हिमालय से निकलने वाली तीन प्रमुख नदियों और उसकी सहायक नदियों के नाम लिखिए।
हिमालय से निकलने वाली तीन प्रमुख नदियाँ निम्न है:
1. सिंधु नदी तंत्र - सतलुज, व्यास और रावी सिंधु नदी की तीन प्रमुख सहायक नदियाँ है।
2. गंगा नदी तंत्र - यमुना, घाघरा और गंडक गंगा नदी की प्रमुख सहायक नदियाँ है।
3. ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र - दिबांग, लोहित केनुला ब्रह्मपुत्र नदी की सहायक नदियाँ है।
निम्नलिखित में से कौन-सी लवणीय जल वाली झील है?
सांभर
वूलर
डलडल
डलडल
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निम्नलिखित में से कौन-सा वृक्ष की शाखाओं के समान अपवाह प्रतिरूप प्रणाली को दर्शाता है?
अरीय
केंद्राभिमुख
द्रुमाकृतिक
द्रुमाकृतिक
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वूलर झील निम्नलिखित में से किस राज्य में स्थित है?
राजस्थान
पंजाब
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश
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निम्नलिखित में से कौन सी नदी प्रायद्वीपीय भारत की सबसे बड़ी नदी है?
नर्मदा
गोदावरी
कृष्णा
कृष्णा
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नर्मदा नदी का उद्गम कहां से है?
सतपुड़ा
अमरकंटक
ब्रह्मागिरी
ब्रह्मागिरी
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हिमालय से निकलने वाली नदियाँ नदिया अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित करती
हैं? इसे सुनेंरोकें(iii) नदियों के मैदान तथा सिंचाई को सुविधाओं ने विभिन्न प्रकार की खाद्य फसलों व नकदी फसलों को उगाने तथा दूसरे कृषि क्रिया-कलापों में काफी मदद पहुँचाई है। (iv) नदियाँ बाढ़ के मैदान तथा डेल्टा का निर्माण करती हैं, जो कृषि हेतु उपजाऊ मृदा करती हैं। गंगा नदी की मुख्य धारा कौन कौन सी नदिया है? इसे सुनेंरोकेंगंगा में उत्तर की ओर से आकर मिलने वाली प्रमुख सहायक नदियाँ यमुना, घाघरा, बागमती, रामगंगा, करनाली (सरयू), ताप्ती, गंडक, कोसी और काक्षी
हैं तथा दक्षिण के पठार से आकर इसमें मिलने वाली प्रमुख नदियाँ सोन, बेतवा, केन, दक्षिणी टोस आदि हैं। इसे सुनेंरोकेंA गंगा महा नदियाँ कौन सी हैं? इसे सुनेंरोकेंछत्तीसगढ़ तथा उड़ीसा अंचल की सबसे बड़ी नदी है। प्राचीनकाल में महानदी का नाम चित्रोत्पला था। महानन्दा एवं नीलोत्पला भी महानदी के ही नाम हैं। महानदी का उद्गम रायपुर के समीप धमतरी जिले में स्थित सिहावा नामक पर्वत श्रेणी से हुआ है। प्रायद्वीपीय नदिया कौन
कौन सी है? प्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र इसे सुनेंरोकेंभारत में सबसे विशाल नदी द्रोणी कौन-सी है? गंगा द्रोणी भारत में सबसे विशाल नदी द्रोणी है। गंगा नदी भारत के कितने जिलों से होकर बहती है? इसे सुनेंरोकेंगंगा नदी भारत के पांच
राज्यों से बहती हुयी बंगला देश से निकलकर गंगासागर डेल्टा बनाकर बंगाल कि खाड़ी में गिरने से पहले 2525 किलोमीटर कि दुरी तय करती है.हिमालय से निकलने वाली नदियाँ कौन कौन सी है?
हिमालय से कौन सी नदी नहीं निकलती?
भारत की सबसे विशाल नदी द्रोणी कौन सी है?
