2 अपरिमेय संख्याओं का गुणनफल क्या होता है? - 2 aparimey sankhyaon ka gunanaphal kya hota hai?

इसे सुनेंरोकेंदो परिमेय संख्याओं का योगफल और गुणनफल सदैव एक परिमेय संख्या होता है। परंतु दो अपरिमेय संख्याओं का न तो योगफल और न ही गुणनफल सदैव एक अपरिमेय संख्या होता है।

पाई कौन सी संख्या है?

इसे सुनेंरोकेंपाई (π) एक गणितीय नियतांक है जिसका संख्यात्मक मान किसी वृत्त की परिधि और उसके व्यास के अनुपात के बराबर होता है। इस अनुपात के लिये π संकेत का प्रयोग सर्वप्रथम सन् १७०६ में आया। इसका मान लगभग 3.14159 के बराबर होता है। यह एक अपरिमेय राशि है।

निम्न में से कौन सी एक अपरिमेय संख्या है?

इसे सुनेंरोकेंकैंटर प्रमाण के परिणामस्वरूप कि वास्तविक संख्याएं अगणनीय हैं (परिमेय गणनीय) यह मानता है कि लगभग सभी वास्तविक संख्याएं अपरिमेय हैं। शायद, सर्वाधिक प्रसिद्ध अपरिमेय संख्याएं हैं π, e और √२.

किसी संख्या का गुणनफल कैसे निकालते हैं?

उदाहरण के लिए, -60 का गुणनखंड प्राप्त करने के लिए, नीचे देखिये:

  • -60 = -10 × 6.
  • -60 = (-5 × 2) × 6.
  • -60 = (-5 × 2) × (3 × 2)
  • -60 = -5 × 2 × 3 × 2. ध्यान रखिये कि ऋणात्मक अंकों की सम संख्या वही अंक गुणनफल के रूप में देती है। उदाहरण के लिए, -5 × 2 × -3 × -2 भी 60 के बराबर होता है।

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3 का गुणनफल क्या होगा?

बीजीय व्यंजक एवं सर्वसमिकाएँ

प्रथम व्यंजकगुणनफल(ii)x+y-5________(iii)p________(iv)4p2q2________(v)a+b+c________

दो अपरिमेय संख्याओं का गुणनफल क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंदो अपरिमेय संख्याओं को गुणनफल कई बार अपरिमेय भी हो सकता है तो कई बार परिमेय भी। उदाहरण के लिए, ⇒ √2 × √3 = √6 अपरिमेय गुणनफल प्राप्त होता है। ⇒ √2 × √8 = √16 = 4 परिमेय गुणनफल प्राप्त होता है।

क्या पाई परिमेय संख्या है?

इसे सुनेंरोकेंगणित के संदर्भ में पाई (π) एक अपरिमेय संख्या है। पाई (π) का मान 22/7 का मान दशमलव के कुछ मान तक समान होता है।

पाई अपरिमेय संख्या है कैसे?

इसे सुनेंरोकेंπ एक अपरिमेय संख्या है क्योंकि इसे दो पूर्ण संख्याओं के अंश के रूप में व्यक्त नहीं किया जा सकता है और इसका कोई सटीक दशमलव समतुल्य नहीं है। π एक असमानता है, कभी भी दोहराए जाने वाले दशमलव, या एक अपरिमेय संख्या नहीं है।

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।

दो परिमेय संख्याओं का गुणनफल फ्री में होता है

do parimey sankhyao ka gunanafal free mein hota hai

दो परिमेय संख्याओं का गुणनफल फ्री में होता है

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Solution : हमें ज्ञात है कि `sqrt(2)` एक अपरिमेय संख्या है अत: `-sqrt(3)` भी एक अपरिमेय संख्या हैं उनका योगफल `sqrt(2)+(-sqrt(2))=0` जोकि एक परिमेय संख्या है।
इसी प्रकार `sqrt(2)` और `sqrt(2)` का गुणनफल `sqrt(2).sqrt(2)=(sqrt(2))^(2)=2` जोकि एक परिमेय संख्या है। पहली दशा में दो अपरिमेय संख्याओं का योगफल एक परिमेय संख्या है और दूसरी दशा में दो अपरिमेय संख्याओं का गुणनफल एक परिमेय संख्या है।
दूसरी ओर, दो अपरिमेय संख्याओं `sqrt(2)` तथा `sqrt(3)` का योगफल `sqrt(2)+sqrt(3)` है जोकि एक अपरिमेय संख्या है।
यह सिद्ध करने के लिए कि `sqrt(2)+sqrt(3)` अपरिमेय संख्या हैं मान लीजिए कि `sqrt(2)+sqrt(3)` अपरिमेय नहीं है तो `sqrt(2)+sqrt(3)` अवश्य ही परिमेय संख्या होगी और क्योंकि परिमेय संख्या का वर्ग परिमेय संख्या होता है अतः `(sqrt(2)+sqrt(3))^(2)` भी परिमेय संख्या होगी।
अब `sqrt(2)+sqrt(3))^(2)=2+3+2sqrt(2)sqrt(3)`एक परिमेय संख्या है अतः `5+2sqrt(6)` भी एक परिमेय संख्या है। क्योंकि `sqrt(6)` अपरिमेय हैं, इसलिए `2sqrt(6)` भी अपरिमेय है। अब 5 परिमेय संख्या है और `2sqrt(6)` अपरिमेय अतः उनका योगफल `5+2sqrt(6)` भी अपरिमेय संख्या है।
इससे यह पता चलता है कि `(sqrt(2)+sqrt(3))^(2)` एक अपरिमेय संख्या है।
यह एक अन्तर्विरोध है अतः `sqrt(2)+sqrt(3)` एक अपरिमेय संख्या है।
फिर दो अपरिमेय संख्याओं `sqrt(2)` और `sqrt(3)` का गुणनफल `sqrt(2).sqrt(3)=sqrt(6)` जोकि एक अपरिमेय संख्या है।
इस प्रकार हमने दिखाया है कि दो अपरिमेय संख्याओं का योगफल या गुणनफॅल कुछ दशाओं में परिमेय और कुछ में अपरिमेय संख्या होती है।

दो अपरिमेय संख्याओं का गुणनफल क्या होता है?

दो अपरिमेय संख्याओं का गुणनफल हमेशा अपरिमेय होता है। एक परिमेय व एक अपरिमेय संख्या का गुणनफल हमेशा आपरिमेय में होता है। दो अपरिमेय संख्याओं का जोड़ कभी अपरिमेय नहीं हो सकता। एक पूर्णांक तथा एक परिमेय संख्या का जोड़ कभी पूर्णांक नहीं हो सकता।

2 परिमेय संख्याओं का गुणनफल क्या होता है?

दो परिमेय संख्याओं का योगफल और गुणनफल सदैव एक परिमेय संख्या होता है। परंतु दो अपरिमेय संख्याओं का न तो योगफल और न ही गुणनफल सदैव एक अपरिमेय संख्या होता है।

2 अपरिमेय संख्याओं का योग कितना होता है?

दो अपरिमेय संख्याओं का योग सदैव अपरिमेय संख्या होता है ।

परिमेय और अपरिमेय संख्याओं का गुणनफल क्या होता है?

परिमेय और अपरिमेय संख्याओं का गुणनफल क्या होता है ? यदि एक परिमेय संख्या और एक अपरिमेय संख्या को गुना किया जाए तो हमे एक अपरिमेय संख्या ही प्राप्त होगी। जैसे- 5 * 2√3 = 10√3 [ यह एक अपरिमेय संख्या का उदाहरण है। ]

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