बेल और पौधे में क्या अंतर होता है? - bel aur paudhe mein kya antar hota hai?

आइए बेल पर लगने फूल के नाम, लताओं के नाम और लता वाले फूल के पौधे के बारे में जानें जोकि भारत में खूब लगाई जाती है। बेल वाले पौधे छत, बालकनी, बॉउन्ड्री, दीवार, सीढ़ी, रेलिंग आदि पर चढ़ाई जाती है। ज्यादातर लता वाले पौधे कम केयर में लग जाते हैं, खूब बढ़ते-फैलते हैं और इन्हे कोई खास देखभाल की जरूरत भी नहीं होती।

Show

लता वाले पौधे घर का टेम्परचर कम करके ठंडा रखने में मदद करते हैं, ऑक्सीजन तो देते ही हैं। अगर जमीन पर कम जगह हो लेकिन ऊंचाई में बढ़ने की जगह है तो बेल वाले पौधे जरूर लगाएं। बाग-बगीचों, लॉन की शोभा बेल वाले पौधों के बिना अधूरी होती है।

Table of Contents

  • 1 11 लता वाले फूल के पौधे | Phoolon ki bel wale plants in India, Indian Climbers or Creepers in hindi
    • 1.1 1) बोगनवेलिया की बेल | Bougainvillea in hindi
    • 1.2 बोगनवेलिया की देखभाल कैसे करे | Bougainvillea care in hindi
    • 1.3 2) मधुमालती या बसंतमालती की बेल | Rangoon Creeper or Madhu malti plant in hindi
    • 1.4 मधुमालती की देखभाल | Madhu malti care in hindi
    • 1.5 3) फ्लेम वाइन लता का पौधा | Pyrostegia Venusta or Flamevine in hindi
    • 1.6 4) ब्लू मॉर्निंग ग्लोरी / कृष्णबीज या काला दाना बेल | Blue Morning Glory in hindi
    • 1.7 5) अपराजिता बेल | Butterfly Pea in hindi
    • 1.8 अपराजिता की देखभाल कैसे करे | Aprajita care in hindi
    • 1.9 6) हरी चम्पा बेल / कटहरी चम्पा या यलैंग-यलैंग प्लांट | Ylang-Ylang vine in hindi
    • 1.10 7) ब्लीडिंग हार्ट वाइन की बेल का पौधा | Bleeding Heart Vine in hindi
    • 1.11 8) बेला-चमेली कुल की बेलें | Star Jasmine, Jasmine Sambac in hindi
    • 1.12 बेला की देखभाल कैसे करे | Bela plant care in hindi
    • 1.13 9) पेटूनिया की बेल | Petunia Plant in hindi
    • 1.14 पेटूनिया की देखभाल कैसे करे | Petunia Plant care in hindi
    • 1.15 10) पीलाघंटी बेल या अलामांडा की लता | Golden Trumpet or Allamanda in hindi
    • 1.16 अलामांडा की देखभाल कैसे करे | Allamanda plant care in hindi
    • 1.17 11) राखीफूल की बेल या ब्रह्मकमल / कृष्णकमल बेल | Passion Flower Vine in hindi

11 लता वाले फूल के पौधे | Phoolon ki bel wale plants in India, Indian Climbers or Creepers in hindi

इस लिस्ट में फ्लेमवाइन, बोगनवेलिया, ब्रह्मकमल, हरीचम्पा, ब्लीडिंग हार्ट प्लांट, मालती, पेटुनिया, मॉर्निंग ग्लोरी, स्टार जैस्मिन, अलामंडा, अपराजिता बेल के बारे में जानेंगे।

1) बोगनवेलिया की बेल | Bougainvillea in hindi

बेल और पौधे में क्या अंतर होता है? - bel aur paudhe mein kya antar hota hai?

