हीरा और मोती की आँिों में विद्रोहमय स्नेह का भाव क्यों झऱक रहा था? - heera aur motee kee aanion mein vidrohamay sneh ka bhaav kyon jharak raha tha?

One Line Answer

हीरा-मोती की आँखों में विद्रोहमय स्नेह कब झलकता हुआ प्रतीत हुआ और क्यों?

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Solution

झूरी ने हीरा-मोती को गया के घर काम करने भेजा था पर इन दोनों को वहाँ गाँव, घर तथा मनुष्य सब बेगाने जैसे लग रहे थे। उन्हें गया से भी स्नेह नहीं मिल रहा था। वे दोनों वहाँ से रात में ही भाग आए थे। उन्हें अपने बेचे जाने का भ्रम होने के कारण उनकी आँखों में विद्रोहमय स्नेह झलक रहा था।

Concept: गद्य (Prose) (Class 9 A)

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Chapter 1: दो बैलों की कथा - अतिरिक्त प्रश्न

Q 10Q 9Q 11

APPEARS IN

NCERT Class 9 Hindi - Kshitij Part 1

Chapter 1 दो बैलों की कथा
अतिरिक्त प्रश्न | Q 10

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हीरा और मोती की आँखों में विद्रोहमय स्नेह का भाव क्यों झलक रहा था?

झूरी ने हीरा-मोती को गया के घर काम करने भेजा था पर इन दोनों को वहाँ गाँव, घर तथा मनुष्य सब बेगाने जैसे लग रहे थे। उन्हें गया से भी स्नेह नहीं मिल रहा था। वे दोनों वहाँ से रात में ही भाग आए थे। उन्हें अपने बेचे जाने का भ्रम होने के कारण उनकी आँखों में विद्रोहमय स्नेह झलक रहा था

हीरा और मोती के रोम रोम में विद्रोह क्यों भरा हुआ था?

प्रेम के इस प्रसाद की यह बरकत थी कि दो-दो गाल सूखा भूसा खाकर भी दोनों दुर्बल न होते थे, मगर दोनों की ऑंखों में, रोम-रोम में विद्रोह भरा हुआ था। एक दिन मोती ने मूक भाषा में कहा- अब तो नहीं सहा जाता हीरा!

हीरा और मोती ने गया के घर स्वयं को अपमानित क्यों महससू कि या?

Solution :- हीरा और मोती ने गया के घर स्वयं को इसलिए अपमानित महसूस किया क्योंकि गया ने अपने बैलों के चारे में चूनी-चोकर, खली आदि मिलाया परंतु हीरा मोती के सामने सूखा भूसा डाल दिया। इन बैलों के साथ झूरी ने ऐसा कभी नहीं किया था।

हीरा और मोती दया के साथ क्यों नहीं जाना चाहते थे?

मित्र हीरा और मोती गया के साथ इसलिए नहीं जाना चाहते थे क्योंकि उन्हें लगा कि उनके मालिक ने उन्हें बेच दिया है और वह अपने पुराने मालिक को छोड़ना नहीं चाहते थे