कवि इस दुनिया को भिखमंगा क्यों कह रहे हैं? - kavi is duniya ko bhikhamanga kyon kah rahe hain?

कवि ने दुनिया को भिखमंगा क्यों कहा है?

Solution : कवि ने दुनिया को भिखमंगा इसलिए कहा है क्योंकि इस दुनिया के पास दूसरों को देने के लिए कुछ नहीं है, वह तो केवल लेना ही जानती है।

कवि ने यह क्यों कहा कि सुख दुःख को एक भाव सा लेते हैं?

वह हर रूप में प्रसन्नता देने वाला है चाहे वह ख़ुशी हो या आँखों में आया आँसू हो। कवि 'बहते पानी-रमते जोगी' वाली कहावत के अनुसार एक जगह नहीं टिकते। वह कुछ यादें संसार को देकर और कुछ यादें लेकर अपने नये-नये सफर पर चलते रहते हैं। वह सुख और दुःख को समझकर एक भाव से स्वीकार करते हैं

कवि के अनुसार यह दुनिया किसकी है?

कवि ने दुनिया को एक भिखमंगा कहा है, क्योंकि कवि के अनुसार दुनिया वालों के पास देने के लिए कुछ नहीं है, वह केवल लेना ही जानते हैं, देना नहीं जानते। 'हम दीवानों की हस्ती' कविता में कवि दुनिया को भिखमंगा कहते हैं, क्योंकि इस दुनिया को वालों के पास देने के लिए कुछ नहीं।

कविता दीवानों की हस्ती में कवि ने अपने जाने को क्या कहा है?

Answer: कवि अपने आने को 'उल्लास' कहता है क्योंकि किसी भी नई जगह पर आने से उसे खुशी मिलती है तथा उस स्थान को छोड़कर जाते समय दुख होता है और इसीलिए आँखों से आँसू निकल जाते हैं।