हिंदी में चिन्ह कौन कौन से होते हैं? - hindee mein chinh kaun kaun se hote hain?

इस लेख में हम हिंदी भाषा के समस्त विराम चिह्नों (Hindi Punctuation Marks) के बारे में विस्तार पूर्वक बता रहे हैं। चिन्हों के नाम के साथ-साथ उनका विस्तृत विवरण भी आपको इस लेख में मिलेगा।

अतः सम्पूर्ण लेख को धैर्य पूर्वक पढ़ें और कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके इस लेख के बारे में अपनी राय और सुझाव हमारे साथ साझा अवश्य करें।

हिंदी चिन्हों के नाम (Hindi Chinhon Ke Naam)

  1. पूर्ण विराम चिन्ह – Full Stop (।)
  2. अल्प विराम चिन्ह – Comma (,)
  3. अर्द्ध विराम चिन्ह – Semicolon (;)
  4. प्रश्नवाचक चिन्ह – Sign of Interrogation (?)
  5. विस्मयादिबोधक चिन्ह – Sign of Exclamation (!)
  6. उद्धरण चिन्ह – Inverted Comma (” “)
  7. योजक चिन्ह – Hyphen (-)
  8. विवरण चिन्ह – Sign of Vivran Chinh (:—)
  9. हंस पद – Sign of Hans Pad (^)
  10. लाघव चिन्ह – Sign of Laaghav Chinh (°)
  11. तुल्यतासूचक चिन्ह – Sign of Tulytasuchak Suchak Chinh (=)
  12. लोप सूचक चिन्ह – Sign of Lop Suchak Chinh (…)

हिंदी में चिन्ह कौन कौन से होते हैं? - hindee mein chinh kaun kaun se hote hain?
Viram Chinh in Hindi

Viram Chinh

विराम चिह्न की परिभाषा (Viram Chinh Ki Paribhasha)

भाषा के लिखित रूप में विराम या ठहराव को सूचित करने वाले संकेत चिह्नों को विराम चिह्न कहते हैं। विराम चिह्न का अर्थ ठहराव होता है। हम बातचीत के दौरान अपनी बात कहने के लिए, समझाने के लिए, किसी बात पर विशेष बल देने के लिए या अपनी बात का सम्पूर्ण भाव स्पष्ट करने के लिए कहीं कम या अधिक समय के लिए रुकते हैं, जिसे विराम कहते हैं।

हिंदी विराम चिन्ह – विराम का अर्थ है, ठहराव या रुकना। जिस तरह हम काम करते समय बीच-बीच में रुकते और फिर आगे बढ़ते हैं वैसे ही लेखन में भी विराम की आवश्यकता होती है, अतः पाठक के मनोविज्ञान को ध्यान में रखते हुए भाषा में विरामों का उपयोग आवश्यक है।

उदाहरण : मोहन पढ़ रहा है । (सामान्य सूचना)
उदाहरण : ताजमहल किसने बनवाया ? (प्रश्नवाचक)
उदाहरण : श्याम आया है ! (आश्चर्य का भाव)


हिंदी में चिन्ह कौन कौन से होते हैं? - hindee mein chinh kaun kaun se hote hain?
हिंदी में चिन्ह कौन कौन से होते हैं? - hindee mein chinh kaun kaun se hote hain?
हिंदी विराम चिन्ह

हिंदी विराम चिन्ह

श्री कामता प्रसाद गुरु जी ने विराम चिन्हों को अंग्रेजी से लिया हुआ मानते हैं। वह पूर्ण विराम को छोड़ शेष सभी विराम चिन्हों को अंग्रेजी से संबंध करते हैं। श्री कामता प्रसाद गुरु ने हिंदी विराम चिन्ह 20 बताए हैं, यह है-

