किडनी के लिए कौन सी जांच कराएं? - kidanee ke lie kaun see jaanch karaen?

आपकी किडनी ठीक से काम कर रही है या नहीं ये जानने के कई तरीके हो सकते हैं। एक्सपर्ट लक्षिता जैन बता रही हैं कि हमें क्या करना चाहिए। 

किडनी हमारे शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है और उसमें होने वाली जरा सी खराबी भी हमारे लिए काफी बड़ी समस्या पैदा कर सकती है। किडनी की प्रॉब्लम हो सकता है बहुत ही शुरुआती स्टेज में हो, लेकिन आपकी किडनी आपको इसके भी संकेत देने लगेगी। कुछ लक्षण स्किन और बालों से जरिए दिखते हैं, कुछ लक्षण आपकी यूरिन और पेट दर्द से जुड़े होते हैं। 

पर अक्सर लोग शरीर के संकेतों को नजरअंदाज कर देते हैं। आखिर हमें ये कैसे पता चलना चाहिए कि शरीर में किडनी की समस्या हो रही है? ये एक बड़ा सवाल है जिसका जवाब एक्सपर्ट्स ही दे सकते हैं। 

इस विषय के बारे में हमने सर्टिफाइड क्लीनिकल डायटीशियन, लेक्चरर, डायबिटीज एजुकेटर, मीट टेक्नोलॉजिस्ट और NUTR की फाउंडर लक्षिता जैन से बात की। लक्षिता जैन डाइट से जुड़ी कई रिसर्च का हिस्सा रह चुकी हैं और साथ ही साथ वो शरीर की बीमारियों और उनसे जुड़ी डाइट की जरूरतों पर लगातार जानकारी देती रहती हैं। 

लक्षिता ने हमें बताया कि किडनी की समस्याएं आपके लिए मुसीबत भरी हो सकती हैं और अगर आपको कोई भी समस्या महसूस होती है तो ये बहुत जरूरी है कि आप फिजीशियन से संपर्क करें। किडनी जैसी समस्या को बिल्कुल नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। 

किडनी के लिए कौन सी जांच कराएं? - kidanee ke lie kaun see jaanch karaen?

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किडनी की बीमारी के पहले शरीर देता है ये संकेत-

किडनी का काम हमारे शरीर से टॉक्सिन्स निकालने का होता है और जब ये ठीक से नहीं हो पाते हैं तो इस तरह के संकेत मिलते हैं- 

  • नाखूनों में सफेदी आने लगती है।
  • शरीर में खुजली होने लगती है। 
  • पैरों के तलवों में सूजन आना किडनी की बीमारी का सबसे आम लक्षण है। 
  • हमेशा थकान रहना और नींद ठीक से न आना भी किडनी की बीमारी का एक लक्षण है। 
  • यूरिन में समस्या होती है या फिर उसमें ब्लड आने लगता है।
  • पीठ और कमर में बहुत ज्यादा दर्द होता है। 
  • शरीर में जगह-जगह मसल्स क्रैम्प्स होते रहते हैं।  

किडनी के लिए कौन सी जांच कराएं? - kidanee ke lie kaun see jaanch karaen?

किडनी ठीक से काम कर रही है या नहीं उसके लिए किए जा सकते हैं ये टेस्ट- 

लक्षिता जी का कहना है कि किडनी ब्लड प्लाज्मा को फिल्टर करती है और इसका काम है मेटाबॉलिक वेस्ट अलग करना और उसे यूरिन के जरिए बाहर निकाल देना। जब किडनी फंक्शन कम हो जाता है तो ये सब काम ठीक से नहीं होता और खून में टॉक्सिन्स बढ़ने लगते हैं। ये सब कुछ शरीर का वेस्ट प्रोडक्ट होता है जिसे आप किडनी फंक्शन टेस्ट (KFT) के जरिए पता कर सकते हैं।  

किडनी के लिए कौन सी जांच कराएं? - kidanee ke lie kaun see jaanch karaen?

