गेहूं में सल्फर का प्रयोग कब करें? - gehoon mein salphar ka prayog kab karen?

गेहूं में सल्फर का प्रयोग कब करें? - gehoon mein salphar ka prayog kab karen?

Sulphur Fertilizer Khad Uses Hindi Price fayde, wdg 200 10 kg Composition 50 kg सल्फर खाद की जानकारी कीमत दानेदार सबसे अच्छी फायदे और नुकसान गेहूं प्रयोग कब करें क्या है 90 प्रतिशत बेंटोनाइट 1 एकड़ में कितना कब डालना चाहिए salphos धान में

हम कई वर्षो से खेती करते आ रहे है लेकिन हमे कई छोटी मोटी चीज़ों के बारे मे पता हा नहीं होता हम बस उपयोग करते जाते है।

ऐसे ही हम बात करने वाले है Sulphur Khad के बारे मे तो आपको मालूम है कि फसल अच्छी हो इसके लिए हम खेतों में उर्वरक का इस्तेमाल करते हैं।

ताकि हमारी फसल अच्छी हो और कई किसान आम तौर पर अपने खेतों में पर डी.ए.पी. यूरिया और कभी-कभी म्यूरेट ऑफ़ पोटाश का इस्तेमाल करते हैं ।

खेतों में फसल अच्छी हो इसके लिए खेत के मिट्टी में सल्फरकीमात्रा का होना आवश्यक है अगर मिट्टी में सल्फरकीमात्रा कम है तो आप की फसल अच्छी नहीं होगी।

इन सब बातों पर हमारा ध्यान बहुत ही कम जाता है ऐसे में आपको जानने की आवश्यकता है कि खेतों में सल्फरकामहत्वक्याहै

और अगर आप अपने खेत में इसका उपयोग करते हैं तो आपको Sulphur के बारे मे जरूर जानना चाहिए तो चलिये अब हम विस्तार से जानने का प्रयास करते है की सल्फर के उपयोग से फसलों मे क्या फायदे और नुकसान होते है।    

सल्फर खाद क्या है (SulphurKhadKya Hai)

सल्फर खाद पौधों या फसलों के लिए जरूरी पोषक तत्व माना जाता है जैसे हम पौधों में नाइट्रोजन फास्फोरस पोटाश का उपयोग फसलों में करते हैं उसी तरह से सल्फर ही पौधों को पोषण प्रदान करता है इसलिए हमें सल्फर का प्रयोग पौधों में जरूर करना चाहिए पौधों में सल्फर के upyog से पत्तियां हरी-भरी दिखाई देती है उसी के साथ सल्फर पौधों को प्रोटीन भी प्रदान करता है और इसके उपयोग से नाइट्रोजन की क्षमता भी बढ़ती है

फसलों मे सल्फर के फायदे उपयोग (sulphurkhadbenefits fayde)

जितने भी प्रकार के फसल खेतों में उगाया जाता है उन सब में सल्फर का इस्तेमाल करना आवश्यक होता है क्योंकि अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो फसल की उपज अच्छी नहीं होती है ।

  1. तिलहन फसल जैसे दाल, मसूर का अगर आप उत्पादन करते हैं तो उसमें सल्फर का इस्तेमाल करने से तिलहन की फसल वृद्धि होगी इसका फायदा यह होगा कि आपको अधिक मात्रा में तेल की प्राप्ति होगी क्योंकि तिलहन के द्वारा तेल निकाला जाता है।
  2. सल्फर मिट्टी की उर्वरा शक्ति के साथ–साथ कीटनाशक, पेड़ पौधों के लिए टॉनिक के रूप में काम करता है।
  3. खेत के अंदर अगर कोई कीटाणु या कीड़ा होंगे तो उसका खात्मा भी इसके द्वारा हो जाता है

पौधों में एंजाइम की क्रियाशीलता को बढ़ाता है।

4. अगर आप तंबाकू या हरी सब्जियां सब्जी का रोपण अपने खेत में करते हैं तो ऐसे में अगर आप सल्फर का इस्तेमाल करते है तो फसल की गुणवत्ता बढ़ती है ।

5. सल्फर का उपयोग आलू की फसल के लिए भी काफी फायदेमंद है क्योकि सल्फर आलू में पाये जाने वाले स्टार्च की मात्रा को बढ़ता है।

सल्फर की कमी से फसलों में प्रभाव

आप अगर फसलों में सल्फर का उपयोग नहीं करते हैं तो फसलों में इस प्रकार के लक्षण आपको दिखाई पड़ेंगे जिसका विवरण हम आपको नीचे बिंदुओं साथ देंगे जो इस प्रकार है-

