मौर्य साम्राज्य में प्रचलित चांदी का सिक्का क्या कहलाता था? - maury saamraajy mein prachalit chaandee ka sikka kya kahalaata tha?

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मौर्यकालीन राज्यव्यवस्था और प्रशासन

मौर्यकाल की राजकीय मुद्रा “पण” थी। यह चाँदी का सिक्का था। इसका भार 3/4 तोले के बराबर था। इसके ऊपर सूर्य, चन्द्र, पीपल, मयूर, बैल, सर्प आदि के चित्र खुदे होते थे। इन्हें आहत सिक्के भी कहा जाता है।

सिक्के स्वर्ण, चाँदी और तांबे के बने होते थे। इनसे बनी मुद्राओं को निम्नलिखित नामों से जाना जाता था जो इसप्रकार हैं।
स्वर्ण सिक्के–निष्क एवं सुवर्ण
चाँदी के सिक्के–पण, रूप्य, धरन, शतमान
ताँबे के सिक्के–माषक, भाषक एवं कांकणी
कार्षापण चाँदी एवं तांबे को मिलाकर बनाया जाता था। 

1. मुद्रा काकणी किस धातु का बना होता था ?
उत्तर :- तांबे का
2. मेगास्थनीज ने एक मार्ग निर्माण अधिकारी का उल्लेख किया है जिसे कहा जाता था ?
उत्तर :-एग्रोनोमोई
3. कौटिल्य ने अर्थशास्त्र में शूद्रों को मलेच्छों से भिन्न दर्जा देते हुए कहा है ?
उत्तर :- आर्य
4. अर्थशास्त्र के अनुसार वैसी स्त्रियां जो घर से बाहर नहीं निकलती थीं, कहा जाता था ?
उत्तर :- अनिष्कासिनी
5. मौर्यकाल में सूती वस्त्र के प्रमुख केन्द्र थे-
उत्तर :- काशी, बंग, पुण्डु, कलिंग और मालवा
6. मौर्यकाल में मुद्राओं को जारी करने का अधिकार किसे था ?
उत्तर :-लक्षणाध्यक्ष एवं सौवर्णिक को
7. कौटिल्य ने कितने दासों का उल्लेख किया है ?
उत्तर :- नौ प्रकार के
8. मेगास्थानीज ने अपनी पुस्तक इंडिका में शिल्पियों को स्थान दिया है ?
उत्तर :- चौथा
9. मौर्यकाल में सिंचाई कर निर्धारित था- उपज का 1/5 से 1/3 भाग
मौर्यकाल में समस्त निर्मित वस्तुओं को जिसकी देखभाल में बाजारों में बेचा जाता था, उसे क्या कहा जाता था ?
उत्तर :-पण्याध्यक्ष
10. मौर्यकाल में रेशम का किस देश से आयात होता था ?
उत्तर :- चीन से।
प्राचीन भारत का इतिहास
11. अर्थशास्त्र में शीर्षस्थ अधिकारी के रूप में 18 तीर्थों का उल्लेख मिलता हैजिन्हें एक अन्य नाम से भी जाना जाता है ?
उत्तर :- महामात्र
12. सर्वाधिक महत्वपूर्ण तीर्थों में तीन कौन थे, जिन्हें करीब 48,000 पण वार्षिक वेतन के रूप में मिलता था ?
उत्तर :- पुरोहित, महामंत्री और सेनापति
13. राजस्व विभाग का प्रमुख अधिकारी जिसका मौर्य प्रशासन के अन्तर्गत मुख्य कार्य राजस्व इक्ट्ठा करना था, क्या कहलाता था ?
उत्तर :- समाहर्ता
14. मौर्य काल में राजकीय कोष के अधिकारी को कहा जाता था- सत्रिधाता
15. फैाजदारी न्यायालय के न्यायाधीश को कहा जाता था ?
उत्तर :- प्रदेष्टा
16. मौर्य प्रशासन के अन्तर्गत राजकीय आदेशों को लिपिबद्ध कराने वाला एवं राजकीय कागजातों को सुरक्षित रखने वाला मुख्य अधिकारी था ?
उत्तर :- प्रशास्ता
17. अर्थशास्त्र में 28 अध्यक्षों का विवरण मिलता है जिन्हें यूनानी लेखकों ने क्या कहा है ?
उत्तर :- मजिस्ट्रेट
18. युद्ध क्षेत्र में सेना का नेतृत्व करने वाला अधिकारी क्या कहलाता था ?
उत्तर :- नायक
19. कौटिल्य ने अर्थशास्त्र में गुप्तचरों को कहा है-
उत्तर :- गूढ पुरूष
20. गुप्तचर विभाग जिसके अधीन कार्य करता था, उसे कहा जाता था ?
उत्तर :- महामात्यापसर्प
21. अशोक के समय जनपदीय न्यायाधीश को कहा जाता था ?
उत्तर :- राजुक
22. मौर्य काल में भूमि कर उपज का कितना भाग निर्धारित था ?
उत्तर :- 1/6 से 1/4 भाग
23. कौटिल्य के अर्थशास्त्र में उल्लेखित मौर्यकालीन मुद्रा कार्षापण किस धातु का बना होता था ?
उत्तर :-चांदी एव तांबे ।

मौर्य साम्राज्य में प्रचलित चांदी का सिक्का क्या कहलाता था? - maury saamraajy mein prachalit chaandee ka sikka kya kahalaata tha?