  1. अल्पविराम ( , )
  2. अर्धविराम ( ; )
  3. पूर्ण विराम ( । )
  4. प्रश्न चिन्ह ( ? )
  5. आश्चर्य चिन्ह या विस्मयादि चिन्ह ( ! )
  6. निर्देशक चिन्ह या संयोजक चिन्ह ( – )
  7. कोष्ठक ( ) { } [ ]
  8. अवतरण या उद्धरण चिन्ह ( ‘ ‘ )
  9. उप विराम ( : )
  10. विवरण चिन्ह ( :- )
  11. पुनरुक्ति सूचक चिन्ह ( ” ” )
  12. लाघव चिन्ह (० )
  13. लोप चिन्ह ( ….. , ****** )
  14. पाद चिन्ह ( – )
  15. दीर्घ उच्चारण चिन्ह ( ¡ )
  16. पाद बिंदु ( ÷ )
  17. हँस पद ( ^ )
  18. टीका सूचक ( *,+,+,2 )
  19. तुल्यता सूचक ( = )
  20. समाप्ति सूचक ( ____ )

हिंदी विराम चिन्ह प्रश्न उत्तर

  1. विराम का अर्थ है-

    ठहराव या रुकना

  2. श्री कामता प्रसाद जी के द्वारा विराम चिन्हों को कहां से लिया गया है?

    अंग्रेजी

  3. समानाधिकरण शब्दों के मध्य में किस विराम चिन्ह का प्रयोग होता है?

    अल्प विराम ( , ) जैसे- देश के प्रधानमंत्री , श्री नरेंद्र मोदी गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश को बधाई दी।

    विराम चिन्ह का प्रयोग क्यों किया जाता है- हिंदी भाषा में प्रयोग होने वाले विराम चिन्ह का बहुत ज्यादा महत्त्व है। किसी भी भाषा में विराम चिन्ह के गलत स्थान पर लगने से पूरे ही वाक्य का कुछ और ही अर्थ निकल कर आ जाता है। इसलिए भाषा में चिन्हों के सही स्थान में प्रयोग होना आवश्यक हो जाता है। विराम का अर्थ है “रुकना या ठहरना” किसी भी वाक्य को लिखते या बोलते समय बीच में कुछ पल का ठहराव आता है यही ठहराव या रुकना उस वाक्य को स्पष्ट, अर्थवान, भावपूर्ण बनाती है। लिखित भाषा में वाक्य प्रयोग के समय कुछ चिन्हों का प्रयोग किया जाता है वाक्य में कुछ पल के ठहराव के लिए प्रयुक्त होने वाले चिन्ह को विराम चिन्ह (Viram Chinh in Hindi) कहा जाता है।

    उपसर्ग, प्रत्यय एवं समास किसे कहते हैं परिभाषा, भेद व उदाहरण

    हिंदी में चिन्ह कौन कौन से होते हैं? - hindee mein chinh kaun kaun se hote hain?
    Viram Chinh (विराम चिन्ह) in Hindi – विराम चिन्ह के उदाहरण, परिभाषा, प्रकार और उनका प्रयोग

    हिंदी भाषा में चिन्हों का काफी महत्व होता है क्यूंकि चिन्हों के गलत प्रयोग से अर्थ का निरर्थ हो जाता है। विशेष रूप से सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए यह आवश्यक हो जाता है की वे हिंदी भाषा में प्रयोग होने वाले चिन्हों के बारे में जानकारी हासिल कर लें। आज के इस लेख के माध्यम से आप विराम चिन्ह क्या होते हैं? विराम चिन्ह कितने प्रकार के होते हैं? विराम चिन्हों का प्रयोग कहाँ -कहाँ किया जाता है? विराम चिन्ह को कैसे प्रदर्शित किया जाता है आदि के बारे में विस्तार से जान सकेंगे। विराम चिन्ह से सम्बन्धित जानकारी पाने के लिए आर्टिकल के साथ अंत तक बने रहें।

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    हिंदी में चिन्ह कौन कौन से होते हैं? - hindee mein chinh kaun kaun se hote hain?

