हम विश्व हिंदी दिवस क्यों मनाते हैं? - ham vishv hindee divas kyon manaate hain?

Hindi Diwas 2022: हिंदी उन भाषाओं में शुमार है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा बोली और समझी जाती है। महात्मा गांधी ने कहा था कि हिंदी जनमानस की भाषा है और इसे देश की राष्ट्रभाषा बनाने की सिफारिश भी की थी। हिंदी को 14 सितंबर 1949 को राजभाषा का दर्जा दिया गया, लिहाजा इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। संविधान सभा ने देवनागरी लिपि वाली हिंदी के साथ ही अंग्रेजी को भी आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया, लेकिन 1949 में आज ही के दिन संविधान सभा ने हिंदी को भारत की राजभाषा घोषित किया। हालांकि पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था। जिसके बाद से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। 

हिंदी दिवस का दिन हिंदी भाषा के महत्व के बारे में बताता है और युवा पीढ़ी को इसका अधिक उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता है। पूरी दुनिया के करीब 120 मिलियन लोग दूसरी भाषा के तौर पर हिंदी बोलते हैं और 420 मिलियन से अधिक लोग इसका अपनी मातृभाषा के तौर पर इस्तेमाल करते हैं।

आखिर क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस? 

हिंदी के महान साहित्यकार व्यौहार राजेंद्र सिंह के जन्मदिवस के दिन 14 सितंबर को ये दिन मनाया जाता है। इसी वजह से इस दिन को हिंदी दिवस के तौर पर मनाया जाता है। हिंदी को विशेष दर्जा दिलवाने में जिन्होंने अहम योगदान निभाया है, उनमें गोविंद दास, हजारी प्रसाद द्विवेदी, काका कालेलकर और मैथिलीशरण गुप्त जैसे लोग शामिल हैं। वहीं महात्मा गांधी ने भी साल 1918 में हिंदी साहित्य सम्मेलन के दौरान हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए कहा था। वह हिंदी को जनमानस की भाषा मानते थे। राष्ट्रपति महात्मा गांधी का हिंदी से विशेष लगाव था। 

क्या है हिंदी दिवस का इतिहास?

हिंदी देवनागरी लिपि में लिखी गई एक इंडो-आर्यन भाषा है। जिसे साल 1949 में संविधान सभा ने भारत की आधिकारिक भाषा के तौर पर मान्यता दी थी। साथ ही इसे आधिकारिक भाषा भी घोषित किया। ये भारतीय गणराज्य की 22 आधिकारिक भाषाओं में से एक है। भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1949 से हर साल हिंदी दिवस मनाने का फैसला लिया था। इस दिन देश के विभिन्न हिस्सों में कार्यक्रमों का आयोजन किया दाता है।  

आपको बता दें, हिंदी दिवस तो 14 सितंबर को तो मनाया ही जाता है। इसके अलावा हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस भी मनाया जाता है। इसे 10 जनवरी, साल 1975 में नागपुर में आयोजित पहले विश्व हिंदी सम्मेलन की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। इसमें 30 देशों के 122 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। ये दिन पहली बार 2006 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा पूरी दुनिया में हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया गया था।

आखिर क्या है हिंदी दिवस का महत्व?

हिंदी भाषा और हिंदी साहित्य को सम्मान देने के लिए हिंदी दिवस के मौके पर देशभर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। इस दिन मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों, राष्ट्री बैंकों और नागरिकों को हिंदी भाषा में उनके अहम योगदान के लिए राजभाषा कीर्ति पुरस्कार और राजभाषा गौरव पुरस्कार जैसे पुरस्कार प्राप्त होते हैं। वहीं सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (पीएसयू), विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, राष्ट्रीय बैंकों और व्यक्तियों को हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए राजभाषा कीर्ति पुरस्कार और राजभाषा गौरव पुरस्कार जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है। 

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Hindi Diwas 2022: पूरे देश में 14 सितम्बर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है. इस दिन ही साल 1949 को विधान सभा में एक मत से हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया था.  हिंदी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर 1953 से पूरे भारत में 14 सितंबर को हर साल हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. 

