बंद द्वार की साँकल खोलने के लिए ललदय ने क्या उपाय सुझाया है? Show
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बंद द्वार की साँकल खोलने के लिए ललदय ने उपाय सुझाया है कि भोग-विलास और त्याग के बीच संतुलन बनाए रखना, मनुष्य को सांसारिक विषयों में न तो अधिक लिप्त और न ही उससे विरक्त होना चाहिए बल्कि उसे बीच का मार्ग अपनाना चाहिए। जिस दिन मनुष्य के हृदय में ईश्वर भक्ति जागृत हो गई अज्ञानता के सारे अंधकार स्वयं ही समाप्त हो जाएँगे। इसलिए सच्चे मन से प्रभु की साधना करो, अपने अन्त:करण व बाह्य इन्द्रियों पर विजय प्राप्त कर हृदय में प्रभु का जाप करो, सुख व दुख को समान भाव से भोगों। यही उपाय कवियत्री ने सुझाए हैं। 381 Views भाव स्पष्ट कीजिए - भाव यह है कवयित्री इस संसार में आकर सांसारिकता में उलझकर रह गयी और जब अंत समय आया और जेब टटोली तो कुछ भी हासिल न हुआ। लेखिका ने प्रभु के पास पहुँचने के लिए कठिन साधना चुनी परंतु उससे इस राह से ईश्वर नही मिला। अब उसे चिंता सता रही है कि भवसागर पार करानेवाले मांझी अर्थात् ईश्वर को उतराई के रूप में क्या देगी। 572 Views कवयित्री का 'घर जाने की चाह' से क्या तात्पर्य है? कवयित्री का घर जाने की चाह से तात्पर्य है प्रभु से मिलना। कवयित्री इस भवसागर को पार करके अपने परमात्मा की शरण में जाना चाहती है क्योंकि जहाँ प्रभु हैं वहीं उसका वास्तविक घर है। 505 Views 'रस्सी' यहाँ किसके लिए प्रयुक्त हुआ है और वह कैसी है? रस्सी यहाँ पर मानव के नाशवान शरीर के लिए प्रयुक्त हुई है और यह रस्सी कब टूट जाए कहा नहीं जा सकता है। यह कच्चे धागे की भाँति है जो कभी भी साथ छोड़ सकता है । 660 Views कवयित्री द्वारा मुक्ति के लिए किए जाने वाले प्रयास व्यर्थ क्यों हो रहे हैं? कवयित्री के कच्चेपन के कारण उसके मुक्ति के सारे प्रयास विफल हो रहे हैं अर्थात् वह इस संसारिकता तथा मोह के बंधनों से मुक्त नहीं हो पा रही है ऐसे में वह प्रभु भक्ति सच्चे मन से नहीं कर पा रहीं है। उसमें अभी पूर्ण रुप से प्रौढ़ता नहीं आई है। अत: उसे लगता है उसके द्वारा की जा रही सारी साधना व्यर्थ हुई जा रही है इसलिए उसके द्वारा मुक्ति के प्रयास भी विफल होते जा रहे हैं। 455 Views भाव स्पष्ट कीजिए- कवयित्री कहती है कि मनुष्य को भोग विलास में पड़कर कुछ भी प्राप्त होने वाला नहीं है। प्रस्तुत पंक्तियों में कवयित्री मनुष्य को ईश्वर प्राप्ति के लिए मध्यम मार्ग अपनाने को कह रही है।मनुष्य जब सांसारिक भोगों को पूरी तरह से त्याग देता है तब उसके मन में अंहकार की भावना पैदा हो जाती है। अत:भोग-त्याग, सुख-दुःख के मध्य का मार्ग अपनाने की बात यहाँ पर कवयित्री कर रही है। भाव यह की भूखे रहकर तू ईश्वर साधना नहीं कर सकता। 845 Views बंद द्वार की साँकल खोलने के लिए ललयद ने क्या उपाय सझाया ु है?Question 5: बंद द्वार की साँकल खोलने के लिए ललद्यद ने क्या उपाय सुझाया है? उत्तर: बंद द्वार की साँकल खोलने के लिए कवि ने इंद्रियों पर विजय प्राप्त करने का सुझाव दिया है। इसका मतलब है कि यदि आप सच्चे मायने में भगवान को पाना चाहते हैं तो आपको लोभ और लालच से मोहभंग करना होगा। साँकल बंद द्वार की कब खुलेंगी * ज्ञान साधक होने पर समभावी होने पर संयम रखने पर उत्तम मार्ग अपनाने पर?बंद द्वार की साँकल खोलने के लिए कवयित्री का मानना है कि मनुष्य को भोग लिप्ता से आवश्यक दूरी बनाकर भोग और त्याग के बीच का मध्यम मार्ग अपनाना चाहिए। उसे संयम रखते हुए भोग और त्याग में समान भाव रखना चाहिए। कवयित्री ललद्यद के अनुसार बंद द्वार की सांकल कैसे खुल सकती है?उत्तर: बंद द्वार की साँकल खोलने के लिए कवयित्री ने यह सुझाव दिया है कि मनुष्य इंद्रियों पर नियंत्रण रखकर संयमी बने तथा भोग और त्याग के मध्य का मार्ग अपनाए। इससे प्रभु प्राप्ति का रास्ता खुल सकेगा। बंद द्वार की शक्ल में कौन सा अलंकार है?Answer: बंद द्वार की साँकल' में अनुप्रास सा अलंकार है । These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 9 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 10 वाख. प्रश्न-अभ्यास प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5.
