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मौर्यकालीन राज्यव्यवस्था और प्रशासनमौर्यकाल की राजकीय मुद्रा “पण” थी। यह चाँदी का सिक्का था। इसका भार 3/4 तोले के बराबर था। इसके ऊपर सूर्य, चन्द्र, पीपल, मयूर, बैल, सर्प आदि के चित्र खुदे होते थे। इन्हें आहत सिक्के भी कहा जाता है। सिक्के स्वर्ण, चाँदी और तांबे के बने होते थे। इनसे बनी मुद्राओं को निम्नलिखित नामों से जाना जाता था जो इसप्रकार हैं। 1. मुद्रा काकणी किस धातु का बना होता था ?
अन्य संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य- अकबरने दिल्ली में एक शाही – टकसाल का निर्माण कराया और अब्दुस्समद को उसका प्रधान नियुक्त किया। अबुल फजल के अनुसार – मुगल काल में सोने के सिक्के बनाने की 4टकसालें,चाँदी के सिक्कों के लिए 14 टकसालें तथा ताँबे के सिक्कों के लिए 42 टकसालें थी।
मुहर-यह एक सोने का सिक्का था जिसे अकबर ने अपने शासन काल के आरंभ में चलाया था।इसका मूल्य 9रु. (आइने-अकबरी के अनुसार) था। मुगल का सबसे अधिक प्रचलित सिक्का था। शंसब-अकबर द्वारा चलाया गया सबसे बङा सोने का सिक्का जो 101 तोले का होता था।जो बङे लेन-देन में प्रयुक्त होता था। इलाही-अकबर द्वारा चलाया गया सोने का गोलाकार सिक्का था। इसका मूल्य 10 रु. के बराबर था। रुपया-शुद्ध चाँदी का वर्गाकार या चौकोर सिक्का इसे (शेरशाहद्वारा प्रवर्तित) इसका वजन 175ग्रेन होता था। जलाली-चाँदी का वर्गाकार या चौकोर सिक्का। इसे अकबर ने चलाया। दाम-अकबर द्वारा चलाया गया ताँबे का सिक्का जो रुपये के 40वें भाग के बराबर होता था। जीतल-ताँबे का सबसे छोटा सिक्का। यह दाम के 25वें भाग के बराबर होता था।इसे फुलूस या पैसा कहा जाता था। निसार-जहाँगीरद्वारा चलाया गया ताँबे का सिक्का जो रुपये के चौथाई मूल्य के बराबर होता था। आना-दाम और रुपये के बीच आना नामक सिक्के का प्रचलन करवाया। मुगलकालीन माप की इकाई-सिकंदरी गज-
इलाही गज-
कोवाङ-
बहार-
कैण्डी-
reference :https://www.indiaolddays.com/ Back to top button मौर्य काल में चांदी के सिक्के को क्या कहा जाता है?मौर्यकाल का मुख्य चांदी का सिक्का पण कहलाता था।
मौर्य काल में तांबे के सिक्के को क्या कहते थे?मौर्यकालीन के सिक्के का नाम (तमगा) था।
मौर्य काल में कौन सा सिक्का चलता था?मौर्यकाल की राजकीय मुद्रा “पण” थी। यह चाँदी का सिक्का था। इसका भार 3/4 तोले के बराबर था। इसके ऊपर सूर्य, चन्द्र, पीपल, मयूर, बैल, सर्प आदि के चित्र खुदे होते थे।
मौर्य साम्राज्य में प्राचीन मुद्रा का नाम क्या था?उस समय की मुद्रा पण थी। अर्थशास्त्र में इन पणों के वेतनमानों का भी उल्लैख मिलता है। न्यूनतम वेतन 60 पण होता था जबकि अधिकतम वेतन 48,000 पण था।
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