ये दिन देश में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है. हालांकि 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Diwas) के रूप में मनाया जाता है, इस तरह से भारत में दो बार हिंदी दिवस मनाया जाता है. हिन्दी दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है. हमारे देश में करीब 77 फीसदी  लोग हिन्दी बोलते, समझते और पढ़ते हैं.

हिंदी दिवस क्यों मानते है? हिंदी भाषा के विषय में आप जरुर से जानते होंगे क्यूंकि आप में से अधिकतर लोगों की मातृभाषा हिंदी होगी। लेकिन क्या आप जानते हैं की हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है? हिंदी दिवस भारत में मनाया जाता है। हिंदी दिवस हिन्दी भाषा से जुड़ा हुआ है।

इस दिन हिंदी भाषा को भारत की राजभाषा का दर्जा मिला था तब से हर वर्ष इस दिन को Hindi Diwas के रूप में मनाया जाता है। हिंदी भाषा भारतवर्ष की मातृभाषा है। हिंदी दिवस मनाने के पीछे बहुत से कारण है। हिंदी दिवस हर वर्ष मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को हिंदी भाषा के प्रति जागरूक करना है।

आज भी बहुत से दफ्तर, कार्यालय एवं दुकानों में हिंदी भाषा का उपयोग पूर्ण रूप से नहीं होता है। हिंदी दिवस मनाने का उद्देश्य ऐंसे लोगों को जागरूक करना है। लोगों को यह समझाने की कोशिश करना है कि हिंदी के शत प्रतिशत उपयोग से भी सभी कार्य संभव हैं क्योंकि अभी भी बहुत से लोगों का मानना है कि हिंदी भाषा से सभी कार्य संभव नही हैं।

इसलिए मैंने सोचा की क्यों न आप लोगों को ये जानकारी प्रदान किया जाये की आखिर Hindi Diwas कब और क्यों मनाया जाता है? तो बिना देरी किये चलिए शुरू करते हैं।

अनुक्रम दिखाएँ

हिंदी दिवस क्या है – What is Hindi Day in Hindi

हिंदी दिवस 2022 कब है?

विश्व हिंदी दिवस का उद्देश्य

Hindi Diwas क्यों मनाते है?

हिंदी दिवस की विशेषताएं

हिंदी दिवस का इतिहास

हिंदी दिवस का महत्व

हिंदी दिवस कैसे मनाया जाता है?

1900 में हुई थी आज की हिंदी की शुरुआत

सबसे पहला Hindi Diwas कब मनाया गया था?

हिंदी दिवस का महत्व क्या है?

14 सितंबर को हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है?

हिंदी दिवस क्या है – What is Hindi Day in Hindi

14 सितम्बर हिंदी दिवस वो दिन है जिस दिन भारतवर्ष में सर्वाधिक उपयोग होने वाली हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्जा दिया गया था। हिंदी भाषा को राजभाषा बनाने की खबर सुनने के बाद बहुत से लोगों ने इसका विरोध प्रदर्शन किया, दंगे किये गए लेकिन हिंदी दिवस के दिन आखिर हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्जा मिल ही गया।

हम विश्व हिंदी दिवस क्यों मनाते हैं? - ham vishv hindee divas kyon manaate hain?
हम विश्व हिंदी दिवस क्यों मनाते हैं? - ham vishv hindee divas kyon manaate hain?

