पेड़ पौधों का संरक्षण कैसे करें? - ped paudhon ka sanrakshan kaise karen?

Solution : संरक्षण के लिए कुछ उपाय निम्नलिखित हैं-
(i) बड़े पैमाने पर पेड़ों को काटना, वनोन्मूलन रोकना चाहिए।
(ii) बंजर, बेकार पड़ी भूमि पर अधिक-से-अधिक पौधे लगाकर वन लगाने/उगाने चाहिएँ।
(iii) स्थानीय लोगों को वन प्रबंधन तथा वनों को उपयोग करने के अधिकार दिए जाने चाहिएँ।
(iv) इमारती लकड़ी के व्यापार के लिए बिना अनुमति के पेड़ों को काटना रोका जाना चाहिए।
(v) अभयारण्य, राष्ट्रीय उद्यान का जीवमंडल सुरक्षित क्षेत्र बनाकर वनों तथा वन्य जीवन को संरक्षण प्रदान किया जाना चाहिए।
(vi) राष्ट्रीय नियम तथा कानूनों को लागू करके तथा लोगों को वनोन्मूलन की हानियों के बारे में जागरूक करके।
(vii) भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा संचालित पर्यावरण जागरुकता अभियान में सभी स्कूलों व कॉलेजों की भागीदारी सुनिश्चित करके।
(viii) स्कूल व कॉलेजों में इको क्लब स्थापित कर विद्यार्थियों की भागीदारी सुनिश्चित करके। प्रकृति, वन व वन्य जीवन से प्यार करने वाले अध्यापकों को इन गतिविधियों का संरक्षक बनाकर।

जागरण संवाददाता, करनाल : भारत विकास परिषद राधा कृष्ण द्वारा पर्यावरण पखवाडे़ के अंतर्गत सेक्टर आठ के पार्क में पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। पौधरोपण करने के बाद जिलाध्यक्ष अशोक सुखीजा ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए पेड़-पौधों का संरक्षण करना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति को अपने आसपास पौधे लगाने चाहिए। इससे वातावरण भी हराभरा रहेगा और शुद्ध हवा भी मिलेगी। इस अभियान के प्रकल्प प्रमुख गौरव खुराना व प्रवीण भ्याना रहे। अध्यक्ष वीर विक्रम कुमार, सचिव धनेन्द्र वशिष्ठ ने कहा कि हमें नैतिक जिम्मेवारी के साथ पेड़-पौधो की अपने बच्चों की तरह परवरिश करनी चाहिए। ताकि भविष्य में ये पेड़-पौधे आमजन के फल-फूल के साथ-साथ छाया भी दें। वशिष्ठ ने बताया कि यह पौधरोपण अभियान दस दिनों तक चलेगा व इसकी समाप्ति पर पेंटिग व स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाएगा। अर्बन मंडल के अध्यक्ष कुलदीप शर्मा व प्रकल्प प्रमुख गौरव खुराना व प्रवीण भ्याना ने कहा लगातार घटते वनों से प्रकृति को काफी नुकसान हो रहा है हम सबको एक-एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष अशोक सुखीजा, भाजपा अर्बन मंडल के अध्यक्ष कुलदीप शर्मा, परिषद के संरक्षक नंद खुराना, अध्यक्ष वीर विक्रम कुमार, सचिव धनेन्द्र वशिष्ठ मुकेश पोपली, शशि व गुलशन नारंग मौजूद रहे।

जागरण फॉलो करें और रहे हर खबर से अपडेट

  • Facebook
  • Twitter
  • YouTube
  • Google News
  • Download App

संवाद सहयोगी, कनीना :इइ पर्यावरण को संरक्षित रखने में पेड़ पौधों का अहम योगदान होता है। इसी प्रकार आहार श्रृंखला को आगे बढ़ाने में पक्षियों की भी अहम भूमिका होती है। पेड़-पौधे जहां जीवनदायिनी आक्सीजन देते हैं वहीं खाद्य, जल एवं आहार श्रृंखला को आगे बढ़ाने में पक्षियों का भी बड़ा योगदान होता है।

पेड़ पौधे की कमी से आक्सीजन की कमी होती चली जाएगी जिससे जीना दूभर हो जाएगा। ऐसे में पेड़ पौधे जीवन को बचाने में ही नहीं अपितु पर्यावरण को सुरक्षित रखने में भी अहम रोल अदा कर रहे हैं। अगर पेड़ पौधे कम हो जाएंगे तो पक्षियों का आश्रय स्थल कम होता चला जाएगा। यही कारण है कि वनों की कटाई के चलते जीव-जंतु कम होते चले जाएंगे। आहार श्रृंखला में भी पेड़ पौधों की भूमिका कम नहीं है। शाकाहारी जीव जंतु पेड़ पौधों को परोक्ष एवं प्रत्यक्ष रूप से खाते हैं। यदि पेड़ पौधे नहीं होंगे तो शाकाहारी जीव कम हो जाएंगे, जिसके चलते मांसाहारी जीवों पर कुप्रभाव पड़ेगा और आहार श्रृंखला कमजोर होती चली जाएगी।

