माँ बनने के बाद क्या खाना चाहिए? - maan banane ke baad kya khaana chaahie?

गर्भावस्था के दौरान शिशु के विकास और प्रसव के दौरान किसी भी तरह की परेशानी से बचने के लिए महिलाओं को संतुलित आहार लेने की सलाह दी जाती है। इतना ही नहीं डिलीवरी के बाद भी महिलाओं को अपनी डाइट का बहुत ख्‍याल रखना होता है क्‍योंकि इस समय उनके बच्‍चे के पोषण और विकास का एकमात्र साधन ब्रेस्‍ट मिल्‍क है।

आज हम इस आर्टिकल के जरिए गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्‍टर शीतल सचदेवा से जानेंगे कि डिलीवरी के बाद महिलाओं को क्‍या खाना चाहिए और किन चीजों से परहेज करना चाहिए।

डिलीवरी के बाद का कैसी हो डाइट, जानें क्‍या खाएं और क्‍या नहीं

डिलीवरी के बाद का कैरी हो डाइट, जानें क्‍या खाएं और क्‍या नहीं

​कैलोरी भी है जरूरी

सबसे पहले तो आपके लिए यह समझना जरूरी है कि जितनी कैलोरी आपको प्रेग्‍नेंसी की तीसरी तिमाही में चाहिए थी, उतनी ही कैलोरी डिलीवरी के बाद भी चाहिए। डिलीवरी के बाद ये न सोचें कि अब शिशु पैदा हो गया है तो आपको हेल्‍दी डाइट की जरूरत नहीं है और अब पतला होने पर काम शुरू करना है।

डिलीवरी के बाद शिशु के लिए पोषण का आधार मां का दूध ही होता है और आप जो भी खाएंगी उसका सारा पोषण के दूध के जरिए शिशु को मिलेगा। डॉक्‍टर शीतल सचदेवा ने डाइट से दूध पर पड़ने वाले असर के बारे में बताया है।

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​डिलीवरी के बाद की डाइट

डॉक्‍टर कहती हैं कि हो सकता है कि आपको डिलीवरी के तुरंत बाद दूध न आए, ऐसे में घबराएं नहीं। डिलीवरी के बाद 24 से 48 घंटे के अंदर दूध आना शुरू हो जाएगा। तब तक हेल्‍दी और संतुलित डाइट लें और कैलोरी भी लें। अपने खाने में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स और हेल्‍दी फैट्स का सही मात्रा में होना बहुत जरूरी है।

खाने में कार्बोहाइड्रेट 50 पर्सेंट, प्रोटीन और हेल्‍दी फैट्स 20 से 30 पर्सेंट की मात्रा में होने चाहिए।

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​दूध बढ़ाने का नुस्‍खा

इसके अलावा सौंफ, जीरा और अजवायन से ब्रेस्‍ट में दूध बनने में मदद मिलेगी। डॉक्‍टर शीतल अपने पेशेंट्स को भी सलाह देती हैं कि वो डिलीवरी के बाद सौंफ, जीरे और अजवाइन को एक समान मात्रा में लेकर हल्‍का भून लें और गुड़ में मिलाकर इसका पाउडर तैयार कर लें।

एक गिलास दूध में इस पाउडर की एक चम्‍मच डालकर एक बार सुबह और एक बार शाम को पिएं। इससे ब्रेस्‍ट में नैचुरली मिल्‍क बनने लगेगा। इस पाउडर को चाय या रोटी में डाल सकती हैं।

​डिलीवरी के बाद क्‍या खाना चाहिए

डॉक्‍टर शीतल सचदेवा बताती हैं कि डिलीवरी के बाद महिलाओं को लहसुन, हरी पत्तेदार सब्जियां, दलिया जरूर खाना चाहिए। इससे भी ब्रेस्‍ट मिल्‍क ज्‍यादा बनने में सहायता मिलती है।

आप दिन में एक बार हरी पत्तेदार सब्‍जी और एक बार दलिया खाएं। इसके अलावा गाजर, ब्राउन राइस, तिल और तुलसी भी लें और हल्‍का भोजन करें। गरिष्‍ठ भोजन करने से बचें और दूध, दही और सब्जियां सही मात्रा में लें।

