जालपा का कौन सा प्रिय आभूषण था? - jaalapa ka kaun sa priy aabhooshan tha?

इसे सुनेंरोकेंरमानाथ गबन उपन्यास का प्रमुख पुरूष पात्र है। उपन्यास का नायक होने के साथ-साथ वह वर्तमान युग के युवा वर्ग का प्रतिनिधि है। जिसके माध्यम से उपन्यासकार ने युवा वर्ग के चरित्र को चित्रित किया है। रमानाथ एक ऐसा नायक है जिसमें कुछ अच्छाई है तो कुछ मानव जनित सहज दुर्बलताएं भी हैं।

`( 1 गबन उपन्यास का प्रकाशन कब हुआ?`?

इसे सुनेंरोकेंइसका प्रकाशन सन १९२७ में हुआ था। सन १९२६ में दहेज प्रथा और अनमेल विवाह को आधार बना कर इस उपन्यास का लेखन प्रारम्भ हुआ। इलाहाबाद से प्रकाशित होने वाली महिलाओं की पत्रिका ‘चाँद’ में नवम्बर १९२५ से दिसम्बर १९२६ तक यह उपन्यास विभिन्न किस्तों में प्रकाशित हुआ।

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गबन उपन्यास का रचना काल कौन सा है?

इसे सुनेंरोकेंप्रेमचंद का स्वर्णिम युग सन् 1931 की शुरुआत में ‘गबन’ प्रकाशित हुआ।

गोवर्ण का प्रकाशन कब हुआ?

इसे सुनेंरोकेंइसका प्रकाशन १९३६ ई० में हिन्दी ग्रन्थ रत्नाकर कार्यालय, बम्बई द्वारा किया गया था। इसमें भारतीय ग्राम समाज एवं परिवेश का सजीव चित्रण है। गोदान ग्राम्य जीवन और कृषि संस्कृति का महाकाव्य है। इसमें प्रगतिवाद, गांधीवाद और मार्क्सवाद (साम्यवाद) का पूर्ण परिप्रेक्ष्य में चित्रण हुआ है।

इसे सुनेंरोकेंरमानाथ गबन उपन्यास का प्रमुख पुरूष पात्र है। उपन्यास का नायक होने के साथ-साथ वह वर्तमान युग के युवा वर्ग का प्रतिनिधि है।

गबन उपन्यास की प्रधान समस्या क्या है?

इसे सुनेंरोकेंउपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद का गबन उपन्यास एक यथार्थवादी रचना हैं. इसमें भारतीय समाज की प्रमुख समस्या नारी के आभूषण प्रेम एवं नवयुवकों की मौज मस्ती व विलासिता की प्रवृत्ति को चित्रित किया गया हैं.

गबन उपन्यास की प्रमुख समस्या क्या है?

गबन का क्या मतलब है?

इसे सुनेंरोकेंगबन या दुर्विनियोग (embezzlement) ऐसे अपराध को कहते हैं जिसमें किसी कार्य के लिए कोई पैसा या सम्पति किसी व्यक्ति दी गयी हो और वह व्यक्ति अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए उसे चुरा ले। ग़बन एक प्रकार का धोखा होता है।

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गबन उपन्यास का नायक कौन है उसकी चारित्रिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए?

इसे सुनेंरोकेंकथावस्तु : – ‘गबन’ की मुख्य कथावस्तु जालपा और रमानाथ के जीवन को घेर कर चलती है। जालपा की आभूषण-प्रियता और रमेश के मिथ्याभिमान तथा आत्म प्रशंसा से कथा का आरंभ होता है। पुलिस के माया-महल में उसका विकास होता है। जालपा की त्याग-भावना देखकर रमानाथ आँखें खोलता है।

रमानाथ की पत्नी को कौन सा आभूषण प्रिय था?

इसे सुनेंरोकेंअब रमानाथ में जालपा के लिए गहने बनवाने का हौसला पैदा होता है। इस हौसले को वे सराफों के कर्ज़ से लद जाने पर भी पूरा है। इन्दुभूषण वकील की पत्नी रतन को जालपा के जड़ाऊ कंगन बहुत अच्छे लगते हैं। वैसे ही कंगन लाने के लिए वह रमानाथ को 600 रुपये देती है।

इसे सुनेंरोकेंरमानाथ में से ही दिखावा की प्रवृति रही है। वह चाहता था कि बारात ऐसी धूम-धाम से निकले कि गाँव भर में शोर मच जाए। पहले दुल्हे के लिए पालकी का विचार था, लेकिन रमानाथ ने मोटर पर जोर दिया। उसे ठाट-बाठ, से रहने का शौक था और विवाह के बाद वह टेनिस शर्ट, पतलून तथा कैनवस पहनकर निकलता है।

जालपा को कौन सा आभूषण सर्वाधिक प्रिय है?

