निम्नलिखित में से कौन विचारक स्वतंत्रता और समानता को एक दूसरे का पूरक मानता था? - nimnalikhit mein se kaun vichaarak svatantrata aur samaanata ko ek doosare ka poorak maanata tha?

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स्वतंत्रता तथा समानता को एक दूसरे का पूरक माने वाले विचारक का नाम लाख की है

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ऐसा काफी स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किया गया तो स्वतंत्रता आजादी है जिसमें हमें किसी के अंदर काम नहीं करना होता समानता वह है कि जब और सारे लोग जो है एक समान है यानी कि किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं होता है तो यही स्वतंत्रता और समानता में डिफरेंस है

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कौन स्वतंत्रता और समानता को एक दूसरे का पूरक मानता है?

→रूसो को 'स्वतंत्रता एवं समानता एक-दूसरे के पूरक हैं' का समर्थक विद्वान माना जाता है।

समानता और स्वतंत्रता एक दूसरे की पूरक है समझाइए कैसे?

सामाजिक समानता में स्वास्थ्य समानता, आर्थिक समानता, तथा अन्य सामाजिक सुरक्षा भी आतीं हैं। इसके अलावा समान अवसर तथा समान दायित्व भी इसके अन्तर्गत आता है। सामाजिक समानता किसी समाज की वह अवस्था है जिसके अन्तर्गत उस समाज के सभी व्यक्तियों को सामाजिक आधार पर समान महत्व प्राप्त हो।

निम्नलिखित विचारकों में से कौन स्वतंत्रता तथा समानता को एक दूसरे का पूरक मानता है ?`?

लॉस्की स्वतंत्रता और समानता को एक दूसरे का पूरक' मानता है।

स्वतंत्रता और समानता को विरोधी मानने वाला विचार कौन है?

स्वतंत्रता तथा समानता परस्पर विरोधी है, इस विचारधारा का समर्थक रूसो था। समानता और न्याय दो ऐसे शब्द हैं जिन्हें समाज में अक्सर सुना और इस्तेमाल किया जाता है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि लिंगों का अंतर है।