कर चले हम फिदा कविता में किस प्रकार की मृत्यु को अच्छा कहा गया है और क्यों इस से कवि क्या संदेश देना चाहता है? - kar chale ham phida kavita mein kis prakaar kee mrtyu ko achchha kaha gaya hai aur kyon is se kavi kya sandesh dena chaahata hai?

Solution : "कर चले हम फिदा कविता में कवि ने देश की खातिर होने वाली मृत्यु को अच्छा बताया है। उसका कहना है कि देश पर मर-मिटने का अवसर बार-बार नहीं मिलता। <br> शायर कैफी आजमी इस कविता के माध्यम से संदेश देते हैं कि जीने के मौसम तो बहुत आते हैं. पर देश पर अपनी जान कुर्बान करने का मौका बड़ी मुश्किल से मिलता है। अवसर मिलने पर हमें इस प्रकार के मौके को गँवाना नहीं चाहिए। देश का मान-सम्मान सर्वोपरि है। इसकी रक्षा में अपने प्राण तक न्योछावर करने को तत्पर रहना चाहिए। हमें सैनिकों के जीवन बलिदान करने के जज्बे का सम्मान करना चाहिए।

कर चले हम फिदा कविता में किस प्रकार की मृत्यु को अच्छा कहा गया है और क्यों?

Solution : "कर चले हम फिदा कविता में कवि ने देश की खातिर होने वाली मृत्यु को अच्छा बताया है। उसका कहना है कि देश पर मर-मिटने का अवसर बार-बार नहीं मिलता। <br> शायर कैफी आजमी इस कविता के माध्यम से संदेश देते हैं कि जीने के मौसम तो बहुत आते हैं. पर देश पर अपनी जान कुर्बान करने का मौका बड़ी मुश्किल से मिलता है।

कर चले हम फिदा कविता के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?

इससे कवि यह संदेश देना चाहता है कि जब देश पर कोई विदेशी आक्रमणकारी चढ़ आया हो, तब हमें जी जान लगाकर देश की रक्षा करना चाहिए। युद्ध में चाहे कितने भी संकट आएँ, मौत सामने आ जाए, तो भी हमें बलिदान देने से पीछे नहीं हटना चाहिए। और हमारे अन्दर देश के लिए समर्पण और बलिदान की भावना होनी चाहिए।

कर चले हम फिदा गीत का केंद्रीय भाव क्या है अपने शब्दों में लिखिए?

इस कविता को पढ़कर हमें अपने देश के सैनिकों पर गर्व होता है। इन सैनिकों ने अत्यंत विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए देश की रक्षा हेतु अपना अमर बलिदान दिया। मरतेदम तक वे देश रक्षा के प्रयासों में लगे रहे और अपनी इस धरोहर को अपने साथियों को सौंपकर वीरगति को प्राप्त हुए। देश की धरती अत्यंत पवित्र है।

कर चले हम फ़िदा कविता में कवि ने देशवासियों से क्या अपेक्षाएँ रखी हैं क्या हम उन अपेक्षाओं को पूरा कर रहे हैं?

Solution : इस कविता में कवि ने देशवासियों से बलिदानी सैनिकों के मन की आवाजें सुनने और उसी की तरह देश की रक्षा हेतु सर्वस्व समर्पण को तत्पर रहने की शपथ लेने की अपेक्षा की है। कवि चाहता है कि हम बलिदान की राह को सूना न होने दें वरन् काफिला बनाकर उसमें शामिल होते रहें।

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