क्या हम ट्रेन से पाकिस्तान जा सकते हैं? - kya ham tren se paakistaan ja sakate hain?

Ajab Gajab News: आपने आज तक सुना होगा कि जब किसी दूसरे देश में जाते हैं तो उसके लिए वीजा (Visa) जरूरी होता है. बिना वीजा के आप किसी अन्य देश में गलती से भी नहीं जा सकते, लेकिन अगर आपसे अपने ही देश में किसी जगह पर जाने के लिए वीजा मांगा जाए तो आप हैरान ही होंगे. इस पर अगर आपसे किसी अन्य देश का वीजा (Pakistani Visa) मांगा जाए तो आपकी हैरानी दोगुनी बढ़ जाएगी.

हम आपको आज भारत में स्थित एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर जाने के लिए आपके पास पाकिस्तान का वीजा (Pakistani Visa) होना जरूरी है. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि अगर आपके पास पाकिस्तान का वीजा नहीं है और उस स्थान पर आप गलती से भी चले गए तो आपको जेल जाना पड़ सकता है. इसके अलावा जुर्माना भी भरना पड़ सकता है.

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यह जगह है भारत में स्थित एक रेलवे स्टेशन (Railway Station). यह अनोखा रेलवे स्टेशन 'अटारी रेलवे स्टेशन' (Atari Railway Station) है. आपको जानकर अजीब लगेगा कि आपको अपने ही देश के इस स्टेशन पर जाने के लिए पाकिस्तान का वीजा जरूरी है. यानी अगर आप बिना पाकिस्तानी वीजा के इस स्टेशन पर चले जाते हैं तो यह गैर कानूनी है.

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24 घंटे सुरक्षा एजेंसियों से रहता है घिरा

अटारी देश का इकलौता अंतरराष्ट्रीय एयरकंडीशनर रेलवे स्टेशन (International Air Conditioner Railway Station) है. यह पाकिस्तान के बॉर्डर (Pakistan Border) पर स्थित है. यह स्टेशन 24 घंटे खुफिया एजेंसियों और सुरक्षा एजेंसियों से घिरा रहता है. अगर इस स्टेशन पर आने वाले शख्स के पास पाकिस्तान का वीजा नहीं है, तो उसके खिलाफ 14 फॉरेन एक्ट (Section 14 of the Foreign Act) के तहत मामला दर्ज हो सकता है. इस एक्ट के तहत मामला दर्ज होने के बाद जमानत मिलना बहुत ही मुश्किल है. 

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यहीं से पाकिस्तान रवाना होती है समझौता एक्सप्रेस

बता दें कि यह वही रेलवे स्टेशन है, जहां से देश की सबसे वीआईपी ट्रेन समझौता एक्सप्रेस पाकिस्तान के लिए रवाना होती है. सबसे खास बात यह है कि अटारी रेलवे स्टेशन देश का पहला ऐसा रेलवे स्टेशन है जहां ट्रेन चलाने के लिए यात्रियों से इजाजत ली जाती है. यहां रेलवे टिकट खरीदने पर यात्रियों को पासपोर्ट नंबर देना पड़ता है. अगर इस रेलवे स्टेशन पर ट्रेन लेट हो जाती है तो भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के रजिस्टर में इसकी एंट्री होती है.  

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Pakistan Railway: पाकिस्‍तान (Pakistan) को लेकर हमारे देश के लोगों के मन में कई तरह की धारणाएं हैं. हालांकि, यह तो तय है कि भारत के लोग अपने पड़ोसी देश के बारे में जानने की इच्‍छा रखते हैं. इसी क्रम में आज हम आपको पाकिस्‍तान के रेलवे (Pakistan Railway) के बारे में बताने जा रहे हैं. हम आपको बताएंगे कि पाकिस्तान की ट्रेनें, वहां के रेलवे स्‍टेशन कैसे होते हैं.

हम आपको यह भी बताएंगे कि पाकिस्तान कितने देशों के साथ रेल नेटवर्क के जरिए जुड़ा है. इसके साथ ही भारत और हमारे पड़ोसी देश के रेलवे नेटवर्क में क्‍या और कितना फर्क है. वैसे तो भारत और पाकिस्तान के रेलवे नेटवर्क में काम करने का ज्यादा अंतर नहीं है. वहां के रेलवे स्टेशन तथा वहां की ट्रेनें भी आपको भारत के जैसे ही दिखेंगी.