अन्य संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य-

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अकबरने दिल्ली में एक शाही – टकसाल का निर्माण कराया और अब्दुस्समद को उसका प्रधान नियुक्त किया।

अबुल फजल  के अनुसार – मुगल काल में सोने के सिक्के बनाने की 4टकसालें,चाँदी के सिक्कों के लिए 14 टकसालें तथा ताँबे के सिक्कों के लिए 42 टकसालें थी।

  • मुगल काल में टकसाल के अधिकारी को दरोगा कहा जाता था।
  • जहाँगीरके कुछ सिक्कों पर उसे हाथ में शराब का प्याला लिए हुए दिखाया गया है।
  • अकबर के सिक्कों पर राम-सीता की आकृति तथा सूर्य चंद्रमा की महिमा में वर्णित कुछ पद्य भी मिलते हैं।
  • अकबर ने असीरगढ विजय की स्मृति में अपने सिक्कों पर बाज की आकृति अंकित करायी।
  • औरंगजेब ने सिक्कों पर कलमा खुदवाना बंद करा दिया उसके कुछ सिक्कों पर मीर-अब्दुल बाकी शाहबई द्वारा रचित पद्य अंकित करवाया।

मुहर-

यह एक सोने का सिक्का था जिसे अकबर ने अपने शासन काल के आरंभ में चलाया था।इसका मूल्य 9रु. (आइने-अकबरी के अनुसार) था। मुगल का सबसे अधिक प्रचलित सिक्का था।

शंसब-

अकबर द्वारा चलाया गया सबसे बङा सोने का सिक्का जो 101 तोले का होता था।जो बङे लेन-देन में प्रयुक्त होता था।

इलाही-

अकबर द्वारा चलाया गया सोने का गोलाकार सिक्का था। इसका मूल्य 10 रु. के बराबर था।

रुपया-

शुद्ध चाँदी का वर्गाकार या चौकोर सिक्का इसे (शेरशाहद्वारा प्रवर्तित) इसका वजन 175ग्रेन होता था।

जलाली-

चाँदी का वर्गाकार या चौकोर सिक्का। इसे अकबर ने चलाया।

दाम-

अकबर द्वारा चलाया गया ताँबे का सिक्का जो  रुपये के 40वें भाग के बराबर होता था।

जीतल-

ताँबे का सबसे छोटा सिक्का। यह दाम के 25वें भाग के बराबर होता था।इसे फुलूस या पैसा कहा जाता था।

निसार-

जहाँगीरद्वारा चलाया गया ताँबे का सिक्का जो रुपये के चौथाई मूल्य के बराबर होता था।

आना-

दाम और रुपये के बीच आना नामक सिक्के का प्रचलन  करवाया।

मुगलकालीन माप की इकाई-

सिकंदरी गज-

  • यह 39अंगुल या 32इंच (अंक) की होती थी।

इलाही गज-

  • यह 41अंगुल या 33इंच की होती थी।

कोवाङ-

  • दक्षिणी भारत में सूती-ऊनी वस्रों के नाम की इकाई।

बहार-

  • अरब व्यापारियों ने समुद्री तटों पर तोल की इस इकाई को लागू किया था।

कैण्डी-

  • गोवा में प्रचलित तोल की इकाई।

reference :https://www.indiaolddays.com/

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मौर्य काल में चांदी के सिक्के को क्या कहा जाता है?

मौर्यकाल का मुख्य चांदी का सिक्का पण कहलाता था।

मौर्य काल में तांबे के सिक्के को क्या कहते थे?

मौर्यकालीन के सिक्के का नाम (तमगा) था।

मौर्य काल में कौन सा सिक्का चलता था?

मौर्यकाल की राजकीय मुद्रा “पण” थी। यह चाँदी का सिक्का था। इसका भार 3/4 तोले के बराबर था। इसके ऊपर सूर्य, चन्द्र, पीपल, मयूर, बैल, सर्प आदि के चित्र खुदे होते थे।

मौर्य साम्राज्य में प्राचीन मुद्रा का नाम क्या था?

उस समय की मुद्रा पण थी। अर्थशास्त्र में इन पणों के वेतनमानों का भी उल्लैख मिलता है। न्यूनतम वेतन 60 पण होता था जबकि अधिकतम वेतन 48,000 पण था