➦ 1. निम्नांकित में से कौन-सा खनिज अपक्षयित पदार्थ के अवशिष्ट भार को त्यागता हुआ चट्टानों के अपघटन से बनता है - Show ➥ उत्तर - (b) बॉक्साइट ➦ 2. झारखण्ड में स्थित कोडरमा निम्नांकित से किस खनिज का अग्रणी उत्पादक है - ➥ उत्तर - (b) अभ्रक ➦ 3. निम्नांकित चट्टानों में से किस चट्टान के स्तरों में खनिजों का निक्षेपण और संचयन होता है - ➥ उत्तर - (a) तलछटी चट्टानें ➦ 4. मोनाजाइट रेत में निम्नांकित में से कौन-सा खनिज पाया जाता है - ➥ उत्तर - (c) थोरियम ➦ 5. खनिज कहाँ पाए जाते है ? ➦ 6. धात्विक और अधात्विक खनिजों के चार-चार उदाहरण दें। ➦ 7. भारत के चार महत्त्वपूर्ण लौह-अयस्क उत्पादक राज्यों के नाम
बताएँ। ➦ 8. भारत के चार महत्त्वपूर्ण मैंगनीज अयस्क उत्पादक राज्यों के नाम बताएँ। ➦ 9. भारत के चार बॉक्साइट उत्पादक राज्यों के नाम बताएँ। ➦ 10. भारत के चार प्रसिद्ध अभ्रक उत्पादक राज्यों के नाम बताएँ। ➦ 11. भारत के तीन सबसे महत्त्वपूर्ण कोयला उत्पादक राज्यों के नाम बताएँ। ➦ 12. भारत में चार राज्यों के नाम लिखें जहाँ चूना पत्थर पाया जाता है । ➦ 13. वाणिज्यिक ऊर्जा के स्रोत क्या है ? ➦ 14. परंपरागत ऊर्जा के स्रोत क्या है ? ➦ 15. गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोत क्या है ? ➦ 16. भू-तापीय ऊर्जा क्या है ? ➦ 17. गैर वाणिज्यिक ऊर्जा के छ: स्रोतों के नाम बताएँ। ➦ 18. भारत के तीन पेट्रोलियम उत्पादक क्षेत्रों के नाम बताएँ। ➦ 19. मैंगनीज अयस्क के कोई चार उपयोगों का उल्लेख करें। ➦ 20. वे कौन से दो राज्य हैं जिनमें कोयले के सबसे बड़े
भण्डार या निक्षेप हैं? ➦ 21. भारत में तेल के उत्पादन के मुख्य क्षेत्र कौन-से हैं ? ➦ 22. भारत के छ: परमाणु शक्ति केन्द्रों के नाम बताएँ। ➦ 23. 'मुंबई हाई' कहाँ स्थित है ? ➦ 24. मैंगनीज की क्या उपयोगिता है ? ➦ 25.
भारत के किन्हीं दो लौह अयस्क पेटियों के नाम लिखें। ➦ 26. पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस के दो महत्व बताएँ। (क) पेट्रोलियम शक्ति के उत्पादन का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है। इसका कारखानों, वाहनों और जहाजों आदि में खूब प्रयोग होता है। ➦ 27. नैवेली क्यों प्रसिद्ध है ? उस राज्य का नाम भी बताएँ जिसमें यह स्थित है। ➦ 1. खनिज क्या होते हैं ? इसका आर्थिक महत्व क्या है ? ➥ उत्तर - खनिज प्राकृतिक रासायनिक यौगिक हैं। इनमें संघटक और संरचना स्वरूप में समानता पाई जाती है। ये शैलों और अयस्कों के अवयव हैं। इनकी उत्पत्ति भू-गर्भ में हो रही विभिन्न भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं के द्वारा हुई है। खनिज का आर्थिक महत्व :- (क) खनिजों का अपना विशेष महत्व होता है क्योंकि मानव की प्रगति में इनका बहुत अधिक योगदान रहा है। ➦ 2. आग्नेय तथा कायांतरित चट्टानों में खनिजों का निर्माण कैसे होता है ? ➥ उत्तर - जिन चट्टानों का धरती पर सबसे पहले निर्माण हुआ उन्हें आग्नेय चट्टानें कहते हैं। इन चट्टानों का जब किसी दबाव या गर्मी के कारण रूप बदल जाता है (जैसे- चूने के पत्थर का संगमरमर में), तो उन चट्टानों को कायांतरित चट्टानें कहते हैं। आग्नेय और कायांतरित चट्टानों की दरारों, जोड़ों, छिद्रों आदि में खनिज मिलते हैं। छोटे जमाव को शिराएँ कहा जाता है जबकि बड़े