केशव और श्यामा ने क्या फैसला किया? - keshav aur shyaama ne kya phaisala kiya?

केशव और श्यामा ने चिड़िया के अंडों की रक्षा की या नादानी?

Solution

केशव और श्यामा ने अपनी ओर से तो उन अंडों की रक्षा करनी चाही, पर यह उनकी नादानी सिद्ध हुई। चिड़िया अपने अंडों की रक्षा स्वयं कर सकती थी। बच्चे ने अंडों की रक्षा करने के प्रयास में उन्हें छूकर गंदा कर दिया। उन्हें नहीं मालूम था कि यदि वे अंडों को छू लेंगे तो चिड़िया उन्हें छोड़ ही देगी। वास्तव में वे तो उन अंडों की रक्षा करना चाहते थे लेकिन नादानी में रक्षा में हत्या हो गई।

Concept: गद्य (Prose) (Class 6)

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केशव और श्यामा ने मिलकर क्या फैसला लिया?

केशव और श्यामा ने यह अनुमान लगाया कि अंडों को तिनकों पर तकलीफ होती होगी, तथा कार्निस पर उन्हें धूप भी लगती होगी। उन्होंने अनुमान लगाया कि चिड़िया सारे बच्चों का पेट अकेले नहीं भर पाएगी और बच्चे भूख से मर जाएँगे। यदि हम उस जगह होते तो यह अनुमान लगाते कि कहीं कोई जानवर तो अंडों तक नहीं पहुँच जाएगा।

केशव और श्यामा अंडों की क्या करना चाहते थे?

Answer: केशव और श्यामा छोटे बच्चे थे; इसलिए अंडों को देखकर उनके मन में अनेक प्रश्न उठते थे, वे अंडों के बारे में जानना चाहते थे और उनका अनुमान लगाते थे

केशव और श्यामा को कार्निश पर दाना रखने का फैसला क्यों करना पड़ा?

Solution : केशव और श्यामा को अंडों से बहुत लगाव था। वे अण्डों को सुरक्षित रखना चाहते थे। इसलिए केशव ने श्यामा से चिथडे, टोकरी और दाना-पानी मँगाकर कार्निस पर रख दिया था।

श्यामा गद्दी के लिए क्या लेकर आई?

केशव और श्यामा ने सोचा कि अंडों से बच्चे निकल आए होंगे। उन्हें धूप से बचाने के लिए छत बनाना था इसलिए टोकरी मँगाई गई। चिथड़ों से उनके लिए गद्दी बनाई गई। दाना-पानी मँगाकर उनकी भूख मिटाने का प्रबंध किया गया।