नई दिल्ली. आज तनाव (Stress) और भागदौड़ भरी जिंदगी में शरीर में पोषक तत्वों की कमी होती जा रही है. वहीं जंक फूड (Junk Food) या फास्ट फूड आदि के सेवन के चलते भोजन से भी शरीर की सामान्य गतिविधियों के लिए जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं. यही वजह है कि आज शरीर में कई ऐसी बीमारियां चुपके से घर बना रही हैं जिनके लक्षण भी सामने नहीं आते और एक समय के बाद वे शरीर को पूरी तरह कमजोर कर देती हैं. इनमें ऑस्टियोपारोसिस (Osteoporosis), एनीमिया, कैल्शियम की कमी (Calcium Deficiency) से हड्डियों का कमजोर होना आदि शामिल है.
यही वजह है कि शरीर में जरूरी तत्वों की पूर्ति के लिए लोग सप्लीमेंट्स (Supplements) का इस्तेमाल करते हैं. खासतौर पर कैल्शियम (Calcium) की कमी के लिए ली जाने वाली गोलियां और प्रोटीन के लिए प्रोटीन पाउडर आदि अब आम बात हो चुके हैं. यहां तक कि कई ब्रांड्स की चीजें आज बाजारों में भी उपलब्ध हैं और विज्ञापनों के माध्यम से लोगों को इस्तेमाल करने के लिए कहा जाता है. लेकिन सवाल यह है कि क्या शरीर में कैल्शियम की कमी पूरी करने के लिए ली जाने वाली गोलियां आदि फायदेमंद हैं या उनके भी नुकसान हैं.
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कैल्शियम रिच डाइट सेहत के लिए है फैयदेमंद. (Image : Shutterstock)इस संबंध में एंडोक्राइन सोसाइटी ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष और करनाल स्थित भारती अस्पताल के जाने माने एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ. संजय कालरा कहते हैं कि जहां तक कैल्शियम की गोलियों की बात है तो मीनोपॉज (Menopause) यानि रजोनिवृत्ति के बाद प्रत्येक महिला को इन गोलियों का सेवन जरूरी करना चाहिए. इसके लिए उन्हें डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन की जरूरत भी नहीं है. मीनोपॉज के बाद डॉक्टर सभी महिलाओं के लिए इसे जरूरी मानते हैं.
ऐसा इसलिए है कि मीनोपॉज के बाद हड्डियां भुरनी शुरू हो जाती हैं. इसके लिए वे कैल्शियम के साथ-साथ अगर विटामिन डी (Vitamin D) भी लेती हैं तो और बेहतर है लेकिन अगर सूरज की रोशनी में पर्याप्त रूप से रहती हैं तो विटामिन डी की इतनी जरूरत नहीं होती. वहीं मीनोपॉज से पहले इस स्थिति में ले सकते कि अगर महिला में कैल्शियम की कमी है. डॉ. कालरा कहते हैं कि जहां तक भारत की बात है तो यहां हर महिला में कैल्शियम और विटामिन डी की कमी आमतौर पर है. ऐसे में बिना जांच कराए भी क्लीनिकल सस्पीशन या शक की बुनियाद पर भी अगर महिलाएं कुछ समय तक ये दवाएं लेती हैं तो ये सुरक्षित हैं.
वे आगे कहते हैं कि प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के दौरान भी महिलाएं इन दवाओं को जरूर खाएं और इन गोलियों को तब तक जारी रखें जब तक कि बच्चे को फीड करा रही हैं. इससे न केवल बच्चे की हड्डियों को मजबूती मिलेगी बल्कि महिला के शरीर को भी आगे नुकसान कम होगा. हालांकि सामान्य अवस्था में जबकि पूरी तरह स्वस्थ हैं तो कैल्शियम की गोलियां लंबे समय तक इस्तेमाल न करते रहें. इसकी पर्याप्तता बढ़ने पर कई अन्य बीमारियां जैसे किडनी (Kidney) या गॉल ब्लेडर में पथरी आदि की शिकायत भी हो सकती है.
कैल्शियम की गोली कब लेनी चाहिए / कैल्शियम की सबसे अच्छी टेबलेट कौन सी है – हड्डियों को मजबूत करने के लिए लोग कैल्शियम का इस्तेमाल करते हैं. हड्डियों की मजबूती बरकरार रखने के लिए हमारे शरीर को कैल्शियम की जरूरत पड़ती हैं. कैल्शियम की कमी की वजह से हमारे दांत और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. इसलिए कैल्शियम हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरूरी माना जाता हैं.
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कैल्शियम की गोली खाने के नुकसान
कैल्शियम हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरूरी हैं. लेकिन कैल्शियम का अधिकतर सेवन करना हमारे लिए हानिकारक हो सकता हैं. हमने नीचे कैल्शियम की गोली खाने के कुछ नुकसान बताए हैं.
- कैल्शियम का अधिकतर सेवन करने से सुजन, गैस, कब्ज आदि की समस्या उत्पन्न हो सकती हैं.
- कैल्शियम का अधिकतर सेवन करने से गुर्दे की पथरी होने की संभावना रहती हैं.
- इससे दिल का दौरा और स्ट्रोक होने का भी खतरा रहता हैं.
- अगर आप की पहले से किसी अन्य बीमारी की दवाइयां चालू है. तो कैल्शियम का उपयोग डॉक्टर से पूछ करके ही करे. क्योंकि अन्य दवाई के साथ कैल्शियम की गोली लेना हमारे लिए नुकसानदायी हो सकता हैं.
- जिन्हें गुर्दे की बीमारी या दिल की बीमारी है. उन्हें डॉक्टर के परामर्श से ही कैल्शियम की गोली का सेवन करना चाहिए.
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निष्कर्ष
दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया की कैल्शियम की गोली कब लेनी चाहिए. तथा कैल्शियम की गोली लेने के फायदे और नुकसान के बारे में भी बताया हैं. तथा अन्य और बातो पर भी चर्चा की हैं. हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आप के लिए उपयोगी साबित हुआ होगा.
दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह कैल्शियम की गोली कब लेनी चाहिए / कैल्शियम की सबसे अच्छी टेबलेट कौन सी है आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद