पहाड़ों पर चढ़ने वाले लोगों को पहाड़ों पर ज्यादा शक्ति की जरूरत क्यों होती है? - pahaadon par chadhane vaale logon ko pahaadon par jyaada shakti kee jaroorat kyon hotee hai?

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One Line Answer

पहाड़ों पर ज़्यादा शक्ति की ज़रूरत क्यों होती है?

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Solution

पहाड़ों पर हम गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध चढ़ते हैं। वहाँ की सतह भी ऊँची-नीची होती है जिससे हमें पहाड़ों पर चढ़ने के लिए काफी उर्जा की जरूरत होती है।

Concept: डायरी : कमर सीधी, ऊपर चढ़ो!

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Chapter 9: डायरी : कमर सीधी, ऊपर चढ़ो! - पता करो और लिखो [Page 80]

Q 4Q 3Q 5

APPEARS IN

NCERT Environmental Studies - Looking Around Class 5 CBSE [पर्यावरण अध्ययन - आस पास कक्षा ५]

Chapter 9 डायरी : कमर सीधी, ऊपर चढ़ो!
पता करो और लिखो | Q 4 | Page 80

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विषयसूची

  • 1 आप पहाड़ों पर रास्तों के बारे में क्या सोचते हैं चित्र बनाएं?
  • 2 क्या आपने कभी किसी पहाड़ पर चढ़ने की कोशिश की है?
  • 3 पहाड़ी इलाकों में रास्ते कैसे होते हैं?
  • 4 पर्वत रोही के पास क्या क्या सामान होना चाहिए?
  • 5 ऊंचाई पर चढ़ने पर आप अपने शरीर में कौन कौन से परिवर्तन महसूस करते हैं?
  • 6 पहाड़ों पर रास्ता कैसे बनाया जाता है?
  • 7 सबसे अच्छी शिलाजीत कौन सी है?
  • 8 पहाड़ के ऊपर क्या होता है?
  • 9 चट्टान और पर्वत में क्या अंतर है?
  • 10 पहाड़ से पानी कैसे निकलता है?

आप पहाड़ों पर रास्तों के बारे में क्या सोचते हैं चित्र बनाएं?

पहाड़ पर चढ़ने के रास्ते कैसे-कैसे होते होंगे, चित्र बनाओ। प्रश्न 1. ग्रुप लीडर की जिम्मेदारियों के बारे में तुम क्या सोचते हो।…Quick Resources.

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पहाड़ पर चढ़ने के लिए क्या आवश्यक नहीं है?

इसे सुनेंरोकें▬ पहाड़ों पर चढ़ने के लिए एक मोटी रस्सी की जरूरत पड़ती है। उसके अलावा लंगर, हुुक, कील लगे जूते और हाथ में पहनने के लिये दस्तानों की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा पानी की बोतल, खाने के पैकेट, ऑक्सीजन आदि वस्तुओं की जरूरत भी पढ़ती है। ◉ रस्सी और हुक का इस्तेमाल किसी और चीज़ में होते देखा है?

क्या आपने कभी किसी पहाड़ पर चढ़ने की कोशिश की है?

इसे सुनेंरोकेंप्रश्न 1. क्या आपने कभी किसी पहाड़ पर चढ़ने की कोशिश की है? उत्तर: नहीं, हमने कभी किसी पहाड़ पर चढ़ने की कोशिश नहीं की है।

पहाड़ों पर ज्यादा शक्ति की जरूरत क्यों पड़ती है?

