शनिवार को करें ये काम Show 2. अगर आस-पास शनि मंदिर ना हो तो पीपल के पेड़ के आगे तेल का दीया जलाएं। अगर वो भी ना हो तो सरसों का तेल गरीब को दान करें। 3. शनिदेव को तेल के साथ ही तिल, काली उदड़ या कोई काली वस्तु भी भेंट करें। 4. भेंट के बाद शनि मंत्र या फिर शनि चालीसा का जाप करे। 5. शनि पूजा के बाद हनुमान जी की पूजा करें। उनकी मूर्ति पर सिन्दूर लगाएं और केला अर्पित करें। 6-शनिदेव की पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप करें: ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: ईश्वर की आराधना का सबसे सरल मार्ग है पूजा करना। पूजा करने से ईश्वर तुरंत प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की मनोकामना को पूर्ण करते हैं। शास्त्रों में पूजन के लिए कई तरह के नियम बनाए गए हैं जिनका पालन ना करने से पूजन का पूरा फल नहीं मिल पाता है। भगवान वराह ने वराहपुराण में पूजन के नियमों का उल्लेख किया है जिनके अनुसार पूजन में कुछ विशेष रंग के कपड़े पहनकर नहीं बैठना चाहिए। आज हम आपको यही
बताने जा रहे हैं कि पूजन में किस रंग के कपड़ों को वर्जित माना गया है। ये दो रंग हैं अशुभपूजन में नीले और काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। इन दो रंगों को शुभ कार्यों के लिए अमंगलकारी माना जाता है। पूजा में रंगों का बहुत महत्व माना जाता है। अगर आप रंगों का ध्यान नहीं रखेंगें तो हो सकता है आपके ईष्ट देवता आपसे रुष्ट हो जाएं। Buy Yellow Sapphire किस देवता की पूजा में पहनें कौन-सा रंग
Buy Blue Sapphire पूजन के अन्य नियम
पीला रंग होता है सबसे ज्यादा शुभईश्वर की पूजा एवं उपासना में पीले रंग या केसरिया रंग के कपड़े पहनना ज्यादा शुभ माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार पीले रंग को देवताओं के गुरु बृहस्पति देव से संबंधित माना जाता है। गुरु ग्रह अध्यात्म और धर्म का कारक ग्रह हैं। मान्यता है कि पूजा में पीले रंग के कपड़े पहनने से मन स्थित रहता है और मन में सकारात्मक विचार आते हैं। वहीं केसरिया और पीले रंग को अग्नि का प्रतीक माना जाता है। हिंदू धर्म ग्रंथों में पीला और केसरिया रंग को बहुत पवित्र माना गया है। ऐसा माना जाता है कि पीला रंग पहनने से मन में पवित्र विचार आते हैं। काले रंग को देखकर मन में नकारात्मक भाव आते हैं जबकि पीले रंग को देखकर मन में सकारात्मक भाव आते हैं। इसी वजह से पूजा में पीले रंग के वस्त्र पहनने चाहिए। Janm Kundali काले रंग का बुरा असरकाले रंग के बारे में कहा जाता है कि ये रंग कुछ भी लौटाता नहीं है बल्कि सब कुछ सोख लेता है। अगर आप किसी ऐसी जगह पर हैं जहां एक विशेष कंपन या शुभ ऊर्जा है तो आपके पहनने के लिए सबसे उत्तम रंग काला है क्योंकि ऐसी जगह से आप शुभ ऊर्जा ज्यादा से ज्यादा अवशोषित कर सकते हैं। इसी प्रकार दुनिया से विदा लेते हुए सफेद रंग के वस्त्र में शव को इसलिए लपेटा जाता है क्योंकि उस समय शरीर लाखों-करोड़ों चीज़ों के संपर्क में होता है और ऐसे में सफेद रंग सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि आप कुछ भी ग्रहण करना नहीं चाहते हैं। आप सब कुछ वापिस कर परावर्तित कर देना चाहते हैं। Free Rudraksha Calculator अब अगर आप पूजन का पूर्ण फल प्राप्त करना चाहते हैं तो रंगों से जुड़ी इन बातों का विशेष ध्यान रखें। शनि देव के अलावा और किसी भी भगवान की पूजा में नीले या काले रंग के वस्त्र ना पहनें। Horoscope 2019 किसी भी जानकारी के लिए Call करें : 8882540540 ज्योतिष से संबधित अधिक जानकारी और दैनिक राशिफल पढने के लिए आप हमारे फेसबुक पेज को Like और Follow करें : Astrologer Online Puja में कैसे कपड़े पहने जाते हैं?अगर भगवान की पूजा मे सबसे शुभ रंग के कपड़ों को पहनने की बात हो तो आप पीलें रंग के कपड़ों को पहन सकते है पीले रंग के अलावा आप केसरिया , लाल रंग का भी वस्त्र पहन सकते है इस रंग के वस्त्रों को पहनने से आपके मन मे सकारात्मक विचार बने रहते है और आपका हर काम सफलतापूर्वक सम्पन्न होता है।
पूजा में कौन सा रंग पहनना चाहिए?पीला रंग होता है सबसे ज्यादा शुभ
ईश्वर की पूजा एवं उपासना में पीले रंग या केसरिया रंग के कपड़े पहनना ज्यादा शुभ माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार पीले रंग को देवताओं के गुरु बृहस्पति देव से संबंधित माना जाता है।
हम काले कपड़े क्यों नहीं पहन सकते?इस परंपरा के पीछे न सिर्फ धार्मिक बल्कि मनोवैज्ञानिक तथ्य भी छिपा है, जो इस प्रकार है... इसलिए शुभ कामों में नहीं पहने जाते काले कपड़े... - मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो काले रंग को निराशा का प्रतीक माना गया है, जबकि लाल रंग को सौभाग्य का। क्या नवरात्रों में अलग-अलग रंग के कपड़े पहनने का भी कोई महत्व है?
काले कपड़े क्यों पहनते हैं?काले कपड़े पहनने का कारण
इस दिन के ठीक कुछ दिन पहले सीजन की सबसे ज्यादा ठंड पड़ती है और विज्ञान के हिसाब से ऐसा माना जाता है कि काला रंग गर्मी को अपने अंदर सोख लेता है, जिससे शरीर में गर्मी बनी रहती है। इसलिए लोग इस दिन काले रंग के कपड़े पहनते हैं जिससे वे सर्दी से अपना बचाव कर सके और ठीक से त्यौहार मना सकें।
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