प्रश्न करने का महत्वपूर्ण उद्देश्य क्या है? - prashn karane ka mahatvapoorn uddeshy kya hai?

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प्रश्न किसे कहते हैं? और उसका महत्व (What is a question?  And its importance)

प्रश्न करने का महत्वपूर्ण उद्देश्य क्या है? - prashn karane ka mahatvapoorn uddeshy kya hai?

प्रश्न शब्द हमारे जीवन में बहुत बड़ा महत्व रखता है। सुबह नींद से जागने के बाद और रात को सोने से पहले तक। जो कुछ भी हम देखते, सुनते, महसूस करते या कल्पना करते हैं, उनसे हमारे दिमाग में हजारों प्रकार के प्रश्न पैदा होते हैं। प्रतिदिन हमारे पास हजारों प्रकार के प्रश्न होते हैं और उनका उत्तर भी एक-एक कर हमें प्राप्त होते रहते हैं। हमारे दिमाग में उठने वाले प्रश्न और उन प्रश्नों के सार्थक उत्तर से हमारे जीवन में बहुत बड़ा परिवर्तन होता है जो हमारे जीवन की रूपरेखा को तय करती है। 

प्रश्न किसे कहते हैं? 

किसी शंका/समस्या के समाधान के लिए या किसी जानकारी या सूचना की प्राप्ति के लिए किसी व्यक्ति द्वारा उपयोग की गई भाषायी शब्द को प्रश्न कहते हैं। क्या, क्यों, कौन, कैसे, क्यों, किसका, कौन, कौन सा, कब, कहां, यह ऐसे प्रश्न सूचक शब्द हैं। जिनके उत्तर उपलब्ध हो या इन प्रश्नों के उत्तरों की अभिलाषा की जाए। ऐसे शब्दों को प्रश्न कहते हैं। सूचना या जानकारी प्रदान करने के लिये जो कुछ भी कहा या लिखा जाता है उसे उस प्रश्न का उत्तर कहते हैं।

प्रश्न का महत्व

प्रश्न शंका के समाधान के लिए भी हो सकता है। या किसी समस्या को लेकर भी हो सकता है। नींद से जागने के बाद जागने से लेकर रात को सोने तक हमारे पास सैकड़ों प्रसन्न रहते हैं। उन सैकड़ों प्रश्नों के उत्तर भी रहते हैं जो हमारी दिनचर्या को व्यवस्थित करते हैं और इसी प्रकार यह हमारे जीवन को भी व्यवस्थित करते हैं। जैसे आपने ब्रश किया इसका उत्तर हां मैंने ब्रश किया। क्या आप पढ़ते हैं? हां मैं पढ़ता हूं। प्रश्न और उत्तर दोनों एक साथ रहते हैं तभी हम किसी व्यक्ति द्वारा पूछे गए प्रश्न को और उसके उत्तर को समझ पाते हैं। आपका रोजगार, आपकी अभिलाषा, आप की शिक्षा, आपका घर, आपका गांव, आपका देश, आपका उद्देश्य, आपकी हॉबी ऐसे विभिन्न प्रकार के प्रश्न है जो हमारे मन में रहते हैं। जिसे हम पूछते हैं और उन सभी का सार्थक उत्तर भी होता है। प्रश्नों के सार्थक उत्तर के माध्यम से ही हम किसी व्यक्ति की अभिलाषा को समझ पाते हैं। 

प्रश्न के प्रकार

प्रश्न दो ही प्रकार के हो सकते हैं। इसलिए कि प्रश्न का उत्तर देने वाला भी व्यक्ति है और प्रश्न पूछने वाला भी व्यक्ति हैं। समझाने के लिए प्रश्न को वर्गीकरण करके पुस्तक में कई प्रकार बताए गए हैं। किंतु देखा जाए तो वास्तव में प्रश्न दो ही प्रकार के हो सकते हैं। इसलिए कि प्रश्न पूछने वाला अपनी बुद्धि का उपयोग कर प्रश्न पूछता है और उसका उत्तर देने वाला व्यक्ति उसी प्रश्न को समझ कर उसका उत्तर देता है। इसलिए कि प्रश्न पूछने वाला व्यक्ति अपने सेंस ऑर्गन का उपयोग प्रश्न पूछने से पहले करता है और प्रश्न का उत्तर देने वाला व्यक्ति उत्तर देने से पहले वह भी अपने सेंस ऑर्गन का उपयोग करता है।

प्रश्न करने का प्रमुख उद्देश्य क्या है?

किसी शंका/समस्या के समाधान के लिए या किसी जानकारी या सूचना की प्राप्ति के लिए किसी व्यक्ति द्वारा उपयोग की गई भाषायी शब्द को प्रश्न कहते हैं। क्या, क्यों, कौन, कैसे, क्यों, किसका, कौन, कौन सा, कब, कहां, यह ऐसे प्रश्न सूचक शब्द हैं। जिनके उत्तर उपलब्ध हो या इन प्रश्नों के उत्तरों की अभिलाषा की जाए।

प्रश्न पत्र के उद्देश्य कितने होते हैं?

स्पष्टीकरण - प्रश्नपत्र के (चत्वारि) चार उद्देश होते है। प्रश्न पत्र परीक्षा का एक महत्वपूर्ण साधन हैं।

प्रश्न कौशल क्या है इसके उद्देश्य बताते हुए प्रश्न के प्रकारों को लिखिए?

प्रश्न कौशल के घटक (Questioning skill component) प्रश्न पूछना एक उत्तम कौशल है अतः अध्यापकों का कक्षा में छात्रों से प्रश्न पूछने का ढंग प्रभावशाली होना चाहिए। प्रश्नों को अध्यापक और छात्र के मध्य एक कड़ी या संपर्क सूत्र माना जा सकता है अतः अच्छे प्रश्नों के क्या घटक हैं इनकी जानकारी आवश्यक है।

प्रश्न उत्तर से आप क्या समझते हैं?

सूचना या जानकारी प्रदान करने या जिज्ञासा के समाधान के लिये जो कुछ भी कहा या लिखा जाता है उसे उस प्रश्न का उत्तर कहते हैं