हैं।

दवा के रूप में दी जाने वाली एंटीबायटिक्स बैक्टीरियाई राइबोसोम को रोककर बीमारियों का इलाज करते हैं। सक्रिय राइबोसोम के बिना बैक्टीरिया का अस्तित्व नहीं बना रह सकता। इसीलिए राइबोसोम नई एंटीबायटिक्स के लिए जरूरी लक्ष्य है। हाल में भारतीय मूल के वैज्ञानिक वेंकटरमन रामकृष्णन को रसायन विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें रक्त में प्रोटीन का निर्माण करने राइबोसोम्स की संरचना और कार्यप्रणाली के लिए यह पुरस्कार संयुक्त रूप से दिया गया।

राइबोसोम की दो उप-इकाइयां होती हैं जो एकसाथ मिलकर प्रोटीन इकाई निर्माण की दिशा में काम करती हैं। प्रत्येक बड़े आरएनए मॉलीक्यूल में एक से दो बैक्टीरियल उपइकाई और एक से तीन यूकर्योटिक इकाइयां होती हैं। साथ ही कई छोटे प्रोटीन मॉलीक्यूल्स भी होते हैं।

राइबोसोम की खोज 1950 के दशक में रूमानियाई जीव वैज्ञानिक जॉर्ज पेलेड ने की थी। उन्होंने इस खोज के लिए इलैक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप का इस्तेमाल किया था, जिसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। ‘राइबोसोम’ नाम 1958 में वैज्ञानिक रिचर्ड बी. रॉबर्ट्स ने प्रस्तावित किया था। इस लिहाज से राइबोसोम्स और उसके सहयोगी मॉलीक्यूल्स गत सदी के मध्य ये विज्ञान के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाए हुए हैं और आज उन पर काम काफी तेज गति से हो रहा है।

इस आर्टिकल में राइबोसोम की सरंचना एवं प्रकार के बारे में जानेगें | राइबोसोम की खोज किसने की ? उसके प्रमुख कार्य क्या है ? राइबोसोम को प्रोटीन का कारखाना (फैक्ट्री) क्यों कहा जाता है ? राइबोसोम के प्रकार क्या है आदि के बारे में जानकारी लेगें |

राइबोसोम का परिचय (Introduction of Ribosome)

राइबोसोम एक गोलाकार, दो उपइकाइयों के बने, झिल्ली विहीन राइबोन्यूक्लिओप्रोटीन के सूक्ष्म कण होते हैं, जो हरितलवक, केन्द्रक तथा कोशिकाद्रव्य में (अन्तःप्रद्रव्यी जालिका पर राइबोफोरोन प्रोटीन द्वारा जुड़ा) पाए जाते हैं।

यह एक झिल्ली विहीन कोशिकांग है। राइबोसोम सभी कोशिकाओं (सार्वभौमिक कोशिकांग) में पाया जाता है। कोशिकाद्रव्य में यह स्वतंत्र रूप में तथा खुरदरीअन्तःप्रद्रव्यी जालिका पर दाने के रूप में पाया जाता है। राइबोसोम सबसे छोटी कोशिकांग इकाई भी है और इसका आकार 15-20nm होता है।

राइबोसोम RBC कोशिका को छोड़कर शेष सभी कोशिकाओं में (यूकैरियोटिक कोशिका व प्रोकैरियोटिक कोशिका) में पाया जाता है। ये प्रोटीन संश्लेषण नामक प्रक्रिया में अमीनो एसिड से प्रोटीन को बनाते हैं | राइबोसोम परिपक्व आरबीसी (Mature RBC) में अनुपस्थित होता हैं। रीबोफोरिन प्रोटीन की मदद से RER (खुरदरी अन्तःप्रद्रव्यी जालिका) पर उपस्थित होता है।

राइबोसोम की खोज (Introduction of Ribosome)

राइबोसोम की खोज सर्वप्रथम रोमानिया के जीववैज्ञानिक जॉर्ज पैलाडे (George Emil Palade) ने 1955 में की थी | उन्होंने इस खोज के लिए इलेक्ट्रान सूक्ष्मदर्शी का प्रयोग किया था जिसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। राइबोसोम नाम 1958 में वैज्ञानिक रिचर्ड बी. रॉबर्ट्स (Richard B. Roberts) ने प्रस्तावित किया था।

राइबोसोम और उसके सहयोगी अणु 20वीं शताब्दी के मध्य से जीवविज्ञान के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाए हुए हैं। 7 अक्टूबर, 2009 को भारतीय मूल के वैज्ञानिक वेंकटरमन रामकृष्णन को रसायन विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें राइबोसोम की कार्यप्रणाली व संरचना के उत्कृष्ट अध्ययन के लिए यह पुरस्कार संयुक्त रूप से दिया गया |