यह भारत में सबसे ज्यादा कॉमन बेल है जोकि ज्यादातर पार्क, सरकारी ऑफिस के लॉन, गार्डन में जरूर लगी मिलती है। ज्यादातर घर की दीवार, बॉउन्ड्री के पास लगी बोगनवेलिया लता अपने डार्क पिंक-लाल रंग के गुच्छों में लगे फूलों से पहचानी जाती है। बोगनवेलिया बेल में कांटे भी होते हैं। इसकी औसत लंबाई 3-4 फुट से लेकर अधिकतम 40 फुट तक देखी गई है। बोगनवेलिया की बेल बैगनी, ऑरेंज, सफेद, पीले, गुलाबी, लाल रंगों में पाई जाती है। यह बेल लगभग पूरे वर्ष ही फूलों से भरी रहती है। बोगनवेलिया बेल को खुली धूप खूब पसंद है, इस बात का ध्यान रखते हुए इसे सही जगह लगाएं या गमले को रखें।

बोगनवेलिया की देखभाल कैसे करे | Bougainvillea care in hindi

इस बेल में पानी तभी डालें जब जड़ के पास मिट्टी सूखी दिखे। ज्यादा पानी डालने से पौधे में फूल कम आएंगे, पत्तियां ज्यादा घनी होती जाएगी। अनावश्यक पानी देने से जड़ भी खराब हो सकती है। समय-समय पर बोगनवेलिया की सूखी डालियों व अनियंत्रित रूप से फैलती लताओं की कटाई-छँटाई करने से पौधे में सही बढ़त, अच्छा लुक बना रहता है। अगर आपको चाहते हैं कि बोगनवेलिया की बेल में खूब फूल आयें तो बोगनवेलिया प्लांट खरीदते समय ध्यान दें कि वह छोटे पत्ते वाली वैरायटी हो। ऐसी नस्ल को गमले में भी लगा सकते हैं और ये खूब फूल देते हैं।

2) मधुमालती या बसंतमालती की बेल | Rangoon Creeper or Madhu malti plant in hindi

बेल और पौधे में क्या अंतर होता है? - bel aur paudhe mein kya antar hota hai?

खुशबूदार फूलों वाली बेल मधुमालती के गुच्छों में लगे सुंदर फूल देखने में लाल, गुलाबी, सफेद रंगों के होते हैं। मधुमालती बेल के आस-पास इसके फूलों की मोहक खुशबू छाई रहती है जोकि सुबह-शाम बड़ी अच्छी लगती है। इस लता के पत्ते धानी-हरे रंग के होते हैं। मधुमालती लता का पौधा एक बार जड़ पकड़ लेने के बाद तेजी से बढ़ता, फलता-फूलता है।

मधुमालती की देखभाल | Madhu malti care in hindi

इसे सिवाय पानी देने के कोई खास केयर की जरूरत नहीं होती है। यह लता जमीन पर लगाने से आराम से 2-3 फ्लोर घरों की छत तक पहुँच जाती है। इस बेल की घनी छाया घर को कड़ी गर्मी से बचाती है। अधिक जानकारी के लिए पढ़ें >मधुमालती बेल कैसे लगाए, केयर करें व इसके फायदे

3) फ्लेम वाइन लता का पौधा | Pyrostegia Venusta or Flamevine in hindi

बेल और पौधे में क्या अंतर होता है? - bel aur paudhe mein kya antar hota hai?

चटकीले ऑरेंज रंग के पतले-लंबे ट्यूब जैसे फूलों की बेल फ्लेम वाइन एक खूबसूरत लता है। ठंड-सर्दियों के सीजन से गर्मियों तक यह खूब फूल देती है। इस सदाबहार हरी-भरी लता में ढेर सारी शाखाएं निकलती हैं और यह बेल खूब तेजी से बढ़ती है। फूलों वाली यह बेल हर तरह के घर, गार्डन की सुंदरता बढ़ाने में बेस्ट है। पोर्च, बालकनी से लटके इसके घने गुच्छों में लगे फूल बहुत गजब लुक देते हैं।

सीधी-खुली धूप इस लता के ग्रोथ के लिए जरूरी है। ध्यान रखें कि इसके जड़ों में फालतू पानी न रुके। फूल का सीजन खत्म होने पर, गर्मियों में इस लता की छँटाई कर दिया करें। अगर आपके यहाँ मिट्टी की क्वालिटी अच्छी न हो तो इस बेल की अच्छी बढ़त के लिए गोबर खाद, सीवीड खाद डाल सकते हैं।

4) ब्लू मॉर्निंग ग्लोरी / कृष्णबीज या काला दाना बेल | Blue Morning Glory in hindi

बेल और पौधे में क्या अंतर होता है? - bel aur paudhe mein kya antar hota hai?

