अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की लड़ाई लड़ने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को कौन नहीं जानता। लेकिन भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में अपने प्राण तक न्यौछावर करने वाले इस महात्मा के बारे में यह 10 बातें हर कोई नहीं जानता। जानिए महात्मा गांधी के बारे में यह रोचक बातें - 1 महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। उनके पिता का नाम करमचंद गांधी तथा माता का नाम पुतलीबाई था। मोहन के माता पिता कट्टर हिंदू थे। Show
2 महात्मा गांधी के पिता करमचंद गांधी, कबा गांधी के नाम से भी जाने जाते थे। वे पश्चिमी भारत के गुजरात राज्य की एक छोटी रियासत की राजधानी पोरबंदर के दीवान थे। इसके बाद वे राजकोट और बांकानेर में भी दीवान रहे। 3 गांधी जी की माता पुतलीबाई, उनके पिता करमचंद गांधी की चौथी पत्नी थीं। पुतलीबाई अत्यंत धार्मिक महिला थीं और उनकी दिनचर्या घर और मंदिर में ही बंटी हुई थी। मोहनदास उनकी आखरी संतान थे। General Knowledge Quiz In Hindi: प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हासिल करने के लिए जनरल नॉलेज स्ट्रॉन्ग होना बेहद जरूरी है. करेंट अफेयर्स के साथ-साथ भूगोल, इतिहास की अच्छी समझ होना बेहद आवश्यक है. सामान्य ज्ञान के बिना प्रवेश परीक्षा से लेकर सरकारी नौकरी के लिए दी जाने वाली प्रतियोगी परिक्षाओं तक में कामयाब होना मुश्किल होता है.X GK Quiz In Hindi aajtak.in
Quiz In Hindi: प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हासिल करने के लिए इतिहास, भूगोल और करेंट अफेयर्स की अच्छी जानकारी होना जरूरी है. सामान्य ज्ञान के बिना प्रवेश परीक्षा से लेकर सरकारी नौकरी के लिए दी जाने वाली प्रतियोगी परिक्षाओं तक में कामयाब होना मुश्किल होता है. अगर आप भी कॉम्पिटेटिव एग्जाम क्रैक करना चाहते हैं तो जनरल नॉलेज दुरुस्त करनी जरूरी है. सवाल: भारत में सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान मासिनराम किस राज्य में स्थित है? सवाल: किस
भारतीय क्रिकेटर ने रणजी ट्रॉफी में एक से ज्यादा टीमों के लिए खेला है? सम्बंधित ख़बरेंसवाल: महात्मा गांधी के पिता करमचंद गांधी किस रियासत के दीवान थे? सवाल: भारत में पंचवर्षीय योजना पहली बार कब लागू की गई थी?
सवाल: भारत में सूचना का अधिकार कब लागू हुआ? सवाल: जम्मू और कश्मीर में धारा 370 कब हटाई गई? आजतक के नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट और सभी खबरें डाउनलोड करें महात्मा गाँधी - शांति के दूतमहात्मा गाँधी का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ था। उन्होंने अपने असाधारण कार्यों एवं अहिंसावादी विचारों से पूरे विश्व की सोच बदल दी। आज़ादी एवं शांति की स्थापना ही उनके जीवन का एक मात्र लक्ष्य था। गांधी जी द्वारा स्वतंत्रता और शांति के लिए शुरू की गई इस लड़ाई ने भारत और दक्षिण अफ्रीका में कई ऐतिहासिक आंदोलनों को एक नई दिशा प्रदान की। भारतीय राष्ट्रीय पोर्टल इस विशेष आलेख के माध्यम से 'बापू' को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
महात्मा गाँधी के जीवन एवं तत्कालीन समाज की जानकारी
गांधी जी द्वारा बताई गई कुछ प्रसिद्ध सूक्तियां "अहिंसा सबसे बड़ा कर्तव्य है। यदि हम इसका पूरा पालन नहीं कर सकते हैं तो हमें इसकी भावना को अवश्य समझना चाहिए और जहां तक संभव हो हिंसा से दूर रहकर मानवता का पालन करना चाहिए।" "उस प्रकार जिएं कि आपको कल मर जाना है। सीखें उस प्रकार जैसे आपको सदा जीवित रहना हैं।" "आजादी का कोई अर्थ नहीं है यदि इसमें गलतियां करने की आजादी शामिल न हों।" "बेहतर है कि हिंसा की जाए, यदि यह हिंसा हमारे दिल में हैं, बजाए इसके कि नपुंसकता को ढकने के लिए अहिंसा का शोर मचाया जाए।" "व्यक्ति को अपनी बुद्धिमानी के बारे में पूरा भरोसा रखना बुद्धिमानी नहीं है। यह अच्छी बात है कि याद रखा जाए कि सबसे मजबूत भी कमजोर हो सकता है और बुद्धिमान भी गलती कर सकता है।" "आपको मानवता में विश्वास नहीं खोना चाहिए। मानवता एक समुद्र है, यदि समुद्र की कुछ बूंदें सूख जाती है तो समुद्र मैला नहीं होता।" "ईमानदार मतभेद आम तौर पर प्रगति के स्वस्थ संकेत हैं।" संबंधित वेबसाइटों
महात्मा गांधी के पिता कौन से रियासत के दीवान थे?उनके पिता करमचंद गांधी पोरबंदर के राजा के दीवान थे
मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म उत्तर-पश्चिमी भारत की पोरबंदर रियासत में 2 अक्टूबर 1869 को हुआ था. उनका परिवार एक अमीर ख़ानदान था. मोहनदास करमचंद गांधी के पिता, करमचंद (तस्वीर में ) पोरबंदर रियासत के राजा के दरबार में दीवान थे.
करमचंद गाँधी कहाँ के दीवान थे?वो सात वर्ष के थे जब उनका परिवार राजकोट (जो काठियावाड़ में एक अन्य राज्य था) चला गया जहॉं उनके पिता करमचंद गांधी दीवान बने।
महात्मा गांधी परिवार की दाई कौन थी?दरअसल गांधी कोई अपरिपक्व दाई मां नहीं थे. गांधी उस दौरान दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह आदि से जुड़े प्रयोग कर रहे थे. हालांकि वे अपनी वकालत में बहुत बिजी रहते थे क्योंकि उनके पास स्थानीय भारतीयों के बहुत से केस आते थे, फिर भी उन्होंने वक्त निकालकर दो घंटे एक चैरिटेबल हॉस्पिटल में फ्री सेवाएं देनी शुरू कर दी थीं.
महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता का संबोधन किसने तथा कब दिया?किसने दी थी - 4 जून 1944 को सुभाष चन्द्र बोस ने सिंगापुर रेडियो से एक संदेश प्रसारित करते हुए महात्मा गांधी को 'देश का पिता' (राष्ट्रपिता) कहकर संबोधित किया। बाद में भारत सरकार ने भी इस नाम को मान्यता दे दी।
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