KFT में आमतौर पर दो अहम चीज़ें देखी जाती हैं- 

1. सीरम क्रिएटिनिन टेस्ट (Serum creatinine test)

 नॉर्मल रेंज  0.5 - 1.2 mg% है 

2. ब्लड यूरिया नाइट्रोजन (BUN)

 नॉर्मल रेंज 6.0-20.0 mg% है 

किडनी की समस्या क्रिएटिनिन सीरम के स्तर से बताई जा सकती है। दरअसल, जब शरीर में वेस्ट प्रोडक्ट बढ़ता है तब क्रिएटिनिन बढ़ता है। ये मसल्स का एक वेस्ट प्रोडक्ट होता है जिसका यूरिन के जरिए बाहर निकलना जरूरी है। इसी के साथ, यूरिया एक तरह का नाइट्रोजन वेस्ट प्रोडक्ट है जो प्रोटीन से निकलता है।  

ब्लड जिस तरह से फिल्टर होता है उसे glomerulus of nephrons (GFR) कहा जाता है। ये किडनी के फंक्शनल यूनिट्स होते हैं जो ये बताते हैं कि ये सही से काम कर रही है या नहीं। GFR को आप एक तरह का इंडिकेटर मान लें जो ये बताएगा कि खून शरीर में सही तरह से फिल्टर हो रहा है या नहीं हो रहा है। 

अगर आपकी टेस्ट रेटिंग GFR >90ml/min है तो ये नॉर्मल रेंज है। इससे नीचे कुछ भी खतरनाक साबित हो सकता है।  

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यूरिन एनालिसिस/ dipstick test 

किडनी के फंक्शन का पता लगाने के लिए यूरिन सैंपल भी लिया जाता है। यूरिन सैम्पल में स्टिक डुबोई जाती है और अगर नॉर्मल से अलग कुछ भी सब्सटेंस मौजूद होते हैं तो स्टिक का रंग बदल जाता है। इस टेस्ट से भी किडनी की जानकारी ली जा सकती है।  

यूरिन एल्ब्यूमिन टेस्ट (Urine Albumin test) 

एल्ब्यूमिन एक तरह का ब्लड प्रोटीन होता है जो नॉर्मली यूरिन के जरिए पास नहीं होता है। अगर यूरिन टेस्ट में ये सामने आ रहा है मतलब किडनी की समस्या शुरू हो रही है।  

इसके अलावा, इमेजिंग टेस्ट जैसे अल्ट्रासाउंड आदि भी किए जाते हैं जो किडनी स्टोन्स का पता लगा सकते हैं। आपको सबसे पहले ये ध्यान रखना है कि अगर इनमें से कोई भी समस्या समझ आ रही है तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।  

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Disclaimer

आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, पर हमसे संपर्क करें।

किडनी के लिए कौन सा टेस्ट किया जाता है?

किडनी फंक्शन (Kidney Function Tests) एल्ब्यूमिन प्रोटीन (albumin protein) की उपस्थिति की जांच के लिए यूरिन टेस्ट किया जाता है। यूरिन में एल्ब्यूमिन प्रोटीन की मौजूदगी किडनी खराब होने का संकेत देती है।

किडनी के कितने टेस्ट होते हैं?

इसके बाद अगर यूरिन क्लाउडी सफेद रंग का होने लगे तो इसका मतलब है कि यूरिन में प्रोटीन की मात्रा है। यह किडनी डैमेज होने का संकेत हो सकता है, क्योंकि प्रोटीन के मॉलिक्यूल गर्मी के कारण जमने लगते हैं। > अगर इस पर सफेद परत नहीं जमती है तो यह किडनी के हेल्दी होने का संकेत होता है।

कैसे पता करे की किडनी खराब है?

बार-बार पेशाब आना : यदि आपको बार-बार पेशाब आता है तो भी यह किडनी की बीमारी के संकेत है। क्योंकि इस तरह की बीमारी में किडनी के फिल्टर क्षतिग्रस्त हो जाते हैं जिसके कारण पेशाब करने की इच्छा बार-बार होती है। कई बार पुरुषों में यूरिनरी इंफेक्शन या बढ़े हुए प्रोस्टेट भी इसका संकेत हो सकता है।