भारत में यह बेल अक्सर खुली जगहों, रास्तों के साइड में लगी दिखती है। इसके चटक नीले या आसमानी रंग के फूल सुबह के समय खिलते हैं, इसीलिए इसे मॉर्निंग ग्लोरी कहा जाता है। मई से सितंबर तक इस बेल में फूल लगने का सीजन है। इसकी पत्तियां पान के पत्ते के आकार जैसी होती है। इसके फलों से निकले बीज कई तरह के आयुर्वेदिक उपचार में उपयोग किए जाते हैं।

नीले रंग के अलावा मॉर्निंग ग्लोरी बेल गुलाबी, बैंगनी, मैजेंटा, पीले, सफेद रंग के फूलों में भी मिलती है। ये बेल गमलों और लटकने वाले बास्केट गमलों में भी लगाए जा सकते हैं। यह बेल हर तरह की मिट्टी में लग जाता है। हल्की-नम मिट्टी इसके लिए परफेक्ट है लेकिन जड़ों में पानी न रुके, इसलिए फालतू पानी निकलने का इंतजाम जरूर हो। सूखे-फूल और डालियों को समय-समय पर तोड़ दिया करें।

5) अपराजिता बेल | Butterfly Pea in hindi

बेल और पौधे में क्या अंतर होता है? - bel aur paudhe mein kya antar hota hai?

यह बेल बहुत आसानी से मिल जाती है और पूरे भारत में हर जगह पाई जाती है। इस बेल की नीले, बैंगनी, पिंक व सफेद रंग के फूलों की प्रजातियाँ पाई जाती है। इसकी पत्तियां अंडाकार, छोटी व तने पतले होते हैं। इस बेल में छोटी-छोटी फलियाँ भी लगती हैं जिससे अपराजिता के बीज मिलते हैं। नाममात्र की देखभाल यानि बस पानी और धूप इसे मिलती रहे तो यह खूब बढ़ती है। दिन में कम से कम कुछ घंटे की धूप इसकी ग्रोथ के लिए जरूरी है।

अपराजिता की देखभाल कैसे करे | Aprajita care in hindi

गर्मियों में रोज इसे थोड़ा पानी देते रहें। इसे डोरी, डंडी के सहारे ऊपर बढ़ाया जाता है। यह 5-10 फुट तक बढ़ती है। अपराजिता बेल की अच्छी बढ़त व फूल के लिए गोबर खाद, जैविक खाद देने से लाभ होता है। वास्तु के अनुसार अपराजिता लगाना घर के दोष दूर करता है। नीले फूलों वाली अपराजिता भगवान विष्णु, माँ दुर्गा को चढ़ाई जाती है। इनके नीले फूलों की चाय सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती है। अधिक जानकारी के लिए पढ़ें >अपरजिता बेल कैसे लगाए, केयर करें व इसके फायदे

6) हरी चम्पा बेल / कटहरी चम्पा या यलैंग-यलैंग प्लांट | Ylang-Ylang vine in hindi

बेल और पौधे में क्या अंतर होता है? - bel aur paudhe mein kya antar hota hai?

3 से 5 मीटर तक ऊंचे बढ़ने वाली हरी चम्पा (Ylang Ylang) पूर्णतः भारतीय पौधा है। चम्पा कुल की यह बेल और झाड़ी के बीच का पौधा है। बड़ी पत्तियों वाली हरी चम्पा या यलैंग-यलैंग बेल के पीले-धानी रंग के फूल एकदम अनोखी खुशबू लिए होते हैं। घर-गार्डन इसकी लाजवाब, तेज खुशबू से महकता रहता है। इसकी खुशबू में संतरे, पाइनएप्पल, चमेली, मसाले, केला, शहद की खुशबुओं का मिश्रण सा होता है। यलैंग-यलैंग के सुगंधित फूलों से निकाला हुआ तेल ढेरों इलाज, अरोमाथेरपी, परफ्यूम बनाने में उपयोग किया जाता है।

