पूर्णिमा के दिन कौन सा उपाय करना चाहिए? - poornima ke din kaun sa upaay karana chaahie?

पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा अपने पूर्ण आकार में होता है. यह दिन माँ लक्ष्मी को भी अत्यंत प्रिय है. पूर्णिमा के दिन ये खास उपाय करने से आपका भाग्य सुंदर बनेगा.

चन्द्रमा मां का सूचक है और मन का कारक है. चंद्रमा कर्क राशि का स्वामी है. स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती है. घर में पानी की कमी आ जाती है. मानसिक तनाव, मन में घबराहट, मन में तरह-तरह की शंका और सर्दी बनी रहती है. व्यक्ति के मन में आत्महत्या करने के विचार भी बार-बार आते रहते हैं. चन्द्रमा जैसे-जैसे कृष्ण पक्ष में छोटा व शुक्ल पक्ष में पूर्ण होता है वैसे-वैसे मनुष्य के मन पर भी चन्द्र का प्रभाव पड़ता है.

शास्त्रों में कहा गया है कि हर पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष पर मां लक्ष्मी का आगमन होता है. आप सुबह उठकर पीपल के पेड़ के सामने कुछ मीठा चढ़ाकर जल अर्पित करें.

सफल दाम्पत्य जीवन के लिए प्रत्येक पूर्णिमा को पति-पत्नी में कोई भी चन्द्रमा को दूध का अर्ध्य अवश्य ही दें. ( दोनों एक साथ भी दे सकते है) , इससे दाम्पत्य जीवन में मधुरता बनी रहती है।

चन्द्र से अगर शुभ ग्रह छः, सात और आठ राशि में हो तो यह एक बहुत ही शुभ स्थिति है.  शुभ ग्रह शुक्र, बुध और बृहस्पति माने जाते हैं।  यह योग मनुष्य जीवन सुखी, ऐश्वर्या वस्तुओं से भरपूर, शत्रुओं पर विजयी , स्वास्थ्य, लम्बी आयु कई प्रकार से सुखी बनाता है.

जब चन्द्र से कोई भी शुभ ग्रह जैसे शुक्र, बृहस्पति और बुध दसवें भाव में हो तो व्यक्ति दीर्घायु, धनवान और परिवार सहित हर प्रकार से सुखी होता है. चन्द्र  से कोई भी ग्रह जब दूसरे या बारहवें भाव में न हो तो वह अशुभ होता है.

जिस भी व्यक्ति को जीवन में धन सम्बन्धी समस्याओं का सामना करना पड़ता है उन्हें पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय के समय चन्द्रमा को कच्चे दूध में चीनी और चावल मिलाकर "ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: चन्द्रमासे नम:"

अथवा " ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:. " मन्त्र का जप करते हुए अर्ध्य देना चाहिए. इससे धीरे धीरे उसकी आर्थिक समस्या खत्म होती है.

पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी के चित्र पर 11 कौड़ियां चढ़ाकर उन पर हल्दी से तिलक करें. अगले दिन सुबह इन कौड़ियों को लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रखें. इस उपाय से घर में धन की कोई भी कमी नहीं होती है. इसके बाद हर पूर्णिमा के दिन इन कौड़ियों को अपनी तिजोरी से निकाल कर लक्ष्मी जी के सामने रखकर उन पर हल्दी से तिलक करें फिर अगले दिन उन्हें लाल कपड़े में बांध कर अपनी तिजोरी में रखें. आप पर माँ लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी.

हर पूर्णिमा के दिन मंदिर में जाकर लक्ष्मी को इत्र और सुगन्धित अगरबत्ती अर्पण करनी चाहिए. धन, सुख समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी माँ लक्ष्मी से अपने घर में स्थाई रूप से निवास करने की प्रार्थना करें.

अपने घर के मंदिर में धन लाभ के लिए श्री यंत्र, व्यापार वृद्धि यंत्र, कुबेर यंत्र, एकाक्षी नारियल, दक्षिणवर्ती शंख रखें. इनको साबुत अक्षत के ऊपर स्थापित करना चाहिए.

पूर्णिमा की रात में 15 से 20 मिनट तक चन्द्रमा को लगातार देखें इससे नेत्रों की ज्योति तेज होती है. साथ में पूर्णिमा की रात में चन्द्रमा की रौशनी में सुई में धागा पिरोने का अभ्यास करने से नेत्र ज्योति बढ़ती है.

पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा की चाँदनी हमारे शरीर के लिए बहुत लाभदायक है. अगर पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा का प्रकाश गर्भवती महिला की नाभि पर पड़े तो गर्भ स्वस्थ होता है गर्भवती स्त्रियों को तो जरूर कुछ देर चन्द्रमा की चाँदनी में रहना चाहिए.

पूर्णिमा के दिन घर में क्या करना चाहिए?

पूर्णिमा के दिन सुबह पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाएं। पीपल के वृक्ष पर मां लक्ष्मी का आगमन होता है इसलिए इस दिन सुबह नित्य कर्मों से निवृत्त होकर पीपल के पेड़ की पूजा करें, मीठा जल अर्पण करें और धूप अगरबत्ती जलाकर माँ लक्ष्मी का आवाहन करें। पीपल के पेड़ के समक्ष घी का दीपक जलाएं और भोग में मिठाई अर्पित करें।

पूर्णिमा के दिन क्या करें और क्या ना करें?

शास्त्रों में कहा गया है कि हर पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष पर मां लक्ष्मी का आगमन होता है।.
भोजन : इस दिन किसी भी प्रकार की तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। ... .
शराब : इस दिन किसी भी हालत में आप शराब ना पिए क्योंकि इस दिन शराब का दिमाग पर बहुत गहरा असर होता है। ... .
क्रोध : इस दिन क्रोध नहीं करना चाहिए।.

पूर्णिमा के दिन क्या किया जाता है?

इस दिन पितरों के नाम पर स्नान, दान व तर्पण विधि की जाती है। सावन मास की पूर्णिमा तिथि पर महादेव के साथ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की भी पूजा करनी चाहिए। इनकी पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। सावन पूर्णिमा तिथि का समय 11 अगस्त को सुबह 10:30 से शुरू होकर अगले दिन यानी 12 अगस्त को सुबह 7:05 बजे तक रहेगा।

पूर्णिमा की रात को क्या करना चाहिए?

इस रात में चावल की खीर बनाकर महीन कपड़े से ढ़ककर उसे खुले आसमान के नीचे रख देना चाहिए। दूध, चावल और शक्‍कर तीनों ही मां लक्ष्‍मी को प्रिय हैं। अगले दिन सुबह स्‍नान के बाद खीर को मां लक्ष्‍मी के प्रसाद के रूप में परिवार के सभी सदस्‍यों को प्रसाद के रूप में बांट देना चाहिए