प्रश्न 6. प्रश्न 7. रचना और अभिव्यक्ति प्रश्न 8. (ख) आपसी भेदभाव को मिटाने का सबसे अच्छा उपाय यह है कि उन बातों की चर्चा न करें जिससे यह भेदभाव बढे। कई बार इतिहास ही हमारे घावों को हरा कर देता है। ऐसे इतिहास को न ही पढ़ाया जाए तो अच्छा है। । दूसरे, अलग-अलग जातियों के लोग अपने नामों के पीछे जाति का नाम न लगाएँ। एक-दूसरे के नामों को, उनकी भाषा को, उनके महापुरुषों को, उनके उत्सवों को, उनके रहन-सहन और खान-पान को अपनाएँ। अपने घर भोजन पर दूसरों को भी निमंत्रित करें। सबसे बड़ा उपाय यह है कि रोटी-बेटी का रिश्ता बनाएँ। इन उपायों से आपसी भेदभाव दूर हो सकता है। Hope given NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 10 are helpful to complete your homework. If you have any doubts, please comment below. NCERT-Solutions.com try to provide online tutoring for you. बंद द्वार की साँकल खोलने के लिए ललद्यद ने क्या उपाय बताया है?Question 5: बंद द्वार की साँकल खोलने के लिए ललद्यद ने क्या उपाय सुझाया है? उत्तर: बंद द्वार की साँकल खोलने के लिए कवि ने इंद्रियों पर विजय प्राप्त करने का सुझाव दिया है। इसका मतलब है कि यदि आप सच्चे मायने में भगवान को पाना चाहते हैं तो आपको लोभ और लालच से मोहभंग करना होगा।
कवयित्री के अनुसार बंद द्वार की साँकल कैसे खुलती है?बंद द्वार की साँकल खोलने के लिए ललद्यद के अनुसार ईश्वर को अपने अन्त कारण में खोजना है| जिस दिन मनुष्य दुनिया के सभी लोभ , ऐशोआराम को छोड़कर ईश्वर की भक्ति में लीन हो जाएगा उस समय वह बंद द्वार की साँकल तक पहुंच सकता है| ईश्वर को अपने हृदय में पाकर स्वत: ही ये सांकल खुल जाएगी और ईश्वर को पाने के लिए सारे रास्ते मिल ...
द्वार के बंद होने से का क्या आशय है?इसका अर्थ यह है कि कवयित्री इस सांसारिक माया जाल से मुक्ति चाहती है अर्थात् परमात्मा से मिलन और मोक्ष की प्राप्ति चाहती है। 4 भाव स्पष्ट कीजिए (क) जेब टटोली कौड़ी न पाई । (ख) खा-खाकर कुछ पाएगा नहीं, न खाकर बनेगा अहंकारी । बंद द्वार की साँकल खोलने के लिए ललद्यद ने क्या उपाय सुझाया है?
बंद द्वार की शक्ल में कौन सा अलंकार है?Answer: बंद द्वार की साँकल' में अनुप्रास सा अलंकार है ।
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