जनसंख्या पिरामिड क्या होता है स्पष्ट करें? - janasankhya piraamid kya hota hai spasht karen?

सामान्यत: ग्रामीण क्षेत्र वे होते हैं, जो कि प्राथमिक क्रियाओं में लगे होते हैं जबकि नगरीय क्षेत्र वे होते हैं, जिनकी अधिकांश जनसंख्या गैर-प्राथमिक क्रियाओं में लगी होती है।

पश्चिमी देशों में ग्रामीण क्षेत्रों में स्त्रियों की संख्या पुरुषों से अधिक है। नेपाल, पाकिस्तान और भारत जैसे देशों में स्थिति इससे विपरीत है। नगरीय क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों की अधिक सम्भावनाओं के कारण ग्रामीण क्षेत्रों से महिलाओं के आगमन के कारण यूरोप, कनाडा और यू०एस०ए० के नगरीय क्षेत्रों में महिलाओं की अधिकता है। कृषि भी इन देशों में अत्यधिक मशीनीकृत है और यह लगभग पुरुष प्रधान व्यवसाय है। इसके विपरीत एशिया के नगरीय क्षेत्रों में पुरुष प्रधान प्रवास होने के कारण लिंगानुपात भी पुरुषों के अनुकूल है।

भारत जैसे देशों में ग्रामीण क्षेत्रों के कृषि कार्यों में महिलाओं की सहभागिता काफी अधिक है। भारत में महिलाओं का नगरीय क्षेत्रों में प्रवास कम होने के कारण हैं-नगरों में आवास का अभाव, रहन-सहन की ऊँची लागत, रोजगार अवसरों की कमी एवं सुरक्षा का अभाव आदि।

(ii) विश्व के विभिन्न भागों में आयु-लिंग में असन्तुलन के लिए उत्तरदायी कारकों तथा व्यावसायिक संरचना की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
आयु-लिंग के असन्तुलन के लिए उत्तरदायी कारक . आयु-लिंग के असन्तुलन के लिए उत्तरदायी कारक निम्नलिखित हैं

  • स्त्री – पुरुष के जन्म दर में अन्तर–प्रत्येक समाज में जन्म के समय नर बच्चे, मादा बच्चों से अधिक पैदा होते हैं।
  • स्त्री – पुरुष की मृत्यु-दर में अन्तर-पुरुष और स्त्री मृत्यु-दरों में अन्तर होने के कारण भी लिंगानुपात में अन्तर आ जाता है। विकसित देशों में भी जीवन की सभी अवस्थाओं में पुरुष मृत्यु-दर स्त्री मृत्यु-दर से अधिक होती है। अतः जन्म के समय पुरुषों की बढ़ी हुई संख्या, उत्तरोत्तर समाप्त होती जाती है।
  • प्रवास – स्त्रियों और पुरुषों का प्रवास भी लिंगानुपात को गम्भीर रूप से प्रभावित करता है। प्रवास में लिंगीय चयनपरकता बहुत अधिक होती है।

व्यावसायिक संरचना
व्यावसायिक संरचना में 15-59 वर्ष के महिला तथा पुरुष दोनों ही कार्यरत जनसंख्या हैं जो कृषि, वानिकी, मत्स्य, विनिर्माण तथा निर्माण कार्यों में लगे होते हैं। कृषि तथा मत्स्य क्षेत्रों में पुरुष वर्ग अधिक कार्यरत है जबकि महिला वर्ग वानिकी तथा अन्य घरेलू कार्य में है। एक सर्वेक्षण के अनुसार खाड़ी के देशों में पुरुष जनसंख्या महिला जनसंख्या से अधिक है क्योंकि उन देशों में रोजगार के लिए प्रायः पुरुष ही अधिक प्रवास करते हैं।

UP Board Class 12 Geography Chapter 3 Other Important Questions

UP Board Class 12 Geography Chapter 3 अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

विस्तृत उत्तरीय प्रश्नोत्तर 

प्रश्न 1.
लिंगानुपात से क्या आशय है? विश्व में लिंगानुपात के सामान्य प्रारूप का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
लिंगानुपात (लिंग संघटन)का अर्थ-जनसंख्या में पुरुषों और स्त्रियों के बीच के अनुपात को ‘लिंगानुपात’ कहा जाता है। भारत में यह अनुपात प्रति हजार पुरुषों और स्त्रियों की संख्या के रूप में दर्शाया जाता है।