इसे सुनेंरोकेंपहाड़ों पर ज्यादा शक्ति की जरूरत क्यों पड़ती है? उत्तर: पहाड़ों पर हम गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध चढ़ते हैं। वहाँ की सतह भी ऊँची-नीची होती है जिससे हमें पहाड़ों पर चढ़ने के लिए काफी उर्जा की जरूरत होती है।

पहाड़ी इलाकों में रास्ते कैसे होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंमिट्टी ढीली होने से होता है भूस्खलन विशेषज्ञों ने बताया कि सड़कों के निर्माण या चौड़ीकरण के दौरान चट्टानों को डायनामाइड से उड़ाया जाता है। इस प्रक्रिया से पहाड़ों में अस्थिरता पैदा होती है और वहां लगी वनस्पति हट जाती है। नतीजा यह होता है कि वहां की मिट्टी ढीली हो जाती है और जिससे लगातार भूस्खलन होता है।

पहाड़ों पर चढ़ने वाले को क्या कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंपरिस्थितियों के आधार पर पर्वतारोही भिन्न-भिन्न आश्रयों का प्रयोग करते हैं। पहाड़ों में मौसम बहुत अप्रत्याशित हो सकता है इसलिए आश्रय पर्वतारोही के लिए सुरक्षा का बहुत महत्वपूर्ण पहलू है। ऊंचे पहाड़ों पर कई दिनों तक डेरा डालने की आवश्यकता हो सकती है।

पर्वत रोही के पास क्या क्या सामान होना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंपर्वतारोहण करने के लिए खास फेब्रिक से बने कपड़े ही पहने जाते हैं, जो पर्वतारोही के शरीर को गरम रखते हैं। मोजे, जूते और एक छोटा बैकपैक भी होना चाहिए जिसमें आप अपनी जरूरत का सामान रख सकें। हेलमेट, हार्नेस, लंबी रस्सी इन्हीं जरूरी चीजों में शुमार है।

पहाड़ों पर चढ़ने वाले लोगों को पहाड़ों पर ज्यादा शक्ति की जरूरत क्यों होती है?

ऊंचाई पर चढ़ने पर आप अपने शरीर में कौन कौन से परिवर्तन महसूस करते हैं?

इसे सुनेंरोकेंऊंचे पर्वतों में, वायुमंडलीय दाब कम होता है और इस कारण से सांस के लिए ऑक्सिजन की कमी होती है। यह ऐटीट्यूड सिकनेस का आधारभूत कारण है।

असली शिलाजीत को कैसे पहचाने?

इसे सुनेंरोकेंजिस शिलाजीत को जलते हुए कोयलों के उपर रखने से धुंआ न उठे, लेकिन लगातार जलने के बाद यह बहने लग जानी चाहिए. साथ ही जब उसे जीभ पर रखें तो उसका स्वाद कड़वा हो तो समझना चाहिए कि वो असली शिलाजीत है. इस पहचान करने का एक और तरीका ये है शिलाजीत को पानी में डाल दें और वो पानी में तार की तरह फैलने लगे तो समझिए यह असली शिलाजीत है.

पहाड़ों पर रास्ता कैसे बनाया जाता है?

इसे सुनेंरोकें▬ पहाड़ों के रास्ते बेहद घुमावदार होते हैं, इन पर चढ़ाई करना आसान नहीं होता। यह एक प्रायोगिक कार्य है, विद्यार्थी इसे स्वयं करें और चित्र बनाने का प्रयास करें। उनकी सहायता के लिए साथ में कुछ चित्र संलग्न किये गये हैं।

शिलाजीत कितने दिन खाना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंइनका प्रयोग एक माह तक करना पर्याप्त होता है, अतः शिलाजीत का भी प्रयोग एक साथ एक माह तक ही करना चाहिये।

सबसे अच्छी शिलाजीत कौन सी है?

इसे सुनेंरोकेंपतंजलि शिलाजीत काफी अच्छा शिलाजीत है और काफी सस्ता भी है। यह लिक्विड और कैप्सूल दोनों फॉर्म में आपको मिल जाएगा। अगर आप लिक्विड इस्तेमाल करना चाहते हैं तो इसे बहुत सावधानी से इस्तेमाल करना चाहिए। लिक्विड शिलाजीत को आप माचिस की तीली के मसाले जितना इस्तेमाल कर सकते हैं।

पहाड़ों पर चढ़ने के लिए कौन कौन सी चीजों की जरूरत होती है?