राइबोसोम की संरचना (Structure of Ribosome)

प्रत्येक राइबोसोम लगभग दो गोलाकार सबयूनिट्स (Subunits) का बन जाता है. इनमें एक छोटी (छोटी इकाई) एवं एक बड़ी सब-यूनिट (बड़ी उप इकाई) होती है | छोटी इकाई की आकृति अण्डाकार एवं बड़ी इकाई की आकृति गुंबद के आकार जैसी होती है

छोटी इकाई व बड़ी उप इकाई के क्रमशः कार्य m- RNA को जोड़ना व t- RNA को जोड़ने का काम करते हैं। राइबोसोम की संरचना के स्थाइत्व के लिए mg2+ की आवश्यकता होती है जिसका मान 0.001 मोलर होता है।

राइबोसोम की बड़ी उपइकाई में तीन स्थल (साइट) होते हैं :

ए-स्थल (A-Site): – यह अमीनोएसिल स्थल तथा टी-आरएनए के लिए ग्राही स्थल होता है।

पी-स्थल (P-Site): – यह पेप्टाइडल साइट, पेप्टाइड श्रंखला के दीर्घीकरण के लिए स्थल होता है।

ई-स्थल (E-Site): – यह टी-आरएनए के लिए राइबोसोम से बाहर निकलने के लिए स्थल होता है।

इसकी उपइकाईयाँ राइबोप्रोटीन और आर-आरएनए द्वारा बनी होती है। जो निम्न प्रकार की होती है-

50s उपइकाई – 34% प्रोटीन + 23 एस और 5 एस आर-आरएनए

30s उपइकाई – 21% प्रोटीन + 16 एस आर-आरएनए

60s उपइकाई – 40% प्रोटीन + 28 एस, 5.8 एस और 5 एस आर-आरएनए

40s उपइकाई 33% प्रोटीन + 18 एस आरआरएनए

Ribosome का निर्माण न्यूक्लियोलस (केन्द्रिक) में 40-60% प्रोटीन और 60-40% आरएनए द्वारा होता है। न्यूक्लियोलस को राइबोसोमल उत्पादक फैक्टरी (Ribosomal Manufactring Factory) माना जाता है।

राइबोसोम के प्रकार (Types of Ribosome)

राइबोसोम प्रोकेरियोटिक कोशिका और यूकैरियोटिक कोशिका दोनों में पाया जाता है। राइबोसोम के प्रकार निम्न है-

प्रोकेरीयोट राइबोसोम (Prokaryotic Ribosome) 

प्रोकैरियोटिक कोशिका में राइबोसोम 70S  प्रकार का पाया जाता है जो बड़ी उप इकाई 50S की इकाई 25s + 5S) एवं छोटी उप इकाई 30S की इकाई 16S प्रकार की बनी होती है

युकेरीयोट  राइबोसोम (Eukaryotic Ribosome)

यूकैरियोटिक कोशिका में राइबोसोम 80S प्रकार का पाया जाता हैं जो बड़ी उप इकाई 60S की इकाई (28S + 5.8S + 5S) एवं छोटी उप इकाई 40S की इकाई 18S  प्रकार की बनी होती है।

हरितलवक राइबोसोम (Chloroplast Ribosome)

यह 70s प्रकार के जो 50s और 30s उपइकाई के बने होते है।

माइटोकांड्रिया राइबोसोम (Mitochondrial Ribosome)

माइटोकॉन्ड्रिया के राइबोसोम को माइटोराइबोसोम भी कहते हैं यह 70s प्रकार के जो 50s और 30s उपइकाई के बने होते है। माइटोकॉन्ड्रिया व क्लोरोप्लास्ट का राइबोसोम 70S प्रकार का पाया जाता है। क्लोरोप्लास्ट के राइबोसोम को प्लास्टीड्यिल राइबोसोम कहते हैं।

ध्यान दें :

s = अवसादन गुणांक (Sedimentation coefficient) (राइबोसोम के आकार की मापने की इकाई होती है)

70S राइबोसोम्स: ये आकार में छोटे होते हैं एवं इनका अवसादन गुणांक 70S होता है. ये माइटोकॉन्ड्रिया, क्लोरोप्लास्ट एवं बैक्टीरिया आदि में पाए जाते हैं |

80S राइबोसोम्स: ये आकार में कुछ बड़े होते हैं और इनका अवसादन गुणांक 80S होता है. ये उच्च विकसित पौधों एवं जन्तु कोशिकाओं में पाए जाते हैं |

