लड्डू गोपाल के क्या क्या नियम है? - laddoo gopaal ke kya kya niyam hai?

krishna Janmashtami Laddu Gopal Puja Vidhi: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. माना जाता है कि श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. जनमाष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है. भक्त बाल गोपाल की इस दिन विधिवत पूजा अर्चना करते हैं. कई लोग घर में लड्डू गोपाल को रखना चाहते हैं. ऐसे में जन्माष्टमी से शुभ दिन कोई और नहीं हो सकता है. ऐसे लोग जो लड्डू गोपाल को घर के मंदिर में स्थापित करना चाहते हैं, उन्हें नियमों का ध्यान जरूर रखना चाहिए. आइए जानते हैं वो नियम...

1. रोजाना नियम से कराएं स्नान 
लड्डू गोपाल श्रीकृष्ण का बाल स्वरूप हैं, ऐसे में उनको एक बच्चे की तरह रखना होता है. लड्डू गोपाल को नियमित रूप से स्नान करना होगा. इसके लिए विशेष रूप से दूध, दही, शहद, गंगाजल और घी का इस्तेमाल करना चाहिए. लड्डू गोपाल को शंख में दूध, दही, गंगाजल और घी डालकर स्नान कराना चाहिए. 

2. रोजाना वस्त्र बदलें
लड्डू गोपाल को स्नान कराने के बाद एक बच्चे की तरह तैयार करें. रोजाना उनके वस्त्र बदलें. उन्हें चंदन का टीका लगाए. मौसम के अनुसार ही उन्‍हें भी वस्त्र पहनाने चाहिए. जैसे- ठंड़ी के मौसम में उन्हें गर्म कपड़े पहनाएं. इसके अलावा उनका श्रृंगार करें. उनके कान की बाली, कलाई में कड़ा, हाथों में बांसुरी और मोरपंख जरूर होना चाहिए. 

3. दिन में चार बार लगाएं भोग 
बाल गोपाल को रोजाना 4 बार भोग लगाएं. भोग में सात्विक भोजन ही शामिल करें. कान्हा को माखन-मिश्री काफी पसंद हैं. ऐसे में उन्हें माखन-मिश्री का भोग लगाए. इसके अलावा बूंदी के लड्डू, खीर और हलवे का भी भोग लगा सकते हैं. आप चाहें तो घर में पकने वाला सात्विक भोजन का भी प्रसाद चढ़ा सकते हैं. माना जाता है कि जिस तरह छोटे बच्‍चों को बार-बार भूख लगती है, वैसे ही लड्डू गोपालजी को भी भूख लगती है. इसलिए उन्हें समय-समय पर भोजन कराना चाहिए. 

4. रोज पूजा-अर्चना करें
लड्डू गोपाल की नियमित रूप से पूजा करें. उनकी आरती उतारें. दिन में चार बार लड्डू गोपाल की आरती करना अनिवार्य है. 

5. झूला झुलाएं
आरती के बाद लड्डू गोपाल को अपने हाथों से भोग लगाएं. इसके बाद लोरी गाते हुए झूला झुलाएं. झूले में लगे परदे को बंद करना ना भूले. रात को बाल गोपाल को सुलाने के बाद ही सोएं. 

6. कभी न छोड़ें अकेला 
बाल गोपाल घर के सबसे छोटे सदस्य माने जाते हैं. बाल गोपाल का होना मतलब किसी नन्हे बालक को घर में रखना है. इसीलिए उनका ख्याल भी आपको ठीक वैसा ही रखना होगा, जैसे घर के छोटे बच्चे का रख जाता है. इसलिए घर में बाल गोपाल को कभी अकेला न छोड़ें. अगर आप लंबे समय के लिए कहीं जा रहे हैं, तो उन्हें साथ लेकर जाएं. अगर संभव ना हो तो पड़ोसी या रिश्तेदार को घर की चाभी और लड्डू गोपाल की जिम्मेदारी देकर जाएं. 

कब है जन्माष्टमी?
इस साल जन्माष्टमी को लेकर लोगों के बीच काफी कंफ्यूजन देखी जा रही है. कुछ लोगों का मानना है कि इस साल जन्माष्टमी 18 अगस्त को मनाई जाएगी, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि इस साल जन्माष्टमी का पर्व 19 अगस्त को मनाया जाएगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जन्माष्टमी 2022 का शुभ मुहूर्त 18 अगस्त को है. अष्टमी तिथि 18 अगस्त को शाम 9.20 से शुरू हो रही है और 19 अगस्त को रात 10.59 पर समाप्त होगी. निशीथ पूजा 18 अगस्त की रात 12.03 से लेकर 12.47 तक रहेगी. इसके अलावा, निशीथ पूजा की कुल अवधि 44 मिनट तक होगी और पारण 19 अगस्त को सुबह 5.52 के बाद होगा.

