मुद्रा का चलन कैसे शुरू हुआ - mudra ka chalan kaise shuroo hua

क्या है मुद्राओं का इतिहास, कब छपा पहला सिक्का, क्या हुए बदलाव

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मनुष्य के बहुत से अविष्कारों में से एक है, रुपये या मुद्रा का अविष्कार. जिसके बाद रुपयों में काफी बदलाव देखने को मिला. आइए ऐसे में जानते हैं मुद्राओं के इतिहास के बारे में, साथ ही जानते हैं पहला सिक्का कब छापा गया था.

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साल 1757 में 19 अगस्त को ईस्ट इंडिया कंपनी ने कोलकाता के रुपए का पहला सिक्का बनाया था. ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा बनाए गए पहले सिक्के को बंगाल के मुगल प्रांत में चलाया गया.

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भारत में जब आया सिक्का

भारत में सिक्के का अविष्कार देरी से हुआ. साल 1950 में पहला सिक्का ढाला गया था. भारत साल 1947 में आजाद हुआ लेकिन ब्रिटिश सिक्के साल 1950 तक देश में चलन में थे, उसी समय भारत में सिक्कों का प्रचलन हुआ था.


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1 रुपया 16 आना या 64 पैसे का मिलकर बनता था.  1 आना मतलब 4 पैसा होता था. 1957 में भारत डेसिमल सिस्टम के तहत सिक्के ढलने लगे, लेकिन कुछ समय तक डेसिमल और नॉन डेसिमल सिक्कों दोनो का ही देश में चलन था.



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कुछ समय तक भारत में 'आना' सिस्टम चला जिसमें 1 आना, 2 आना, 1/2 आना के सिक्के चलते थे. 'आना' सीरीज या प्री-डेसिमल कॉइनेज के नाम से चर्चित इन सिक्कों में 1 आना, 2 आना, 1/2 आना के सिक्के चलन में थे.


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रुपये की सबसे छोटी वैल्यू का सिक्का आधा पैसा, इसे 1947 में आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया गया. 1 पैसा, 2 पैसा, 3 पैसा, 5 पैसा, 10 पैसा, 20 पैसा और 25 पैसा, 50 पैसा के सिक्के जारी किए जो देश में लंबे समय तक चलन में रहे. जिसके बाद 1 पैसे का सिक्का 1957-1972 के बीच चलन में था. इन पर 2011 में बैन लगा दिया गया था.

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50 पैसा

ये पैसा साल 1960 से प्रयोग में लाया जा रहा है. आधिकारिक तौर पर ये सिक्का चलन से बाहर नहीं किया गया है लेकिन आजकल कोई 50 पैसे का सिक्का लेने के लिए तैयार नहीं होता है.


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1 रुपये का सिक्का

1962 से चलन में आया ये सिक्का आज भी चलता है. ये अभी भी चलन में है.


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कब आए 2, 5 और 10 के सिक्के

2 रुपया, 5 रुपया और 10 रुपये का सिक्का आज भी चलन में है. 2 रुपये का सिक्का 1982 में आया , 5 रुपये का सिक्का 1992 से चलन में आया था.


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10 का सिक्का हुआ जारी

सबसे  पहले 10 रुपये का सिक्का  साल 2016 में  जून में श्रीमद रामचंद्र की 150वीं जयंती के मौके पर जारी किया गया था.


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20 का सिक्का

साल 2019 में नरेंद्र मोदी सरकार ने ऐलान किया था कि जल्द ही 20 का सिक्का भी जारी किया जाएगा. 20 रुपये का सिक्‍का 10 रुपये के सिक्‍के से बिल्‍कुल अलग होगा. 10 रुपये के सिक्‍के में आउटर रिंग 75 फीसदी कॉपर, 20 फीसदी जिंक और 5 फीसदी रासायनिक तत्व 'निकल' होता है. जबकि अंदर की डिस्क में 65 फीसदी कॉपर, 15 फीसदी जिंक और 20 फीसदी रासायनिक तत्व 'निकल' होता है. वहीं दृष्टिबाधित लोगों के लिए 20 के सिक्‍कों को पहचानना मुमकिन होगा. हालांकि अभी 20 का सिक्का चलन में नहीं आया है.

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कौन लेता है सिक्के जारी करने की जिम्मेदारी

देश में करेंसी नोटों को छापने का काम रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से किया जाता है,  वहीं सिक्कों  के निर्माण का काम वित्त मंत्रालय  (Finance Minister) का होता है.


मुद्रा की उत्पत्ति कैसे हुई?

मुद्रा की उत्पत्ति अर्थशास्त्री और वैज्ञानिक मानते हैं कि मुद्रा एक उदगमित परिघटना (emergent market phenomenon) है, यानि जब मानव ऐसी स्थिति में होते हैं कि आपस से बड़े स्तर पर विभिन्न माल और सेवाओं का लेनदेन करें तो इस लेनेदेन को सरल बनाने के लिए वे जल्दी ही किसी न किसी प्रकार की मुद्रा का आविष्कार कर लेते हैं।

रुपये की शुरुआत कब हुई?

रुपये का दशमलवीकरण १९५७ में भारत मे, १८६९ में सीलोन (श्रीलंका) में और १९६१ में पाकिस्तान में हुआ। इस प्रकार भारतीय रुपया १०० पैसे में विभाजित हो गया। भारत में पैसे को पहले नया पैसा नाम से जाना जाता था।

भारत में पहला रुपया कब और किसने चलाया?

कागज के नोटो की शुरूआत रुपयो के कागज के नोटो को सबसे पहले जारी करने वालो मे से थे बैंक ऑफ हिन्दुस्तान (1770-1832), द जनरल बैंक ऑफ बंगाल एंड बिहार (1773-75, वारेन हास्टिग्स द्वारा स्थापित) और द बंगाल बैंक(1784-91)। शुरूआत मे बैंक ऑफ बंगाल द्वारा जारी किए गए कागज के नोटो पे केवल एक तरफ ही छपा होता था।

भारत की पहली मुद्रा कौन सी है?

चंद्रगुप्‍त मौर्य के गुरु चाणक्‍य ने अपनी अर्थशास्‍त्र में इसका उल्‍लेख किया है. भारत के मध्‍यकालीन इतिहास में रुपए की वापसी 16वीं सदी में हुई. शेरशाह सूरी ने अपने शासनकाल (1540-1545) में चादी का सिक्‍का, जिसका वजन 178 कण था, रुपैया के नाम से बाजार में उतारा. रुपैया आधुनिक काल में रुपया के नाम से प्रचलित है.