ब्रिटिशर्स के जमाने में भारत में शुरू हुई थी ट्रेन 

बता दें कि जब ब्रिटिशर्स ने साल 1861 में भारत में ट्रेन चलाने की योजना बनाई थी, तब पाकिस्तान भी भारत का हिस्सा हुआ करता था. उस समय उन हिस्‍सों में भी ब्रिटिशर्स ने ट्रेनें चलाई थी, जो हिस्‍सा आज पाकिस्‍तान में है. आज भारत के साथ-साथ पाकिस्तान में भी रेल नेटवर्क काफी बड़ा है. पाकिस्तान में करीब 7 करोड़ यात्री ट्रेन से अपनी यात्रा करते हैं. पाकिस्तान में तकरीबन 70 हजार लोग वहां की रेलवे में नौकरी करते हैं.

पाकिस्तान का रेल नेटवर्क 11,881 किमी में फैला है. टेक्‍नॉलॉजिकल एडवांसमेंट के मामले में पाकिस्तानी रेलवे, भारतीय रेलवे से बहुत पीछे है. भारत की तरह पाकिस्तान में अभी भी हाईटेक ट्रेनें नहीं चलती हैं. जहां भारतीय रेलवे काफी एडवांस है, वहीं पाकिस्तान की रेलवे इस मामले में काफी पीछे है. 

आधा दर्जन देशों से जुड़ा है पाकिस्तान रेलवे

  पाकिस्‍तानी रेलवे का विस्तार भारत के अलावा इरान, अफगानिस्तान, टर्की आदि देशों तक है. इन देशों की यात्रा करने के लिए यात्री ट्रेन के जरिए भी जा सकते हैं. भारत और पाकिस्‍तान के बीच मशहूर ट्रेन समझौता एक्‍सप्रेस (Samjhauta Express) चलती है. यह पुरानी दिल्‍ली से लाहौर जाती है. इस ट्रेन पर सबसे ज्यादा भारत-पाक संबंधों का असर पड़ता है. कई बार संबंध खराब होने पर यह ट्रेन बंद करनी पड़ जाती है.

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समझौता एक्‍सप्रेस ट्रेन धमाका मामले में फैसला आने वाला है. 12 साल पहले इस ट्रेन में हुए ब्लास्ट में 68 लोगों की जान चली गई थी. जानते हैं भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली इस ट्रेन को क्यों समझौता एक्सप्रेस कहते हैं और ये कब दोनों देशों के बीच चल रही है.

ये ट्रेन दोनों देशों को जोड़ने वाली ट्रेन सेवा है. हाल में जब 26 फरवरी को पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद पर एयरस्ट्राइक हुई तो पाकिस्तान ने इस सेवा पर रोक लगा दी थी. लेकिन ये सुविधा अब फिर बहाल हो चुकी है.

ये पहला मौका नहीं था जब समझौता एक्सप्रेस को भारत-पाक में तनाव की सुगबुहाट पर ही रोक लगा दी गई हो. इससे पहले 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हमले के बाद भी समझौता एक्सप्रेस रोक दी गई थी. 27 दिसंबर 2007 को बेनजीर भुट्टो हमले के बाद इस ट्रेन को रोक दिया गया था. आइए, जानते हैं इस ट्रेन के बारे में जो भारत और पाकिस्तान को जोड़ती भी है और दोनों के देशों के तनावों का सबसे आसान शिकार भी है-

क्या है समझौता एक्सप्रेस
समझौता एक्सप्रेस भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली ट्रेन है. भारत में यह ट्रेन दिल्ली से पंजाब स्थित अटारी तक जाती है. अटारी से वाघा बॉर्डर तक तीन किलोमीटर की सीमा पार करती है. इस दौरान बीएसएफ के जवान घोड़ागाड़ी से इसकी निगरानी करते हैं. आगे-आगे चलकर पटरियों की पड़ताड़ भी करते चलते है. सीमा पार करने के बाद यह ट्रेन पा‌किस्तान के लाहौर जाती है.

