खून देने के बाद शरीर में क्या होता है? - khoon dene ke baad shareer mein kya hota hai?

Blood Donation Benefits आमतौर पर लोग रक्त दान करने से इसलिए डरते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे शरीर में कमज़ोरी हो जाएगी। जबकि ऐसा नहीं है ब्लड डोनेट करने से शरीर को कई फायदे मिलते हैं।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Blood Donation Benefits: हर साल एक अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस मनाया जाता है। ताकि उन सभी लोगों को धन्यवाद दिया जा सके जिन्होंने ज़िंदगियां बचाने के लिए रक्तदान किया और लोगों को इसके प्रति जागरुक भी कर सकें। अगर हर व्यक्ति हर तीन महीनें में नियमित रूप से रक्तदान करे, तो ख़ून की कमी से किसी को तकलीफ या किसी की जान नहीं जाएगी।

रक्तदान से नहीं है कोई नुकसान

आमतौर पर लोग रक्त दान से इसलिए डरते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे शरीर में कमज़ोरी हो जाएगी। जबकि ऐसा नहीं है ब्लड डोनेट करने से शरीर को कई फायदे मिलते हैं। रक्तदान से दिल की सेहत में सुधार होता है, वज़न कंट्रोल में रहता है, कैंसर जैसी बीमारियों का जोखिम कम होता है। रक्तदान से न सिर्फ आपके शरीर पर बल्कि दिमाग़ पर भी पॉज़ीटिव असर पड़ता है। ब्लड डोनेशन से आप किसी ज़रूरतमंद की जान बचाते हैं, और साथ ही आपकी सेहत को भी कई फायदे होते हैं। यही वजह है कि लोगों को इसके बारे में जागरुक करना बेहद ज़रूरी है।

आइए जानें ब्लड डोनेशन के फायदे

वज़न कंट्रोल में रहता है

रक्तदान करने से वज़न कैलोरी बर्न होती है, जिससे वज़न कम होता है। लाल रक्त कोशिकाओं का स्तर कुछ महीने में बराबर हो जाता है। साथ में अगर आप हेल्दी डाइट और वर्कआउट करते हैं, तो इससे वज़न कंट्रोल में रहेगा।

दिल हेल्दी रहता है

ब्लड डोनेट करने से आपके दिल की सेहत भी अच्छी रहती है। रक्त दान करने से शरीर में आयरन की मात्रा संतुलित रहती है। जिसका असर दिल की हेल्थ पर पड़ता है। दिल से जुड़ी बीमारियों और स्ट्रोक का ख़तरा भी कम होता है।

रेड सेल्स का उत्पादन

रक्तदान करने के बाद शरीर खून की कमी को पूरा करने में जुट जाता है। जिससे शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं ज़्यादा बनती हैं, और आपकी सेहत में सुधार आता है।

कैंसर का जोखिम कम

अगर आप नियमित रूप से रक्तदान करते रहते हैं, तो इससे आपके शरीर में आयरन की अधिकता नहीं होती। जिससे आपका शरीर कुछ खास तरह के कैंसर के जोखिम से बच सकता है।

ओवरऑल सेहत अच्छी रहती है

एक स्वस्थ व्यक्ति हर तीन महीने में रक्तदान कर सकता है। ऐसे में अगर नियमित रूप से रक्तदान करते हैं, तो इससे शरीर बेहतर सेहत की ओर जाता है। इसका असर आपको साफ अपनी फिटनेस पर दिख सकता है। ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है। ब्लड डोनेशन से आप किसी की जान बचा सकते हैं, बुरे वक्त में किसी के काम आ सकते, जो आपके दिल और दिमाग़ को अलग ही ख़ुशी और संतुष्टि देता है।

Disclaimer:लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Edited By: Ruhee Parvez

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कई लोग रक्तदान करने से हिचकिचाते हैं, मगर विशेषज्ञों का कहना है कि रक्तदान करने से दिल की सेहत में सुधार होता है. साथ ही अन्य कई फायदे भी होते हैं.

खून देने के बाद शरीर में क्या होता है? - khoon dene ke baad shareer mein kya hota hai?

Photo credit: File photo

नई दिल्ली: कई लोग रक्तदान करने से हिचकिचाते हैं, मगर विशेषज्ञों का कहना है कि रक्तदान करने से दिल की सेहत में सुधार होता है. साथ ही अन्य कई फायदे भी होते हैं.

रक्तदान से रक्तदाता के शरीर और मन दोनों पर बहुत अच्छा प्रभाव भी पड़ता है. हेल्थियंस की सीनियर लाइफस्टाइल एवं वेलनेस मैनेजमेंट कंसल्टेंट डॉ. स्नेहल सिंह बताती हैं, ‘रक्तदान, रक्तदाता के शरीर और मन दोनों पर बहुत अच्छा प्रभाव डालता है. दुख की बात यह है कि हम में से ज्यादातर लोगों को इन फायदों के बारे में पता नहीं है’.

उन्होंने कहा कि 18 से 60 साल की उम्र का कोई भी व्यक्ति रक्तदान कर सकता है. बस, इसके लिए जरूरी है कि वह स्वस्थ हो और कुछ मानकों को पूरा करता हो. अगर आपको कोई बीमारी है या आप कोई दवा ले रहे हैं तो बेहतर होगा कि रक्तदान से पहले अपने चिकित्सक से सलाह ले लें और रक्तदान के लिए हो रही जांच के समय पूरी जानकारी दें. डॉ. स्नेहल ने कहा कि हीमोग्लोबिन का स्तर सही हो और सेहत के मानक पर खरे उतरने की स्थिति में महिलाएं भी रक्तदान कर सकती हैं. मगर मासिक धर्म, गर्भावस्था और स्तनपान की स्थिति में महिलाओं को रक्तदान से बचना चाहिए.