यह साल भर फूल देता है और इसका रख-रखाव बहुत आसान है। आप इसे गमले में भी लगा सकते हैं। ये लता तेजी से बढ़ती है, लेकिन फैलाव बहुत अनियंत्रित नहीं होता इसलिए आपको कटाई-छँटाई की बहुत चिंता नहीं करनी पड़ती है। वास्तु के अनुसार हरी चम्पा आपके घर में सौभाग्य लाने वाला पौधा (Good luck plant) है। यह बेल का पौधा कीट-पतंगों, मधुमक्खियों को भी आकर्षित नहीं करता है।

7) ब्लीडिंग हार्ट वाइन की बेल का पौधा | Bleeding Heart Vine in hindi

बेल और पौधे में क्या अंतर होता है? - bel aur paudhe mein kya antar hota hai?

इस लता की सुंदरता के क्या कहने, इसके झक सफेद और चटक लाल रंग के आकर्षक फूल इसकी बड़े साइज़ की हरी-हरी पत्तियों के बैकग्राउन्ड में बड़ा शानदार लुक देते है। गर्मियों से बारिश तक के मौसम में यह घनी लता खूब फूल देती है और तेजी से बढ़ती है। इस लिस्ट की अन्य बेलो की तरह इस लता को भी धूप बहुत पसंद है। नियमित पानी और धूप मिलने से ब्लीडिंग हार्ट वाइन ग्रोथ करती जाती है।

इसकी मिट्टी में कुछ नमी होनी चाहिए लेकिन पानी न रुका रहे। जमीन पर लगाने से इस सदाबहार बेल की ऊंचाई करीब 10-12 फुट तक हो सकती है, जबकि गमले में 4-6 फुट तक बढ़ती है। इस बेल का बोटैनिकल नाम Clerodendrum thomsoniae है। ब्लीडिंग हार्ट वाइन एक Ornamental plant के रूप में खूब लगाई और पसंद की जाती है।

8) बेला-चमेली कुल की बेलें | Star Jasmine, Jasmine Sambac in hindi

बेल और पौधे में क्या अंतर होता है? - bel aur paudhe mein kya antar hota hai?

सफेद रंग के खुशबूदार छोटे फूलों वाली बेलें चमेली, जूही, बेला आदि पुराने जमाने से ही घर-आँगन में लगाई जाती रही हैं। छोटी झाड़ी के रूप में यह 1.5-2 फुट से लेकर लता के रूप में इसकी ऊंचाई 10 फुट तक हो सकती है। दिन-रात इनकी भीनी-भीनी, मीठी खुशबू दिमाग को शांत करती है, मूड अच्छा करती है। इन लता के फूलों से सुगंधित तेल, इत्र, परफ्यूम बनाए जाते हैं व अरोमाथेरपी में भी उपयोग होता है। गर्मी से मानसून सीजन तक और सर्दियों के शुरू होने तक यह खूब फूल देती हैं।

बेला की देखभाल कैसे करे | Bela plant care in hindi

इसे खुली धूप, ठीक-ठाक पानी व ऐसी मिट्टी की जरूरत होती है जिसमें पानी रुककर काई आदि न पैदा करे। मिट्टी में पानी न रुके इसके लिए बालू या कोकोपीट मिक्स करें। ढेर सारे फूलों के लिए आप इस पौधे में गोबर की खाद या वर्मी काम्पोस्ट, परलाइट (Perlite), एप्सम साल्ट डालें। फूलों का सीजन आने से पहले बेल की छँटाई (Pruning) कर दिया करें व समय-समय पर सूखे फूलों को तोड़ दिया करें। पढ़ें > चमेली की महक के फायदे

9) पेटूनिया की बेल | Petunia Plant in hindi

बेल और पौधे में क्या अंतर होता है? - bel aur paudhe mein kya antar hota hai?