जमाव परतों के रूप में पाए जाते हैं। इनका निर्माण भी प्रायः उस समय होता है जब वे तरल या गैसीय अवस्था में दरारों के सहारे भू-पृष्ठ की ओर धकेले जाते हैं। ऊपर पहुँचकर वे धरती की सतह पर ठण्डे होकर जम जाते हैं। जस्ता, तांबा, जिंक और सीसा, जैसे मुख्य धात्विक खनिज इस प्रकार छोटे या बड़े जमाओं एवं परतों में पाए जाते हैं। ➦ 3. हमें खनिजों के संरक्षण की आवश्यकता क्यों है? खनिजों के संरक्षण की किन्हीं तीन विधियों की व्याख्या करें। ➥ उत्तर - खनिजों को एक बार उपयोग करने के उपरांत उसे दुबारा नहीं पाया जा सकता। खनिजों का दुरुपयोग किया गया तो आने वाली पीढ़ियों को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए खनिजों का संरक्षण आवश्यक है। खनिजों के संरक्षण की तीन विधियाँ :- (क) खनिजों का उपयोग सुनियोजित ढंग से करना चाहिए। ➦ 4. भारत में कोयले के वितरण पर प्रकाश डालें। ➥ उत्तर - भारत में कोयले का लगभग 21400 करोड़ टन भंडार है। आजकल भारत में प्रतिवर्ष 33 करोड़ टन कोयला निकाला जाता है। कोयले के अधिकांश क्षेत्र प्रायद्वीपीय पठार के उत्तर पूर्वी भाग में पाये जाते हैं। कुल उत्पादन का दो-तिहाई कोयला झारखंड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा में निकाला जाता है। शेष एक-तिहाई कोयला आंध्रप्रदेश, पश्चिमी बंगाल, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से प्राप्त होता है। देश में प्रमुख कोयला उत्पादक क्षेत्र इस प्रकार है - (क) झारखंड - प्रमुख खनन क्षेत्र बोकारो, झरिया, गिरिडीह, रामगढ़ हैं। ➦ 5. भारत में लौह अयस्क के वितरण का वर्णन करें। ➥ उत्तर - भारत में संसार का लगभग 20 प्रतिशत लौह अयस्क भंडार हैं। भारत में लौह अयस्क का खनन मुख्यतः छत्तीसगढ़, झारखंड, उड़ीसा, गोवा और कर्नाटक राज्यों में होता है। इन राज्यों में कुल उत्पादन का 95% से भी अधिक भाग प्राप्त किया जाता है। इनके अतिरिक्त और भी कई राज्यों में लोहा पाया जाता है। देश के प्रमुख लोहा उत्पादक क्षेत्र इस प्रकार हैं - (क) छत्तीसगढ़ - इस राज्य में अधिकांश लोहा हेमेटाइट किस्म का है। यहाँ के दुर्ग, बस्तर और दांतेवाड़ा जिलों में लोहा उत्पादन किया जाता हैं। बस्तर जिले में बैलाडिला, रावघाट प्रमुख लोहा क्षेत्र
हैं। ➦ 6. भारत के किन्हीं चार लौह अयस्क पेटियों की व्याख्या करें। ➥ उत्तर - भारत के चार प्रमुख लौह अयस्क पेटियाँ :- (क) उड़ीसा-झारखण्ड पेटी :- उड़ीसा में उच्च कोटि का हेमेटाइट किस्म का लौह अयस्क मयूरभंज व केंदूझर जिलों में बादाम पहाड़ खादानों से निकाला जाता है। इसी से सन्निद्ध झारखण्ड के सिंहभूम जिले में गुआ तथा नोआमुंडी से हेमेटाइट अयस्क का खनन किया जाता है। ➦ 7. अवसादी शैल या चट्टानें किन्हें कहते हैं और इनकी क्या विशेषताएँ होती है ? ➥ उत्तर - इन शैलों का निर्माण नदियों द्वारा हजारों वर्षों से लाए गए मिट्टी, पत्थर के कणों के जमने से होता है। मिट्टी और पत्थर के कणों की एक तह के ऊपर दूसरी तह जमती जाती है और इस प्रकार अवसादी शैलों का निर्माण होता रहता है। इन चट्टानों की एक बड़ी विशेषता यह होती है कि इनमें वृक्षों एवं पशुओं के अवशेष भी दबे रहते हैं। इन अवशेषों की सहायता से वैज्ञानिकों ने इन चट्टानों के निर्माण काल का भी ज्ञान प्राप्त कर लिया है। कोयला और चूना इन शैलों