क्षेत्र में पेड़ पौधों को लगाने में समाजसेवी मंगल ¨सह, दीपचंद पहलवान आदि का प्रयास प्रशंसनीय रहा है जिन्होंने हजारों पेड़ पौधे लगाकर पर्यावरण को सुरक्षित रखने के साथ ही अन्य लोगों को भी प्रेरित किया है। आज भी क्षेत्र में कई पर्यावरणविद एवं समाजसेवी पेड़ों को बचाने में लगे हुए हैं। दैनिक जागरण ने उनमें से कुछ से बात की तो पता चला कि पेड़ पौधे लगाने एवं बचाने में उनका काफी योगदान रहा है।

कनीना के ही रहने वाले रवींद्र यादव राजस्थान में मुख्य शिक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। उन्होंने 58 वर्ष की उम्र तक सेवा के दौरान रोड़वाल में 250, बिरनवास में 200, माजरा में 150, ढीकवाड़ में 250 पौधे लगाए। वे जहां भी सेवा के दौरान रहे, वहीं पर पौधे लगाए। वे पर्यावरण प्रदूषण से बेहद परेशान हैं और पर्यावरण को साफ सुथरा बनाने के लिए प्रयासरत हैं। सेवानिवृत्ति के बाद वे अपने उन्हाणी गांव के पास स्थित खेत पर ही रहते हैं। यहां उन्होंने 300 पौधे किन्नू के तथा 250 पौधे छायादार लगा रखे हैं जिनकी वो स्वयं ही देखभाल करते हैं। उनका कहना है कि पेड़-पौधे जीवन का आधार हैं और उनकी सेवा भगवान की सच्ची सेवा होती है। इन पेड़ों पर सैकड़ों पक्षी आश्रय पाते हैं।

किसान राजेंन्द्र ¨सह कई वर्षों से कृषि पर शोध कर रहे हैं। उन्होंने क्षेत्र में पेड़ पौधे लगाने में नाम कमाया है। जहां भी जाते हैं वहीं पौध रोपण लगाते हैं। जीव जंतुओं के लिए गर्मियों में पानी का जगह-जगह प्रबंध कर रहे हैं। वे अपने खेतों में अभ्यारण्य स्थापित करने के लिए प्रयासरत थे और इसके लिए सरकार से भी सूचना प्राप्त हो चुकी है। पेड़ लगाने में नाम कमा चुके हैं। उन्होंने जीव जंतुओं को बचाने के लिए भी अभियान छेड़ा हुआ है। पर्यावरण को हो रहे नुकसान से वे बड़े ¨चतित हैं।

इसी प्रकार कनीना निवासी सूबे ¨सह, अजीत कुमार एवं करीरा के बालकिशन शर्मा भी पर्यावरण को बचाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कई जगह पेड़-पौधे लगाए हैं वहीं जीव जंतुओं की सुरक्षा करने के लिए पीपल फार एनिमल्स के सदस्य भी हैं। उनका मानना है कि पेड़ पौधे बचाए जाएंगे तो ही जीव जंतु बचेंगे और उनके बचने से इंसान की ¨जदगी बचेगी और पर्यावरण भी बचेगा। वे स्वयं पर्यावरण को बचा रहे हैं वहीं दूसरों को भी प्रेरणा दे रहे हैं।

पेड़ पौधों की सुरक्षा के लिए कौन कौन से उपाय करेंगे?

पेड़ों को बचाने के 30 उपाय ( HOW TO SAVE TREES 30 ways).
हमें वातावरण को बचाने के लिए वृक्षारोपण/पेड़ लगाने पर ज़ोर देना चाहिए।.
हमें पेड़ों को काटने का कारण पता करना चाहिए और अगर आवश्कता न हो तो पेड़ काटना नहीं चाहिए।.
अगर किसी जगह से पेड़ को काटा जा रहा है तो हमें उसके बदले में दोबारा पेड़ लगाना चाहिए।.

पेड़ों के संरक्षण की आवश्यकता क्या है?

पेड़ सूर्य की रोशनी को मोड़ने में मदद करता है और इसी वजह से गर्मी को घटाता है और पर्यावरण को स्वच्छ और ठंडा रखता है। पेड़ शुद्ध ऑक्सीजन उपलब्ध करता है और खतरनाक गैसों के निस्पंदन के द्वारा वायु प्रदूषण को घटाता है। जल वाष्पीकरण बचाने के द्वारा ये जल संरक्षण में मदद करता है।

पेड़ों को बचाने के लिए क्या करें और क्या न करें?

12. पॉलीथीन का उपयोग ना करें।.
ब्रश करते समय नल खुला न छोड़ें।.
शॉवर की जगह बाल्टी में पानी लेकर नहाएं।.
गाड़ियां धोने की बजाए बाल्टी में पानी लेकर कपड़े से साफ करें।.
आंगन व फर्श धोने की बजाए झाडू व बाद में पोंछा लगाकर सफाई करें।.
प्रतिदिन फर्श साफ करने के बाद पौंछे का पानी गमलों व पौधों में डालें।.

पेड़ पौधों की देखभाल कैसे करते हैं?

अपने पौधों के लिए हमेशा गुनगुने पानी का ही यूज करें, क्योंकि ठंडा पानी पौधे की जड़ों को शॉक कर सकता है और प्लांट को डैमेज कर सकते हैं। अपने पौधे की महीने में करीब एक बार डीप वॉटरिंग करें। इन्हें सिंक में रखें और उन पर से पानी बहने दें। ये मिट्टी की सतह पर नमक को जमने से रोकने में मदद करेगा।