इस दिन बहुत से कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। इन कार्यक्रमों में हिंदी भाषी निबंध, कविताएं, वाद-विवाद, गीत आदि पर प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है। हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए हिंदी भाषा में रचित उत्तम रचनाओं के मालिकों को पुरष्कृत भी किया जाता है।

बहुत से हिंदी प्रेंमी भी Hindi Diwas का विरोध करते हैं। क्योकिं उनके अनुसार सरकार के द्वारा हिंदी को वर्ष में सिर्फ एक बार याद किया जाता है। आज भी बहुत से कार्यालयों में बोलचाल एवं लिखावट के लिए हिंदी का उपयोग नहीं होता है और होता भी है तो पूर्णरूपेण नहीं होता है।

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आज भी हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं मिल पाया है। कार्यालयों, विद्यालयों में आयोजित किये गए कार्यक्रमों, यहां तक कि हिंदी कार्यक्रमों में तक हिंदी भाषा का उपयोग न करके विदेशी भाषा का उपयोग किया जा रहा है।

नामहिंदी दिवसपालनहिंदी साहित्य के क्षेत्र में दिग्गजों की स्मृतिआवृत्तिसालानातारीख14 सितंबर

हिंदी दिवस 2022 कब है?

हिंदी दिवस हर वर्ष 14 सितंबर को हर साल मनाया जाता है। 14 सितंबर 1949 को हिंदीभाषा को भारत की राजभाषा का दर्जा दिया गया था। 14 सितंबर को ही हिंदी भाषा को लेकर बहुत से निर्णय लिए गए थे। इसी कारण से 14 सितंबर को ही हिंदी दिवस मनाने के लिए अच्छा माना गया।

देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इस दिन के महत्व को देखते हुए हर वर्ष 14 सितंबर को Hindi Diwas के रूप में मनाने को कहा। सर्वप्रथम हिंदी दिवस भारत में 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था।

14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एकमत से निर्णय लिया कि हिंदी ही भारत की राजभाषा होगी। अंग्रेजी भाषा को हटाए जाने की खबर से देश के बहुत से इलाकों में दंगे होने लगे थे। तमिलनाडु में जनवरी 1965 में भाषा विवाद को लेकर दंगे हुए थे।

विश्व हिंदी दिवस का उद्देश्य

विश्व में हिंदी के प्रति जागरुकता फैलाना और विश्व में हिंदी को एक अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रुप में सम्मान दिलाना ही विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Diwas) का मूल उद्देश्य है।

सर्वप्रथम नार्वे में भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा जी द्वारा विश्व हिंदी सम्मेलन का 10 जनवरी 1975 के दिन आयोजित किया गया था। इसके बाद 10 जनवरी 2006 को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ। मनमोहन जी ने इस 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रुप में मनाने का निर्णय लिया।

इस दिन विदेशी भारतीय दूतावासों व सरकारी कार्योलयों में धूमधाम से हिंदी पर विशेष प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

Hindi Diwas क्यों मनाते है?

भारत देश के 77% लोग हिंदी लिखते, समझते, पढ़ते और बोलते हैं अर्थात हिंदी भारत की मुख्य भाषा है लेकिन आज तक भारत को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं मिल पाया है। आज भी आमतौर पर स्कूलों, नौकरियों, इंटरवियू आदि में अंग्रेजी बोलने वाले व्यक्ति को ज्यादा वरीयता दी जाती है। आज भी अधिकतर स्कूलों, सरकारी दफ्तरों आदि में अंग्रेजी भाषा में ही कार्य किये जाते हैं।

Hindi Diwas हर वर्ष मनानें का मुख्य उद्देश्य लोगों को हिंदी भाषा के प्रति जागरूक करना है कि जब देश के अधिकतर लोग हिंदी भाषा बोलते, लिखते, पढ़ते और समझते हैं और हिंदी भाषा को 50 से भी अधिक रूप में सामान्य बोलचाल में उपयोग करते हैं तो कार्यालयीन कार्य भी हिंदी भाषा में क्यों नही किये जा सकते हैं?

