कार्तिक मास में कौन सा पाठ करना चाहिए? - kaartik maas mein kaun sa paath karana chaahie?

कार्तिक माह व्रत का महत्व, कथा एवम पूजा विधि (Kartik Maas or Month significance, Puja Vidhi, Vrat Katha In Hindi)

भारत में वर्ष के चार माह सभी धर्मो में विशेष त्यौहार चलते रहते हैं. इन सभी त्यौहारों का उद्देश्य ईश्वर के प्रति आस्था एवम प्रेम एकता का भाव जगाना हैं. चौमासे या चातुर्मास के चार महीनो की विशेषता सभी प्रान्तों में अलग-अलग बताई जाती हैं और उसका निर्वाह किया जाता है,  हिंदी कैलेंडर में सबसे अंतिम माह कार्तिक का होता हैं.  कार्तिक में ही बड़े – बड़े त्यौहार मनाये जाते हैं, जो भारत देश के प्रमुख त्यौहारों में से हैं. वैसे तो भारत वर्ष में वर्ष भर ही त्यौहारों का ताता लगा रहता है, लेकिन चार माह के त्यौहार तप एवम पूजा पाठ की दृष्टि से अहम् माने जाते हैं, उसमे कार्तिक माह में भी उपवास, पूजा पाठ एवम ब्रह्म मुहूर्त में स्नान का विशेष महत्व हैं.

कार्तिक मास में कौन सा पाठ करना चाहिए? - kaartik maas mein kaun sa paath karana chaahie?

Table of Contents

  • कार्तिक महीना 2022 में कब से शुरू है?  (Kartik Month Date)
    • कार्तिक माह महत्व (Kartika Month significance)
    • कार्तिक मास में दीपदान (Kartika Month Deepdaan)
    • कार्तिक माह से तुलसी का महत्व ((Kartika Maah Tulsi Mahatv)
    • कार्तिक माह में दान :
    • कार्तिक में भजन :
    • कार्तिक पूजा विधि नियम (Kartika Maas Puja Vidhi):
    • कार्तिक कथा (Kartika Katha):
  • FAQ

कार्तिक महीना 2022 में कब से शुरू है?  (Kartik Month Date)

इस वर्ष 2022  में कार्तिक महीना की शुरुवात 10 अक्टूबर से हो रही है, एवं यह महिना 8 नवंबर 2022 को ख़त्म हो जायेगा. इसके बाद अग्घन माह की शुरुवात होगी. हर वर्ष इसी तरह माह आते है, हिन्दू कैलेंडर के महीनों के नाम व उनका महत्व पढ़कर आप इसकी सम्पूर्ण जानकारी पा सकते है.

कार्तिक माह महत्व (Kartika Month significance)

कार्तिक हिंदी पंचाग का आँठवा महिना है, कार्तिक के महीने में दामोदर भगवान की पूजा की जाती हैं. यह महिना शरद पूर्णिमा से शुरू होकर कार्तिक पूर्णिमा तक चलता है, जिसके बीच में कई विशेष त्यौहार मनाये जाते हैं. शरद पूर्णिमा महत्व कथा पूजा विधि एवम कविता जानने के लिए पढ़े.

  • इस माह में पवित्र नदियों में ब्रह्ममुहूर्त में स्नान का बहुत अधिक महत्व होता हैं. घर की महिलायें सुबह जल्दी उठ स्नान करती हैं, यह स्नान कुँवारी एवम वैवाहिक दोनों के लिए श्रेष्ठ हैं.
  • इस माह की एकादशी जिसे प्रबोधिनी एकादशी अथवा देव उठनी एकादशी कहा जाता हैं इसका सर्वाधिक महत्व होता है, इस दिन भगवान विष्णु चार माह की निंद्रा के बाद उठते हैं जिसके बाद से मांगलिक कार्य शुरू किये जाते हैं.
  • इस महीने तप एवम पूजा पाठ उपवास का महत्व होता है, जिसके फलस्वरूप जीवन में वैभव की प्राप्ति होती है. इस माह में तप के फलस्वरूप मोक्ष की प्राप्ति होती हैं.इस माह के श्रद्धा से पालन करने पर दीन दुखियों का उद्धार होता है, जिसका महत्त्व स्वयम विष्णु ने ब्रह्मा जी से कहा था.इस माह के प्रताप से रोगियों के रोग दूर होते हैं जीवन विलासिता से मुक्ति मिलती हैं.

कार्तिक मास में दीपदान (Kartika Month Deepdaan)

कार्तिक माह में दीप दान का महत्व होता हैं. इस दिन पवित्र नदियों में, मंदिरों में दीप दान किया जाता हैं. साथ ही आकाश में भी दीप छोड़े जाते हैं. यह कार्य शरद पूर्णिमा से शुरू होकर कार्तिक पूर्णिमा तक चलता हैं. दीप दान के पीछे का सार यह हैं कि इससे घर में धन आता हैं. कार्तिक में लक्ष्मी जी के लिए दीप जलाया जाता हैं और संकेत दिया जाता हैं अब जीवन में अंधकार दूर होकर प्रकाश देने की कृपा करें. कार्तिक में घर के मंदिर, वृंदावन, नदी के तट एवम शयन कक्ष में दीपक लगाने का माह्त्य पुराणों में निकलता हैं.

