चांदी की अंगूठी कैसे धारण करें? - chaandee kee angoothee kaise dhaaran karen?

अक्सर व्यक्ति मेहनत तो खूब करता है, लेकिन उसे मेहनत का पूरा फल नहीं मिल पाता है। यदि आपके साथ भी ऐसा हो रहा है, तो संभव है कि आपका शुक्र ग्रह या तो मजबूत स्थिति में नहीं है या फिर वह अशुभ फल दे रहा है।

ऐसे में स्थितियों को अनुकूल बनाने के लिए आप कुछ उपाय अपना सकते हैं, जो निश्चित सफलता दिला सकते हैं। हथेली में अंगूठे का संबंध शुक्र ग्रह से है। ये ग्रह व्यक्ति के जीवन में भोग-विलास का कारक होता है। सारी सुख सुविधाएं इसी ग्रह के अनुकूल होने पर मिल पाती हैं। इसके अलावा अगर शुक्र खराब हो, तो पारिवारिक जीवन में हमेशा कोई न कोई परेशानी लगी रहेगी और पार्टनर के साथ भी अच्छे संबंध नहीं बने रह पाते हैं।

शनि, बुध और राहु को शुक्र का मित्र माना जाता है। कुंडली में इनकी खराब स्थिति होने पर यानी शनि के खराब होने पर पैसे से जुड़ी परेशानियां, बुध खराब होने पर छठी इंद्री, बुद्धिमानी, समझने में परेशानी आती है वहीं, राहु के खराब होने पर बीमारियां और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं।

इसलिए शुक्र ग्रह को अनुकूल बनाने के लिए उसकी धातु चांदी और प्लेटिनम को धारण किया जा सकता है। शुक्र को अनुकूल बनाने के लिए अंगूठे में चांदी या प्लेटिनम का छल्ला पहनने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, लेकिन इससे पहले उसे अभिमंत्रित करना जरूरी होता है।

कैसे पहनें चांदी का छल्ला

गुरुवार की शाम चांदी का छल्ला लाकर कच्चे दूध में भिगोकर रख दें। शुक्रवार को सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद ये छल्ला साफ जल से धो लें।

इसके बाद घर के मंदिर में पूजा-पाठ करें और पूजा में ये छल्ला भी रखें। पूजा के बाद ये छल्ला शुक्र की होरा में अंगूठे में धारण करें। यदि आपको होरा के बारे में जानकारी नहीं है, तो उसे सुबह सूर्योदय से लेकर सुबह आठ बजे के बीच में धारण करें।

ज्योतिष शास्त्र में व्यक्ति की प्रत्येक समस्या का समाधान छिपा हुआ है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अलग-अलग धातुओं का अलग-अलग महत्व होता है। कई लोग ऐसे हैं जिनके पास चांदी की बनी रिंग तो होती है लेकिन उसके लाभ नहीं जानता है। तो आइए आप भी जानें चांदी पहनने के फायदे के बारे में जरुरी बातें।

अगर आपको चांदी की अंगुठी के फायदे चाहिए तो आप इस अंगुठी को अपनी माता के हाथ से ही धारण करें।

चांदी की अंगुठी का संबंध शुक्र और चंद्रमा ग्रह से है। शुक्र संपन्नता प्रदान करता है और चंद्रमा मन का प्रतीक है। जिन घरों में चांदी की धातु होती है तो उन घरों में सुख, समृद्धि का वास हमेशा बना रहता है।

अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो या अशुभ ग्रहों के साथ बैठा हो तो उस जातक को अपने दाहिने हाथ की सबसे छोटी अंगुली में चांदी की अंगुठी का पहनना चाहिए। अगर आपका चंद्रमा खराब हो तो दिमाग से संबंधित कार्यों में रूकावटें आती हैं। या ऐसे लोगों को सफलता नहीं मिल पाती है।

जिन लोगों की कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर हो तो उन लोगों को दाहिने हाथ के अंगुठे में या सबसे छोटी अंगुली में चांदी की अंगुठी पहनने से बहुत लाभ मिलता है। शुक्र ग्रह के अशुभ प्रभाव के कारण परिवार के सदस्यों के बीच झगड़ा रहता है। इन समस्याओं से बचने के लिए आप चांदी की अंगुठी को धारण कर सकते हैं।

