कन्या राशि लड़के कैसे होते हैं? - kanya raashi ladake kaise hote hain?

ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: श्वेता सिंह Updated Fri, 26 Aug 2022 02:41 PM IST

Kanya Rashi Compatibility: अपने प्रतीक और नाम की तरह कन्या राशि स्त्री-सदृश, शालीन और कर्तव्य-बद्ध है। कन्या राशि राशि चक्र का छठा चिन्ह है।  कन्या राशि में जन्मे अधिकांश जातक ईमानदार होते हैं और अपने परिवार, दोस्तों और प्रियजनों के प्रति अपनी गलती को स्वीकार करते हैं। कन्या राशि के जातक अपने विवाह को बहुत गंभीरता से लेते हैं। व्यावहारिक और विश्लेषणात्मक बुध-शासित संकेत के रूप में, कन्या राशि के जातक निश्चित रूप से सोच समझकर ही कोई निर्णय लेते हैं। ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक हर राशि की अलग खासियत होती है। किसी भी जातक के व्यक्तित्व और स्वभाव के बारे में राशि के जरिए पता लगाया जा सकता है। यही कारण यही कि विवाह के लिए राशि के आधार पर जातकों के गुणों का मिलान किया जाता है। कुंडली के आधेर पर यह जानने का प्रयास किया जाता है कि किस राशि की जोड़ी किसके साथ बेहतर होगी।  ऐसा माना जाता है कि जितने ज्यादा गुण मिलेंगे उतनी ही अच्छी जोड़ी बनती है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कन्या राशि के जातक इन तीन रराशि के जातकों के साथ अपनी जोड़ी बनाते हैं। आइए जानते हैं कौन सी हैं वो राशियां। 

वृषभ राशि: वृष और कन्या राशि बेस्ट मैच माने जाते हैं। दोनों राशि के जातक अपनी भावनाओं को व्यक्त करते समय थोड़ा समय ले सकते हैं। दोनों राशि में से कोई भी अपने प्रेम का इजहार नहीं करेगा। कुल मिलकर दोनों को खुलने में थोड़ा समय लगेगा। यह एक अच्छा मेल है, क्योंकि दोनों राशि के जातक धैर्यवान और थोड़े चौकन्ने होते हैं। अधिक स्नेही, शुक्र शासित वृष कन्या राशि के नरम पक्ष को सामने लाने में मदद करेगा। कुल मिलाकर, वृष राशि के साथ होना कन्या राशि वालों के लिए बहुत स्वाभाविक है।

कर्क राशि :  कन्या राशि वालों पर बुध  ग्रह का शासन है, लेकिन फिर भी वह अपनी भावना आसानी से व्यक्त नहीं कर पाते  और कर्क राशि के जातक उनके दिल की भावनाओं को बाहर निकलने में समर्थ होंगे। कर्क राशि और कन्या राशि के जातकों को एक दूसरे का साथ बहुत भाता है. कन्या और कर्क राशि का यह रिश्ता प्यार भरा और एक दूसरे का ख्याल रखने वाला होगा।  संवेदनशील कर्क कन्या राशि वालों को उनकी भावनाओं के संपर्क में आने में मदद करता है, और कन्या की जमीनी व्यावहारिकता कर्क को वह सुरक्षा प्रदान करती है। 

मकर राशि : कन्या और मकर राशि वालों की जोड़ी को दोस्त बनने में थोड़ा समय जरूर लग सकता लेकिन इन दो राशि की जोड़ी बेहतरीन मानी जाती है। जब तक आप दोनों एक साथ हैं कोई भी आप दोनों का कुछ नहीं बिगाड़ सकता। आप दोनों को हमेशा इस बात की अच्छी समझ होगी कि आप एक दूसरे के साथ कहाँ खड़े हैं। कुल मिलाकर, मकर राशि आपके लिए सबसे अच्छे दीर्घकालिक जोड़ी मानी जा सकती है। 

कन्या

कन्या राशि लड़के कैसे होते हैं? - kanya raashi ladake kaise hote hain?

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कन्या राशि लड़के कैसे होते हैं? - kanya raashi ladake kaise hote hain?

कन्या राशि लड़के कैसे होते हैं? - kanya raashi ladake kaise hote hain?

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कन्या राशि लड़के कैसे होते हैं? - kanya raashi ladake kaise hote hain?

मेष • वृषभ • मिथुन • कर्क • सिंह • कन्या • तुला
वृश्चिक • धनु • मकर • कुम्भ • मीन

कन्या राशि लड़के कैसे होते हैं? - kanya raashi ladake kaise hote hain?

राशि चिह्न कुवांरी कन्या
अवधि (ट्रॉपिकल, पश्चिमी) 23 अगस्त – 23 सितम्बर (2022, यूटीसी)
नक्षत्र कन्या तारामंडल
राशि तत्त्व पृथ्वी
राशि गुण म्युटेबल
स्वामी बुध
डेट्रिमेण्ट बृहस्पति
एग्ज़ाल्टेशन बुध
फ़ॉल देवता
खगोलशास्त्र प्रवेशद्वार खगोलशास्त्र परियोजना

कन्या राशि लड़के कैसे होते हैं? - kanya raashi ladake kaise hote hain?