खून देने के बाद शरीर में क्या होता है? - khoon dene ke baad shareer mein kya hota hai?

उन्होंने कहा कि पूरी सावधानी से किया जाने वाला रक्तदान सुरक्षित होता है और किसी जरूरतमंद को आपकी तरफ से दिया जा सकने वाला सबसे अच्छा उपहार हो सकता है. और हां, यह भी जानने लायक बात है कि खून को प्लाज्मा, प्लेटलेट और लाल रक्त कोशिकाओं जैसे घटकों में तोड़ा जा सकता है. इनको अलग-अलग करके एक ही रक्तदान से तीन जिंदगियां बचाई जा सकती हैं.

रक्तदान के फायदे 
दिल की सेहत में सुधार : रक्तदान करना आपके दिल की सेहत को सुधार सकता है और दिल की बीमारियों और स्ट्रोक के खतरे को कम करता है. माना जाता है कि खून में आयरन की ज्यादा मात्रा दिल के दौरे के खतरे को बढ़ा सकती है. नियमित रूप से रक्तदान करने से आयरन की अतिरिक्त मात्रा नियंत्रित हो जाती है, जो दिल की सेहत के लिए अच्छी है.

लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में वृद्धि : रक्तदान के बाद शरीर खून को पूरा करने के काम में लग जाता है. इससे शरीर की कोशिकाएं ज्यादा लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए प्रेरित होती हैं, जो आपकी सेहत को सुधार सकता है और शरीर को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है.

वजन नियंत्रण में सहायक : रक्तदान कैलोरी जलाने और वजन को कम करने में मदद कर सकता है. लाल रक्त कोशिकाओं का स्तर अगले कुछ महीने में बराबर हो जाता है. इस बीच स्वस्थ डाइट और नियमित व्यायाम से वजन नियंत्रण में मदद मिलती है. हालांकि, रक्तदान को वजन कम करने का तरीका नहीं कहा जा सकता.

कम होता है कैंसर का खतरा : नियमित अंतराल पर रक्तदान से शरीर में आयरन की अधिकता होने से बचा सकते हैं. यह कुछ निश्चित प्रकार के कैंसर के खतरे को भी कम करता है.

बेहतर सेहत : नियमित रूप से रक्तदान शरीर की कोशिकाओं को प्रोत्साहित करता है, जिससे शरीर की फिटनेस सुधरती है और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है. साथ ही रक्तदान के जरिये एक अच्छा काम करने की सोच, संतुष्टि भी देती है.

खून देने के बाद शरीर में क्या होता है? - khoon dene ke baad shareer mein kya hota hai?

स्वास्थ्य जांच का मौका : सेहत को होने वाले इन फायदों के अलावा रक्तदान की प्रक्रिया में रक्तदान से पहले आपके खून और आपकी सेहत की निशुल्क जांच भी हो जाती है. खून की जांच करके हीमोग्लोबिन के स्तर का पता लगाया जाता है और कुछ संक्रमणों, बीमारियों की आशंका की भी जांच की जाती है. खून की जांच से यह पता लगाया जाता है कि व्यक्ति रक्तदान के लिए तैयार है या नहीं. इसलिए नियमित तौर पर रक्तदान से आप अपनी सेहत पर भी नजर बनाए रख सकते हैं.
(एजेंसी से इनपुट)

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रक्तदान करने के बाद ठीक होने में कितना समय लगता है?

रक्तदान करने से शरीर में किसी तरह की कमजोरी नहीं आती है। जबकि इससे शरीर और स्वस्थ बनता है। डोनेट करने के बाद 24 घंटे में वापस शरीर में उतना ही ब्लड बन जाता है।

ब्लड डोनेट करने से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?

रक्तदान करने के बाद शरीर खून की कमी को पूरा करने में जुट जाता है। जिससे शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं ज़्यादा बनती हैं, और आपकी सेहत में सुधार आता है। अगर आप नियमित रूप से रक्तदान करते रहते हैं, तो इससे आपके शरीर में आयरन की अधिकता नहीं होती। जिससे आपका शरीर कुछ खास तरह के कैंसर के जोखिम से बच सकता है।

ब्लड देने के बाद क्या नहीं करना चाहिए?

- रक्तदान के 12 घंटे बाद तक हैवी एक्सरसाइज ना करें। - ब्लड डोनेशन के बाद चक्कर जैसा लगे, तो एक जगह बैठ जाएं, थोड़ा पानी पिएं और रिलैक्स करें। - रक्त दान करने से पहले बर्गर, पिज्जा जैसे जंक फूड का सेवन नहीं करना चाहिए। - ब्लड डोनेट करने के बाद कम से कम चार घंटे तक किसी भी नशीली चीज का सेवन करने से परहेज करना चाहिए

ब्लड देने से क्या लाभ होता है?

रक्त दान से हृदय रोग के खतरे को कम किया जा सकता है. खून में आयरन की अधिक मात्रा को जमा होने से रोकने के लिए रक्तदान बहुत ही उपयुक्त उपाय है. खून में हाई आयरन के जमा होने से ब्लड कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. रक्तदान के कई सारे स्वास्थ्य लाभ हैं लेकिन सबसे बड़ा लाभ मनोवैज्ञानिक लाभ है.