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​डिलीवरी के बाद क्‍या नहीं खाना चाहिए

डॉक्‍टर शीतल कहती हैं कि नॉर्मल डिलीवरी होने पर महिलाओं को खानपान में ज्‍यादा परहेज बरतने की जरूरत नहीं होती है। मसालेदार चीजें कम खाएं और कब्‍ज एवं खांसी पैदा करने वाले पदार्थों से भी दूर रहें।

सी-सेक्‍शन हुआ है, तो डॉक्‍टर आपको शुरुआती दिनों में हल्‍का भोजन करने की सलाह दे सकती हैं। आप इस समय कब्‍ज और खांसी करने वाली चीजें न खाएं। ऐसा कोई काम न करें जिससे आंखों पर प्रेशर पड़ता हो। अगर आपको सिजेरियन डिलीवरी के बाद कब्‍ज है या आपको अक्‍सर कब्‍ज रहती है, तो पपीता और दूध लें। खट्टी चीजें न खाएं और हेल्‍दी चीजों को भी सीमित मात्रा में ही खाएं। कोई भी चीज न तो बहुत ज्‍यादा खाएं और न ही बहुत कम।

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अक्सर देखा जाता है कि मांएं प्रेग्नेंसी के दौरान तो अपना पूरा ख्याल रखती हैं ताकि होने वाला बच्चा स्वस्थ हो, लेकिन डिलिवरी के बाद वे अपने खानपान पर उतना ध्यान नहीं देतीं। ऐसा करने से एक टाइम के बाद उनके शरीर में कमजोरी आने लगती है जो मां और बच्चे दोनों के लिए समस्या पैदा कर सकती है। डॉक्टरों की मानें तो नई मां को 6 महीने तक बच्चे को सिर्फ अपना दूध पिलाना होता है लिहाजा मां को अपने खानपान का पूरा ध्यान रखना चाहिए।

न्यू मॉम के लिए हेल्दी डायट है जरूरी

बच्चे के जन्म के बाद न्यू मॉम्स के लिए हेल्दी डायट बेहद जरूरी है। यह आपको लेबर पेन के दौरान हुई दिक्कतों से उबरने के लिए, पोस्टपार्टम डिप्रेशन से दूर रहने में और मातृत्व की जिम्मेदारियों से जुड़े हर तरह के तनाव से दूर रखने में मदद करता है। मां की हेल्दी डायट मां और बच्चा दोनों को कई तरह की खतरनाक बीमारियों से सुरक्षित रखने में मदद करता है। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि आखिर मां बनने के बाद कुछ महीनों तक आपको क्या खाना चाहिए और किन चीजों से परहेज करना चाहिए।

​क्या खाएं- अंडा

अंडों में भरपूर मात्रा में प्रोटीन होता है जो नई मां को फायदा पहुंचाता है। आप चाहें तो बॉइल एग, अंडे की भुर्जी या फिर ऑमलेट खा सकती हैं।

​हल्दी

हल्दी में विटमिन बी6, विटमिन सी और पोटैशियम होता है जो घाव को जल्दी भरता है। इसलिए, डिलिवरी के बाद घाव भरने में और पेट संबंधी परेशानियों को ठीक करने में हल्दी बेहद अहम है। रोजाना रात में सोते समय एक गिलास हल्दी वाले दूध का सेवन करें।

​अजवायन

डिलिवरी के बाद अजवायन का सेवन नई मां के लिए फायदेमंद होता है। यह आपको गैस और अपच की समस्या से बचाता है। इसमें ऐंटीबैक्टीरियल, ऐंटीफंगल, ऐंटिऑक्सिडेंट और ऐंटिसेप्टिक गुण होते हैं। रोजाना एक चुटकी अजवायन गुनगुने पानी के साथ खाएं।