    Article Contents

    • 1 विराम चिन्ह की परिभाषा/अर्थ
      • 1.1 हिंदी में प्रमुख विराम चिन्ह
        • 1.1.1 1. पूर्ण विराम या विराम (full stop) [ I ]
        • 1.1.2 2. अर्द्धविराम (semicolon) [ ; ]
        • 1.1.3 3. अल्पविराम (comma) [ , ]
        • 1.1.4 4. प्रश्नवाचक चिन्ह (mark of interrogation ) [ ? ]
        • 1.1.5 5. विस्मयादिबोधक चिन्ह (mark of exclamation) [ ! ]
        • 1.1.6 6. उद्धरण चिन्ह (inverted commas ) [ ” ” ] [ ‘ ‘ ]
        • 1.1.7 7. योजक (hyphen) [ – ]
        • 1.1.8 8. निर्देशक (dash ) [ — ]
        • 1.1.9 9. कोष्ठक (brackets) [ ( ) ]
        • 1.1.10 10. हंसपद (त्रुटिबोधक) (caret ) [ ^ ]
        • 1.1.11 11. रेखांकन (underline) [ ____ ]
        • 1.1.12 12. लाघव चिन्ह (sign of abbreviation ) [ ० ]
        • 1.1.13 13. लोप चिन्ह (mark of omission) [ ….. ]
      • 1.2 हिंदी में अन्य विराम चिन्ह –

    विराम चिन्ह की परिभाषा/अर्थ

    परिभाषा- विराम चिन्ह को सरल भाषा में “रुकना या ठहरना” कहते हैं ,जो चिन्ह लिखते, बोलते या पढ़ते समाये रुकने का संकेत देते हैं या ठहराव के लिए प्रयोग किये जाते हैं उन्हें “विराम चिन्ह” कहा जाता है। विराम चिन्ह को अंग्रेजी में punctuation marks कहा जाता है। कामता प्रसाद के अनुसार “वाक्यों में शब्दों का परस्पर सम्बन्ध बताने तथा किसी विषय को भिन्न-2 भागों में पढ़ने या बाँटने में ठहराव के लिए ,लेखों में जिन चिन्हों का उपयोग होता है उन्हें विराम चिन्ह कहा जाता है।”

    यदि विराम चिन्ह का प्रयोग न किया जाये तो अर्थ का अनर्थ हो जाता है। उदहारण के रूप में नीचे दिए गए वाक्य के विराम चिन्ह के स्थान से अलग लगाने पर वाक्य का अर्थ अलग निकल कर आता है ; जैसे –
    1. रोको मत जाने दो। (इस वाक्य में अर्थ स्पष्ट नहीं है )
    2. रोको, मत जाने दो। (इस वाक्य में अर्थ स्पष्ट है इसमें “रोको” के बाद अल्पविराम का प्रयोग किया गया है जिसमे रोकने के लिए कहा गया है।)
    3. रोको मत ,जाने दो। (इस “रोको मत” के बाद अल्पविराम लगाने से किसी को न रोक कर जाने के लिए कहा गया है। )
    इस प्रकार से विराम चिन्ह के प्रयोग से दूसरे तथा तीसरे वाक्य का अर्थ अच्छे से स्पष्ट होता है किन्तु पहले वाक्य का अर्थ स्पष्ट उतने अच्छे से नहीं हो पाता है।

    हिंदी में प्रमुख विराम चिन्ह

    हिंदी में प्रमुख विराम चिन्ह हैं जिनका उपयोग वाक्य प्रयोग के समय किया जाता है ताकि वाक्यों का सही अर्थ और भाव निकल सके। वाक्य के भाव अभिव्यक्ति के लिए विराम चिन्हों का काफी महत्त्व है। लिखते समय या बोलते समय ठहराव या विराम के लिए कुछ चिन्हों का प्रयोग किया जाता है। हिंदी में प्रचलित कुछ महत्वपूर्ण विराम चिन्ह इस प्रकार से हैं –

    क्रम0 संख्यानामचिन्ह1पूर्ण विराम या विराम (full stop)( । )2अर्द्धविराम (semicolon)( ; )3अल्पविराम (comma)( , )4प्रश्नवाचक चिन्ह (mark of interrogation )( ? )5विस्मयादिबोधक चिन्ह (mark of exclamation)( ! )6उद्धरण चिन्ह (inverted commas )(” “) ( ‘ ‘ )7योजक (hyphen)( – )8निर्देशक (dash )( — )9कोष्ठक (brackets)[ ] ( ) { }10हंसपद (त्रुटिबोधक) (caret )( ^ )11रेखांकन (underline)( _ )12लाघव चिन्ह (sign of abbreviation)( 0 )13लोप-चिन्ह (mark of omission )(.…. )14दीर्घ उच्चारण चिन्ह( s )

    1. पूर्ण विराम या विराम (full stop) [ I ]

    हिंदी भाषा में पूर्ण विराम ऐसा चिन्ह है जिसका प्रयोग अधिकतर किया जाता है पूर्ण विराम चिन्ह हिंदी का सबसे प्राचीन चिन्ह है।पूर्ण विराम को अंग्रेजी में full stop कहा जाता है। इसे ( I ) चिन्ह से दर्शाया जाता है ;पूर्ण विराम वाक्य के पूर्ण रूप से आशय प्रकट हो जाने के बाद लगता है।
    (a ) इस चिन्ह का प्रयोग प्रश्नवाचक तथा विस्मयादिबोधक वाक्यों को छोड़कर अन्य सभी सरल ,संयुक्त ,मिश्र वाक्यों के अंत में होता है ;जैसे –
    1. वह घर जा रहा है।
    2. वह स्कूल जाने वाला है।
    3. लड़का चाट से नीचे गिर गया।
    4. मेने पढ़ा लिया है।
    ( b ) दोहा, श्लोक, चौपाई आदि की पहली पंक्ति के अंत में इसका प्रयोग होता है और दूसरी पंक्ति में दो पूर्ण विराम लगाए जाते हैं; जैसे –
    रहिमन पानी रखिए बिन पानी सब सून।
    पानी गए न उबरे मोती,मानुस,चून।।

    (c ) किसी व्यक्ति ,वस्तु का सजीव वर्णन करते समय वाक्य के अंत में; जैसे –
    1. हट्टा कट्टा शरीर।
    2. सुन्दर काया।

    2. अर्द्धविराम (semicolon) [ ; ]

    अर्द्धविराम को अंग्रेजी में semicolon कहा जाता है। अर्द्धविराम का अर्थ है आधा विराम यानि पूर्ण विराम से थोड़ा कम विराम का समय जिस वाक्यों में लगता है वहां इस चिन्ह का प्रयोग होता है। अल्पविराम से अधिक रुकने और पूर्ण विराम से थोड़ा कम रुकने वाले वाक्य में इस चिन्ह का प्रयोग किया जाता है। आम तौर पर अर्ध विराम दो उपवाक्यों को जोड़ने का काम करता है ऐसे वाक्य जिन्हे “और” से नहीं जोड़ा जा सकता वहां अर्द्धविराम का प्रयोग किया जाता है; जैसे –
    1. फलों में आम को सर्वश्रेष्ठ फल मन गया है ;किन्तु श्रीनगर में और ही किस्म के फल विशेष रूप से पैदा होते हैं।
    2. उसने अपने बालक को बचाने के कई प्रयास किये; किन्तु सफल न हो सका।
    अर्द्धविराम का प्रयोग समानाधिकरण और विरोधपूर्ण वाक्यों में होता है। समानाधिकरण वाक्य; जैसे –
    1. मुझे यहाँ से जाना है ;फिर घर जाना है ;फिर घूमने जाना है।
    विरोधपूर्ण वाकया में प्रयोग ;जैसे –
    1. जो मेहनती होता है ;उसके रास्ते में उतनी ज्यादा कठिनाईयां आती हैं।

    3. अल्पविराम (comma) [ , ]

    अर्द्धविराम से कम देर तक जिन वाक्यों में ठहराव होता है या जिनमे अर्द्धविराम की अपेक्षा थोड़ी देर ही रुकना पड़ता है उन वाक्यों में इस चिन्ह का प्रयोग होता है। इस चिन्ह को अंग्रेजी में comma कहा जाता है और इसे ( , ) चिन्ह के रूप में दर्शाया जाता है।

