ब्रेड को फुलाने के लिए उसमें क्या मिलाया जाता है? - bred ko phulaane ke lie usamen kya milaaya jaata hai?

विषयसूची

  • 1 ब्रेड किसका बना होता है?
  • 2 ब्रेड बनाने में प्रयुक्त होने वाले यीस्ट का नाम क्या है?
  • 3 डबल रोटी पर कौन से कवक का जाल पाया जाता है?
  • 4 टोस्ट खाने से वजन बढ़ता है क्या?

ब्रेड किसका बना होता है?

इसे सुनेंरोकेंब्रेड आमतौर पर गेहूं के आटे से बनाई जाती है जिसे खमीर के साथ संवर्धित किया जाता है, उठने दिया जाता है, और अंत में ओवन में बेक किया जाता है।

ब्रेड को कैसे खाया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंब्रेड को सब्जी, स्प्राउट्स या अन्य हेल्दी चीजों के साथ खाएं। इस तरीके से अगर आप रिफाइन्ड आटे से बनी ब्रेड भी खाते हैं तो सब्जियों में मौजूद फाइबर इससे होने वाले नुकसान को कंट्रोल कर लेगा और आपकी बॉडी हेल्थ लेवल मेनटेन कर पाएगी।

ब्रेड इतनी मुलायम और फूली हुई कैसे होती है?

इसे सुनेंरोकेंजवाब : ब्रेड को लंबे समय तक मुलायम, सफेद और फुलाने के लिए इन केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, येे दिक्कत पैदा करते हैं। जबकि रोटी केमिकल रहित होती है इसलिए ब्रेड के मुकाबले यह स्वास्थ्यवर्धक होती है।

ब्रेड बनाने में प्रयुक्त होने वाले यीस्ट का नाम क्या है?

इसे सुनेंरोकें“बेकर्स खमीर”( Baker’s yeast ) का प्रयोग मुख्यत: ब्रेड बनाने के लिए किया जाता है. बेकिंग के लिए, इसमें गरम पानी, आटे, नमक, शक्कर, सौंफ के साथ मिलाने पर यह अच्छा काम करता है जिससे आटा फूलकर नरम और स्पंजी बनता है.

क्या ब्रेड में अंडा मिलाया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंखाने की चीजों में शाकाहारी लोगों के लिए अंडे सबसे बड़ी समस्या हैं. पास्ता और ब्रेड, कन्फेक्शनरी- इनमें ज्यादातर में अंडा पड़ा होता है. आपको अंडा नहीं खाना है तो आपको सुनिश्चित करना होगा कि अनग्लेज्ड ब्रेड ही खरीदें. स्पंज केक, मेरिंगस या सफली में अंडे की फेंटी हुई सफेदी पड़ी होती है.

ब्रेड खाने से क्या फायदा?

इसे सुनेंरोकेंहोल ग्रेन ब्रेड में फाइबर मौजूद होता है जिससे आपको विटामिन, विटामिन बी-6, विटामिन-ई, मैग्नीशियम, फॉलिक एसिड, जिंक, कॉपर और मैगनीज मिलता है. फ्लैक्सीड ब्रेड खाने से आपको भरपूर फाइबर मिलता है. यह ग्लाइसेमिक इंडेक्स को कम रखने में मदद करता है. साथ ही शरीर में मौजूद फैट को बर्न करके ऊर्जा में बदल देता है.

डबल रोटी पर कौन से कवक का जाल पाया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंडबल रोटी को फुला बनाने के लिए खमीर का प्रयोग किया जाता है।

डबल रोटी बनाने के दौरान कौन सी गैस उत्पन्न होती है?

इसे सुनेंरोकेंदरअसल, रोटी के फूलने की वजह कार्बन डाईऑक्‍साइड गैस है।

रोटी पर कौन सा कवक पाया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंयीस्ट (ईस्ट नही) एक कवक (फफूंद का एक रूप) होता है। यह आटे मे मौजूद स्टार्च को खाता है।

टोस्ट खाने से वजन बढ़ता है क्या?

इसे सुनेंरोकेंलेकिन वजन घटाने वालों के लिए ये सभी ब्रेड फायदेमंद नहीं हैं। इनसे टोस्ट या सैंडविच बनाना आसान होता है, इसलिए ब्रेड लोगों के जीवन का जरूरी हिस्सा है। होलह्वीट ब्रेड सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। आइए जानते हैं वजन घटाने के दौरान किस ब्रेड को खाना फायदेमंद है।

क्या ब्राउन ब्रेड खाने से वजन कम होता है?