​मेथी दाना

मेथी में प्रचूर मात्रा में कैल्शियम, आयरन, विटमिन और खनिज होता है। मेथी आपको जोड़ों के दर्द और पीठ दर्द से राहत दिलाने में मदद करती है। आप अपने खाने में मेथी के दाने डालकर पका सकती हैं। या फिर मेथी को रातभर पानी में भिगोकर सुबह छानकर मेथी का पानी पी सकती हैं। मेथी के सेवन से ब्रेस्ट मिल्क का उत्पादन भी बढ़ता है।

​दाल और फलियां

अपनी डेली डायट में दाल के साथ-साथ राजमा और ब्लैक बीन्स जैसी फलियों को जरूर शामिल करें। इनमें प्रोटीन, फाइबर, विटमिन और दूसरे मिनरल्स भी भरपूर मात्रा में होते हैं और ये ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं के लिए बेहद जरूरी मानी जाती हैं। साथ ही दाल खाने से एनर्जी भी मिलती है।

​क्या न खाएं- मछली

वैसे तो मछलियां ओमेगा 3 फैटी ऐसिड का बेहतरीन सोर्स होती हैं लेकिन कुछ महलियां ऐसी ही होती हैं जिनमें मर्क्युरी का लेवल बहुत अधिक होता है और यह ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली मांओं को नहीं खाना चाहिए वरना बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है।

​गैस बनाने वाली चीजें

ऐसे खाद्य पदार्थ जिन्हें खाने से पेट में गैस बनती हो, ऐसिडिटी की दिक्कत हो या फिर ज्यादा डकार आती हो उसका सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसी चीजें मां के साथ-साथ नवजात शिशु की सेहत को भी नुकसान पहुंचा सकती हैं। लिहाजा कोल्ड ड्रिंक, आइसक्रीम जैसी चीजों से दूर रहें।

​कॉफी और कैफीन

आप जब कॉफी या चाय का सेवन करती हैं तो इनमें मौजूद कैफीन आपके ब्रेस्ट मिल्क में भी पहुंच जाता है जो आपके दूध से होते हुए बच्चे के शरीर तक पहुंच सकता है। आपका शरीर कैफीन को जल्दी से प्रोसेस नहीं कर पाता। लिहाजा अगर आप चाय-कॉफी को पूरी तरह से छोड़ नहीं सकतीं तो कम से कम उनका सेवन करें।

​मसालेदार भोजन

डिलिवरी के बाद भी आपको बहुत ज्यादा तले भुने और मसालेदार खाने से परहेज करना चाहिए। मसालेदार भोजन ब्रेस्टफीडिंग के जरिए आपके नवजात शिशु को नुकसान पहुंचा सकता है।

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बच्चा पैदा होने के बाद मां को क्या खाना चाहिए?

प्रसव के बाद खाए जाने वाले खाद्य पदार्थ.
जई का दलिया.
दाल-दलहन.
अजवायन.
मंडुआ/रागी.
हरी सब्जियां.

डिलीवरी के बाद क्या क्या परहेज करना चाहिए?

यह आपके और बच्चे के लिए नींद के लिए भी ठीक नहीं है इसलिए जितना हो सके, डिलीवरी के बाद कॉफी से बचना चाहिए। मछली प्रोटीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक समृद्ध स्रोत हैं। हालांकि, स्तनपान के दौरान कम मात्रा में इसका सेवन करना चाहिए। कुछ प्रकार की मछलियों में हाई लेवल का पारा होता है जो आपके बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है।

जन्म देने के बाद क्या नहीं करना चाहिए?

डिलिवरी के बाद भी आपको बहुत ज्यादा तले भुने और मसालेदार खाने से परहेज करना चाहिए। मसालेदार भोजन ब्रेस्टफीडिंग के जरिए आपके नवजात शिशु को नुकसान पहुंचा सकता है।

जच्चा बच्चा को क्या खिलाएं?

दाल, राजमा, बीन्स - मां की डाइट में जितना पोषण हो, उतना अच्छा रहता है। दाल के साथ-साथ राजमा और ब्लैक बीन्स जैसी फलियों को भी डाइट में जरूर शामिल करें। दूध - दूध को एक संपूर्ण आहार माना जाता है। इसमें विटामिन डी, बी और प्रोटीन होने के साथ ही कई तरह के पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं।

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