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE UPUK इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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Laddu Gopal Care: भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरुप लड्डू गोपाल की सूरत है ही इतनी प्यारी की हर किसी का मन मोह लेती है. ऐसे में बहुत से लोग उन्हें घर में एक सदस्य की तरह रखते हैं. लेकिन उन्हें घर में सिर्फ मंदिर में रखना ही काफी नहीं होता. उन्हें घर में परिवार के सदस्य की तरह ही रखा पड़ता है. लड्डू गोपाल को घर पर रखने के कई नियम हैं, जिनका पालन करना बहुत जरूरी है. बहुत से निःसंतान दंपत्ति भी घर में लड्डू गोपाल को रखते हैं, ताकि उन्हें बच्चे का सुख मिल सके. ऐसे में अगर आप भी घर में लड्डू गोपाल को लाने की सोच रहे हैं, तो इन नियमों को एक बार अच्छे से जान लें.

रोजाना कराएं स्नान-

घर में जैसे आप रोज स्नान करते हैं, वैसे ही लड्डू गोपाल को भी स्नान करवाना जरूरी है. लड्डू गोपाल का ख्याल एक बच्चे की तरह रखा जाता है. लड्डू गोपाल को स्नान करवाते समय शंख का इस्तेमाल करें. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार शंख में लक्ष्मी का वास होता है. स्नान करवाने के बाद उस पानी को तुलसी के पौधे में विसर्जित कर दें.

साफ कपड़ें पहनाएं-

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स्नान के बाद उन्हें साफ वस्त्र पहनाना भी जरूरी है. इस बात का ध्यान हमेशा रखें कि एक बार जो वस्त्र आप उन्हें पहना चुके हैं, उन्हें दोबारा न पहाएं. अगर आप पहनाते भी हैं, तो वो धुले हुए होने चाहिए. 

श्रृंगार है जरूरी-

लड्डू गोपाल को वस्त्र पहनाने के बाद उनका श्रृंगार भी जरूरी है. लड्डू गोपाल को चंदन का टीका लगाएं, जेवर पहनाएं. इसके बाद उनकी नजर उतारना भी जरूरी है.

दिन में 4 बार भोग लगाएं-

लड्डू गोपाल को दिन में 4 बार भोग लगाएं. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार लड्डू गोपाल शाकाहारी थे और सात्विक भोजन करते थे. इसलिए जिस घर में लड्डू गोपाल विराजमान होते हैं, उस घर में प्याज, लहसुन, मांस आदि नहीं बनाना चाहिए. आप रसोई में जो कुछ भी पकाएं, लड्डू गोपाल को उसका भोग जरूर लगाएं. वैसे आप उन्हें माखन-मिश्री, बूंदी के लड्डू, खीर और हलवे का प्रसाद भी चढ़ा सकते हैं. 

अकेला न छोड़ें-

अगर आपने घर में लड्डू गोपाल को विराजमान किया है, तो उन्हें घर में अकेला न छोड़ें. आप घर से बाहर जहां भी जाएं उन्हें अपने साथ लेकर जाएं. खासतौर पर अगर आप लंबे समय के लिए कहीं बाहर जा रहे हैं, तो उन्हें साथ लेकर जाएं. इतना ही नहीं, जहां भी जाएं वहां उनकी पूजा जरूर करें. इसके साथ ही रात और दोपहर के समय उनका शयन करें.

आरती करें-

लड्डू गोपाल को जब-जब भोग लगाएं, तब उनकी आरती भी करें. आरती के समय धूपबत्ती जरूर जलाएं. भगवान श्री कृष्ण को बेले के फूल और केला बहुत प्रिय है, इसलिए आरती के बाद उन्हें ये चीजें जरूर अर्पित करें. इतना ही नहीं, उनके पास राधा रानी की फोटो जरूर रखें और उनकी भी आरती करें. 

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लड्डू गोपाल के क्या क्या नियम होते हैं?

आइए जानते हैं वो नियम....
रोजाना नियम से कराएं स्नान लड्डू गोपाल श्रीकृष्ण का बाल स्वरूप हैं, ऐसे में उनको एक बच्चे की तरह रखना होता है. ... .
रोजाना वस्त्र बदलें लड्डू गोपाल को स्नान कराने के बाद एक बच्चे की तरह तैयार करें. ... .
दिन में चार बार लगाएं भोग ... .
रोज पूजा-अर्चना करें ... .
झूला झुलाएं ... .
कभी न छोड़ें अकेला.

लड्डू गोपाल को कितने बजे उठाना चाहिए?

लड्डू गोपाल को सबसे पहला भोग सुबह उठते ही लगाएं. सुबह 6 से 7 बजे के मध्य सबसे पहले घंटी या फिर लयबद्ध तरीके से ताली बजाते हुए, लड्डू गोपाल को जगाएं.

लड्डू गोपाल को सुबह कैसे उठाएं?

सुबह ब्रह्म मुहूर्त में नहा धोकर लड्डू गोपाल को प्यार से उठाएं श्री लड्डू गोपाल जी को पानी पिला कर उन्हें प्यार से राधे राधे बोले और फिर उन्हें नया लाकर स्वच्छ वस्त्र पहनाएं। फिर उन्हें चंदन का तिलक और इत्र लगाकर उनका श्रृंगार करें और फिर उन्हें फूल चढ़ाएं व धूप जलाकर उनकी पूजा करें।

लड्डू गोपाल जी को खाने में क्या पसंद है?

भगवान कृष्ण को माखन मिश्री सबसे ज्यादा पसंद होती है. कहते है कि बाल गोपाल बचपन में चोरी-छुपे ढेर सारा माखन मिश्री खाया करते थे.

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