  1. अगर आप सल्फरकाउपयोग फसलों में नहीं करते हैं तो आपके फसलों की पत्तियों का रंग पीला हो जाएगा। सल्फर की कमी के कारण फसलों का विकास भी रुक जाता है।
  2. sulphur khad कीकमी से पौधो मे हरेपन की परेशानी अति है।
  3. सल्फर के अभाव में खाद्यान्न फसलों अपेक्षाकृत देरी से पकते हैं और उनके बीज अच्छे से परिपक्व नहीं हो पाते है।
  4. सल्फरकेकमी के कारण फसल के पत्ते और तने बैंगनीपन हो जाते हैं।
  5. sulphur fertilizer के अभाव में पौधे पीले, हरे, पतले और आकर में छोटे हो जाते हैं तथा पौधे का तना पतला और कड़ा हो जाता है।
  6. सल्फर की कमी से आलू की पत्तियों का रंग पीला, तने कठोर और जड़ों का समुचित विकास रुक जाता है॰
  7. सल्फरकीकमी से फसल में फूल नही आते और न ही फल बनते हैं। .

आज की तारीख में भारत में अगर आप सल्फर खरीदना करना चाहते हैं तो मैं आपको बता दूं कि 1 किलो सल्फरकीकीमत ₹320 किलो है इसके दामों में हमेशा बढ़ोतरी और कमी होती रहती है।

sulphur fertilizer की दाम निश्चित नहीं होते हैं आप आज की तारीख में अगर सल्फर खाद  खरीदना चाहते हैं तो आप तो ऑनलाइन भी खरीद सकते है।

सल्फर के नुकसान (sulphur fertilizerke nuksan)

सल्फर पौधों में खाद का काम करता है और यह पौधों के लिए एक अच्छी टॉनिक के रूप में भी जाना जाता है।

तो ऐसे में अगर पौधों में हम लगातार हर बार सल्फर का उपयोग करते हैं तो पौधे इसका आदी हो जाता है और हमको हर बार इसकी डोज बढ़ाकर डालनी पड़ती है।

और sulphur khad के बिना पौधे का विकास भी रुक जाता है तो इसलिए जितना जरूरी है उतना ही पौधों में सल्फर खाद का उपयोग करें क्योंकि ज्यादा सल्फर के उपयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है तो इस तरह से सल्फर के नुकसान देखने को मिलता है।

FAQ

Q. धान में सल्फर कब डालना चाहिए

Ans. धान में सल्फर का उपयोग जब खेत की अंतिम जुताई करते है उसी समय डालनी चाहिए।

Q. 1 एकड़ में सल्फर कितना डालना चाहिए?

Ans. अनाज वाली फसलों मे 8-10 kg के हिसाब से सल्फर डालना चाहिए।

Q. सल्फर पौधों में क्या करता है?

Ans. पोषक तत्व की पूर्ति करता है ।

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सल्फर कब डालना चाहिए?

किसान सल्फर का प्रयोग कब और कैसे करें:- सल्फर युक्त उर्वरकों का प्रयोग किसान बुआई के पूर्व अंतिम जुताई के समय ही करना चाहिए। किसानों को मृदा प्रयोगशाला द्वारा जारी किए जा रहे मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार ही सल्फर की मात्रा एक बार में ही मिट्टी में मिला देना चाहिए

सबसे अच्छा सल्फर कौन सा है?

बेन्टोनाइट सल्फर गंधक व बेन्टोनाइट क्ले से युक्त सीधे तौर पर एक सल्फेटिक उर्वरक है । इस उर्वरक में गंधक की मात्रा 90% है, जो इस श्रेणी के सल्फेटिक उर्वरकों में सबसे अधिक है । इस तरह से फसलों को गंधक की मात्रा प्रदान करने में बेन्टोनाइट सल्फर ज्यादा प्रभावी है ।

गेहूं में कौन सा जिंक डालें?

उन्होंने बताया कि गेहूं फसल कि 45 दिन की अवस्था में फुटाव होने पर 500 ग्राम जिंक सल्फेट 21 प्रतिशत 2.5 किग्रा यूरिया को 100 लीटर पानी में मिला कर एक एकड़ में स्प्रे करें। इसकी लागत मात्रा 30 रुपये है। इसलिए हर किसान को यह अवश्य करना चाहिए।

सल्फर का क्या उपयोग है?

सल्फर को मिट्टी का सुधारक कहा जाता है क्योंकि यह मिट्टी के पीएच को कम करता है। चूना युक्त पथरीली चिपचिपी मिट्टी में सल्फर का उपयोग करना महत्वपूर्ण है। सल्फर का महत्वपूर्ण उपयोग तिलहनों में प्रोटीन और तेल की मात्रा में वृद्धि करना है।