कर चले हम फिदा कविता के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है? - kar chale ham phida kavita ke maadhyam se kavi kya kahana chaahata hai?

कवि ने यह कविता 1962 के भारतचीन युद्ध की पृष्ठभूमि पर लिखी थी। इस कविता को फिल्म हकीकत में गाने के तौर पर भी इस्तेमाल किया गया। इसमें एक सिपाही की देशभक्ति को प्रदर्शित किया गया है। जब उसकी शहादत का समय करीब आता है तो वो देश को सुरक्षित रखने के लिए नौजवानों से विनती करता है। वह कहता है कि मेरे जाने के बाद तुम इस देश का ख्याल रखना। सिपाही आखिरी दम तक देश के लिए लड़ता है। उसे पूरी उम्मीद है कि अगली पीढ़ी भी देश की उतनी ही शिद्दत से हिफाजत करेगी जैसे की उसने की थी|

अथवा

कवि ने मनुष्यता कविता में मानवता पर प्रकाश डाला है। कवि कहता है उस आदमी का जीना या मरना बेकार है जो दूसरों के लिए कुछ नहीं करता। ऐसा मनुष्य एक पशु की तरह है। मनुष्य का जीवन ऐसा नहीं होना चाहिए। स्वार्थी मनुष्य को कभी कोई याद नहीं करता। जब व्यक्ति दूसरों के लिए अपना सर्वस्व लुटा देता है तो वह व्यक्ति हमेशा के लिए अमर हो जाता है और लोग उसे मरने के बाद भी याद करते हैं। इससे हमारे अंदर से मृत्यु का भय भी खत्म हो जाता है। जो आदमी पूरे संसार में अत्मीयता और भाईचारे का संचार करता है उस उदार व्यक्ति की कीर्ति युग युग तक पहुँचती है|


कर चले हम फ़िदा कविता के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है कविता को दो विशेषताएँ भी लिखिए?

इस कविता में सैनिकों के त्याग बलिदान को आम जनता तक पहुंचाने की कोशिश की गई है और कवि अपने इस प्रयास में पूरी तरह सफल रहा है। कविता में एक सैनिक क्या कहना चाहता है, क्या सोचता है, वो युद्ध में किन-किन कठिनाइयों से गुजरता है। विषम परिस्थितियों में कैसे देश की रक्षा करता है। इस कविता में यह संदेश देने की कोशिश की गई है।

कर चले हम फिदा कविता में कवि हमें क्या संदेश देना चाहता है और इसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालिए?

कवि इसमें देशभक्ति को विकसित करके देश को जागरुक करना चाहता है। यह कविता सन 1962 के भारत-चीन युद्ध की पृष्ठभूमि पर बनी है। कवि एक सैनिक के मन के भाव और उसके दर्द को व्यक्त करता है। इसके अंदर एक सैनिक देशवासियों से निवेदन करता है कि उसने देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व त्याग कर दिया है।

कर चले हम फ़िदा कविता में किस प्रकार की मृत्यु को अच्छा कहा गया है और क्यों इससे कवि क्या संदेश देना चाहते हैं?

Solution : "कर चले हम फिदा कविता में कवि ने देश की खातिर होने वाली मृत्यु को अच्छा बताया है। उसका कहना है कि देश पर मर-मिटने का अवसर बार-बार नहीं मिलता। <br> शायर कैफी आजमी इस कविता के माध्यम से संदेश देते हैं कि जीने के मौसम तो बहुत आते हैं. पर देश पर अपनी जान कुर्बान करने का मौका बड़ी मुश्किल से मिलता है।

कर चले हम फिदा गीत का केंद्रीय भाव क्या है अपने शब्दों में लिखिए?

इस कविता को पढ़कर हमें अपने देश के सैनिकों पर गर्व होता है। इन सैनिकों ने अत्यंत विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए देश की रक्षा हेतु अपना अमर बलिदान दिया। मरतेदम तक वे देश रक्षा के प्रयासों में लगे रहे और अपनी इस धरोहर को अपने साथियों को सौंपकर वीरगति को प्राप्त हुए। देश की धरती अत्यंत पवित्र है।

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