घर के छत पर चील बैठने से क्या होता है? - ghar ke chhat par cheel baithane se kya hota hai?

Madhya Pradesh 

चील नाम एक,अपशकुन अनेक

September 22, 2021October 13, 2022 Priyanka Ranjan Fact, gwalior khabar

चील अतिसुंदर पक्षियों में गिना जाता है, जब चील आकाश में उड़ान भरता है तो उसे देखकर मोहित हुए बिना नहीं रहा जा सकता है. आकाश में उड़ना और फिर अगले ही पल नीचे की ओर गोता लगाना, अद्बितीय प्रतीत होता है. चील से सम्बन्धित शकुन काफी  माने जाते हैं, हालांकि इनसे शकुन अब कम ही मिलते है, लेकिन जब मिलते हैं तो काफी प्रभावी पाये जाते हैं

घर के छत पर चील बैठने से क्या होता है? - ghar ke chhat par cheel baithane se kya hota hai?
घर के छत पर चील बैठने से क्या होता है? - ghar ke chhat par cheel baithane se kya hota hai?

– चील अगर कितु-कितु का स्वर उच्चारित करें तो इच्छानुसार फल की प्राप्ति होती है.

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चील संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ चिल्ल] गिद्ध और बाज आदि की जाति की पर उनसे कुछ दुर्बल एक प्रसिद्ध चिडिया । विशेष—यह संसार के प्राय: सभी गरम देशों में पाई जाती है, और कई प्रकार के रंगों की होती है । बहुत तेज उडती है और आसमान में बहुत ऊँचाई पर प्राय: बिना पर हिलाए चक्कर लगाया करती है । यह कीडे मकोडे, चूहे, मछलियाँ, गिरगिट और छोटे छोटे पक्षी खाती है । यह अपने शिकार को देखकर तिरछे उतरती है और बिना ठहरे हुए झपट्टा मारकर उसे लेती हुई आकाश की ओर निकल जाती है । बाजारों में मछली और मांस की दूकानों के आसपास प्राय: बहुत सी चीलै बैठी रहती हैं और रास्ता चलते लोगों के हाथों से झपट्टा मारकर खाद्यपदार्थ ले जाती हैं । यह ऊँचे ऊँचे वृक्षों पर अपना घोसला बनाती है और पूस माघ में तीन चार अंडे दाती है । अपने बच्चों को यह दूसरे पक्षियों के बच्चे लाकर खिलाती है । यह बहुत जोर से ची, ची करती है इसी से इसका नाम चिल या चील पडा है । हिंदू लोग अपने मकानों पर इसका बैठना अशुभ समझते हैं और बैठते ही इसे तुरंत उडा दैतै हैं । पर्या॰—आतापी । शकुनि । खभ्रांत । कंठनीडक । चिलंतन । यौ॰ चील झपट्टा = (१) किसी चीज को औचक में झपट्टा मारकर लेने की क्रिया । (२) लडकों के एक खेल जिसमें वे एक दूसरे के सिर पर, उसकी टोपी उतारकर धोल लगाते हैं । मुहा॰—चील का मूत = वह चीज जिसका मिलना बहुत कठिन, प्राय: असंभव हो ।

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नई दिल्‍ली: शगुन-अपशगुन हमारे जीवन का हिस्‍सा हैं. हमारे आसपास ढेरों ऐसी चीजें और घटनाएं होती हैं जो अच्‍छी-बुरी घटनाओं का संकेत देती हैं. ये घटनाएं हमारे जीवन को बड़े पैमाने पर प्रभावित करती हैं. सदियों से ये शगुन-अपशगुन प्रचलन में हैं. आज हम एक ऐसे पक्षी से जुड़े शगुन-अपशगुन के बारे में जानते हैं, जो तकरीबन हर जगह पाए जाते हैं. ये पक्षी है कौआ. कौए से जुड़े अच्‍छे-बुरे संकेतों के बारे में पीढ़ी-दर-पीढ़ी कई बातें कही जाती हैं. साथ ही शकुन शास्‍त्र में भी इन संकेतों और उनसे निकलने वाले मतलब का जिक्र किया गया है. 

