दूसरी बार पास होने पर लेखक के व्यवहार में क्या परिवर्तन आया? - doosaree baar paas hone par lekhak ke vyavahaar mein kya parivartan aaya?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
दूसरी बार पास होने पर छोटे भाई के व्यवहार में क्या परिवर्तन आया?


दूसरी बार पास होने पर छोटे भाई के व्यवहार में यह परिवर्तन आया कि वह पहले की अपेक्षा कुछ ज्यादा ही स्वच्छंद और मनमानी करनेवाला बन गया था। उसने ज्यादा समय मौज-मस्ती में व्यतीत करना शुरू कर दिया। उसे लगने लगा की वह पढ़े  ना पढ़े अच्छे नम्बरों से पास हो जाएगा। उसे कनकौए उड़ाने का नया शौक पैदा हो गया।

556 Views


निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए -
बड़े भाई की डाँट-फटकार अगर न मिलती, तो क्या छोटा भाई कक्षा में अव्वल आता? अपने विचार प्रकट कीजिए।


मेरे अनुसार बड़े भाई की डाँट फटकार का ही अप्रत्यक्ष परिणाम था कि छोटा भाई कक्षा में अव्वल आया। क्योंकि छोटे भाई को वैसे ही पढ़ने लिखने की अपेक्षा खेल-कूद कुछ ज्यादा ही पसंद था। उससे अपने भले  बुरे की समझ नही थी। ये तो बड़े भाई के उस पर अंकुश रखने के कारण वह घंटा दो घंटा पढाई कर लेता था जिसके कारण वह परीक्षा में अव्वल आ जाता था।

327 Views


कथा नायक की रुचि किन कार्यों में थी? 


कथा नायक की रूचि खेल कूद, कँकरियाँ उछालने, मैदानों की सुखद हरियाली, कनकौए उड़ाने, गप्पबाजी करने, कागज़ की तितलियाँ बनाने, उछलकूद करने, चार दीवारी पर चढ़कर ऊपर-नीचे कूदने, फाटक पर सवार होकर उसे मोटर कार बना कर मस्ती करने में थी।

963 Views


निम्मलिखित तत्सम, तद्भव, देशी, आगत शब्दों को दिए गए उदाहरणों के आधार पर छाँटकर लिखिए।
तत्सम                   तद्भव              देशज         आगत    (अंग्रेजी एवं उर्दू/अरबी:फारसी)
जन्मसिद्ध               आँख               दाल- भात    पोजीशन, फजीहत
तालीम, जल्दबाज़ी, पुख्ता, हाशिया, चेष्टा, जमात, हर्फ़, सूक्तिबाण, जानलेवा, आँखफोड़, घुड़कियाँ , आधिपत्य, पन्ना, मेला-तमाशा, मसलन, स्पेशल, स्कीम, फटकार, प्रात:काल, विद्वान, निपुण, भाई साहब, अवहेलना, टाइम - टेबिल


तत्सम तद्भव देशज आगत

चेष्टा
सूक्तिबाण
आधिपत्य
मेला
फटकार
प्रात:काल
विद्निपुण
अवहेलना

जानलेवा
आँखफोड़ 
पन्ना
भाईसाहब 

घुड़कियाँ

तालीम

जल्दबाजी

स्पेशल 

पुख्ता स्कीम

टाइम-टेबिल

जमात 

हर्फ़ 

तमाशा 

मसलन 

860 Views


प्रेमचंद की भाषा बहुत पैनी और मुहावरेदार है। इसीलिए इनकी कहानियाँ रोचक और प्रभावपूर्ण होती हैं। इस कहानी में आप देखेंगे कि हर अनुच्छेद में दो-तीन मुहावरों का प्रयोग किया गया है। उदाहरणत: इन वाक्यों को देखिए और ध्यान से पढ़िए -
• मेरा जी पढ़ने में बिलकुल न लगता था। एक घंटा भी किताब लेकर बैठना पहाड़ था
• भाई साहब उपदेश की कला में निपुण थे? ऐसी-ऐसी लगती बातें कहते, ऐसे-ऐसे सूक्ति बाण चलाते कि मेरे जिगर के टुकडे-टुकडे हो जाते और हिम्मत टूट जाती?
• वह जानलेवा टाइम-टेबिल वह आँखफोड़ पुस्तकें किसी की याद न रहती और भाई साहब को नसीहत और फजीहत का अवसर मिल जाता?
निम्नलिखित मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए -
सिर पर नंगी तलवार लटकना, आड़े हाथों लेना, अंधे के हाथ बटेर लगना, लोहे के चने चबाना, दाँतों पसीना आना, ऐरा-गैरा नत्थू खैरा।