इसे सुनेंरोकेंफाइबर की बात करें तो ब्राउन ब्रेड में व्हाइट के मुकाबले ज्यादा फाइबर होता है। इस वजह से ब्राउन ब्रेड व्हाइट के मुकाबले जल्दी पच जाता है। साथ ही इसमें प्रोटीन की मात्रा भी व्हाइट ब्रेड से थोड़ी ज्यादा होती है। ऐसे में ये कहना कि ब्राउन ब्रेड से वजन कम होता है गलत है।

इसे सुनेंरोकेंAnswer: जवाब : ब्रेड को लंबे समय तक मुलायम, सफेद और फुलाने के लिए इन केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, येे दिक्कत पैदा करते हैं। जबकि रोटी केमिकल रहित होती है इसलिए ब्रेड के मुकाबले यह स्वास्थ्यवर्धक होती है।

ब्रेड से सुविधाजनक आहार क्या हो सकता है? अपने कई रूपों में ब्रेड हमारी थाली का हिस्सा बन चुकी है। यही वजह है कि जब इसकेनुकसान से जुड़े शोध व समाचार आते हैं तो हमें बेचैनी होने लगती है। बे्रड का सेहत के साथ क्या रिश्ता है, बता रही हैं शमीम खान

ब्रेड केवल नाश्ते में ही नहीं खाई जाती। इसका दायरा स्नैक्स, लंच और डिनर तक पहुंच चुका है। बच्चों से लेकर बड़े सभी खाते हैं। ब्रेड के इसी बढ़ते सेवन ने सेहत विशेषज्ञों को चिंतित कर दिया है। सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायर्नमेंट (सीएसई) के हाल के एक अध्ययन के अनुसार सभी तरह  की ब्रेड (वाइट, ब्राउन, मल्टीग्रेन्स, होल वीट, पाव, बन्स और पिज्जा बेस) में कार्सिनोजन्स केमिकल्स होते हैं, जो कैंसर और थाइरॉएड रोगों का कारण बनते हैं। हमारे यहां बिकने वाली तमाम ब्रेड के 84 % नमूनों में पोटेशियम ब्रोमेट व पोटेशियम आयोडेट पाया जाता है। इन ऑक्सिडाइजिंग एजेंट्स पर कई देशों में प्रतिबंध लगा है। इनका उपयोग ब्रेड को फुलाने, मुलायम बनाने और अच्छी फिनिशिंग देने  के लिए किया जाता है।


ब्रेड को  आज 'डाएट्री विलेन' के रूप में देखा जा रहा है। पर सच यह भी है कि इसमें कुछ पोषकता भी होती है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इनमें जटिल कार्बोहाइड्र्रेट होते हैं, जो ऊर्जा का अच्छा स्रोत हैं। ब्रेड में रेशा यानी फाइबर अधिक मात्रा में होता है, जिससे पेट भरा हुआ लगता है और भूख कम लगती है। इसमें यीस्ट होता है, जिससे हमें विटामिन-बी12 और थोड़ी मात्रा में प्रोबायोटिक मिलता है। इसलिए कभी-कभी थोड़ी मात्रा में खाने में कोई परेशानी नहीं है। ब्रेड में फॉलिक एसिड और आयरन भी होता है।

ब्रेड के कुछ प्रकार
वाइट ब्रेड : वाइट ब्रेड यानी सफेद ब्रेड, आमतौर पर मैदे से बनाई जाती है। इसमें कई ब्लीचिंग एजेंट्स जैसे पोटेशियम ब्रोमेट, एजोडिकार्बोनामाइट आदि का इस्तेमाल किया जाता है, जिन्हें सेहत के लिए हानिकारक माना जाता है। प्रोसेसिंग के दौरान इसके अधिकतर पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। फाइबर कम हो जाता है, जिससे पाचन धीमा होता है। कब्ज हो सकता है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स अधिक होने से खून में शर्करा बढ़ाने वाली होती है यह।

होल ग्रेन ब्रेड : होल ग्रेन ब्रेड यानी साबुत अनाज से बनी बे्रड में  विटामिन और मिनरल प्रचुर होते हैं, जो शरीर को ठीक रखने के लिए जरूरी हैं। फाइबर भी ज्यादा होता है। इससे वजन कम करने में भी सहायता मिलती है।
होल वीट ब्रेड: यह साबुत गेहूं से बनाई जाती हैं, जिसमें चोकर भी होता है। फाइबर की अधिकता वजन नियंत्रित करने में सहायता करती है। इससे पाचन तंत्र ठीक रहता है।  विटामिन बी, ई, फॉस्फोरस, आयरन और जिंक होते हैं, जो मानसिक सेहत के लिए अच्छे होते हैं।    

