हमारे शरीर में वसा का पाचन कैसे होता है? यह प्रक्रम कहाँ होता है? उदर से प्राप्त अम्लीय और अधपची वसा का पाचन क्षुद्रांत्र में होता है। यह भाग यकृत से पित्त रस प्राप्त करता है। इसे अग्नाशयी रस से लाइपेज़ प्राप्त हो जाता है। अग्नाशयिक ऐंज़ाइमों की क्रिया के लिए पित्त रस इसे क्षारीय बनाता है। क्षुद्रांत्र में वसा बड़ी गोलिकाओं के रूप में होता है जिस कारण उस पर ऐंजाइम का कार्य कठिन हो जाता है। पित्त लवण उन्हें छोटी-छोटी गोलिकाओं में खंडित कर देता है जिससे ऐंजाइम की क्रियाशीलता बढ़ जाती है। अग्नाशय से प्राप्त होने वाले अग्नाशयिक रस में इमल्सीकृत वसा का पाचन करने के लिए लाइपेज़ ऐंजाइम होता है। क्षुद्रांत्र की भित्ति में ग्रंथि होती है जो आंत रस स्त्रावित करती है जो वसा अम्ल तथा ग्लिसरॉल में बदल देती है। 3128 Views पादप में जाइलम उत्तरदायी है
509 Views मनुष्य में वृक्क एक तंत्र का बहग है जो संबंधित है-
269 Views पायरूवेट के विखंडन से यह कार्बन डाइऑक्साइड, जल तथा ऊर्जा देता है और यह क्रिया होती है
241 Views स्वपोषी पोषण के लिए आवश्यक है
133 Views |