फिशर का लेजर ऑपरेशन कैसे होता है - phishar ka lejar opareshan kaise hota hai

इसे सुनेंरोकेंफिशर के शुरुआती लक्षण दिखने पर ही अधिक से अधिक मात्रा में पानी का सेवन शुरू कर दें। मसालेदार और मैदा युक्त चीजों का सेवन बिल्कुल बंद कर दें। कोशिश करें कि पेट ठीक से साफ हो जाए क्योंकि कब्ज रहा तो आपकी समस्याएं और भी बढ़ सकती हैं।

गुदा में सूजन आ जाए तो क्या करें?

इसे सुनेंरोकेंपाइल्स इंटरनल और एक्सटरनल दो प्रकार की होती है। इसकी वजह से एनस के अंदर और बाहर मस्से जैसे बन जाते हैं और सूजन रहती है। पाइल्स होने पर एनस पर बर्फ को रगड़ें इससे पाइल्स में होने वाली जलन में आराम मिलेगा। रोज दिन में कम से कम 3 बार 20 मिनट के लिए ऐसा करने से पाइल्स की बीमारी खत्म हो जाती है।

फ़िस्सुरे कितने दिन में ठीक होता है?

इसे सुनेंरोकेंएक्यूट एनल फिशर: इस प्रकार का फिशर 6 हफ्तों से ज़्यादा नहीं रहता है। यह खुद ही ठीक हो जाता है। क्रोनिक एनल फिशर: यह 6 हफ्तों से ज़्यादा समय के लिए रहता है। इसको ठीक करने के लिए सर्जरी या दवाई की ज़रूरत पड़ सकती है।

फिशर क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंफिशर – यह गुदा के चारों ओर एक कट या दरार है जो बहुत दर्दनाक होता है। फिस्टुला क्या है? फिस्टुला – गुदा के मध्य भाग में गुदा ग्रंथियां होती हैं, जिनमें संक्रमण हो जाती हैं जिससे और गुदा पे फोड़ा हो जाता है, जिससे मवाद निकलने लगता है। फिस्टुला संक्रमित ग्रंथि को फोड़ा से जोड़ने वाला मार्ग है।

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क्षार सूत्र विधि क्या है?

इसे सुनेंरोकेंक्षार सूत्र विधि एक उपचारित धागा है। इससे धागों को 21 दिन तक उपचारित किया जाता है। इससे थुहर का दूध, अपामार्ग क्षार, हल्दी आदि औषधियों का प्रयोग किया जाता है। क्षार सूत्र पद्धति से ठीक हुआ पाइल्स दुबारा नहीं होता तथा भगंदर आदि रोग जड़ से मिट जाते है।

फिशर ऑपरेशन कैसे होता है?

इसे सुनेंरोकेंफिशर की वजह से घाव होने पर मोशन के साथ ब्लड आता है। पेशेंट को सूजन महसूस होती है, जिससे उसे सहनीय दर्द होता है कई बार इंफेक्शन भी हो जाता है। फिशर की शुरूआती स्टेज में लेजर नहीं देते हैं, इसे एलोपैथी और अायुर्वेदिक मेडिसीन से ही ट्रीट करते हैं। मेडिसीन फेलियर होने पर लेजर दिया जाता है।

फिशर का ऑपरेशन कैसे किया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंलेजर सेफिशर की प्रॉब्ल्म का स्थायी इलाज संभव है। लेजर से एडल्ट में फिशर को क्रिटिकल स्टेज पर रिलीफ मिलता है। वहीं, डिलीवरी के बाद महिलाओं के लिए यह ट्रीटमेंट सबसे ज्यादा फायदेमंद हैं। ज्यादातर यह प्रॉब्ल्म कब्ज की वजह से होती है लेकिन प्रेग्नेसी और डिलीवरी के बाद हॉर्मोनल बदलाव आने पर यह सामान्य प्रॉब्ल्म होती है।

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एनल फिशर को हिंदी में क्या कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंएनल फिशर एक फटा अथवा खुला छाला (अल्सर) होता है जो गुदे की नलिका की परत में उत्पन्न होता है। गुदे की नलिका बड़ी आंतड़ी का अंतिम भाग होती है। यह मलद्धार – जहां मल भंडारण किया जाता है – और नीचे का खुलने का स्थान जहां से मल निकलते हैं (एनस) के बीच स्थित होती है।

फिशर का लेजर ऑपरेशन कैसे होता है?