    • एक ही प्रकार के कई शब्दों का प्रयोग होने पर प्रत्येक शब्द के बाद में इस चिन्ह का प्रयोग होता है किन्तु अंतिम शब्द से पहले “और” का प्रयोग किया जाता है।
      उदहारण -1. सीमा अपने घर ,परिवार और बच्चों को खो चुकी है।
    • ‘हाँ’ ,’नहीं’, अतः, ‘वस्तुतः’ ,अच्छा ,जैसे शब्दों से शुरू होने वाले वाक्यों में इन शब्दों के उपरांत ;जैसे –
      उदहारण -1. नहीं ,मैं नहीं आ सकता।
      2. हाँ , तुम जाना चाहते हो जाओ।
    • उपाधियों के अलगाव के लिए ;जैसे :
      बी.ए , एम.ए., पी.एच. डी. ,बी.एस.सी।
    • वाक्यांश या उपवाक्य को अलग करने के लिए ;जैसे –
      उदाहरण -1. गणित का सेलेबस बदल जाने से ,मुझे लगता है ,परिणाम प्रभावित होगा।
    • सम्बोधन सूचक शब्दों में भी कभी कभी अल्पविराम चिन्ह का प्रयोग होता है ;जैसे –
      उदाहरण -1. आशा ,तुम वहां जाओ।
    • युग्म शब्दों में अलगाव दर्शाने के लिए ;जैसे –
      उदाहरण -1. सच और झूठ , कल और आज ,पाप और पुण्य।
    • पत्र सम्बोधन के उपरान्त ;जैसे
      उदहारण -1. मान्यवर ,महोदय ,पूज्य पिताजी ,आदरणीय माताजी
      [(नोट -कभी भी पत्र के अंत में भवदीय,आज्ञाकारी आदि के बाद अल्पविराम नहीं लगाया जाता है। )
    • किन्तु ,परन्तु ,क्यूंकि ,इसलिए आदि समुच्यबोधक शब्दों से पूर्व अल्पविराम लगाया जाता है ;जैसे –
      उदाहरण – मैं आज खाना नहीं खाऊंगा ,क्यूंकि मेरा मन नहीं है।
      मैंने बहुत परिश्रम किया ,किन्तु सफल न हो पाया।
    • तारीख के साथ महीने का नाम लिखने के बाद तथा सन्न ,सम्वंत के पहले अल्पविराम का प्रयोग होता है ;जैसे –
      उदाहरण – 15 अगस्त ,सन्न 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ।
    • उद्धरण से पूर्व ‘कि ‘ के बदले में अल्पविराम का प्रयोग किया जाता है ;जैसे–
      उदाहरण -उसने कहा ,”सबको जीने का अधिकार है।”
    • अंकों को लिखते समय अल्पविराम का प्रयोग होता है;जैसे -1 ,2 ,3 ,4 ,5 आदि।

    4. प्रश्नवाचक चिन्ह (mark of interrogation ) [ ? ]

    प्रश्नवाचक चिन्ह को अंग्रेजी में MARK OF INTERROGATION कहा जाता है तथा इसे (?) चिन्ह से दर्शाया जाता है; वे सभी वाक्य जिनमे सवाल किये जा रहे हों या कुछ पूछा जा रहा हो प्रश्नवाचक चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
    (a) ऐसे वाक्यों के अंत में प्रश्नवाचक चिन्ह का प्रयोग होता है; जैसे –
    उदहारण -1. तुम कौन हो ?
    2. तुम कहाँ जा रहे हो ?
    3. तुम कल क्यों नहीं आये ?
    (b ) इस चिन्ह का प्रयोग संदेह प्रकट करने के लिए भी उपयोग में लाया जाता है ;जैसे–
    क्या कहा वह ईमानदार (?) है।

    5. विस्मयादिबोधक चिन्ह (mark of exclamation) [ ! ]

    विस्मयादिबोधक चिन्ह को अंग्रेजी में mark of exclamation कहा जाता है और इसे (!)चिन्ह से दर्शाया जाता है।
    (a ) वाक्य में हर्ष, विवाद, विस्मय, घृणा, आश्रर्य, करुणा, भय आदि भावनाओं का बोध करने के लिए इस चिह्न का प्रयोग किया जाता है ;जैसे –
    उदाहरण– 1. हे भगवान ! ऐसा कैसे हो गया।
    2. छी:छी ! कितनी बदसूरत औरत है।
    3 .आह ! कितना अच्छा मौसम है।
    4 . वाह! आप कैसे पधारे।
    (b ) संबोधनसूचक शब्दों के बाद इसका प्रयोग किया जाता है ;जैसे –
    उदाहरण -1. मित्रों !आज की सभा में आप सभी स्वागत है।
    2. मेरे भाइयों बहनो ! आज में यहाँ आप सभी के सामने उपस्थित हूँ।