धन लाभ कराते हैं कौए से जुड़े ये संकेत 

- यदि कौआ अपनी चोंच से मिट्टी को कुरेदता हुआ दिखे तो मान लें कि आपको कहीं से बहुत सारा पैसा मिलने वाला है. इस संकेत को बेहद शुभ माना गया है. 
- वहीं सुबह-सुबह कौए का घर की छत पर या घर के सामने बोलना बहुत शुभ माना जाता है. ऐसा होना किसी मेहमान के आने का संकेत भी होता है, साथ ही यह घटना मान-सम्‍मान मिलने और धन लाभ होने का भी संकेत है. 
- वहीं कौआ यदि पीछे से बोले तो इसे भी बहुत शुभ माना जाता है. यह किसी बड़ी समस्‍या से निजात मिलने का संकेत है. 
- कहीं आते-जाते हुए कौए पानी पीते दिख जाए तो यह धन लाभ होने का साफ संकेत होता है. 

यह भी पढ़ें: निश्चित तौर पर अमीर बनते हैं ये लोग! मां लक्ष्मी की विशेष कृपा से पाते हैं खूब धन-दौलत

ये संकेत मिलें तो हो जाएं सावधान 

- यदि किसी महिला के सिर पर कौआ बैठे तो यह उसके पति के जीवन पर कोई संकट आने का इशारा देता है. 
- यदि कहीं जाते समय पर सूखे पेड़ पर गिद्ध बैठा हुआ दिख जाए तो यह बड़ा अपशगुन है. ऐसा होने पर यात्रा पर जाने की गलती न करें. 
- घर की छत पर चील का आकर बैठना भी संकट आने का इशारा है. 
- यदि कौए का झुंड घर की छत पर आकर शोर मचाए तो यह घर के मुखिया के लिए परेशानी आने का इशारा है. 
- कौए का जोर-जोर से बोलना भी अच्‍छा नहीं माना जाता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

हमारे देश में पुराने समय से ही प्रकृति को संदेश वाहक माना गया है। हवाओं का रुख बदलता है तो मौसम का अंदाजा होता है। पक्षियों की चहचहाहट का अंदाज बदले तो इसे आने वाली खुशियों या फिर परेशानियों का संदेश माना जाता है। तो कुछ लोग इन्‍हें शगुन-अपशगुन मानते हैं। हालांकि विज्ञान में इनका कोई आधार नहीं है लेकिन पुराने समय से चली आ रही ये धारणाएं काफी लोकप्रिय हो चुकी हैं। आज भी लोग पुरातन काल से चली आ रहीं इन बातों पर पूरा विश्‍वास रखते हैं। ऐसा ही एक अशुभ संकेत होता है छत पर उल्‍लू और पेड़ पर गिद्ध के बैठने का। तो आइए ऐसे ही कुछ और पक्षियों और वन्‍यजीवों से जुड़ें शगुन-अपशगुन के बारे में जानते हैं कि यदि ऐसा हो तो क्‍या करना चाहिए?

चील घर में बैठने से क्या होता है?

घर की छत पर या दीवार पर चील का बैठना अशुभ माना जाता है। कहा जाता है कि यह घर में परेशानियां आने का संकेत देता है।

चील किसका वाहन है?

भगवान विष्णु के इस वाहन को पक्षियों की बुद्धिमान प्रजातियों में से एक माना जाता है.

चील की विशेषता क्या है?

चील लगभग दो फुट लंबी चिड़िया है, जिसकी दुम लंबी ओर दोफंकी रहती है। इसका सारा बदन कलछौंह भूरा होता है, जिसपर गहरे रंग के सेहरे से पड़े रहते हैं। चोंच काली और टाँगें पीली होती हैं। बाज, बहरी आदि शिकारी चिड़ियों से इसके डैने बड़े, टाँगें छोटी और चोंच तथा पंजे कमजोर होते हैं।

चील और बाज में क्या अंतर होता है?

बाज और चील मिलती जुलती प्रजाति के शिकारी पक्षी हैं। बाज कुछ आकार मे छोटा दिखता है। चील आसमान में उंचा उडती दिखाई देती हैं।