यह राशि चक्र की छठी राशि है।दक्षिण दिशा की द्योतक है। इस राशि का चिह्न हाथ में फ़ूल की डाली लिये कन्या है। इसका विस्तार राशि चक्र के १५० अंशों से १८० अंश तक है। इस राशि का स्वामी बुध है, इस राशि के तीन द्रेष्काणों के स्वामी बुध,शनि और शुक्र हैं। इसके अन्तर्गत उत्तराफ़ाल्गुनी नक्षत्र के दूसरे, तीसरे और चौथे चरण,चित्रा के पहले दो चरण और हस्त नक्षत्र के चारों चरण आते है। उत्तराफ़ाल्गुनी के दूसरे चरण के स्वामी सूर्य और शनि है, जो जातक को उसके द्वारा किये जाने वाले कार्यों के प्रति अधिक महत्वाकांक्षा पैदा करते है, तीसरे चरण के स्वामी भी उपरोक्त होने के कारण दोनो ग्रहों के प्रभाव से घर और बाहर के बंटवारे को जातक के मन में उत्पन्न करती है, चौथा चरण भावना की तरफ़ ले जाता है और जातक दिमाग की अपेक्षा ह्रदय से काम लेना चालू कर देता है। इस राशि के लोग संकोची और शर्मीले प्रभाव के साथ झिझकने वाले देखे जाते है। मकान, जमीन.और सेवाओं वाले कार्य ही इनकी समझ में अधिक आते हैं, कर्जा, दुश्मनी और बीमारी के प्रति इनका लगाव और सेवायें देखने को मिलती है। स्वास्थ्य की दृष्टि से फेफड़ों में ठन्ड लगना और पाचन प्रणाली के ठीक न रहने के कारण आंतों में घाव हो जाना, आदि बीमारियाँ इस प्रकार के जातकों में मिलती है।

देवी दुर्गा का एक नाम।

कन्या राशि[संपादित करें]

यह राशि चक्र की छठी राशि है।दक्षिण दिशा की द्योतक है। इस राशि का चिह्न हाथ में फ़ूल की डाली लिये कन्या है। इसका विस्तार राशि चक्र के १५० अंशों से १८० अंश तक है। इस राशि का स्वामी बुध है, इस राशि के तीन द्रेष्काणों के स्वामी बुध,शनि और शुक्र हैं। इसके अन्तर्गत उत्तराफ़ाल्गुनी नक्षत्र के दूसरे, तीसरे और चौथे चरण,चित्रा के पहले दो चरण और हस्त नक्षत्र के चारों चरण आते है। इन चरणों के स्वामीऔर विस्तार इस प्रकार से है।

नक्षत्र चरण और फ़ल[संपादित करें]

उत्तराफ़ाल्गुनी के दूसरे चरण के स्वामी सूर्य और शनि है। जो जातक को उसके द्वारा किये जाने वाले कार्यों के प्रति अधिक महत्वाकांक्षा पैदा करते है, तीसरे चरण के स्वामी भी उपरोक्त होने के कारण दोनो ग्रहों के प्रभाव से घर और बाहर के बंटवारे को जातक के मन में उत्पन्न करती है। चौथा चरणभावना की तरफ़ ले जाता है और जातक दिमाग की अपेक्षा ह्रदय से काम लेना चालू कर देता है।

प्रकॄति[संपादित करें]

सकोची और शर्मीले प्रभाव के साथ झिझकने वाले जातक कन्या राशि के ही देखे जाते है। मगर अपनी भावनाओं पर ज्यादा देर नियंत्रण नही रख पाते।

आर्थिक फ़ल[संपादित करें]

मकान, जमीन.और सेवाओं वाले कार्य ही इनकी समझ में अधिक आते हैं,कर्जा,दुश्मनी और बीमारी के प्रति इनका लगाव और सेवायें देखने को मिलती है।

स्वास्थ्य[संपादित करें]

फ़ेफ़डों में ठन्ड लगना और पाचन प्रणाली के ठीक न रहने के कारण आंतों में घाव हो जाना, आदि बीमारिया इस प्रकार के जातकों में मिलती है। सारावली,भदावरी ज्योतिष

कन्या राशि के लड़के कैसे रहते हैं?

कन्या राशि वाले जातक बुद्धिमान एवं चतुर होते हैंकन्या राशि के जातकों की वाणी आकर्षक होती है। इस राशि के जातकों को धन संग्रह करने का विशेष आकर्षण रहता है। बुध के कारण कन्या राशि वाले जातक अपने जीवन में अक्सर परिवर्तन करते रहते हैं

कन्या राशि से कौन सी राशि प्यार करती है?

कन्या राशि के जातक अपने वृश्चिक राशि के साथी से इसलिए संतुष्ट रहते हैं क्योंकि वो उन्हें अपना प्यार और भावनाएं दर्शाते रहते हैं। कन्या राशि के जातक तार्किक होते हैं वहीं वृश्चिक राशि के लोगों को कल्पनाशील माना जाता है।

कन्या राशि की कमजोरी क्या होती है?

स्वादिष्ट खाना इस राशि के जातकों की कमजोरी हो सकती है। इन्हें अक्सर कब्ज की शिकायत भी रहती है। हालांकि बेहतरी के लिए इन्हें बाहर के खाने से बचना चाहिए और तीखे भोजन से दूर रहना चाहिए। दोस्तों और रिश्तेदारों के बीच इनकी अक्सर नोक-झोंक हो जाती है या ये उनसे उखड़ जाते हैं।

क्या कन्या राशि सुंदर होती है?

सभी राशियों में कन्या को सबसे सुंदर राशि माना जाता है. यह पृथ्वी तत्व की राशि है और इसका स्वामी बुध है. हालांकि खूबियों के साथ-साथ इनमें बहुत कमियां भी पाई जाती हैं.