    6. उद्धरण चिन्ह (inverted commas ) [ ” ” ] [ ‘ ‘ ]

    उद्धरण चिन्ह जिसे अंग्रेजी में inverted commas कहा जाता है इसे (” “) चिन्ह से दर्शाया जाता है। किसी महान व्यक्ति की उक्ति या किसी और के वाक्य या शब्दों को ज्यूँ का त्यूं रखने में तथा खास शब्द पर जोर डालने के लिए अवतरण चिह्न ,उद्धरण चिन्ह (” ”) का प्रयोग किया जाता है ;जैसे :
    तुलसीदास जी ने कहा –
    “रघुकुल रीत सदा चली आई। प्राण जाए पर वचन न जाई।।”
    प्रेमचंद्र जी ने कहा –
    “साहित्य राजनीती से आगे चलने वाली मशाल है। “

    7. योजक (hyphen) [ – ]

    योजक चिन्ह जिसे अंग्रेजी में hyphen कहा जाता है इसका प्रयोग दो शब्दों को जोड़ने के लिए किया जाता है जिन दो शब्दों को जोड़ने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।
    (a) इसका प्रयोग सामासिक पदों या पुनरुक्ति ,युग्म शब्दों के मध्य में किया जाता है; जैसे
    1. माता -पिता
    2. जय-पराजय
    3. लाभ -हानि
    4. राष्ट्र-भक्ति।
    (b ) तुलनवाचक ‘सा’, ‘सी ‘, ‘से’ के पहले इस चिन्ह का प्रयोग किया जाता है; जैसे –
    1. चाँद -सा मुखड़ा ,
    2. फूल-सी मुस्कान
    3. मोरनी-सी चाल
    (c ) एक अर्थ वाले सहचर शब्दों के बीच में इस चिन्ह का प्रयोग होता है ;जैसे –
    1. मान- मर्यादा
    2. कपडा-लत्ता
    (d ) सार्थक-निरर्थक शब्द युग्मो के बीच ;जैसे–
    1. काम -वाम
    2. खाना-वाना

    8. निर्देशक (dash ) [ — ]

    यह निर्देशक जिसे अंग्रेजी में dash कहा जाता है इसको (—) चिन्ह से दर्शाया जाता है। यह योजक चिन्ह से थोड़ा बड़ा होता है। इस चिन्ह का प्रयोग संवादों को लिखने के लिए ,कहना ,लिखना बोलना बताना शब्दों के बाद इसका प्रयोग होता है और किसी भी प्रकार की सूचि से पहले इसका प्रयोग होता है।
    (a ) संवादों को लिखने के लिए ;जैसे –
    महेश — तुम यहाँ कब आये ?
    सीमा — मैं कल सुबह यहाँ आ गयी थी।
    (b) कहना ,बोलना ,लिखना बताना इन शब्दों के बाद ;जैसे –
    सुभाष चंद्र बॉस ने कहा —”तुम मुझे खून दो में तुम्हें आज़ादी दूंगा।”
    गाँधी जी ने कहा— हिंसा मत करो।
    (c ) किसी भी प्रकार की सूचि से पहले इस चिन्ह का प्रयोग होता है ;जैसे –
    आज की परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों के नाम निम्नलिखित है —प्रतिभा ,अर्चना ,स्वाति ,महिमा।

    9. कोष्ठक (brackets) [ ( ) ]

    कोष्ठक को अंग्रेजी में brackets कहा जाता है और इसे [( )] से दर्शाया जाता है। कोष्ठक के भीतर उस सामग्री को रखा जाता है जो मुख्या वाक्य का अंग होते हुए भी पृथक की जा सके।
    (a ) किसी कठिन शब्द को स्पष्ट करने के लिए इस चिन्ह का प्रयोग किया जाता है ;जैसे –
    आपकी सामर्थ्य (शक्ति) हर कोई जानता है।
    (b ) नाटक में अभिनय करने वालों के निर्देशों को कोष्ठक में रखा जाता है ;जैसे –
    सीता —(आगे बढ़ते हुए ) हे धरती माँ मुझे अपनी गोद में समा ले।