मुहावरे
वाक्य  
सिर पर नंगी तलवार लटकना उधार लेने के कारण रोहन के सिर पर हमेशा साहूकार की नंगी तलवार लटकती रहती है ।
आड़े हाथों लेना पिता ने राम की गलती पर उसे आड़े हाथों लिया।
अंधे के हाथ बटेर लगना कम पढ़े-लिखे रमेश को इतनी अच्छी नौकरी का लगना जैसे अंधे के हाथ बटेर का लगना है।
लोहे के चने चबाना आजकल के नन्हें-मुन्ने बच्चों को संभालना और उनके प्रश्नों के उत्तर देना लोहे के चने चबाने की तरह है ।
दाँतों पसीना आना गणित के इन सवालों ने तो मेरे दाँतों पसीने निकाल दिए ।
ऐरा-गैरा नत्थू खैरा अब तो यही बात हो गई कि कोई भी ऐरा-गैरा आएगा और उपदेश देने लगेगा ।

777 Views


निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए -
इस पाठ में लेखक ने समूची शिक्षा के किन तौर-तरीकों पर व्यंग्य किया है? क्या आप उनके विचार से सहमत हैं?


मैं लेखक के शिक्षा पर किए व्यंग पर पूरी तरह सहमत हूँ। पाठ में बच्चों की व्यावहारिक शिक्षा को पूरी तरह नजर अंदाज किया है। पाठ में बच्चों के ज्ञान कौशल को बढ़ाने की बजाए उसे रट्टू तोता बनाने पर जोर दिया गया है जो कि सर्वाधिक अनुचित है। परीक्षा प्रणाली में आंकड़ों को महत्त्व दिया गया है। बच्चों के सर्वांगीण विकास की ओर शिक्षा प्रणाली कोई ध्यान नहीं देती है।

217 Views


Try our Mini CourseMaster Important Topics in 7 DaysLearn from IITians, NITians, Doctors & Academic Experts

Dedicated counsellor for each student

24X7 Doubt Resolution

Daily Report Card

Detailed Performance Evaluation

दूसरी बार पास होने पर लेखक के व्यवहार में क्या परिवर्तन आया? - doosaree baar paas hone par lekhak ke vyavahaar mein kya parivartan aaya?

view all courses

दूसरी बार पास होने पर लेखक के व्यवहार में क्या परिवर्तन आया? - doosaree baar paas hone par lekhak ke vyavahaar mein kya parivartan aaya?

RELATED QUESTIONS :

NCERT Hindi - स्पर्श भाग 2

NCERT Hindi - स्पर्श भाग 2

NCERT Hindi - स्पर्श भाग 2

NCERT Hindi - स्पर्श भाग 2

NCERT Hindi - स्पर्श भाग 2

NCERT Hindi - स्पर्श भाग 2

NCERT Hindi - स्पर्श भाग 2

NCERT Hindi - स्पर्श भाग 2

दूसरी बार प्रथम आने पर लेखक के व्यवहार में क्या परिवर्तन आया?

दूसरी बार पास होने पर छोटे भाई के व्यवहार में यह परिवर्तन आया कि वह पहले की अपेक्षा कुछ ज्यादा ही स्वच्छंद और मनमानी करनेवाला बन गया था। उसने ज्यादा समय मौज-मस्ती में व्यतीत करना शुरू कर दिया। उसे लगने लगा की वह पढ़े ना पढ़े अच्छे नम्बरों से पास हो जाएगा। उसे कनकौए उड़ाने का नया शौक पैदा हो गया।

कक्षा में प्रथम आने पर छोटे भाई के स्वभाव में क्या बदलाव आया?

कक्षा में प्रथम आने पर छोटे भाई को अभिमान हो गया । प्रथम आने पर लेखक के व्यवहार में बहुत परिवर्तन आया। उसे अपने आप पर बहुत घमंड होने लगा। उसने बड़े बगदी को आड़े हाथों लेने का निर्णय किया।

लेखक की हिम्मत टूटने के क्या कारण थे?

उत्तर: बड़े भाई साहब उपदेश देने की कला में बहुत निपुण थे। वे लेखक को समझाने के लिए ऐसे-ऐसे सूक्ति बाणों का प्रयोग करते थे कि लेखक के पास उनका कोई जवाब नहीं होता। लेखक की हिम्मत टूट जाती थी और उसका दिल पढ़ाई से उचट जाता था। उनकी बातों और डाँट के भय के कारण ही लेखक उनके साये से भी भागता था।

बड़े भाई साहब पाठ में लेखक ने शिक्षा प्रणाली पर व्यंग्य करते हुए क्या कहा है?

बड़े भाई साहब ने समूची शिक्षा प्रणाली पर व्यंग्य करते हुए कहा है कि ये शिक्षा अंग्रेजी बोलने, लिखने, पढ़ने पर ज़ोर देती है। आए या न आए पर उस पर बल दिया जाता है। रटने की प्रणाली पर भी ज़ोर है। अर्थ समझ में आए न आए पर रटकर बच्चा विषय में पास हो जाता है