इसे सुनेंरोकें◉ पहाड़ों पर चढ़ने के लिए किन-किन चीजों की जरूरत पड़ती है? ▬ पहाड़ों पर चढ़ने के लिए एक मोटी रस्सी की जरूरत पड़ती है। उसके अलावा लंगर, हुुक, कील लगे जूते और हाथ में पहनने के लिये दस्तानों की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा पानी की बोतल, खाने के पैकेट, ऑक्सीजन आदि वस्तुओं की जरूरत भी पढ़ती है।

पहाड़ के ऊपर क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंपहाड़ों पर ऊंचाई के कारण समान अक्षांश के समुद्र तल की तुलना में मौसम ठंडा रहता है। ये ठंडे मौसम पहाड़ों के पारिस्थितिक तंत्र को बहुत प्रभावित करते हैं जिसके कारण अलग-अलग ऊंचाई पर अलग-अलग पौधे और जानवर मिलते हैं।

पहाड़ पर चढ़ने वाले व्यक्ति की श्वसन प्रक्रिया में क्या प्रभाव पड़ता है?

इसे सुनेंरोकेंपहाड़ पर चढ़ने वाले व्यक्ति की श्वसन प्रक्रिया में क्या प्रभाव पड़ता है? उत्तर: जब व्यक्ति ऊपर चढ़ने लगता है तब वायुमण्डलीय दाब बढ़ जाता है। जिससे बाहर की वायु बलपूर्वक फेफड़ों के अन्दर आ जाती है अर्थात् अंतःश्वसन की क्रिया होती है।

चट्टान और पर्वत में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंचट्टान से पठार तथा पर्वत दोनो बने होते है किंतु पठार की संरचना में भिन्नता होती है जैसे पठार का ऊपरी भाग सपाट जबकि पहाड़ का आकार संकु की तरह होता है।

पहाड़ों पर रहने वाले लोगों को क्या कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंजितना विशाल पहाड़ है, उतना ही विशाल यहां रहने वाले पहाड़ियों (पर्वतीय लोग) का हौंसला होता है। वें जीवन की हर परेशानियों के आगे चट्टान की तरह खड़े हो जाते हैं, लेकिन हार कभी नहीं मानते। उनकी इसी जीवटता के कारण उत्तराखंड के पहाड़ियों का गौरवशाली इतिहास रहा है। सैंकड़ों गौरव गाथाएं यहां प्रसिद्ध हैं।

पहाड़ से पानी कैसे निकलता है?

इसे सुनेंरोकेंऐसे पहाड़ो पर पानी भूमिगत न होकर तेजी से नीचे की तरफ बहता है , और जीतन भी पानी पहाड़ पर गिरता है वो नीचे एक साथ इकठ्ठा होकर एक जल धारा के रूप में बहने लगता है , अगर पहाड़ का क्षेत्रफल विशालकाय है , या आस पास कोई और पर्वत है , तब ऐसी कई जलधाराएं पहाड़ों से निकलती है एवं आगे जुड़कर एक विशाल जलधारा या नदी में परिवर्तित हो …

पहाड़ों पर चढ़ने के लिए ज्यादा शक्ति की जरूरत क्यों पड़ती है?

पहाड़ों पर ज्यादा शक्ति की जरूरत क्यों पड़ती है? उत्तर: पहाड़ों पर हम गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध चढ़ते हैं। वहाँ की सतह भी ऊँची-नीची होती है जिससे हमें पहाड़ों पर चढ़ने के लिए काफी उर्जा की जरूरत होती है।

पहाड़ पर चढ़ने के रास्ते कैसे होते हैं?

Expert-Verified Answer ▬ पहाड़ों के रास्ते बेहद घुमावदार होते हैं, इन पर चढ़ाई करना आसान नहीं होता। यह एक प्रायोगिक कार्य है, विद्यार्थी इसे स्वयं करें और चित्र बनाने का प्रयास करें। उनकी सहायता के लिए साथ में कुछ चित्र संलग्न किये गये हैं

एडवेंचर के लिए क्यों जाते हैं?

एडवेंचर में एक रोमांचकारी अनुभव होता है। इसलिये लोग एडवेंचर के लिए जाते हैं