कार्तिक माह से तुलसी का महत्व ((Kartika Maah Tulsi Mahatv)

कार्तिक में तुलसी की पूजा की जाती हैं और तुलसी के पत्ते खाये जाते हैं. इससे शरीर निरोग बनता हैं. ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करके सूर्य देवता एवम तुलसी के पौधे को जल चढ़ाया जाता हैं. कार्तिक में तुलसी के पौधे का दान दिया जाता हैं. तुलसी के अनेकों गुण व फायदे को जानने के लिए पढ़े.

कार्तिक माह में दान :

कार्तिक माह में दान का भी विशेष महत्व होता हैं. इस पुरे माह में गरीबो एवम ब्रह्मणों को दान दिया जाता हैं. इन दिनों में तुलसी दान, अन्न दान, गाय दान एवम आँवले के पौधे के दान का महत्व सर्वाधिक बताया जाता हैं. कार्तिक में पशुओं को भी हरा चारा खिलाने का महत्व होता हैं.

कार्तिक में भजन :

कार्तिक माह में श्रद्धालु मंदिरों में भजन करते हैं. अपने घरों में भी भजन करवाते हैं. आजकल यह कार्य भजन मंडली द्वारा किये जाते हैं. इन दिनों रामायण पाठ, भगवत गीता पाठ आदि का भी बहुत महत्व होता हैं. इन दिनों खासतौर पर विष्णु एवम कृष्ण भक्ति की जाती हैं. इसलिए गुजरात में कार्तिक माह में अधिक रौनक दिखाई पड़ती हैं.

कार्तिक पूजा विधि नियम (Kartika Maas Puja Vidhi):

कार्तिक माह में कई तरह के नियमो का पालन किया जाता है, जिससे मनुष्य के जीवन में त्याग एवम सैयम के भाव उत्पन्न होते हैं.

  1. पुरे माह मॉस, मदिरा आदि व्यसन का त्याग किया जाता हैं. कई लोग प्याज, लहसुन, बैंगन आदि का सेवन भी निषेध मानते हैं.
  2. इन दिनों फर्श पर सोना उपयुक्त माना जाता हैं कहते हैं इससे मनुष्य का स्वभाव कोमल होता हैं उसमे निहित अहम का भाव खत्म हो जाता हैं.
  3. कार्तिक में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान किया जाता हैं.
  4. तुलसी एवम सूर्य देव को जल चढ़ाया जाता हैं.
  5. काम वासना का विचार इस माह में छोड़ दिया जाता हैं.ब्रह्मचर्य का पालन किया जाता हैं.

इस प्रकार पुरे माह नियमो का पालन किया जाता हैं.

कार्तिक कथा (Kartika Katha):

कार्तिक के समय भगवान विष्णु ने देवताओ को जालंधर राक्षस से मुक्ति दिलाई थी, साथ ही मत्स्य का रूप धरकर वेदों की रक्षा की थी. इस प्रकार कार्तिक में कई कथायें हैं. कार्तिक माह में कई विशेष तिथी एवम कथाये होती हैं जो निम्नानुसार हैं :

कार्तिक मॉस के त्यौहार (Kartika Festival)

1करवाचौथ : कृष्ण पक्ष चतुर्थी2अहौई अष्टमी एवम कालाष्टमी : कृष्ण पक्ष अष्टमी3रामा एकादशी4धन तेरस5नरक चौदस6दिवाली, कमला जयंती7गोवर्धन पूजा अन्नकूट8भाई दूज / यम द्वितीया : शुक्ल पक्ष द्वितीय9कार्तिक छठ पूजा10गोपाष्टमी11अक्षय नवमी/ आँवला नवमी, जगदद्त्तात्री पूजा12देव उठनी एकदशी/ प्रबोधिनी13तुलसी विवाह

यह सभी कार्तिक माह में आने वाले प्रमुख त्यौहार हैं. पूरा महिना कई त्यौहार मनाये जाते हैं. कार्तिक माह में कई तरह के पाठ, भगवत गीताआदि सुनने का महत्व होता हैं. यह पूरा महीने मनुष्य जाति नियमो में बंधकर ईश्वर भक्ति करता हैं.

कार्तिक मास में कौन सा पुराण पढ़ना चाहिए?

इस पवित्र कार्तिक मास का महत्व स्कंद पुराण में भीबताया गया है।

कार्तिक मास में दीपदान कब करना चाहिए?

कार्तिक पूर्णिमा दीपदान समय (Kartik Purnima 2022 Deep Daan) पंचांग के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा और देव दीपावली पर्व 7 नवम्बर 2022 के दिन मनाया जाएगा। इसी दिन संध्या काल में दीपदान किया जाएगा।

कार्तिक के महीने में किसकी पूजा करनी चाहिए?

कार्तिक मास भगवान विष्‍णु की पूजा के लिए सबसे खास माना गया है। इसलिए इस महीने में विष्‍णुप्रिया तुलसी की पूजा करना भी बहुत अच्‍छा माना जाता है। इस पूरे महीने में तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीपक जलाने की परंपरा है। ऐसा करने से आपको धन लाभ होता है और आपके घर में मां लक्ष्‍मी का वास होता है।

कार्तिक पूर्णिमा नहाने से क्या होता है?

कार्तिक मास में भगवान विष्णु जल में वास करते हैं। पद्म पुराण में यह बताया गया है कि भगवान विष्णु मत्स्य रूप में पवित्र नदियों और जल स्त्रोत में वास करते हैं। ऐसे में नदी में स्नान करने से व्यक्ति को वैकुंठ की प्राप्ति होती है। इससे मानसिक और शारीरिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है।