    10. हंसपद (त्रुटिबोधक) (caret ) [ ^ ]

    हंसपद (त्रुटिबोधक) को अंग्रेजी में caret कहा जाता है और इसे (^ )चिन्ह से है ,इसका नाम हंसपद इसलिए है क्यूंकि इस चिन्ह की आकृति हंस पे पैर के सामान दिखाई देती है। जब किस वाक्यॉंश या वाक्य में कोई शब्द या अक्षर लिखते समय छूट जाता है तो उस शब्द या अक्षर को लिखने के लिए वाक्य के जिस स्थान में वह शब्द छूटा था वहां से इस लगाकर वह शब्द या अक्षर लिखा जाता है छूटे हुए वाक्य के नीचे हंसपद चिन्ह का प्रयोग करके छूटे शब्द या अक्षर को ऊपर लिख दिया जाता है; जैसे –
    उदहारण – तुम मुझे ^ दो मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा। यहाँ पर तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा होना था। आप जिस स्थान पर छूटे हुए शब्द को डालना चाहते हैं वहां पर हंसपद का प्रयोग करके उस शब्द को चिन्ह के ऊपर लिख देंगे ।

    11. रेखांकन (underline) [ ____ ]

    रेखांकन को अंग्रेजी में underline कहा जा जाता है इसको ( ___)चिन्ह से दर्शाया जाता है। वाक्य में महत्वपूर्ण शब्द या पद ,वाक्य को रेखांकित कर दिया जाता है ; जैसे –

    1. हम सभी दिवाली पर माँ लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करते हैं।
    2. प्रेमचंद्र द्वारा लिखा गया उपन्यास गोदान सर्वश्रेष्ठ कृति है।

    12. लाघव चिन्ह (sign of abbreviation ) [ ० ]

    लाघव चिन्ह को अंग्रेजी में sign of abbreviation कहा जाता है इसको (० ) चिन्ह से दर्शाया जाता है। किसी भी शब्द या वाक्य को छोटे रूप में लिखने के लिए इस चिन्ह को प्रयोग में लाया जाता है ;जैसे –
    1. कृ० प० उ० जो की कृपया पृष्ठ उलटिये का संक्षिप्त रूप है।
    2. उ० न० नि० = उत्तराखंड नगर निगम
    3. उ० पा० का० लि० =उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड

    13. लोप चिन्ह (mark of omission) [ ….. ]

    जब वाकया में कुछ अंश को छोड़ना हो या उस अंश को छोड़कर वाक्य को लिखना हो तो लोप चिन्ह का किया जाता है। इसको डॉट-डॉट से दर्शाया जाता है। जैसे -महात्मा गाँधी ने कहा ,”परीक्षा की घडी आए चुकी है ……..हम करेंगे या मरेंगे”।

    हिंदी में चिन्ह कितने होते है?

    हिंदी व्याकरण के विशेषज्ञ कामता प्रसाद गुरु ने विराम चिह्नों की संख्या 20 मानी है। कामता प्रसाद गुरु पूर्ण विराम (।) को छोड़ कर बाकि सभी विराम चिह्नों को अंग्रेजी से लिया हुआ माना है।

    चिन्हों के नाम क्या है?

    विराम चिन्हों के प्रकार (Types of Punctuation in Hindi).

    उदाहरण चिन्ह कौन सा होता है?

    अवतरण या उदाहरण चिन्ह-( “…” ) जैसे : महावीर ने कहा , “अहिंसा परमो धर्म “।

    चिन्ह का प्रयोग कब किया जाता है?

    विराम चिन्ह की आवश्यकता और महत्व यदि उसका पूर्ण अभिप्राय पूरा हो जाता है, तो वहाँ वो पूरा ठहर जाता है। इसी तरह उसे जहाँ शोक, हर्ष, विषाद या विस्मय आदि के भाव प्रगट करना होता है तो वह अपने हांथों, आँखों या मुख द्वारा अभिव्यक्त या संकेत करता है। या जहाँ प्रश्न करना होता है, वहाँ विशेष ढ़ंग से स्वर को ऊँचा-नीचा करता है।