क्यों आज भी नौकरियों में अंग्रेजी भाषा को अधिक वरीयता दी जाती है? क्यों आज भी कार्यालयों, सरकारी दफ्तरों में हिंदी भाषा का प्रयोग नही किया जाता है और यदि किया भी जाता है तो शत प्रतिशत हिंदी में नहीं किया जाता है।

हिंदी दिवस की विशेषताएं

हिंदी दिवस हिंदी भाषा के महत्व पर जोर देने के लिए हर वर्ष मनाया जाने वाला खास दिन है। प्रत्येक वर्ष यह दिन हमें हमारी प्रमुख भाषा से और हमारी संस्कृति से हमें अवगत कराता है। हिंदी भाषा के महत्व को हमें और हमारी आने वाली पीढ़ियों को समझना होगा।

दिन प्रतिदिन हिंदी भाषा की दर घटते जा रही हैं और अंग्रेजी भाषा को अधिक महत्व दिया जा रहा है। Hindi Diwas हर वर्ष आकर हमे यह याद दिलाता है कि हिंदी भाषा ही हमारी मूल भाषा है और हमें इसे ही आगे बढ़ाना है।

हिंदी भारत की राजभाषा ही नही बल्कि भारत की पहचान भी है। भारत में हिंदी भाषा का इतिहास हजारों वर्षों पुराना है। हिंदी भाषा हमारी मातृभाषा है जिसे हमें भी याद रखना होगा और हमारी पीढ़ियों को भी। हिंदी दिवस बार बार आकर हमें हमारी संस्कृति की याद दिलाता है इसीलिए हिंदी दिवस का महत्व माना गया है।

हिंदी दिवस का इतिहास

14 सितंबर 1949 को भारत की संविधान सभा द्वारा हिंदी को राजभाषा के रूप में दर्जा दिया गया था. हिंदी के महत्व को लोगों को बताने के लिए “राष्ट्रभाषा प्रचार समिति” द्वारा हर साल 14 सितंबर को हिंदी राजभाषा दिवस के रूप में मनाने का अनुरोध किया गया।

संविधान निर्माताओं ने हिंदी के महत्व को रेखांकित करते हुए इसे संविधान में जगह दी। भारत के संविधान में भाग 17 के अनुच्छेद 343 (1) में कहा गया है कि राष्ट्र की राज भाषा हिंदी और लिपि देवनागरी होगी। इसके बाद 14 सितंबर के दिन को चुना गया और इस दिन हिंदी दिवस मनाने का निर्णय लिया गया।

हिंदी दिवस का महत्व

हर वर्ष पूरे भारत में हिंदी दिवस उस दिन को याद करते हुए मनाया जाता है जिस दिन हिंदी हमारी राजभाषा घोषित हुई थी। हिंदी के महत्व को विश्व पटल तक ले जाने के लिए व हिंदी दिवस क प्रति जागरुकता को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार कई सारे प्रयास कर रही है।

हिंदी दिवस कैसे मनाया जाता है?

हिंदी दिवस के दिन बहुत से हिंदी स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित की जाती है। इस दिन हिंदी भाषा में कविता, निबंध लेखन, वाद विवाद, कवितओं आदि पर प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।

इस दिन स्कूलों में हिंदी भाषा के महत्व को समझाया जाता है जिससे कि लोग हिंदी भाषा के महत्व को समझें और अपने दैनिक कार्य, बोलचाल इत्यादि में हिंदी भाषा को ही प्रमुख भाषा के रूप में उपयोग कर सकें। इन प्रतियोगिताओं में जीतने वाले विजेता को पुरुष्कार से पुरष्कृत किया जाता है।

Hindi Diwas के दिन कई प्रकार के पुराष्कारों का भी वितरण किया जाता है और सम्मानित किया जाता है। राजभाषा गौरव और राजभाषा कीर्ति पुरष्कार हिंदी दिवस के दिन ही दिए जाते हैं।

राजभाषा गौरव पुरष्कार ऐंसे भारतीय व्यक्ति को दिया जाता है जिसने तकनीकी अथवा विज्ञान विषय में कोई अच्छी पुस्तक या लेख लिखा हो और राजभाषा कीर्ति पुरष्कार किसी कार्यालय या संस्थान को दिया जाता है जिसने अपने कार्यालयीन कार्यों और बोलचाल में हिंदी भाषा का सर्वाधिक प्रयोग किया हो और हिंदी भाषा को बढ़ावा दिया हो।