विश्व में लिंगानुपात का सामान्य प्रारूप

  • विश्व में जनसंख्या का औसत लिंगानुपात, प्रति 100 स्त्रियों पर 102 पुरुष है।
  • विश्व में उच्चतम लिंगानुपात लैटविया में दर्ज किया गया है जहाँ प्रति सौ स्त्रियों पर 85 पुरुष हैं।
  • विश्व में निम्नतम लिंगानुपात संयुक्त अरब अमीरात में दर्ज किया गया है जहाँ प्रति सौ स्त्रियों पर 311 पुरुष हैं।
  • संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा सूचीबद्ध 139 देशों में लिंगानुपात स्त्रियों के लिए अनुकूल है, जबकि शेष 72 देशों में यह उनके लिए प्रतिकूल है।
  • चीन, भारत, सऊदी अरब, पाकिस्तान व अफगानिस्तान जैसे एशियाई देशों में लिंगानुपात अत्यधिक निम्न है।
  • रूस सहित यूरोप के एक बड़े भाग में पुरुष अल्प संख्या में हैं।
  • यूरोप के अनेक देशों में पुरुषों की कमी वहाँ स्त्रियों की बेहतर स्थिति तथा भूतकाल में विश्व के विभिन्न भागों में अत्यधिक पुरुष उत्प्रवास के कारण है।

प्रश्न 2:
आयु-लिंग पिरामिड का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
आयु लिंग पिरामिड जनसंख्या की आयु-लिंग संरचना का अभिप्राय विभिन्न आयु वर्गों में स्त्रियों और पुरुषों की संख्या से है।
जनसंख्या पिरामिड का प्रयोग जनसंख्या की आयु-लिंग संरचना को दर्शाने के लिए किया जाता है। जनसंख्या पिरामिड की आकृति जनसंख्या की विशेषताओं को परिलक्षित करती है। प्रत्येक आयु वर्ग में बायाँ भाग पुरुषों का प्रतिशत तथा दायाँ भाग स्त्रियों का प्रतिशत दर्शाता है।

चित्र में जनसंख्या पिरामिड के विभिन्न प्रकार दर्शाते हैं
1. विस्तारित होती जनसंख्या – अल्प-विकसित देशों में आयु-लिंग पिरामिड का आधार चौड़ा और . शीर्ष तेजी से पतला होता जाता है। इन देशों में उच्च जन्म-दर के कारण निम्न आयु वर्गों में विशाल जनसंख्या पायी जाती है जबकि वृद्धों की संख्या उत्तरोत्तर घटती जाती है। चित्र में नाइजीरिया का आयु-लिंग पिरामिड दर्शाया गया है जो अल्प-विकसित देशों का प्रतिरूपी है। यदि हम बंगलादेश और मैक्सिको के लिए पिरामिड की रचना करें तो वे भी ऐसे ही नजर आएंगे।

2. स्थिर जनसंख्या – स्थिर जनसंख्या को प्रदर्शित करने वाला आयु-लिंग पिरामिड घण्टी के आकार का होता है जो कि शीर्ष की ओर शुंडाकार होता जाता है। जन्म-दर और मृत्यु-दर लम्बे समय तक लगभग एक समान रहते हैं जिसके परिणामस्वरूप जनसंख्या स्थिर हो जाती है। चित्र में आस्ट्रेलिया का आयु-लिंग पिरामिड दिखाया गया है।

3. ह्रासमान जनसंख्या – ह्रासमान जनसंख्या के पिरामिड का आधार संकीर्ण और शीर्ष शुण्डाकार होता है। यह निम्न जन्म और मृत्यु-दरों को दर्शाता है। इन देशों में जनसंख्या वृद्धि शून्य अथवा ऋणात्मक होती है।. चित्र में जापान का आयु-लिंग पिरामिड दिखाया गया है।