अगर आपको बात-बात पर गुस्सा आता है, और आप अपने क्रोध पर कंट्रोल नहीं कर पाते हैं तो आपको चांदी की अंगुठी को जरुर पहनना चाहिए। अगर आपको अंगुठी पहनना पसंद नहीं है तो आप गले में चांदी की चेन भी पहन सकते हैं। इसके अलावा आप दाहिने हाथ में चांदी का ब्रसलेट भी पहन सकते हैं।

अगर आपकी कुंडली में चंद्रमा अशुभ स्थान में बैठा है तो आपको किसी भी व्यक्ति से चांदी की कोई भी वस्तु उपहार में कभी नहीं लेनी चाहिए। अगर आप अपनी मां से चांदी की अंगुठी उपहार में लेकर पहनते हैं तो आपको इसका असर दस गुना मिलेगा। ऐसा में आपके ऊपर साकारात्मक असर बहुत तेजी से अपना काम करने लगता है। और ऐसा व्यक्ति शीघ्र ही धनवान बन जाता है।

चांदी की अंगुठी कब धारण करें, और कब खरीदें

सोमवार या शुक्रवार के दिन चांदी की अंगुठी धारण करनी चाहिए। रविवार या गुरूवार के दिन चांदी की अंगुठी खरीदकर अपने घर लानी चाहिए। फिर उसके बाद एक कटोरी में दूध भरकर उसमें उस अंगुठी को डाल दें, रात भर दूध में अंगुठी रखी रहने दें और अगले दिन दूध से अंगुठी निकालकर उसे साफ पानी से धो लें। इसके बाद घर के मंदिर में इस अंगुठी को रखें। और सभी देवी-देवाताओं का स्मरण करें। चंदन, चावल, हार, फूल और अन्य पूजन सामग्री चढ़ाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें। पूजा के बाद यह अभिमंत्रित की हुई अंगुठी दाहिने हाथ की सबसे छोटी अंगुली में अथवा अंगुठे में धारण करें। ध्यान रहे कि इस अंगुठी को किसी और अंगुली में ना पहनें।

चांदी की अंगूठी पहनने के फायदे (Benefits of wearing silver ring)

भारतीय संस्कृति में महिलाएं काफी सुंदर दिखती है क्योंकि ये खूबसूरत तो होती ही है इसके अलावा जब शरीर पर गहना हो जाए तो बहुत ज्यादा सुन्दर दिखने लगती है। गहने में हर छोटी से छोटी चीज बहुत अच्छी दिखती है और इसमें से एक होती है चांदी की अंगूठी जिसे महिलाएं पहनकर साज-श्रृंगार करती हैं। बता दें कि चांदी के आभूषण सोने की तरह ही महिलाओं की खूबसूरती में चार चांद लगाने में आते है। लेकिन क्या आपको पता है इसके कुछ और भी फायदे है।

चांदी की अंगूठी पहनने का सही तरीका 

दरअसल ज्योतिष महाज्ञानियों के अनुसार चांदी नौ ग्रहों में शुक्र और चंद्रमा से जुड़ा हुआ धातु है। माना जाता है कि चांदी धातु जो भगवान शिव की आँखों से उत्पन्न हुआ था इस कारण ऐसा माना जाता है कि जहाँ चांदी होता है और संपन्नता रहती है और किसी भी चीज की कमी नहीं रहती।

चांदी के आभूषण विशेष रूप से अंगूठी पहनने से शरीर की शोभा तो बढ़ ही जाती लेकिन इसके कई अन्य फायदे भी जो आपको नीचे जानने को मिलेंगे।

सबसे पहले तो आपको मार्केट में जाकर सुनार की दूकान से अपने पसन्द के अनुसार कोई एक चांदी की अंगूठी खरीद लेनी है। फिर गुरुवार की रात को ही पानी में डालकर ऐसे ही छोड़ देना है। अगली सुबह मतलब शुक्रवार के दिन पानी से अंगूठी को भगवान विष्णु के चरणों में रखकर पूर्ण विधि-विधान के साथ पूजा करनी होगी।