मल्टीग्रेन ब्रेड : मल्टीग्रेन ब्रेड में ओट्स, जौ, गेहूं, ज्वार, अलसी व अन्य कई अनाज होते हैं। यह पोषक तत्वों और फाइबर से भरपूर होती हैं। अगर ब्रेड खाने के शौकीन हैं तो होल ग्रेन ब्रेड और मल्टीग्रेन ब्रेड बेहतर विकल्प हैं।    

कुछ नुकसान भी हैं
ब्रेड में कैलरी की मात्रा बहुत अधिक होती है। वाइट ब्रेड की एक स्लाइस में 75 कैलरी, ब्राउन ब्रेड की एक स्लाइस में 73 कैलरी और मल्टीग्रेन की एक स्लाइस में 69 कैलरी होती है। इनमें ट्रांस फैट और शुगर भी अधिक होती है। यही वजह है कि अधिक ब्रेड खाना नुकसान पहुंचाता है। यूरोपियन कांग्रेस ऑन ओबेसिटी में प्रस्तुत किए गए एक शोधपत्र के अनुसार रोज दो स्लाइस से अधिक वाइट ब्रेड खाने वालों में मोटापा बढ़ने की आशंका 40% तक बढ़ जाती है। अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्युट्रिशन में प्रकाशित एक अन्य शोध के अनुसार वाइट ब्रेड अधिक खाने से टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। बे्रड का शरीर पर असर इस पर निर्भर करता है कि हम कौन सी व कितनी ब्रेड खाते हैं।

वजन बढ़ना : इसमें सफेद ब्रेड ज्यादा हानिकारक साबित होती है। सभी ब्रेड में कार्बोहाइड्रेट और शुगर अधिक होते हैं। नमक और कई प्रिजर्वेटिव्स भी होते हैं। अधिक ब्रेड खाना यानी अधिक कैलरी लेना, इसलिए इसे सीमित मात्रा में ही खाना उचित होता है।

पोषक तत्वों की कमी : ब्रेड अधिक खाने से आप दूसरी चीजों का सेवन कम करते हैं, जिससे शरीर को पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिल पाते।

एलर्जिक रिएक्शन : जिन लोगों को गेहूं या ग्लुटन से एलर्जी है, उन्हें ब्रेड खाने के बाद पेट में मरोड़, पेट फूलना और गैस की समस्या जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
मिथक और तथ्य

मिथक: वजन बढ़ जाता है
तथ्य : अगर आप संतुलित भोजन करते हैं तो थोड़ी मात्रा में ब्रेड खाने में कोई नुकसान नहीं है। वजन कम करना चाहते हैं तब भी। केवल वाइट ब्रेड से बचें, क्योंकि रिफाइनिंग प्रोसेस के दौरान इसके विटामिन, मिनरल और फाइबर नष्ट हो जाते हैं। होल ग्रेन या मल्टी ग्रेन ब्रेड खाएं, इससे पेट भी भरेगा और भूख भी नियंत्रित रहेगी।    

मिथक : ग्लुटन फ्री ब्रेड सेहतमंद होती हैं
तथ्य : ग्लुटन फ्री लेबल सेहत की गारंटी नहीं है। सच तो यह है कि ग्लुटन के विकल्प के रूप में शुगर और कई दूसरे हानिकारक पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है। जब ब्रेड के निर्माण में ग्लुटन का इस्तेमाल नहीं किया जाता, तब उसके विकल्प के रूप में जन्थान गम या कॉर्न स्टार्च का इस्तेमाल किया जाता है। अगर ग्लुटन से एलर्जी है, तभी ग्लुटन फ्री ब्रेड का विकल्प चुनें।

मिथक: ब्राउन ब्रेड होती हैं वाइट ब्रेड से अधिक पोषक
तथ्य : ब्राउन ब्रेड के नमूनों की जांच में यह बात सामने आई है कि इनमें वाइट ब्रेड की तुलना में शुगर की मात्रा अधिक होती है। इसे स्वादिष्ट बनाने के लिए इसमें शुगर की मात्रा बढ़ाई जाती है। कई ब्राउन ब्रेड में  रंग को गहरा करने के लिए  कैरामल या ट्रिएकल मिलाया जाता है।  यह सच है कि होल ग्रेन ब्रेड विटामिन, मिनरल और फाइबर से भरपूर होती हंै। शुगर और दूसरे स्वीटनर से बचने के लिए लेबल अवश्य पढ़ें।
मिथक : ब्रेड ब्लड शुगर बढ़ाती है
तथ्य : यह सही है कि ब्रेड में कार्बोहाइड्रेट होता है। खासकर रिफाइंड वाइट ब्रेड खाने से अचानक ब्लड का शुगर लेवल बढ़ जाता है और फिर थोड़े समय बाद एकदम गिर जाता है। जिससे शरीर में ऊर्जा का स्तर कम हो जाता है। ब्लड शुगर सही रखने के लिए जरूरी है कि इसे प्रोटीन या वसायुक्त उत्पादों के साथ खाएं।    