राइबोसोम की प्रमुख विशेषताएं

  • राइबोसोम झिल्ली विहीन (Membraneless) होते हैं।
  • राइबोसोम कोशिकाद्रव्य, माइटोकॉन्ड्रिया, केंद्रक, अन्तःप्रद्रव्यी जालिका, हरितलवक में पाए जाते है।
  • यह गोलाकार (spherical) होते हैं।
  • इनका व्यास 150- 250 Å होता है
  • यह राइबोप्रोटीन तथा mRNAके बने होते हैं।
  • इनके आकार का निर्धारण अवसादन गुणांक (Sedimentation coefficient) के आधार पर किया जाता है।

राइबोसोम के कार्य (Functions of Ribosome)

राइबोसोम एक ऐसी कोशिका संरचना है जो प्रोटीन के संश्लेषण में सहायक होती है | कई कोशिकाओं को उनकी मरम्मत या रासायनिक प्रक्रियाओं को निर्देशित करने के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है | राइबोसोम का मुख्य कार्य अमीनों अम्ल के द्वारा प्रोटीन संश्लेषण में सहायता करना है | प्रोटीन के निर्माण की प्रक्रिया ट्रांसलेशन या अनुवादन (Translation) कहलाती है।

पॉलीराइबोसोम

प्रोटीन संश्लेषण (Protein Synthesis)के दौरान कई Ribosome एम-आरएनए से जुड़कर एक सरंचना बनाता है, जिसे पॉलीराइबोसोम या पोलीसीम कहा जाता है।

राइबोसोम को प्रोटीन की फैक्ट्री क्यों कहा जाता है ?

चूँकि राइबोसोम प्रोटीन संश्लेषण (Protein Synthesis) में भाग लेता है, इसलिए इसे सेल के इंजन या प्रोटीन फैक्ट्री के रूप में जाना जाता है। इस को कोशिका का प्रोटीन कारखाना (Protein Factory of the Cell) या प्रोटीन की फैक्ट्री कहा जाता है |

यदि कोशिका में राइबोसोम हटा दिया जाए तो क्या होगा?

यदि कोशिका से राइबोसोम हटा दिए जाते हैं, तो प्रोटीन संश्लेषण नहीं होगा। इस प्रकार कोशिका चयापचय उत्पादों की कमी के कारण आगे प्रदर्शन करने की क्षमता खो देगी। कोशिका अंततः मर जाएगी |

राइबोसोम क्या है इसके कार्य लिखिए?

राइबोसोम सजीव कोशिका के कोशिका द्रव में स्थित बहुत ही सूक्ष्म कण हैं, जिनकी प्रोटीनों के संश्लेषण में महत्त्वपूर्ण भूमिका है। ये आनुवांशिक पदार्थों (डीएनए या आरएनए) के संकेतों को प्रोटीन शृंखला में परिवर्तित करते हैं।

राइबोसोम किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं?

राइबोसोम एक गोलाकार, दो उपइकाइयों के बने, झिल्ली विहीन राइबोन्यूक्लिओप्रोटीन के सूक्ष्म कण होते हैं, जो हरितलवक, केन्द्रक तथा कोशिकाद्रव्य में (अन्तःप्रद्रव्यी जालिका पर राइबोफोरोन प्रोटीन द्वारा जुड़ा) पाए जाते हैंयह एक झिल्ली विहीन कोशिकांग है। राइबोसोम सभी कोशिकाओं (सार्वभौमिक कोशिकांग) में पाया जाता है।

राइबोसोम क्या है कक्षा 9?

Solution : राइबोसोम-ये अतिसूक्ष्म कण अन्त:प्रद्रव्यी जालिका की बाह्य सतह तथा कोशिका द्रव्य में मुक्त रूप से वितरित पाये जाते हैं। प्रत्येक कण दो उप-इकाइयों से बने होते हैं, जिनको छोटी तथा बड़ी उप-इकाइयाँ कहते हैं। इनमें प्रोटीन तथा राइबोसोमल आर.

ख राइबोसोम का क्या कार्य है अ वृद्धि ब श्वसन स प्रोटीन संश्लेषण द गति?

राइबोसोम साइटोप्लाज्म (cytoplasm) के भीतर तैरते या एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम (endoplasmic reticulum) से जुड़ा पाया जा सकता है. अर्थार्त राइबोसोम का मुख्य कार्य अमीनों अम्ल के द्वारा प्रोटीन संश्लेषण में सहायता करना है.

संबंधित पोस्ट

Toplist

नवीनतम लेख

टैग