के कुछ मुख्य उदाहरण हैं। ➦ 8. आग्नेय शैल या चट्टानें क्या हैं ? उनकी क्या विशेषताएँ हैं ? ➥ उत्तर - उत्पत्ति के आधार पर शैलों को तीन मुख्य श्रेणियों में बाँटा गया है :- (क) आग्नेय शैल या चट्टानें, आग्नेय शैल या चट्टानें वे हैं जो सबसे पहले उत्पन्न हुई। पृथ्वी की धरातल पर सबसे पहले उनका निर्माण हुआ, इसलिए उनको कई बार प्रारम्भिक शैल भी कह दिया जाता है। पृथ्वी के अन्दर से निकलने वाले गर्म लावा के ठण्डा हो जाने से इन शैलों का निर्माण हुआ। ऐसी चट्टानों में विभिन्न प्रकार की धातुओं के कण पाए जाते हैं। ➦ 9. कायांतरित शैल या चट्टानें क्या होती हैं? इनकी मुख्य विशेषता क्या है ? ➥ उत्तर - कायांतरित शैलें या चट्टानें आग्नेय शैलों का बदला हुआ रूप होता है। सदियों के दबाव या गर्मी के प्रभावाधीन आग्नेय या अवसादी शैलें कायांतरित शैलों में बदल जाती हैं, और नई-नई खनिज का निर्माण हो जाता है। जैसे - चूना संगमरमर में बदल जाता है और शैल स्लेट में बदल जाता है। कायांतरित शैलें या चट्टानें दोनों आग्नेय एवं अवसादी शैलों से अधिक मजबूत होती हैं और मजबूत होने के कारण उनका मूल्य भी काफी बढ़ जाता है। ➦ 10. चूना पत्थर क्या है ? यह कहाँ पाया जाता है ? ➥ उत्तर - चूना पत्थर :- चूना पत्थर कैल्शियम या कैल्शियम कार्बोनेट तथा मैगनीशियम कार्बोनेट से बनी चट्टानों में पाया जाता है। यह अधिकांशतः अवसादी चट्टानों में पाया जाता है। चूना पत्थर सीमेंट उद्योग का एक आधारभूत कच्चा माल होता है और लौह-प्रगलन की भट्टियों के लिए अनिवार्य है। ➦ 11. लौह-अयस्क के चार प्रकारों के नाम लिखें। ➥ उत्तर - लौह-अयस्क के चार प्रकार निम्नांकित हैं :- (क) मैग्नेटाइड (72 प्रतिशत लौह अंश) ➦ 12. बायोगैस से आप क्या समझते हैं ? इसके क्या लाभ हैं? ➥ उत्तर - बायोगैस अलौकिक प्रकार की ऊर्जा का एक उपयोगी स्रोत है। इसकी उत्पत्ति पशुओं और मुर्गियों के व्यर्थ पदार्थों और मनुष्य के मल-मूत्र आदि से की जाती है। गोबर गैस के प्लांट गाँवों में ग्रामीण लोगों की ऊर्जा सम्बन्धी आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं। इस प्रकार की ऊर्जा को प्रत्येक गाँव में, घरों और गलियों में रोशनी करने, खेती करने और सिंचाई के लिए प्रयोग किया जाता है। इन प्लांटों का निर्माण व्यक्तिगत रूप से या गाँव के समस्त समुदाय द्वारा किया जाता है। बड़े-बड़े शहरों में बायोगैस का उत्पादन मल से किया जाता है। ➦ 13. खेतड़ी क्यों प्रसिद्ध है ? उस राज्य का नाम भी बताएँ जिसमें यह स्थित है। ➥ उत्तर - खेतड़ी अपनी तांबा की खानों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। भारत में तांबा की बहुत कमी है इसलिए इसके आयात पर हमें बहुत-सी मुद्रा व्यय करनी पड़ती है। खेतड़ी की तांबा खाने इस प्रकार से भारत के लिए वरदान सिद्ध हुई है। इन्होंने बहुत-सी अमूल्य विदेशी मुद्रा की बचत की है। खेतड़ी राजस्थान राज्य में स्थित है। ➦ 14. लौह और अलौह खनिज में अन्तर स्पष्ट करें। ➥ उत्तर - धात्विक खनिज को दो भागों में बाँटा जाता है :- (क) लौह खनिज - वे सभी धातुएँ जिनमें लोहे का अंश होता है लौह खनिज कहलाते हैं। जैसे - लौह अयस्क, मैंगनीज, निकल और कोबाल्ट आदि। ➦ 15. वाणिज्यिक और अवाणिज्यिक ऊर्जा में अंतर बताएँ। ➥ उत्तर - वाणिज्यिक ऊर्जा और अवाणिज्यिक