छोटी जगहों, बालकनी, गमलों, हैंगिंग बास्केट में लगाने के लिए पेटूनिया की बेल बहुत बढ़िया होती है। इसकी 20 से अधिक प्रजातियाँ पाई जाती है जोकि सफेद, बैंगनी, लाल, नीले रंगों में पाई जाती हैं। पेटूनिया बेल की कुछ नस्लों के फूल 2 अलग-अलग रंगों में भी होते हैं। सितंबर से लेकर अप्रैल-मई तक पेटूनिया लता में फूल आने का सीजन होता है। कम से कम रोजाना 4-5 घंटे की धूप इस पौधे को जरूर मिले, ढेर सारे फूल आने के लिए यह जरूरी है।

पेटूनिया की देखभाल कैसे करे | Petunia Plant care in hindi

इसके पौधे में पानी तभी दें, जब जड़ के पास की मिट्टी छूने में सूखी मालूम दे। पानी भी बहुत ज्यादा नहीं देना है, इतना पानी दें कि मिट्टी में नमी बनी रहे। पानी हमेशा जड़ों के पास डालें, फूल-पत्तियों के ऊपर से न डालें। आपके पेटूनिया बेल खूब फूल दें और बढ़ती रहे, इसके लिए जैविक खाद या NPK फर्टलाइज़रडाल सकते हैं। सूखे फूल-पत्तियों को तोड़ते रहने से पौधे की एनर्जी नए फूल-पत्ती पैदा करने में लगती है, पेटूनिया बेल के लिए भी ये करें।

10) पीलाघंटी बेल या अलामांडा की लता | Golden Trumpet or Allamanda in hindi

बेल और पौधे में क्या अंतर होता है? - bel aur paudhe mein kya antar hota hai?

इसके फूल देखने में घंटी (Bell) के आकार के होते हैं, इसलिए बोलचाल की भाषा में इसे पीलाघंटी बेल कहते हैं। पीले रंग के अलावा ये क्रीम, पिंक, ऑरेंज, सफेद रंगों में भी मिल जाती है। अलामांडा बेल के पीले रंग के फूल कुछ-कुछ कनेर के फूलों जैसे दिखते हैं। अक्सर लोग इसे पीला कनेर समझ लेते हैं, मगर कनेर की पत्तियां पतली-लंबी होती हैं और अलामांडा की पत्तियां छोटी, अंडाकार होती हैं। लगभग पूरे साल भर फूल देने वाली अलामांडा तेजी से बढ़ने वाली बेल है और इसे मेन्टेन करना भी आसान है।

अलामांडा की देखभाल कैसे करे | Allamanda plant care in hindi

यह गर्मियों के मौसम को सह जाती है और बराबर फूल देती रहती है, इसलिए लोग अलामांडा बेल लगाना बहुत पसंद करते हैं। गमले में यह 3-5 फुट तक बढ़ती है और फैलाव 2-3 फुट तक हो सकता है। अलामांडा को बहुत तेज धूप की जरूरत नहीं है, दिन के 4-5 घंटे की धूप इसके लिए पर्याप्त है। नियमित पानी और महीने में 1 बार नाइट्रोजन वाली खाद इस बेल को स्वस्थ रखती है। अलामांडा के बड़े पौधे से मोटी कलम लेकर इसका नया पौधा तैयार किया जा सकता है।

11) राखीफूल की बेल या ब्रह्मकमल / कृष्णकमल बेल | Passion Flower Vine in hindi

बेल और पौधे में क्या अंतर होता है? - bel aur paudhe mein kya antar hota hai?

रक्षाबंधन में पहने जाने वाली राखी के जैसे दिखने वाले पैशन फ्लावर के फूल नीले, बैगनी, सफेद या मैजेंटा रंग के हो सकते हैं। भगवान श्रीकृष्ण के नीले रंग जैसे दिखने की वजह से इसे कृष्णकमल कहा जाता है। राखीफूल बेल की पत्तियां कई रोगों के आयुर्वेदिक उपचार में प्रयोग की जाती हैं। अनोखे लुक वाले ये फूल आपके बगीचे में तितलियों को आकर्षित करते हैं। कृष्णकमल बेल के फूल में नीचे पंखुड़ियाँ, उसके ऊपर महीने रेशे, फिर 2-3 अलग-अलग शेड के घेरे जिनके बीच में छोटे-छोटे तन्तु निकले होते हैं।