1900 में हुई थी आज की हिंदी की शुरुआत

जानकारों की मानें तो आज हम जो हिंदी लिखते हैं इसकी शुरुआत 1900 ईसवी में हुई थी। खड़ी बोली यानी हिंदी में लिखी गई पहली कहानी इंदुमती थी। इसे किशोरीलाल गोस्वामी ने लिखा था। इसकी हिंदी भाषा काफी हद तक वैसी ही है जैसी आज लिखी और बोली जाती है।

सबसे पहला Hindi Diwas कब मनाया गया था?

सबसे पहले 10 जनवरी 2006 ई को मनाया गया था.

हिंदी दिवस का महत्व क्या है?

अंग्रेजी भाषा के बढ़ते चलन और हिंदी की अनदेखी को रोकने के लिए हर साल 14 सितंबर को देशभर में हिंदी दिवस मनाया जाता है.

14 सितंबर को हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है?

दरअसल, आजादी के बाद 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने हिन्दी को देश की राजभाषा बनाने का फैसला लिया गया था। वहीं पहला हिन्दी दिवस 1953 को में मनाया गया था। हर साल 14 सितंबर को देश में हिन्दी दिवस मनाया जाता है.

आज आपने क्या सीखा

मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है जरुर पसंद आई होगी। मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को हिंदी दिवस इन हिंदी के विषय में पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है।

इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे। यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए तब इसके लिए आप नीच comments लिख सकते हैं।

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हम विश्व हिंदी दिवस क्यों मनाते हैं? - ham vishv hindee divas kyon manaate hain?
हम विश्व हिंदी दिवस क्यों मनाते हैं? - ham vishv hindee divas kyon manaate hain?

Prabhanjan Sahoo

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नमस्कार दोस्तों, मैं Prabhanjan, HindiMe(हिन्दीमे) का Technical Author & Co-Founder हूँ. Education की बात करूँ तो मैं एक Enginnering Graduate हूँ. मुझे नयी नयी Technology से सम्बंधित चीज़ों को सीखना और दूसरों को सिखाने में बड़ा मज़ा आता है. मेरी आपसे विनती है की आप लोग इसी तरह हमारा सहयोग देते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे. :) #We HindiMe Team Support DIGITAL INDIA

विश्व हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है?

संविधान सभा की एक लंबी चर्चा के बाद 14 सितंबर को 1949 को हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया. तब से 14 सितंबर को हिंदी दिवस और 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाने लगा. 14 सितंबर को हिंदी के महान साहित्यकार व्यौहार राजेंद्र सिंह का जन्मदिन भी है. इसलिए इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है.

हिंदी दिवस की शुरुआत कैसे हुई?

राष्ट्रीय हिन्दी दिवस की बात करें तो इसी दिन साल 1949 में संविधान सभा ने एक मत से निर्णय लिया कि हिंदी ही भारत की राजभाषा होगी। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने का फैसला किया था।

विश्व हिन्दी दिवस 10 जनवरी को क्यों मनाया जाता है?

1975 से भारत, मॉरीशस, यूनाइटेड किंगडम, त्रिनिदाद और टोबैगो, संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे विभिन्न देशों में विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया गया। विश्व हिंदी दिवस पहली बार 10 जनवरी, 2006 को मनाया गया था। तब से यह हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है.

विश्व हिंदी दिवस की शुरुआत कब हुई थी?

वहीं, हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाने के पीछे की वजह ये है कि भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा 10 जनवरी 2006 को विश्व हिंदी दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की गई थी. इस दिन के इतिहास की बात करें, तो पहला विश्‍व हिंदी सम्‍मेलन नागपुर (महाराष्ट्र) में 10 जनवरी 1975 में आयोजित किया गया था.