बवासीर में क्या केला खाना चाहिए? - bavaaseer mein kya kela khaana chaahie?

बवासीर में मरीज के गुदा के अंदर और बाहर सूजन और मस्से हो जाते हैं। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें रोगी को बहुत अधिक तकलीफ होती है। प्रायः ऐसा देखा जाता है कि बवासीर के लक्षणों का पता चलते ही रोगी बीमारी का इलाज कराने की कोशिश करता है, और डॉक्टर के बताए अनुसार, दवाओं का सेवन भी करता है, लेकिन इसके बाद भी कई बार बवासीर का पूरा उपचार नहीं हो पाता है। इससे नौबत ऑपरेशन तक पहुंच जाती है। दरअसल बवासीर जैसी बीमारी में रोगी को दवाओं के साथ-साथ अपने खान-पान पर भी बहुत अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है। इसलिए यहां बवासीर के लिए डाइट चार्ट की जानकारी दी जा रही है।

 

इस जानकारी को अपनाकर आप ना सिर्फ बीमारी की रोकथाम कर पाएंगे बल्कि रोगग्रस्त होने पर जल्द बवासीर का सही से इलाज कर पाएंगे।

निस्संदेह कब्ज बवासीर के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और कब्‍ज दूर करने के लिए केला से बेहतर कुछ हो ही नहीं सकता है। एक पका हुआ केला बवासीर का सबसे अच्‍छा इलाज करता है।

बवासीर के लिए केला फलकारी हो सकता है क्योंकि इसमें स्टार्च जैसी सामग्री के फिसलन युक्त घटक मौजूद होते हैं जिन्हें पॉलीसेकेराइड (polysaccharides) कहा जाता है।

पाइल्स का इलाज के लिए केला के पेड़ का तना, फल, छिलका, जड़ और बीज का उपयोग किया जा सकता है। आप कच्‍चे केला का उपयोग भी कर सकते हैं। इसका उपयोग पाइल्‍स के दर्द को दूर कर सकता है।

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खूनी बवासीर में केला खाना चाहिए या नहीं?

कठोर मल का त्याग करने से या तनाव देने से बवासीर की सतह को नुकसान पहुँचता है और खून निकलने लगता है। यह आंतरिक या बाहरी, दोनों बवासीर में हो सकता है। खूनी बवासीर में केला खाना फायदेमंद हो सकता है।

केला खाने से मल मुलायम बनता है और आंत की सफाई हो जाती है। इससे बवासीर पर दबाव नहीं पड़ता और खून बहने की संभावना कम हो जाती है।

एक शोध के अनुसार केले में एक विशेष प्रकार की चीनी होती है जिसे टॉपिकल संक्रमण में लगाया जा सकता है। इसमें एंटी-माइक्रोबियल के गुण मौजूद होते हैं। हालांकि, खूनी बवासीर में केला को टॉपिकली लगाना चाहिए या नहीं, इसपर शोध की कमी है।

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केला से बवासीर का इलाज

केला से बवासीर का उपचार करने के लिए इसका उपयोग कई तरीकों से किया जा सकता है, जैसे:

केला का छिलका

बाहरी बवासीर में इस नुस्खे को आजमाया जा सकता है। केला के छिलके में दो बड़ा चम्मच विच हेजल मिलाएं और ग्राइंड कर लें। इस पेस्ट को एक छोटे सूती कपड़े में लपेटें और आधा घंटा के लिए बवासीर पर रखें।

केला का छिलका और विच हेजल का मिश्रण त्वचा पर संकुचन प्रभाव डालता है जिससे मस्से सूख सकते हैं। आप इसे दिन में तीन बार आजमा सकते हैं।

केला का तना

केले के तने का रस शरीर से विषाक्त पदार्थों की छुट्टी करता है और बवासीर के संक्रमण को बढ़ने से रोक सकता है। इसके तना में अच्छे फाइबर होते हैं जो आंत के लिए अच्छा होता है और मल त्याग में मदद करता है।

केला के तने का रस बाहरी बवासीर के मस्सों पर लगाने से जल्द फर्क दिख सकता है। यह पहली ग्रेड की बवासीर को कुछ ही दिनों में सिकोड़ सकता है।

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केला का फल

बवासीर होने पर डॉक्टर लैक्सेटिव सप्लीमेंट दिया करते हैं लेकिन केला एक प्राकृतिक रेचक की तरह कार्य करता है। केला के फल में जो चिपचिपा और फिसलन युक्त पदार्थ होता है उसमें कार्बोहायड्रेट होता है। 

यह न केवल आपके पाचन को बेहतर करेगा बल्कि बवासीर में अद्भुत परिणाम देगा। बवासीर का इलाज करने के लिए आप सुबह-शाम केला के फल का सेवन कर सकते हैं।

केला के बीज और जड़ की दवा

आयुर्वेद के डॉक्टर या वैद्य पाचन सन्बन्धी समस्याओं का उपचार करने के लिए केला के बीज और जड़ की गोली बनाते हैं। यह गोलियां अत्यंत असरदार और लाभदायक होती है।

बवासीर के रोगी भी इन गोलियों का सेवन कर सकते हैं। यह अप्रत्यक्ष रूप से बवासीर के मस्सों को सुखाने में मदद कर सकता है।

केला और कत्था

एक पका हुआ केला को दो भाग में काट लें। अब दोनों टुकड़ों के ऊपर कत्था पाउडर छिड़के और रात भर के लिए छोड़ दें। सुबह फ्रेश होने के बाद खाली पेट दोनों टुकडो को खा लें।