इस बेल की शाखाओं से निकलने वाले धागे जैसी संरचनाएं (Tendrils) इसे ऊपर बढ़ने, फैलने में मदद करती हैं और सपोर्ट देती है। आप ध्यान रखें कि इन टेन्ड्रिल को कोई सपोर्ट करने वाली सतह मिले, ढेर सारे फूल पाने के लिए ये जरूरी है। इसके लिए आप कोई जाली लगा सकते हैं, पेड़, खंबे, डोरी या रेलिंग का सहारा दे सकते हैं। वर्मी काम्पोस्ट, एप्सम साल्ट, बोनमील खाद इस पौधे में डाली जा सकती है। जाड़ों के बाद पतझड़ के मौसम में अक्सर ब्रह्मकमल बेल की पत्तियां झड़ जाती हैं, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि कुछ दिनों में फिर से नई पत्तियाँ या जाती हैं।

फूल देने वाली लता, बेल वाले पौधे के नाम की जानकारी अपने बागवानी प्रेमी दोस्त, परिचितों को व्हाट्सप्प, फ़ेसबुक शेयर करके जरूर बताएं। अपने सवाल, विचार, सुझाव नीचे कमेन्ट करके बताएं।

ये भी पढ़ें >

  • मनी प्लांट की देखभाल कैसे करें 15 टिप्स | मनी प्लांट के 8 प्रकार
  • 27 ऑक्सीजन देने वाले पौधों के नाम जो घर की हवा शुद्ध करे
  • अरिका पाम लगाने के फायदे, कैसे लगाएं
  • लेमनग्रास की चाय के फायदे, लेमनग्रास कैसे लगाएं

source : https://www.countryliving.com/gardenig/garden-ideas/advice/g1456/fast-growing-vines/

बेल तथा पौधों में क्या अंतर होता है?

पेड़ अमतौर पर पौधे परिवार में सबसे बड़ा होते हैं और वहीं पौधे पेड के मुकाबले छोटा होते हैं. पौधे विभिन्न आकार का हो सकते हैं लेकिन पेड़ में आपकों बहुत कम देखने को मिलता है. पौधे की ऊंचाई जमीन के करीब होती है जैसे कि झाड़ियाँ और घास लेकिन पेड़ की ऊंचाई वायु में लंबी होती है.

बेल वाले पौधे कौन कौन से होते हैं?

11 लता वाले फूल के पौधे | Phoolon ki bel wale plants in India, Indian Climbers or Creepers in hindi. इस लिस्ट में फ्लेमवाइन, बोगनवेलिया, ब्रह्मकमल, हरीचम्पा, ब्लीडिंग हार्ट प्लांट, मालती, पेटुनिया, मॉर्निंग ग्लोरी, स्टार जैस्मिन, अलामंडा, अपराजिता बेल के बारे में जानेंगे।

बेल के पेड़ को काटने से क्या होता है?

- बेल वृक्ष को काटने से वंश का नाश होता है और बेल वृक्ष लगाने से वंश की वृद्धि होती है। - सुबह शाम बेल वृक्ष के दर्शन मात्र से पापों का नाश होता है। - बेल वृक्ष को सींचने से पितृ तृप्त होते हैं। - बेल वृक्ष और सफेद आक् को जोड़े से लगाने पर अटूट लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

बेलपत्र के पत्ते कैसे होते हैं?

इसके पत्ते संयुक्त विपत्रक व गंध युक्त होते हैं तथा स्वाद में तीखे होते हैं। गर्मियों में पत्ते गिर जाते हैं तथा मई में नए पुष्प आ जाते हैं। फल मार्च से मई के बीच आ जाते हैं। बेल के फूल हरी आभा लिए सफेद रंग के होते हैं व इनकी सुगंध भीनी व मनभावनी होती है।

बेलपत्र की पहचान कैसे करें?

कई बार देखने में आता है कि बेलपत्र एक, 3 या फिर 5 पत्र वाला भी होता है। शास्‍त्रों में बताया गया है कि बेलपत्र जितने अधिक पत्र वाला होता है उतना ही अच्‍छा होता है। इसलिए शिवजी को बेलपत्र चढ़ाने में कम से कम यह 3 पत्र वाला होना चाहिए। जब यह 3 पत्र पूरे होते हैं तो इसे एक बेलपत्र माना जाता है।