इसे सुनेंरोकेंप्रयाग के छोटे से गाँव के जमींदार के मुख़्तार महाशय दीनदयाल और मानकी की इकलौती पुत्री जालपा को बचपन से ही आभूषणों, विशेषत: चन्द्रहार की लालसा लग गयी थी। वह स्वप्न देखती थी कि विवाह के समय उसके लिए चन्द्रहार ज़रूर चढ़ेगा।

इसे सुनेंरोकेंनिःसंदेह रमानाथ संवेगी एवं कायर पुरुष है। मिथ्या आडंबर, आत्मप्रदर्शन उसकी कमजोरी है किन्तु वह अपने दाम्पत्य को लेकर सदैव गंभीर रहा। जालपा के प्रति अनुराग ही था जो वह सर्राफे से आभूषण उधार ले आया। वह जालपा से सच्चा प्रेम करता है इसलिए उसकी प्रत्येक इच्छा पूरी करना चाहता था।

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कहानी के प्रमुख तत्त्व कौन कौन से हैं?

कहानी के तत्व

  • १. कथावस्तु –
  • २. पात्र का चरित्र चित्रण –
  • ३. वातावरण
  • ४. संवाद या कथोपकथन
  • ५. भाषा शैली
  • ६. उद्देश्य

गबन की नायिका का क्या नाम है?

इसे सुनेंरोकें1. ग़बन’ की नायिका, जालपा, एक चन्द्रहार पाने के लिए लालायित है। उसका पति कम वेतन वाला क्लर्क है यद्यपि वह अपनी पत्नी के सामने बहुत अमीर होने का अभिनय करता है। अपनी पत्नी को संतुष्ट करने के लिए वह अपने दफ्तर से ग़बन करता है और भागकर कलकत्ता चला जाता है जहां एक कुंजड़ा और उसकी पत्नी उसे शरण देते हैं।

कहानी लेखन में कथानक की क्या भूमिका होती है?

इसे सुनेंरोकेंकथानक का अर्थ है कहानी में प्रयोग की गई कथावस्तु या वह वस्तु जो कथा में विषय रूप में चुनी गई हो। कहानी में सामाजिक, धार्मिक, ऐतिहासिक, वैज्ञानिक आदि में से किसी एक विषय को लेकर घटना का विकास किया जाता है। कथानक में स्वाभाविकता लाने के लिए उसमें यथार्थ, कल्पना, मनोविज्ञान आदि का समावेश यथोचित रूप में किया जाता है।

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रमानाथ की पत्नी को कौन सा आभूषण प्रिय था?

इसे सुनेंरोकेंअब रमानाथ में जालपा के लिए गहने बनवाने का हौसला पैदा होता है। इस हौसले को वे सराफों के कर्ज़ से लद जाने पर भी पूरा है। इन्दुभूषण वकील की पत्नी रतन को जालपा के जड़ाऊ कंगन बहुत अच्छे लगते हैं। वैसे ही कंगन लाने के लिए वह रमानाथ को 600 रुपये देती है।

जालपा को कौन सा आभूषण प्रिय था?

जालपा के प्रति अनुराग ही था जो वह सर्राफे से आभूषण उधार ले आया । वह जालपा से सच्चा प्रेम करता है इसलिए उसकी प्रत्येक इच्छा पूरी करना चाहता था

6 जालपा को कौन सा आभूषण सर्वाधिक प्रिय है?

आभूषण प्रियता : जालपा को बचपन से ही आभूषण बहुत प्रिय थे। उसके खिलौने आभूषण ही थे। उसके आभूषण अति प्रिय होने का कारण उसके घर का वातावरण था क्योंकि उसकी मां भी सारा दिन आभूषणों की चर्चा करती रहती। उसकी मां उसे भी आभूषण दिलवाती , जिनमे से बिल्लौरी चंद्रहार उसका सबसे प्रिय था।

जालपा के पति का नाम क्या है?

इस उपन्यास की कथा मुख्य पात्र जालपा तथा उसके पति रमानाथ के इर्द गिर्द ही घूमती है ।

जालपा की सहेली का क्या नाम है?

उनके साथ रमानाथ के माता-पिता भी रहते हैं। जालपा की सहेली रतन और जोहरा भी है।