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भारत से यह दो बार- बुधवार व रविवार को पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से रात 11.10 बजे निकलती है। इसके लिए पुरानी दिल्ली अलग से प्लेटफॉर्म बनाया गया है. इस ट्रेन में दाखिल होने से पहले गहन पड़ताल के बाद यात्रियों को इस ट्रेन में बिठाया जाता है. समझौता एक्सप्रेस में कुल छह शयनयान और एक वातानुकूलित तृतीय श्रेणी (3rd AC) कोच हैं. दिल्ली से निकलने के बाद अटारी तक बीच में इसका कोई स्टॉपेज नहीं है. बताया जाता है कि इसे भारतीय रेल की राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस व अन्य प्रमुख ट्रेनों के ऊपर तरजीह दी जाती है ताकि इसमें कोई देर ना हो.

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लाहौर से वापसी के समय समझौता एक्सप्रेस भारत में सोमवार और गुरुवार को पहुंचती है। इस दौरान इस ट्रेन के लोको पायलट और गार्ड नहीं बदले जाते.

समझौता एक्सप्रेस की जरूरत क्यों
भारत और पाकिस्तान की भौगोलिक स्थिति व ऐतिहास‌िक पृष्ठभूमि पर एक नजर डाला जाए तो इस ट्रेन की जरूरत क्यों है, यह बात स्पष्ट हो जाएगी. भारत-पाकिस्तान और बांग्लादेश साल 1947 तक हिन्दुस्तान नाम के एक ही राष्ट्र हुआ करते थे. देश की आजादी के वक्त भारत-पाकिस्तान विभाजन हुआ. आज भी ‌दिल्ली और लाहौर के लोगों से बात करेंगे तो पता चलेगा कि उनके रिश्तेदार भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों में हैं.

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फिर साल 1971 में पूर्वी पाकिस्तान का आजाद मुल्क बांग्लादेश बनना. एशिया के नक्‍शे में देखेंगे तो पाएंगे कि कभी एक ही मुल्क होने वाले पाकिस्तान व पूर्वी पाकिस्तान के बीच भारत एक पूल है. जब मुल्क आजाद हुआ तब कई परिवारों के लोग दो अलग-अलग देशों के निवासी हो गए. ऐसे में ईद-दीवाली व अन्य कई प्रमुख अवसर पर इन तीनों देशों के लोग सीमाएं लांघकर अपनों के बीच आवागमन करते हैं.

इसक अलावा भारत-पाकिस्तान, दोनों ही देशों के बीच भारी मात्रा में खाद्य पदार्थ व अन्य कई तरह के व्यापार होते हैं. हाल ही में टमाटर के निर्यात के मामला काफी चर्चा में रहा. ये पदार्थ कई बार समझौता एक्सप्रेस के जरिए ही इधर से ऊधर और उधर से इधर लाए जाते हैं.

समझौता एक्सप्रेस का इतिहास
समझौता एक्सप्रेस का इतिहास 43 साल पुराना है. इसकी नींव 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद हुए दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच हुए शिमला समझौता में पड़ी. दोनों देशों ने आपस में फिर से रेल सेवा को बहाल करने पर सहमति जताई.

क्या हम ट्रेन से पाकिस्तान जा सकते हैं? - kya ham tren se paakistaan ja sakate hain?

असल में भारत-पाक के बीच पहले रेल सेवा थी. समझौता एक्सप्रेस से ज्यादा व्यापक थी. लेकिन 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान सेना के जवानों ने रेल की पटरियां उखाड़ फेंकी ‌थीं.

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ऐसे में समझौता एक्सप्रेस को 22 जुलाई 1976 को अटारी-लाहौर के बीच शुरू करने का फैसला किया गया. शुरुआत में इसे रोज चलाया जाता था. लेकिन साल 1994 में इसके संचालन को हफ्ते में दो दिन ही कर दिया गया. शुरुआत में ये ट्रेन संचालन के दिन ही भारत भी लौट आती थी, लेकिन वर्तमान में यह अगले दिन भारत लौटती है.

समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट
फरवरी 2007 समझौता एक्सप्रेस में एक जबर्दस्त धमाका हुआ. इसमें 68 लोगों की मौत हो गई और 12 लोगों के घायल होने का दावा किया जाता है. तब ट्रेन दिल्ली से लाहौर के लिए निकली थी. मारे गए लोगों में अधिकांश पाकिस्तानी मूल के लोग थे.

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एक पुलिस एफआईआर के अनुसार, समझौता एक्सप्रेस में दिल्ली से करीब 80 किलोमीटर दूर पानीपत के दिवाना रेलेव स्टेशन के पास रात 23:53 बजे धमाका हुआ था. इतना ही दो सूटकेस बम बरामद भी किए गए थे. मामले में सालों तक जांच-पड़ताल चलती रही, लेकिन सबूतों के अभाव में सभी आरोपितों को जमानत मिल गई.

इसके अलावा 8 अक्टूबर 2012 में लाहौर से दिल्ली आते वक्त वाघा बॉर्डर पर जांच के दौरान 100 किलो हेरोइन और गोला बारूद भी जब्त किए गए थे.

थार एक्सप्रेस
भारत पाकिस्तान के बीच चलने वाली यह एक व्यापक रेल सेवा थी. दोनों देशों के बीच चलने वाली यह सबसे पुरानी रेल सेवा है. ये ट्रेन आजादी से पहले अविभाज्य हिन्दुस्तान के समय चलती आ रही है. पहले इसका नाम सिंध मेल हुआ करता था. साल 1892 में हैदराबाद-जोधपुर रेलवे के तहत इसे शुरू किया गया था. हैदराबाद जोधपुर रेलवे लाइन को पाकिस्तान के करांची पेशावर रेलवे लाइन से जोड़ती है.

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दोनों देशों में आखिरी सीमाई स्टेशन मुनाबाओ और खोखरापार हैं. इस बीच ट्रेन करीब छह कीलोमीटर दोनों सीमाओं के मध्य चलती है.

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लेकिन साल 1965 के भारत-पाक युद्ध के बाद इसकी पटरियां क्षतिग्रस्त हो गई थीं. इसके बाद इसका संचालन रोक दिया गया था. लेकिन 41 साल दोनों देशों ने इस ट्रेन की अहमियत को फिर समझा. आपसी सहमति से 18 फरवरी 2006 को इसे फिर से शुरू कर दिया गया. जमराव, सैंदद, पिथारू ढोरो नारो, छोरे एवं खोखरापार आदि इसे प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं. दोनों देशों में क्रमशः बाड़मेर और मीरपुर खास स्टेशनों पर हर यात्रा में इसकी विशेष जांच की जाती है.

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FIRST PUBLISHED : March 11, 2019, 14:50 IST

क्या भारत और पाकिस्तान के बीच ट्रेन चलती है?

समझौता एक्सप्रेस 22 जुलाई 1976 को अटारी-लाहौर के बीच शुरू हुई थी। समझौता एक्सप्रेस अटारी-वाघा के बीच केवल तीन किमी का रास्ता तय करती है।

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लेकिन विभाजन के बाद दोनों देशों को एक रखने के लिए भारत-पकिस्तान के बीच 'समझौता एक्सप्रेस' शुरू की गई थी। 1971 में हुए बांग्लादेश युद्ध के परिणामों को देखते हुए 'शिमला समझौता' किया गया था। इस शांति की संधि में 'समझौता एक्सप्रेस' को शुरू करने का निर्णेय लिया गया था।

भारत से पाकिस्तान जाने का रास्ता कौन सा है?

यह सीमा उत्तर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलओसी) से, जो पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित कश्मीर को भारतीय कश्मीर से अलग करती है, वाघा तक तक जाती है, जो कि पंजाब प्रांत और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत को पूर्व में विभाजित करती है। दक्षिण में शून्य बिंदु, भारत के गुजरात और राजस्थान को पाकिस्तान के सिंध प्रांत से अलग करता है।

पाकिस्तान जाने का कौन सा ट्रेन है?

मालूम हो की भारत-पाकिस्‍तान यात्रा के लिए मशहूर ट्रेन समझौता एक्‍सप्रेस (Samjhauta Express) चलती है, जो कि पुरानी दिल्‍ली से शुरू होकर लाहौर तक जाती है।