इस प्रकार जब अंगूठी की पूजा अर्चना पूर्ण हो जाए तो फिर उसको चंदन लगाना है और साथ ही धूप-दीप दिखाकर अक्षत भी चढ़ाना होगा। इसके बाद अब आप इस अंगूठी को दाहिने हाथ की सबसे छोटी उंगली अर्थात कनिष्ठा में पहन लें।

चांदी की अंगूठी पहनने के वैदिक ज्योतिष फायदे 

ये होते है चांदी की अंगूठी पहनने से सबसे बेहतरीन फायदे

1) ऐसा माना जाता है कि जब आप पूरे विधि-विधान के साथ दाहिने हाथ सबसे छोटी उंगली में चांदी की अंगूठी पहनते है तो आपकी खूबसूरती में बढ़ोतरी होती है और अगर दाग धब्बे है तो वह ख़त्म होने के चांस बढ़ जाते है।

2) इसके अलावा ज्योतिष शास्त्रों की माने तो दाहिने हाथ की सबसे छोटी उंगली में चांदी की अंगूठी पहनने से आपका दिमाग सही रहने लगता है और शांत रहता है और गुस्से पर काबू भी होने लगता है।

3) चांदी की अंगूठी आपके मानसिक क्षमताओं को हल करने में बहुत मदद करती है।

4) यदि आपको कोई बीमारियां है जिसमें मुख्यतः अगर जोड़ों में दर्द, खांसी की समस्या या ऑर्थराइटिस तो यह चांदी की अंगूठी वाकई बहुत मदद करेगी आपके स्वास्थ्य के लिए। विश्वास कीजिये।

5) इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति चांदी की अंगूठी पहनना पसंद नहीं करता है वो गले में चैन भी पहन सकते है। ऐसा करने से हकलाने वालों को बहुत लाभ मिलता है।

कुल मिलाकर चांदी हमारे शरीर के लिए शोभा ही नहीं बढ़ाती बल्कि यह कई रोगों और मानसिक तनाव से भी बचाने में मदद करती है। अगर आप चांदी की अंगूठी नहीं पहनते है तो अब शायद जरूर पहन सकते है।

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चांदी की अंगूठी कब और कैसे पहने?

चांदी की अंगूठी कब करें धारण सोमवार या शुक्रवार के दिन चांदी की अंगूठी धारण करनी चाहिए। रविवार या गुरुवार के दिन चांदी की अंगूठी खरीदकर घर लाएं। एक कटोरी में दूध भरकर उसमें अंगूठी को डाल दें। रातभर दूध में अंगूठी रखी रहने दें।

चांदी की अंगूठी कौन सी उंगली में धारण करें?

चांदी की अंगूठी हमेशा दाहिने हाथ की कनिष्ठा उंगली में पहनी जाती है ऐसे में यदि विधि और विधान के साथ चांदी की अंगूठी को धारण किया जाता है तो शुक्र और चंद्रमा का परिणाम शुभ हो जाता है।

चांदी की अंगूठी को अभिमंत्रित कैसे करें?

जब आप अपने लिए मार्केट से चांदी की अंगूठी लेकर आते हैं तो आप इस अंगूठी को किसी भी गुरुवार की रात पानी में डालकर पूरी रात के लिए छोड़ दीजिए फिर अगले दिन सुबह के समय इस अंगूठी को भगवान विष्णु जी के चरणों में रख दीजिए और पूरे विधि विधान के साथ उनकी पूजा कीजिए जब आपकी पूजा संपन्न हो जाए तो उस अंगूठी को भी चंदन लगाएं धूप- ...

चांदी कब धारण करना चाहिए?

चांदी के प्रयोग से शुक्र होता है मजबूत वहां चांदी का छल्‍ला कनिष्‍ठा उंगली में धारण करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इसके साथ ही बच्‍चों को गले में चांदी का चंद्रमा पहनाने से वह सर्दी और कफ के कारण होने वाली समस्‍याओं से दूर रहते हैं।