प्रश्न 3.
आयु संरचना से आपका क्या अभिप्राय है? आयु वर्ग व उनकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
आयु सरंचना का अर्थ-किसी जनसंख्या की आयु संरचना से तात्पर्य विभिन्न आयु वर्गों में स्त्रियों और पुरुषों की संख्या के ज्ञान से है।
आयु संरचना को प्रभावित करने वाले तीन कारक प्रमुख हैं
(1) जन्म
(2) मृत्यु एवं
(3) प्रवास।
आयु वर्ग व उनकी विशेषताएँ
सामान्यतया किसी देश की जनसंख्या को तीन बड़े आयु वर्गों में रखा जाता है
1. बाल तथा तरुण आयु वर्ग – इस आयु वर्ग में 15 वर्ष से कम आयु के बच्चों को शामिल किया जाता है। युवा जनसंख्या के उच्च अनुपात का अर्थ है कि प्रदेश में जन्म दर उच्च है।
विशेषता – आर्थिक रूप से अनुत्पादक होने के कारण यह आयु वर्ग अपने परिवार पर आश्रित रहता है।

2. प्रौढ़ आयु वर्ग – 15 से 59 आयु वर्ग के बीच जनसंख्या का बड़ा आकार एक विशाल कार्यशील जनसंख्या को इंगित करता है।
विशेषता – यह आयु वर्ग आर्थिक दृष्टि से सर्वाधिक उत्पादक, सबसे अधिक प्रजननशील तथा जनांकिकीय दृष्टि से सर्वाधिक गतिशील होता है। यही वर्ग बाल आयु वर्ग की जनसंख्या का भरण-पोषण करता है तथा वृद्धों की देखभाल व सेवा करता है।

3. वृद्ध आयु वर्ग – इस आयु वर्ग में 60 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों को शामिल किया जाता है।
विशेषता – इस आयु वर्ग में जनसंख्या अधिक होने पर वृद्धों की देखभाल व उनकी स्वास्थ्य सम्बन्धी . सेवाओं पर अधिक खर्च की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 4.
साक्षरता से आप क्या समझते हैं? साक्षरता दर को प्रभावित करने वाले कारकों को समझाइए।
उत्तर:
साक्षरता का अर्थ-संयुक्त राष्ट्र संघ जनसंख्या आयोग के अनुसार, “साक्षर व्यक्ति वह है जो 15 वर्ष या इससे अधिक आयु का हो और जो किसी भाषा में साधारण सन्देश को पढ़, लिख और समझ सकता हो।”

भारत की सन् 2001 की जनगणना के अनुसार, 7 वर्ष से अधिक आयु वाला जो व्यक्ति किसी भी भाषा को पढ़-लिख सकता है जिसमें समझ के साथ अंकगणितीय परिकलन की योग्यता हो, साक्षर कहलाएगा।”

जनसंख्या पिरामिड क्या होता है?

जनसंख्या पिरामिड एक देश की जनसंख्या की आयु व लिंग संरचना को दर्शाता है। बच्चों की संख्या(15 वर्ष से नीचे) और जन्म स्तर निचले भाग दर्शाया जाता है। ऊपर का अकार वृद्ध लोगों (65 वर्ष से अधिक) और मृतकों की संख्या की संख्या को दर्शाता है

जनसंख्या पिरामिड का क्या महत्व है?

जनसंख्या पिरामिड का प्रयोग जनसंख्या की आयु - लिंग संरचना को दर्शाने के लिए किया जाता है। के कारण निम्न आयु वर्गों में विशाल जनसंख्या पाई जाती है।

जनसंख्या पिरामिड क्या है यह किसी देश की जनसंख्या को समझने में किस प्रकार की मदद करते हैं?

यह जनसंख्या के सांख्यिकीय प्रतिरूप को प्रदर्शित करने की एक विधि है। यह जनसंख्या संघटन का अध्ययन करने में सहायक हैजनसंख्या पिरामिड को कुल जनसंख्या के लैंगिक प्रतिशत में विभक्त किया जाता है। इससे कुल जनसंख्या से लैंगिक प्रतिशत ज्ञात किया जा सकता है

जनसंख्या पिरामिड क्या है कक्षा 8?

(vi) जनसंख्या पिरामिड-यह जनसंख्या के सांख्यिकीय प्रतिरूप को प्रदर्शित करने की एक विधि है। यह जनसंख्या संघटन का अध्ययन करने में सहायक है। जनसंख्या पिरामिड को कुल जनसंख्या के लैंगिक प्रतिशत में विभक्त किया जाता है। इससे कुल जनसंख्या से लैंगिक प्रतिशत ज्ञात किया जा सकता है।

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