प्रश्न 1 : वसंत को ऋतुराज क्यों कहा जाता है? आपस में चर्चा कीजिए Show
उत्तर : ऋतुओं में ग्रीष्म, वर्षा, शरद तथा पतझड़ भी वातावरण को प्रभावित करते हैं लेकिन वसंत ऋतु के आते ही पसीना, ठिठुरना, कीचड़ आदि नकारात्मक तत्त्व नही होते। पुष्प स्वयं खिलते हैं। प्रकृति की नई सुषमा चारों और वातावरण में छा जाती है। आलस्य और निराशा दूर भाग जाते है। स्वास्थ्य, सौंदर्य और स्फुर्ति का वातावरण होता है। पक्षियों का कलरव चारों ओर सुनाई देता हे। बच्चे, बूढ़े सभी के चेहरों पर नया नूर झलकता है। प्रकृति के इसी परिवर्तन के कारण वसंत को ‘ऋतुराज’ या ‘ऋतुओं की रानी’ कहा जाता है। प्रश्न 2 : वसंत ऋतु में आनेवाले त्योहारों के विषय में जानकारी एकत्र कीजिए और किसी एक त्योहार पर निबंध लिखिए। उत्तर : वसंत पंचमी सरस्वती पूजा, महाशिवरात्रि व होली जैसे प्रमुख त्योहारों का आगमन इसी ऋतु में होता है। हिंदी न्यूज़ धर्मFalgun Mahina 2021: कब से लगेगा फाल्गुन माह? जानें इस दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं हिंदू पंचाग का फाल्गुन आखिरी महीना होता है। इस महीने की पूर्णिमा को फाल्गुनी नक्षत्र होने के कारण इसे फाल्गुन कहा जाता है। फाल्गुन का महीना खुशियों व उल्लास का प्रतीक माना जाता है। कहते हैं कि...Saumya Tiwariलाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीThu, 25 Feb 2021 02:20 PM हिंदू पंचाग का फाल्गुन आखिरी महीना होता है। इस महीने की पूर्णिमा को फाल्गुनी नक्षत्र होने के कारण इसे फाल्गुन कहा जाता है। फाल्गुन का महीना खुशियों व उल्लास का प्रतीक माना जाता है। कहते हैं कि फाल्गुन महीना ग्रीष्म ऋतु यानी गर्मी के आगमन का संकेत देता है। इस साल फाल्गुन माह 28 फरवरी से 28 मार्च तक रहेगा। इस माह में भगवान श्रीकृष्ण, भगवान शिव, भगवान विष्णु के साथ चंद्रदेव की पूजा का विशेष महत्व होता है। फाल्गुन माह के दौरान माता सीता की भी पूजा की जाती है। फागुन मास के दौरान कई त्योहार मनाए जाते हैं जिसमें से मुख्य होली, महाशिवरात्रि, फुलेरा दूज, फाल्गुन पूर्णिमा, फाल्गुन अमावस्या और आमलकी एकादशी हैं। इस महीने में किस देवता की उपासना करनी चाहिए- फाल्गुन महीने में श्री कृष्ण की पूजा उपासना विशेष फलदायी होती है। फाल्गुन माह में फुलेरा दूज मनाई जाती है। इस दिन अबूझ मुहूर्त होने के कारण रिकॉर्ड शादियां होती हैं। संतान प्राप्ति की कामना करने वालों को इस माह में भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करनी चाहिए। 2021 में इन तीन राशियों पर रहेगा शनि की साढ़ेसाती का दुष्प्रभाव, जान लें प्रकोप से बचने के उपाय फाल्गुन माह में किन बातों का रखें ध्यान- 1.फाल्गुन महीने में शीतल या सामान्य जल से स्नान करना चाहिए। फाल्गुन माह में पूजा पाठ कैसे करें- 1. भगवान कृष्ण का पूजन करते समय फल एवं फूलों का उपयोग अधिक करना चाहिए। (इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।) फागुन के महीने में कौन सा ऋतु होता है?फाल्गुन मास का महीना हिन्दू पंचांग का अंतिम महीना होता है. ये वही समय होता है जब बसंत ऋतु का भी आगमन होता है. इस महीने की पूर्णिमा को फाल्गुनी नक्षत्र के रूप में देखा जाता है. इसलिए इस महीने का नाम फाल्गुन मास रखा गया है.
4 फागुन में कौन सी ऋतु होती है?फागुन में वर्षा होती है, बारिश की बूँदें वातावरण को स्वच्छ कर देती हैं तथा पूरा वातावरण सुंदर प्रतीत होता है।
फागुन माह की प्रमुख विशेषता क्या होती है?इस महीने की पूर्णिमा को फाल्गुनी नक्षत्र होने के कारण इस महीने का नाम फाल्गुन है. इस महीने को आनंद और उल्लास का महीना कहा जाता है. इस महीने से धीरे धीरे गरमी की शुरुआत होती है , और सर्दी कम होने लगती है. बसंत का प्रभाव होने से इस महीने में प्रेम और रिश्तों में बेहतरी आती जाती है.
फागुन मास के आते ही वृक्ष कैसे हो जाते हैं?फागुन का महीना मस्ती से भरा होता है जो सारी प्रकृति को नया रंग प्रदान कर देता है। पेड़-पौधों की शाखाएँ हरे--हरे पत्तों से लद जाती हैं। लाल-लाल कोंपलें अपार सुंदर लगती हैं। रंग-बिरंगे फूलों की बहार-सी छा जाती है।
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