पेट की टीबी क्यों होती है? - pet kee teebee kyon hotee hai?

पेट की टीबी क्यों होती है? - pet kee teebee kyon hotee hai?

आंतों में टीबी होने पर पाचन तंत्र सही से काम नहीं कर पाता है, (image- Shutterstock)

Intestinal Tuberculosis: आंतों की टीबी पाचन तंत्र के किसी भी भाग को प्रभावित कर सकती है और ज्यादातर ये छोटी और बड़ी आंत को प्रभावित करती है.

  • News18Hindi
  • Last Updated : September 01, 2021, 09:53 IST

    Tuberculosis In Intestine: आतों की टीबी (Intestinal Tuberculosis) वैसे तो हर उम्र के लोगों को प्रभावित करती है, लेकिन युवा और मध्यम आयु के लोगों में इसके संक्रमण की आंशका अधिक रहती है. इसके अलावा डाइबिटीज (Diabetes) और एचआईवी पॉजिटिव रोगियों में भी इसका संक्रमण जल्दी होता है. दैनिक जागरण में छपी ऑनली माई हेल्थ.डॉटकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक खाते ही उल्टी आना और पेट के निचले हिस्से में दर्द होना आंतों की टीबी के लक्षण हो सकते हैं.

    जानकार बताते हैं कि ये बीमारी संक्रमित थूक के संपर्क में आने, टीबी वाले बैक्टिरिया से दूषित खाने की चीजों और फेंफड़ों की टीबी के संक्रमण से आतों तक पहुंचने के कारण भी होती है. रिपोर्ट के अनुसार आंतों की टीबी पाचन तंत्र (Digestive Track) के किसी भी भाग को प्रभावित कर सकती है और ज्यादातर ये छोटी और बड़ी आंत को प्रभावित करती है. आंतों की टीबी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबर्क्युलोसिस (Mycobacterium tuberculosis) और माइकोबैक्टीरियम बोविस (Mycobacterium bovis) के कारण होती है.

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    रिपोर्ट में लिखा है कि टीबी के अन्य संक्रमणों की तुलना में आंतों की टीबी के लक्षण कुछ कम दिखाई देते हैं. इसलिए कई बार इसका पता चलने में देरी हो जाती है. दरअसल, आंतों की टीबी वैसे तो आम टीबी की तरह ही है और इसका इलाज आसानी से हो जाता है, लेकिन इलाज में देरी से आंतें बुरी तरह खराब हो जाती है.

    शरीर का वजन कम होना
    दरअसल, आंतों में टीबी के संक्रमण से खाना पचने में परेशानी होती है और पाचन खराब हो जाता है. इसके कारण शरीर को भोजन से जरूरी न्यूट्रिएंट्स नहीं मिल पाते हैं और शरीर कमजोर होने लगता है, साथ ही वजन भी कम होने लगता है.

    हल्का बुखार रहना
    रिपोर्ट के अनुसार लगतार हल्का बुखार रहना भी टीबी के लक्षण है. इसके कारण कई बार रात में बहुत तेज गर्मी का अहसास होता है और फिर तेज पसीना आता है. यदि लगातार हल्का बुखार रहे और रात में पसीना आए तो इसे कतई नरअंदाज न करें और डॉक्टर की सलाह लें.

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    खान-पान की आदतों में बदलाव
    आंतें खाना पचाने में मदद करती हैं. आंतों की टीबी होने पर खाने पीने की आदतों में बदलाव आ सकता है. भूख कम हो सकती है. खाने के प्रति अरुचि पैदा हो सकती है.

    लगातार हल्का पेट दर्द
    आंतों में टीबी होने पर बहुत से लोगों की शिकायत होती है कि उनके पेट में हल्का हल्का दर्द बना रहता है. ये दर्द कभी कम तो कभी ज्यादा हो सकता है. इसके साथ संक्रमित व्यक्ति को कब्ज की समस्या भी रहती है. जिसके कारण गैस व बदहजमी की शिकायत होती है.

    पेट में ऐंठन का होना
    पेट में तेज ऐंठन होना आंतों की टीबी का एक स्पष्ट लक्षण है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. पेट में ऐंठन रह-रहकर भी हो सकती है और कई बार ये नाभि के आसपास तेज दर्द के रूप में भी महसूस हो सकती है.

    दस्त-उल्टी होना
    दस्त आंतों की टीबी का सबसे प्रमुख लक्षण है. आंतों में टीबी से पीड़ित हर तीन में से एक व्यक्ति को दस्त की समस्या होती है. उल्टी या उल्टी महसूस होना भी इसके प्रमुख लक्षणों में से एक है. इसके कुछ रोगियों को खाना खाते ही उल्टी महसूस होने लगती है, तो कुछ को पानी पीने में भी उल्टी आती है.

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    Tags: Health, Health News, TB

    FIRST PUBLISHED : September 01, 2021, 09:53 IST

    पेट में टीवी कैसे होती है?

    डॉटकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक खाते ही उल्टी आना और पेट के निचले हिस्से में दर्द होना आंतों की टीबी के लक्षण हो सकते हैं. जानकार बताते हैं कि ये बीमारी संक्रमित थूक के संपर्क में आने, टीबी वाले बैक्टिरिया से दूषित खाने की चीजों और फेंफड़ों की टीबी के संक्रमण से आतों तक पहुंचने के कारण भी होती है.

    पेट की टीबी का इलाज कितने दिन चलता है?

    अगर छोटी आंत (स्मॉल इंटेस्टाइन) में टीबी है तो एंडोस्कोपी में पता लगता है, वहीं बड़ी आंत, कोलन और रेक्टम का टीबी कोलोनोस्कोपी में पता लगता है। डायग्नोज़ होने के बाद स्टैण्डर्ड टीबी का इलाज चलता है जो 6 महीने से लेकर 12 महीने तक का हो सकता है।

    पेट की टीबी में क्या खाना चाहिए?

    टीबी से ग्रसित व्यक्ति के लिए कुछ सब्जियां और साबुत अनाज अपनी डाइट में शामिल करना फायदेमंद हो सकता है। टीबी के रोगी ब्रोकली, टमाटर, शकरकंद तथा गाजर जैसी सब्जियां जिनमें एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होता है, और साबुत अनाज जैसे ब्रेड आदि को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।