ऊर्जा में अंतर :- वाणिज्यिक ऊर्जा :- (a) कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, जल विद्युत तथा परमाणु ऊर्जा, आदि वाणिज्यिक उर्जा के स्रोत हैं। अवाणिज्यिक ऊर्जा :- (a) जलाऊ लकड़ी, लकड़ी का कोयला, गोबर, आदि अवाणिज्यिक ऊर्जा के स्रोत हैं। ➦ 16. परम्परागत ऊर्जा तथा गैर परम्परागत ऊर्जा के साधनों में अंतर बताएँ। ➥ उत्तर - परम्परागत ऊर्जा तथा गैर परम्परागत ऊर्जा के साधनों में अंतर :- परम्परागत ऊर्जा :- (a) यह प्राचीन काल से प्रयोग होने वाले ऊर्जा के साधन हैं जिनकी मात्रा सीमित है। गैर परम्परागत ऊर्जा :- (a) यह भी प्राचीन काल से प्रयोग होने वाले ऊर्जा के साधन हैं किन्तु आज के संदर्भ में इनका महत्व बढ़ गया है। ➦ 17. एन्थ्रेसाइट और बिटुमिनस कोयले में अंतर बताएँ। ➥ उत्तर - एन्थ्रेसाइट और बिटुमिनस कोयले में अंतर :- एन्थ्रेसाइट कोयला :- (a) यह सबसे उत्तम कोटि का कोयला है। बिटुमिनस कोयला :- (a)
यह मध्यम कोटि का कोयला है। ➦ 18. धात्विक और अधात्वि खनिज में अंतर स्पष्ट करें। ➥ उत्तर - धात्विक और अधात्विक खनिज में अंतर :- धात्विक खनिज :- (a) धात्विक खनिज विद्युत के
सुचालक होते हैं। अधात्विक खनिज :- (a) अधात्विक खनिज विद्युत के कुचालक होते हैं। ➦ 19. खनिज और अयस्क में अन्तर स्पष्ट करें। ➥ उत्तर - खनिज और अयस्क में अन्तर :- खनिज :- (a) वे प्राकृतिक पदार्थ जो पृथ्वी-तल के नीचे पाए जाते है, खनिज कहलाते हैं। जैसे - गैलेना, जिप्सम, कैल्सियम। अयस्क :- (a) वे खनिज जिनसे धातुओं को आसानी तथा कम खर्च में प्राप्त किया जा सकता है, अयस्क कहलाते है। जैसे - ऑक्साइड अयस्क, सल्फाइड अयस्क। ➦ 20. प्राकृतिक गैस और बायो गैस में अंतर स्पष्ट करें। ➥ उत्तर - प्राकृतिक गैस और बायो गैस में अंतर :- प्राकृतिक गैस :- (a) खनिज तेल के साथ तथा बिना खनिज तेल के साथ पायी जाने वाली गैस प्राकृतिक गैस
कहलाती है। बायो गैस :- (a) जैविक पदार्थों के सड़ने-गलने के बाद उत्पन्न होने वाली गैस बायो गैस कहलाती है। Coming Soon ... खनिज के क्या क्या उपयोग है?Solution : खनिजों का उपयोग कई उद्योगों में किया जाता है, खनिज कई उद्योगों हेतु कच्चे माल के रूप में प्रयोग में लाए जाते हैं। रल, सोना, चाँदी आदि खनिजों का उपयोग आभूषण निर्माण में किया जाता है। ताँबे का उपयोग सिक्कों के निर्माण से पाइप तक प्रत्येक वस्तु में किया जाता है। क्वार्ट्स का उपयोग कम्प्यूटर में किया जाता है।
खनिज पदार्थ का क्या महत्व है?खनिजों का महत्व क्या है? खनिज पदार्थ हमारे लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आधुनिक औद्योगिक उन्नति का आधार खनिज पदार्थ ही हैं। कारखानों में लगी मशीनें, पानी पर तैरते विशाल जहाज, ऊँची इमारतें, विभिन्न प्रकार की धातुओं से बनी वस्तुएं खनिज पदार्थों की देन है। देश की औद्योगिक विकास का आधार खनिज पदार्थ है।
खनिज कितने प्रकार के होते हैं?खनिज तीन प्रकार के होते हैं. यह तीन प्रकार धात्विक, अधात्विक और ऊर्जा खनिज हैं.
खनिज क्या होते हैं उदाहरण सहित बताइए?खनिज ऐसे भौतिक पदार्थ हैं जो खान से खोद कर निकाले जाते हैं। कुछ उपयोगी खनिज पदार्थों के नाम हैं - लोहा, अभ्रक, कोयला, बॉक्साइट, नमक, जस्ता, चूना पत्थर इत्यादि।
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