हिमालयी नदियाँ
सुविधा के लिए भारत की नदियों को दो भागों में बांटा गया है।
1- हिमालय की नदियां`
2- प्रायद्वीपीय भारत की नदियां
हिमालय की नदियों को भी तीन भागों में बांटते हैं
1- सिंधु नदी तंत्र
2- गंगा नदी तंत्र
- हिमालय की तीन नदियां सिंधु, सतलज, एवं ब्रह्मपुत्र हिमालय की उत्पत्ति से पहले भी यहां बहती थी।
- तीनों नदियां मानसरोवर झील से निकलती हैं। यह तीनों नदियां हिमालय के उत्थान से पहले तिब्बत के मानसरोवर झील से निकलती थी तथा टेथिस सागर में गिरती थी।
- आज जहां पर हिमालय पर्वत है वहां पर पहले टेथिस सागर का विस्तार था जिसे टेथिस भूसन्नति भी कहा जाता है। जब टेथिस भूसन्नति से हिमालय का उत्थान प्रारंभ हुआ तो यह तीनों नदियों ने अपना रास्ता एवं दिशा परिवर्तन नहीं किया बल्कि इन तीनों नदियों ने हिमालय के उत्थान के साथ साथ हिमालय को काटती रही अर्थात अपनी घाटी को गहरा करती रही जिसके परिणाम स्वरुप इन तीनों नदियों ने वृहद हिमालय में अपनी अपनी जगह पर गहरे एवं संकरी घाटियों का निर्माण कर दिया जिसे गार्ज या आई(I) आकार की घाटी भी कहते हैं। या कैनियन भी कहते हैं।
कैनियन गार्ज की अपेक्षा अधिक गहरा होता है।जैसे-
- सिंधु गार्ज – सिंधु नदी पर जम्मू-कश्मीर में गिलगिट के समीप
- शिपकिला गार्ज – हिमाचल प्रदेश में सतलज नदी पर
- दिहांग गार्ज – अरुणाचल प्रदेश में ब्रम्हपुत्र नदी पर
हिमालय की पूर्ववर्ती नदी एवं ब्रम्हपुत्र अंतर्राष्ट्रीय नदी हैं अर्थात इनमें से प्रत्येक नदी तीन देशों से होकर गुजरती है
- सिंधु नदी – चीन, भारत, पाकिस्तान
- सतलज नदी – चीन, भारत, पाकिस्तान
- ब्रह्मपुत्र नदी – चीन, भारत, बांग्लादेश
सिंधु नदी तंत्र Sindhu Nadi Tantra
- सिंधु नदी तंत्र की मुख्य नदी सिंधु है।
- सिंधु नदी के बाएं तट पर आकर मिलने वाली पांच प्रमुख सहायक नदियों का क्रम इस प्रकार है – पश्चिम से पूर्व की ओर सिंधु, झेलम, चिनाब, रावि, व्यास, सतलज
- सिंधु तंत्र में दो नदियां तिब्बत के मानसरोवर झील से निकलती हैं।
- सिंधु नदी एवं सतलज नदी
- सिंधु नदी तंत्र की एकमात्र नदी जम्मू कश्मीर से निकलती है – झेलम नदी
- सिंधु नदी तंत्र की शेष तीन नदियां हिमाचल प्रदेश से निकलती हैं।
- चिनाब, रावी, व्यास
- सिंधु नदी की पांच प्रमुख सहायक नदियां जो पंजाब में बहती है, पंचनद कहलाती हैं।
- ये पांचो प्रमुख सहायक नदियां अपना जल सम्मिलित रूप से पाकिस्तान के मिठान कोट में सिंधु नदी के बाएं तट पर अपना जल गिराती हैं।
सिंधु नदी तंत्र के नदियों का उद्गम स्थल
1 – सिंधु नदी – तिब्बत के मानसरोवर झील के समीप चेमायुंगड़ग ग्लेशियर से
2- सतलज नदी –
तिब्बत के मानसरोवर झील के समीप राकसताल झील से
3- झेलम नदी- जम्मू कश्मीर में बेरीनाग के समीप शेषनाग झील से
4- चेनाब झील- हिमाचल प्रदेश में बरालाचाला दर्रे के समीप से
5- रावी एवं व्यास- हिमाचल प्रदेश में रोहतांग दर्रे के समीप से
- इनमें से व्यास नदी सतलज की सहायक नदी है जो पंजाब में सतलज नदी से मिल जाती है व्यास नदी सिंधु नदी तंत्र की एकमात्र सहायक नदी है जो पाकिस्तान में नहीं जाती है। व्यास नदी हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रा के समीप से निकलकर पंजाब में कपूरथला के निकट हरीके नामक स्थान पर सतलज नदी में मिल जाती है।