इन बातों का ध्यान रखें
'ब्रेड को ठंडे और सूखे स्थान पर रखें।
'सूरज की सीधी किरणों के संपर्क से बचाएं।
'जहां तक संभव हो ब्रेड को कमरे के तापमान पर रखें। अगर ब्रेड फ्रिज में रखी है तो उसे कमरे के तापमान
पर आने के बाद ही इस्तेमाल करें।
'ब्रेड में इस्तेमाल सामग्री के साथ उसकी एक्सपायरी डेट अवश्य जांच लें।

ब्रेड खाने का सही तरीका
'    ब्रेड की सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें यीस्ट होता है, जिससे विटामिन-बी12 और प्रोबायोटिक मिलते हैं। सुबह नाश्ते में ब्रेड खाना एक अच्छा विकल्प है, पर बेहतर है इसे कम ही खाएं।  
' ब्रेड को बहुत सारी सब्जियों के साथ खाएं, जिससे इन्हें पचाना आसान हो जाता है और शरीर में शर्करा भी धीरे-धीरे बनेगी।  
'    बे्रड में कैलरी काफी अधिक होती है और और इसके साथ चीज स्प्रेड, जैम या बटर का इस्तेमाल कैलरी की मात्रा को और बढ़ा देता है। ब्रेड को टोस्ट करने के बाद इस पर शहद और काली मिर्च का पाउडर डालकर खाना भी अच्छा विकल्प हो सकता है। इससे उसमें कैलरी की मात्रा अधिक नहीं बढ़ेगी और पोषकता भी मिलेगी।
'    ब्रेड मक्खन और जैम के साथ खाना पसंद है तो इनका इस्तेमाल कम मात्रा में करें। ब्रेड को वसा रहित दूध के साथ खा सकते हैं। उसे सब्जियों और स्प्राउट्स के साथ खाएं।
'    रोस्टेड ब्रेड पर पीनट बटर (मूंगफली का मक्खन) लगाकर खा सकते हैं, इसमें कार्बोहाइड्रेट के साथ प्रोटीन भी मिलेगा।

विशेषज्ञ: डॉ. सुनील राणा, सीनियर फिजिशियन (सर्वोदय हॉस्पिटल, फरीदाबाद ), डॉ. प्रीति जैन, डायटीशियन (एक्शन कैंसर हॉस्पिटल, नई दिल्ली)

ब्रेड को फुलाने के लिए क्या मिलाया जाता है?

यह आटे को फुलाने के लिए मुख्य रूप से किया जाता है जिससे ये अच्छे स्पंजी और फूले हुए बनते हैं. “बेकर्स खमीर”( Baker's yeast ) का प्रयोग मुख्यत: ब्रेड बनाने के लिए किया जाता है. बेकिंग के लिए, इसमें गरम पानी, आटे, नमक, शक्कर, सौंफ के साथ मिलाने पर यह अच्छा काम करता है जिससे आटा फूलकर नरम और स्पंजी बनता है.

ब्रेड बनाने में किसका उपयोग किया जाता है?

ब्रेड आमतौर पर गेहूं के आटे से बनाई जाती है जिसे खमीर के साथ संवर्धित किया जाता है, उठने दिया जाता है, और अंत में ओवन में बेक किया जाता है।

ब्रेड का मैं इन्ग्रेडिएन्ट्स क्या है?

खमीर वाले ब्रेड सबसे आम होते हैं, जिसमे चार मुख्य सामग्रियों का उपयोग किया जाता है- आटा, नमक, शक्कर, पानी और खमीर। ब्रेड बनाने के लिए, सही पैमाने में सामग्री को तौल कर सुनिश्चित करे।

ब्रेड बनाने में प्रयुक्त होने वाले यीस्ट का नाम क्या है?

यह एक यूकेरियोटिक एककोशिकीय कवक है जिसका उपयोग ब्रेड बनाने में किया जाता है। सैकेरोमाइसीज़ सैरीवीसी को आमतौर पर बेकर यीस्ट के नाम से जाना जाता है। बेकर यीस्ट विभिन्न रूपों में आता है, जिसमें सक्रिय शुष्क, ताजा (या केक), द्रव और क्षण शामिल है।