फिशर कौन सी बीमारी होती है?

इसे सुनेंरोकेंयह गुदे की नलिका में दबाव को कम करने में भी सहायक होता है जिससे दर्द में राहत मिलती है। आमतौर पर आपको कम से कम छ: सप्ताहों के लिए अथवा जब तक आपकी दरार पूर्णत: ठीक नहीं हो जाती, GTN मल्हम का प्रयोग करना होता है।

फिशर सर्जरी के बाद रिकवरी कब तक होती है?

इसे सुनेंरोकेंओपन सर्जरी की तुलना में मरीज की रिकवरी तेजी से होती है। मरीज को 24 से 72 घंटे के अंदर अस्पताल से छुट्टी दे दी जाती है। इसके बाद उसे दर्द निवारक दवाएं भी कम खानी पड़ती हैं। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी भी मरीज को एनेस्थीसिया देकर की जाती है।

फिशर में क्या परहेज करना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंअगर आपको बवासीर है, तो फ्रेंच फ्राइज और ज्यादा तले हुए खाद्य पदार्थों को खाने से बचें। दरअसल, ऑयली और फ्राई फूड आइटम्स में भरपूर मात्रा में फैट मौजूद होता है, जो पाचन तंत्र पर दबाव डालकर इसे कमजोर बनाता है। इसमें मिलाए जाने वाले मसाले अम्लता को बढ़ाते हैं और सूजन पैदा करते हैं।

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फिशर के लक्षण क्या है?

फिशर के लक्षण (Symptoms of Fissure)

  • फिशर में मल त्याग के समय दर्द होना और साथ ही मल के साथ खून आना फिशर का एक सामान्य लक्षण है।
  • फिशर में गुदा के आस-पास जलन, आस-पास के क्षेत्र में खुजली होना और आस-पास के क्षेत्र में तीव्र जलन होना फिशर एक लक्षण है।

फिशर का ऑपरेशन कैसे करते हैं?

फिशर होने पर क्या नहीं खाना चाहिए?

फिशर में परहेज़

  • आहार में परिवर्तन सर्जरी के बाद आप उसी दिन से साधारण भोजन खा सकते हैं | आपको उन भोजन का उपयोग करना चाहिए जिनमे बहुत फाइबर होता है जैसे कि
  • धूम्रपान और शराब से परहेज़
  • पानी का सेवन ज़्यादा करें

फिशर होने पर क्या खाएं?

इसे सुनेंरोकेंसाबुन अनाज खाएं पाइल्स होने पर अपने आहार में ढेर सारे साबुत अनाज जैसे ब्राउन राइस, ओट्स, होल व्हीट शामिल करें। बता दें कि साबुत अनाज में फाइबर बहुत अच्छी मात्रा में पाया जाता है। इनके सेवन से मल नरम हो जाता है और मल त्याग के दौरान होने वाले दर्द में कमी आती है।

“सर्जरी से डरना नहीं चाहिए! सर्जरी की प्रक्रिया कुछ मिनटों की होती है (daycare surgery) | आप उसी दिन घर जा सकते हैं और रोज़ का कार्य अगले दिन से आरंभ कर सकते हैं |”

फिशर में परहेज़

आपको एनल फिशर होने पर क्या करना चाहिए? आगे पढ़ें फिशर ट्रीटमेंट के कुछ इलाज

1. आहार में परिवर्तन

सर्जरी के बाद आप उसी दिन से साधारण भोजन खा सकते हैं | आपको उन भोजन का उपयोग करना चाहिए  जिनमे बहुत फाइबर होता है जैसे कि