भारत की 6 सबसे लंबी नदियों का क्रम
- बह्मपुत्र – 2900 km
- सिंधु – 2880 km
- गंगा – 2525 km
- सतलज- 1500 km
- गोदावरी – 1465 दक्षिण भारत की सबसे लंबी नदी
- यमुना – 1385 km
- सिंधु नदी तिब्बत के मानसरोवर झील के समीप से चेमायुंगड़ग ग्लेशियर से निकलकर जम्मू कश्मीर राज्य में प्रवेश करती है।
- सिंधु नदी जम्मू कश्मीर में लद्दाख एवं जास्कर श्रेणीयो के मध्य प्रवाहित होते हुए उत्तर पश्चिम की ओर बहती है तथा गिलगिट के समीप एक बहुत गहरी गार्ज का निर्माण करती है, जिसे सिंधु गार्ज कहा जाता है तथा गिलगिट के समीप ही सिंधु नदी दक्षिण की ओर मुड़कर पाकिस्तान में प्रवेश करती है। लेह लद्दाख एवं जास्कर श्रेणी के बीच सिंधु नदी के किनारे बसा हुआ है।
- झेलम नदी जम्मू कश्मीर में बेरीनाग के समीप शेषनाग झील से निकलती है तथा श्रीनगर होते हुए वुलर झील में मिल जाती है। तथा कुछ दूर तक भारत पाक सीमा के साथ-साथ प्रवाहित होते हुए पाकिस्तान में चली जाती है।
- झेलम नदी कश्मीर घाटी से होकर बहती है और कश्मीर घाटी एक समतल मैदान है। तथा इस समतल मैदान का ढाल बहुत कम हो जाता है ढाल कम होने के चलते झेलम नदी विसर्पण करने लगती है।
- झेलम हिमालय की एक मात्र नदी हैं, जो विसपर्ण करती हैं।
- झेलम नदी जम्मू कश्मीर में अनंतनाग से बारामुला तक नौकागम्य है क्योंकि समतल भूमि के कारण।
- चिनाब नदी हिमाचल प्रदेश के बरालाचाला दर्रा के समीप से निकलती है।
- रावी और व्यास नदी हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रा के समीप से निकलती है।
- व्यास नदी सिंधु नदी तंत्र की एकमात्र नदी है जो पाकिस्तान में नहीं जाती। व्यास नदी रोहतांग दर्रा के समीप से निकलकर पंजाब में कपूरथला के निकट हरीके नामक स्थान पर सतलज नदी में मिल जाती है।
- सतलज नदी तिब्बत के मानसरोवर झील के समीप राकसताल से निकलती है तथा हिमाचल प्रदेश में शिपकीला दर्रा के समीप प्रवेश करती है तथा शिपकिला गार्ज का निर्माण करती है।
- सतलज नदी भारत में दो राज्य हिमाचल प्रदेश एवं पंजाब होते हुए पाकिस्तान में प्रवेश कर जाती है।
- सतलज नदी सिंधु नदी तंत्र के शेष चार नदियों का जल लेकर सम्मिलित रूप से पाकिस्तान के मिठानकोट में सिंधु नदी के बाएं तरफ मिल जाती है।
- पंचनद के अलावा कुछ अन्य छोटी नदियां भी सिंधु नदी के बाएं तट पर जाकर मिलती हैं।जास्कर नदी, शयांग नदी, शीगार नदी, गिलगिट नदी कुछ अन्य छोटी नदियां सिंधु नदी में दाएं तरफ से आकर मिलती हैं. श्योक नदी ,काबुल नदी, कुर्रम नदी, गोमल नदी
सिंधु नदी जल समझौता
- सिंधु नदी जल समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच 1964 में हुआ था इस समझोते में यह तय हुआ था कि सिंधु नदी तंत्र की 6 प्रमुख नदियों में से पश्चिम की तीन नदियों के 20% जल का उपयोग भारत करेगा 80% जल का उपयोग पाकिस्तान करेगा। साथ ही सिंधु नदी तंत्र की पूर्वी तीन नदियों अर्थात रावी, व्यास, सतलज 80% जल का उपयोग भारत तथा 20% जल का उपयोग पाकिस्तान करेगा।
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