These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 10 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 1 पद. पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न-अभ्यास प्रश्न
1. प्रश्न 2. प्रश्न 3.
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प्रश्न 12.
प्रश्न 13. यह भी संभव है कि हे उद्धव! तुम्हारे समीप रहते-रहते ज्ञान की बातें सुनते-सुनते तुम्हारा ही प्रभाव पड़ गया हो और प्रेम की तुलना में अब उन्हें योग ही श्रेष्ठ लगने लगा हो। उद्धव हमारे पास एक ही मन था, जिसे हमने कृष्ण को समर्पित कर दिया है। अब निर्गुण ब्रह्म का ध्यान किस मन से करें। हे उद्धव! हमारे लिए यह संभव नहीं है कि हम प्रेम को छोड़कर योग को अपनाएँ। प्रश्न 14. प्रश्न 15. गोपियों के इस कथन का विस्तार समकालीन राजनीति में पूरी तरह से नजर आता है। आज राजनीति को छल-कपट, प्रपंच, झूठ, फरेब, धोखाधड़ी, छीना-झपटी आदि का दूसरा नाम माना जाने लगा है। इन कार्यों में जो जितना निपुण है, वह उतना ही बड़ा नेता कहलाता है। इस तरह की राजनीति में धर्म, कर्तव्य, विश्वास, ईमानदारी, सदाचार जैसे मूल्यों के लिए कोई जगह नहीं है। जिस तरह गोपियों को कृष्ण को राजधर्म की याद दिलानी पड़ी, उसी तरह आज के नेता भी अपना राजधर्म पूर्णतया विस्मृत कर चुके हैं। Hope given NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 1 are helpful to complete your homework. If you have any doubts, please comment below. Learn Insta try to provide online tutoring for you. गोपियाँ उद्धव को बड़भागी कहकर क्या व्यंग्य करती हैं?गोपियाँ व्यंग्य स्वरूप उद्धव को 'अति बड़भागी' कह रही हैं क्योंकि वे कृष्ण के समीप रहकर भी उनके प्रेम बंधन में नहीं बँध सके और न ही उनके प्रेम में व्याकुल हुए।
गोपियाँ उद्धव को बडभागी कहती हैं इसमें क्या भाव निहित है 1 Point प्रशंसा का आलोचना का व्यंग्य का निंदा का?अति बड़भागी. अर्थात् भाग्यवान कहती हैं। यह बात वे सामान्य ढंग से न कहकर व्यंग्य में कहती हैं। इस कथन में यह व्यंग्य निहित है कि उद्धव श्री कृष्ण के निकट रहकर भी उनके प्रेम से अलिप्त हैं।
गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में कौन सा भाव निहित है?गोपियाँ उद्धव को भाग्यवान कहते हुए व्यंग्य कसती है कि श्री कृष्ण के सानिध्य में रहते हुए भी वे श्री कृष्ण के प्रेम से सर्वथा मुक्त रहे।
गोपियों ने उद्धव को क्या संदेश देना चाहता है?कृष्ण ने मथुरा जाने के वाद स्वयं न लौटकर उद्धव के जरिए गोपियों के पास संदेश भेजा था । उद्धव ने निर्गुण ब्रह्म एवं योग का उपदेश देकर गोपियों की विरह-वेदना को शांत करने का प्रयास किया। गोपियों ज्ञान मार्ग की बजाय प्रेम मार्ग को पसंद करती थीं। इस कारण उन्हें उद्धव का योग (शुष्क) संदेश पसंद नहीं आया।
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