  • भूरे रंग की रोटी, भूरे रंग का ब्रेड
  • फल जैसे सेब, पपीता, केला

याद रहे कि  माँसाहारी खाने से कब्ज होने की संभावना बढ़ सकती है |

2. धूम्रपान और शराब से परहेज़  

सर्जरी के बाद धूम्रपान और शराब से इनफ़ेक्शन का खतरा बढ़ जाता है | इनसे बिमारियाँ बढ़ने की संभावना ज़्यादा हो जाती है|

3. पानी का सेवन ज़्यादा करें

मौसम के अनुसार अधिक मात्रा में पानी का सेवन करें | इससे आपका मल नरम होगा और एनल फिशर होने की संभावना कम होगी |

अधिकांश लोगों का इलाज बिना फिशर सर्जरी के किया जा सकता है | इससे पहले की सर्जरी की ज़रुरत पड़े, सही उपचार योजना के लिए अपने सर्जन से जल्द ही संपर्क करें |

यह लेख डॉ अमरचंद बजाज, जो Laparoscopic, Bariatric और General Surgery के क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं, के सहयोग से लिखी गई हैं|

फिशर का लेजर ऑपरेशन कैसे होता है - phishar ka lejar opareshan kaise hota hai

डॉ अमरचंद बजाज

  • Star Rating: 4.8 ★★★★★ based on 39 reviews
  • डिग्री: MBBS, Govt. Medical College, Nagpur (1997), M.S. (General Surgery), Govt. Medical College Nagpur (2003) 
  • अनुभव: 17 साल
  • रुचि: General, Laparoscopy and Bariatric surgery 
  • विशेष गुण: सहायक, चित्र बना कर सर्जरी को अच्छे से समझाते है   

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Fissurectomy

Saturday, September 1, 2018
★★★★★
“डॉ बजाज बहुत अच्छे डॉक्टर है। मेरी ज़िन्दगी की यह पहली सर्जरी थी और उन्होंने यह सुनिश्चित किया की यह पूरी प्रक्रिया सीवनहीन और पेन फ्री रहे। इस निर्बाध अनुभव के लिए मैं डॉ बजाज की बहुत आभारी हूँ। डॉ बजाज का सकरात्मक मनोभाव से ही पेशेन्टस को काफी धैर्य मिलता है। अगर किसी को कोई पीड़ा है, तो मैं उनको डॉ बजाज के पास जाने की सलाह दूंगी।” – दिव्या शर्मा

फिशर लेजर सर्जरी के बाद ठीक होने में कितना समय लगता है?

सर्जरी के 48 घंटों के बाद मरीज पूरी तरह से फिट हो जाता है और अपने दैनिक जीवन के कामों को बहुत आराम से शुरू कर सकता है। लेजर सर्जरी के बाद या दौरान कट, रक्तस्राव, दर्द और इंफेक्शन न होने की वजह से मरीज को ठीक होने में बहुत कम समय लगता है। लेजर सर्जरी फिशर का बेस्ट इलाज है।

फिशर का लेजर ऑपरेशन कैसे किया जाता है?

फिशर की वजह से घाव होने पर मोशन के साथ ब्लड आता है। पेशेंट को सूजन महसूस होती है, जिससे उसे सहनीय दर्द होता है कई बार इंफेक्शन भी हो जाता है। फिशर की शुरूआती स्टेज में लेजर नहीं देते हैं, इसे एलोपैथी और अायुर्वेदिक मेडिसीन से ही ट्रीट करते हैं। मेडिसीन फेलियर होने पर लेजर दिया जाता है।

फिशर के ऑपरेशन में कितना खर्च आता है?

आमतौर पर लखनऊ में एनल फिशर की सर्जरी का खर्च ₹ 25,000 से ₹ 1,15,000 हो सकता है।

क्या Fisher बिना ऑपरेशन ठीक हो सकता है?

फिशर से राहत पाने के घरेलू उपाय (Home Remedies for Fissure) ज्यादातर मामलों में फिशर ट्रीटमेंट सर्जरी के बिना किया जा सकता है। ज्यादातर फिशर कुछ घरेलु उपचार द्वारा ठीक किये जा सकते हैं। मल त्याग करने के दौरान होने वाला गुदा का दर्द भी इलाज शुरु होने के कुछ दिन बाद ठीक हो जाता है।