इस क्रिया को लगातार एक हफ्ता तक किया जा सकता है। अगर बवासीर अत्यधिक जटिल नहीं है तो यह इलाज कर सकता है।

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निष्कर्ष

केला में मौजूद शुगर एंटीबायोटिक गुणों से भरपूर है जो बैक्टीरिया को मारकर संक्रमण का खतरा कम कर सकता है। यही कारण है कि बवासीर का उपचार के लिए इसके कुछ हिस्सों को टॉपिकली लगाया जा सकता है।

केला ऑस्मोसिस (osmosis) की प्रक्रिया को बढ़ावा देता है जो त्वचा के सूजन को कम करने में सहयाक है। यह प्रक्रिया सूजी और मस्सों से प्रभावित नसों में पानी को बाहर निकालती है जिससे सूजन और दर्द कम हो जाता है।

डायबिटीज के रोगी को बवासीर में केला का सेवन नहीं करना चाहिए। हालांकि, एक विशेष डाइट फॉलो करके इसे खाया जा सकता है लेकिन केवल डॉक्टर की अनुमति के बाद।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि केला एक प्राकृतिक लैक्टिव (Laxative) है जो कब्ज का इलाज करता है। बवासीर के दौरान अगर आप मल त्यागने में होने वाले दर्द और बेचैनी से बचना चाहते हैं तो तुरंत केले का सेवन करें। इससे आपको काफी आराम मिलेगा। केला खाने से न सिर्फ आपके मल त्यागने में होने वाली परेशानी को कम करता है, बल्कि यह मल को सॉफ्ट भी करता है। 

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केले में चीनी होती है, जिसका सेवन करने से बवासीर में आराम मिलता है, जो गुदा के आसपास सूजन, दर्द वाली नसें होती हैं। केले में मौजूद चीनी में एंटीबायोटिक गुण होते हैं जो बैक्टीरिया के विकास को रोककर संक्रमित क्षेत्र को ठीक कर सकते हैं। कोशिकाओं से पानी निकाला जाता है और सूजन कम हो जाती है। हालांकि, ध्यान याद रखें कच्चे केले का सेवन न करें क्योंकि इसस कब्ज की परेशानी बढ़ सकती है। इसके अलावा ध्यान रखें कि आप अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखें. इससे कब्ज की परेशानी नहीं होगी। 

बवासीर में कैसे खाएं केला?

बवासीर की समस्याओं को कंट्रोल करने के लिए केले का कई तरह से सेवन कर सकते हैं। आइए जानते हैं इसका तरीका-

1. दूध और केला

बवासीर की समस्याओं को कंट्रोल करने के लिए दूध और केला खा सकते हैं। इसका सेवन आप सामान्य रूप से बनाना शेक या फिर खाने के रूप में कर सकते हैं। इससे काफी लाभ मिलेगा। 

2. केला और शहद

केला और शहद का सेवन भी बवासीर की समस्याओं को कंट्रोल करने के लिए किया जा सकता है। शहद में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है जो सूजन को कम कर सकता है। वहीं, केला भी बवासीर की समस्याओं को कम करता है। ऐसे में इन दोनों का मिश्रण बवासीर रोगियों के लिए फायदेमंद है।

3. ओट्स और केला

बवासीर में ओट्स और केला का सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए हेल्दी हो सकता है। बवासीर मरीजों के लिए ओट्स काफी हेल्दी है। वहीं, केला के साथ इसका सेवन करने से आपको दोगुना फायदा हो सकता है। 

4. केला और घी

केला और घी बवासीर में खा सकते हैं। इन दोनों का मिश्रण मल त्यागने में होने वाली समस्याओं से राहत दिला सकता है। इसका सेवन करने के लिए केले को छिलकर इसे मसल लें। इसमें थोड़ा सा घी और शहद मिक्स करके खाएं। इससे काफी लाभ मिलेगा। 

केला बवासीर मरीजों के लिए हेल्दी होता है। हालांकि, ध्यान रखें कि बवासीर में कच्चा केला न खाएं। इससे आपकी परेशानी बढ़ सकती है। 

बवासीर में केला कैसे खाना चाहिए?

बवासीर से छुटकारा पाने के लिए केला का उपयोग कैसे करें? केला के तने का रस – इसमें त्वचा को सिकोड़ने वाला गुण होता है, जो बवासीर के मस्सों को सिकोड़ने का काम करता है। इसे उपयोग करने के लिए आप केला की पतली टहनी को काटे और उससे निकलने वाले द्रव्य को बवासीर के मस्सों पर लगाएं।

कौन सा फल खाने से बवासीर ठीक होता है?

बवासीर के दौरान फलों का सेवन शरीर में पानी की पूर्ति के लिए उपयोगी होता है।.
सेब (apple) ... .
केला (banana) ... .
रसभरी(raspberry) ... .
नाशपाती (pears) ... .
पपीता (pappaya) ... .
जामुन (blackberry) ... .
अनार (promegranate) ... .
आम का बीज (mango seed).

क्या केला बवासीर के लिए हानिकारक है?

फलों का सेवन बवासीर में अच्छा माना जाता है केला, सेब, अंगूर और संतरा को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।

बवासीर में गुड़ खा सकते हैं क्या?

गुड़ के इस्तेमाल से कई रोग समेत पुरानी बवासीर को भी ठीक किया जा सकता है. गुड़ में कैरोटीन, निकोटीन, एसिड, विटामिन ए, विटामिन बी1, विटामिन बी2, विटामिन सी के अलावा आयरन और फॉस्फोरस भी पाया जाता है. गुड़ का इस्तेमाल दमा, खांसी, पेट के कीड़े जैसी बीमारियों के खिलाफ किया जा सकता है.

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