या लेखात, आम्ही छापा विषयासाठी इयत्ता दहावी मराठी सोल्यूशन्स देऊ. इयत्ता दहावी मधील विद्यार्थी पाठ्यपुस्तकांमध्ये उपस्थित असलेल्या व्यायामांसाठी प्रश्न आणि उत्तरे डाउनलोड आणि कॉपी करण्यास सक्षम असतील. Show इयत्ता दहावी छापााच्या पुस्तकात महाराष्ट्र बोर्डाच्या अभ्यासक्रमातील सर्व प्रश्नांचा समावेश आहे. येथे सर्व प्रश्न पूर्ण स्पष्टीकरणासह सोडवले आहेत आणि डाउनलोड करण्यासाठी विनामूल्य उपलब्ध आहेत. महाराष्ट्र बोर्ड इयत्ता दहावी छापााचे पुस्तक खाली दिले आहे. आम्हाला आशा आहे की आमच्या इयत्ता दहावी वीच्या छापााचे पुस्तक तुमच्या अभ्यासात मदत करेल! जर तुम्हाला आमचे इयत्ता दहावी चे पुस्तक आवडले असेल तर कृपया ही पोस्ट शेअर करा. इयत्ता दहावी छापा स्वाध्यायमंडळाचे नाव Maharashtra Board ग्रेडचे नाव दहावी विषय छापा वर्ष 2022 स्वरूप PDF/DOC प्रदाता hsslive.co.in अधिकृत संकेतस्थळ mahahsscboard.in समाधानासह महाराष्ट्र बोर्ड आठवा स्वाध्याय कसे डाउनलोड करायचे?महाराष्ट्र बोर्ड दहावी स्वाध्याय PDF डाउनलोड करण्यासाठी खालील स्टेप्स फॉलो करा:
इयत्ता दहावी छापा स्वाध्याय उपायइयत्ता दहावी स्वाध्याय मधील विद्यार्थी खालील लिंक्सवरून छापााचे उपाय डाउनलोड करू शकतील. कृति कृतिपत्रिका के प्रश्न 2 (अ) तथा प्रश्न 2 (आ) के लिए सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए: प्रश्न 1. उत्तर: (ii) प्रश्न 2. उत्तर: प्रश्न 2. उत्तर: प्रश्न 3. प्रश्न 4. उत्तर: प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. देश के विकास का कार्य जनता द्वारा प्राप्त कर से ही पूरा होता है। चिकित्सा, परिवहन तथा जनता की सहायतार्थ शुरू किए जाने वाले सारे कार्य जनता से प्राप्त कर से ही पूरे होते हैं। जिस देश में आय करने वाले सभी लोग ईमानदारी और स्वेच्छा से उचित मात्रा में कर अदा करते हैं, उस देश के विकास के सारे कार्य सुचारू रूप से पूरे होते हैं और सामान्य जनता को उसका पूरा-पूरा लाभ मिलता है। यदि कोई व्यक्ति यह सोचता हो कि सभी लोग तो कर अदा करते हैं, उसके अकेले कर अदा न करने या कम कर का भुगतान करने से क्या फर्क पड़ेगा, ‘तो ऐसा सोचने वालों की संख्या अनगिनत हो सकती है। इस तरह कर की कितनी रकम सरकारी खजाने में जमा होने से रह जाती है। इस कारण पैसे के अभाव में सरकार की अनेक योजनाएँ अटकी रह जाती हैं। इसलिए कर योग्य आय पर ईमानदारी से कर जमा करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। कर अदा कर हम अपनी ही सहायता करते हैं। कर जमा करने से ही विकास को गति मिलती है। |